Monday, December 29, 2008
पांच बरस में ले ली 98 हजार लोगों की जान
आतंकवादियों के खिलाफ पाकिस्तान कुछ कारवाई करे
अब कूदो 30 हजार फीट ऊंचाई से
Sunday, December 21, 2008
महात्मा गांधी ब्रिटीश सेना की एम्बूलेंस यूनिट में करते थे काम : रक्षा मंत्रालय
माता हो जाती है मजबूरी में कुमाता
नवजात बच्ची को अस्पताल के बिस्तर पर छोड़कर लापता हो गई है। ठाणे मनपा संचालित छत्रपति शिवाजी अस्पताल में हुई इस घटना के बाद खलबली का माहौल है। कलवा पुलिस ने गायब मां के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उसकी खोज कर रही है। लेकिन गायब हुई मां वर्षा कांबले द्वारा अस्पताल के रजिस्टर में अपना पूरा पता नहीं दर्ज कराने के कारण पुलिस को उसकी खोज करने में परेशानी हो रही है। नवजात बच्ची को भिवंडी स्थित चिल्ड्रेन रूम में भेजा गया है। 18 दिसंबर को वर्षा कांबले (30) प्रसूती के लिए छात्रपति शिवाजी अस्पताल में दाखिल हुई थी। उसी दिन उसने एक बालिका को जन्म दिया और रात के वक्त अचानक गायब हो गई। 19 दिसंबर की सुबह जब बालिका रोने लगी तो लोगों का ध्यान उस ओर गया। अस्पताल के रजिस्टर में वर्षा कांबले के नाम के आगे पते के रूप में 'ऐरोली, सेक्टर एक' इतना ही लिखा गया है। अधूरे पते के चलते कलवा पुलिस अभी तक वर्षा कांबले की खोज कर पाने में असमर्थ साबित हुई है।
पाकिस्तान से बढते तनाव को लेकर प्रधानमंत्री ने ली मेराथन बैठक
मुंबई हमलों के बाद रक्षा मंत्री की अगुवाई में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा से जुड़े आला अधिकारियों की बैठक में फैसला लिया गया कि तटीय इलाकों में और युद्धपोत और लड़ाकू विमान तैनात किए जाएंगे।इसके अलावा पूरे तटीय इलाके में रडार लगाने का फैसला लिया गया, ताकि दुश्मन के किसी भी हरकत पर नजर रखी जा सके। रक्षा मंत्री ने कोस्टगार्ड से कहा है कि वह जल्द से जल्द इंटसैप्टर बोट खरीदे।साथ ही मीटिंग में फैसला लिया गया कि नौ और कोस्टगार्ड स्टेशन बनाए जाएंगे, ताकि मुंबई जैसे हादसे को किसी भी कीमत पर आतंकवादी दोहरा न सके। मंत्री ने कोस्टगार्ड को यह भी निर्देश दिया कि वह अपनी खुफिया सूचना नेवी और खुफिया विभाग के साथ बांटे।इस मीटिंग में रक्षा मंत्री के अलावा रक्षा सचिव विजय सिंह, कोस्टगार्ड के डीजी वाइस एडमिरल अनिल चोपड़ा समेत कई आला अधिकारी मौजूद थे। इससे पहले शुक्रवार को रक्षा मंत्री ने सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ बैठक की थी।
Saturday, December 20, 2008
क्या आप भी दलालों के चक्कर में है................
घर पहुंच सेवा के नाम पर भी दलालों की एजेंसिया खूब सक्रिय है। व्यक्ति भी व्यवस्थाओं की जटिलताओं से दूर भागना चाहता है और वह अपने काम को पूरा करने के िलिए इन एजेंसियों का सहारा लेता है। आज व्यक्ति रेलवे टिकट के आरक्षण के लिए भी रेलवे स्टेशनों की टिकट खिडकी की लम्बी कतारों से बचना चाहता है और अपना नम्बर आने तक प्रतिक्षा नहीं करना चाहता है। ऐसे में वह दलालों के माध्यम से टिकट क्रय करने और अपना आरक्षण कराने के लिए शॉर्टकट का रास्ता अपना रहा है। कमीशन देकर निजी बुकिंग एजेंसियों से आरक्षण कराने की प्रवृति भी अब आम आदमी की बन गई है। हालांकि बुकिंग एजेंसियों की हरकते भी कई बार आम लोगों को महंगी पड जाती है फिर भी इस तरह की एजेंसियां खूब पनप रही है। ऐसी एजेंसियां स्थापित हो गई जिनमें आप मात्र एक फोन करके अपने जरूरत की उपभोक्ता वस्तुएं कमीशन देकर प्रापत कर सकते है। उपभोक्ताओं और बाजार के बीच दूरियां इस दलाली प्रथा से कम हो गई है। व्यक्ति आज इतना अधिक सुविधा भोगी, आराम तलब यां यूं कहे कि अपने स्वयं और परिवार के प्रति अपने कर्तव्य की और उतरदायित्व के निर्वहन के प्रति नििष्क्रय हो गया है। वह कमीशन बांट-बांट कर अपनी दिनचर्या की आवश्यकता और अपने प्रशासनिक, व्यावसायिक और सामाजिक कार्य को सम्पन्न करा रहा है।
केन्द्र सरकार ने हलफनामा पेश किया कि सोनिया भी बन सकती है प्रधानमंत्री
भारत और पाक पर निगाहे है अमरिका की
Thursday, December 18, 2008
एडस का वायरस एसे घुस जाता है मानव शरीर में
आतंकवाद के खिलाफ कडे कानून हो मगर आरोपी को वकील भी मिले
जुआ चलाना अनुराग को पडा महंगा
मौलाना मसूद नजरबंद नहीं है नजरों से भी दूर है
Wednesday, December 17, 2008
नाबालिग से बलात्कार के आरोपी को दस बरस की कैद
प्रकरणानुसार गत 15 अप्रेल 08 को पांचया का लेवा निवासी चंदाराम पुत्र चंदा गमेती ने चारभुजा थाने में रिपोर्ट दी कि 14 अप्रेल को उसकी भतीजी गीता गमेती जंगल में बकरियां चराने गई। जहां से देर शाम तक वापस नहीं आने पर उसकी तलाश की। इसी बीच उसकी भतीजी घायलावस्था में घर आई। गीता से पूछने पर उसने बताया कि गांव के रता पुत्र डालू गमेती ने पानी पिलाने के बहाने शराब पिला दी और उसके बाद बलात्कार किया। पुलिस ने मामले की जांच कर रता गमेती को गिरफ्तार किया। अदालत में इस मामले के विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से 14 गवाह पेश हुए। अदालत ने गवाहों के बयान एवं दोनों पक्षों की पैरवी सुनने के उपरांत रता गमेती को दोषी मानते हुए उसे दस वर्ष का कारावास और पांच हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया। अभियोजन की ओर से पैरवी बापूलाल ओस्तवाल ने की।
सेक्स एज्यूकेशन लागू करे या नहीं...... नहीं तो हो जाएगी ब्रिटेन जैसी हालत
अमरिका में परचम फहराएगा गीता ज्ञान
प्रोफेसर एडी अमर ने कि यह अपनी तरह का दुनिया में पहला निर्णय है।उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के 10,800 छात्रों में से एक तिहाई से ज्यादा गैर इसाई हैं और इनमें भारतीय छात्रों की संख्या भी प्रभावी है। भारत की शिक्षा पद्धति में भले ही वैदिक पाठ्यक्रम का विरोध होता हो, लेकिन अमेरिका के सेटन हॉल विश्वविद्यालय में सभी छात्रों के लिए गीता पढ़ना अनिवार्य कर भारतीय शिक्षा के प्रति अपना समर्पण व्यक्त किया है।
Tuesday, December 16, 2008
राजस्थान में भाजपा संगठन में परिवर्तन रिपोर्ट आने के बाद : राजनाथ सिंह
भारत ने पाक से फिर कहा 40 आतंकवादी सौंप दे
अपहरणकर्ता को ढूढंने वाले खुद हो गए अपहरण का शिकार
Monday, December 15, 2008
आवास पर सरकारी बैकों ने ब्याज दरें घटाई
सार्वजनिक क्षेत्र के वाणििज्यक बैंकों ने सोमवार को 20 लाख रुपए तक के आवास ऋण पर ब्याज दरें घटनें की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने प्रसंस्करण शुल्क खत्म करने और निशुल्क जीवन बीमा की पेशकश भी की।
सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बडे बैंक भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष ओपी भट्ट ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पांच लाख रुपए तक आवास ऋण पर ब्याज दर 8.5 फीसदी होगी और 20 लाख रुपए का आवास ऋण 9.25 फीसदी की ब्याज दर पर मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह सुविधा सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों में आगामी 30 जून तक मिलेगी।
कभी सोचा नहीं होगा कि इस तरह स्वागत होगा
Saturday, December 13, 2008
मंत्री भी बन गया दहेज का लालची
आठवे बरस भी नहीं मिल सका विश्व सुंदरी का खिताब
प्रतियोगिता का आयोजन करने वाली मिस वर्ल्ड कमेटी की प्रमुख जूलिया मोरली की इस उद्घोषणा के साथ कि, 'मिस वर्ल्ड-2008 रूसी सुंदरी है', सेन्या की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। खुशी के मारे उनकी आंखें छलछला आई। मुंबई के मीठीबाई कालेज की छात्रा पार्वती को दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। उन्होंने आगे बढ़कर रूसी सुंदरी को बधाई दी। तीसरे स्थान पर त्रिनिदाद व टोबैगो की गैब्रियल वाल्काट रहीं।
गत विजेता चीन की झांग जी लिन ने सेन्या को मिस वर्ल्ड ताज पहनाया। प्रतियोगिता का टाप माडल अवार्ड भी 21 वर्षीय सेन्या के खाते में गया। स्विमसूट राउंड में वह तीसरे स्थान पर रहीं। इस सवाल पर कि उन्हें मिस वर्ल्ड ताज क्यों मिलना चाहिए? सेन्या ने कहा, 'मेरा मानना है कि मैं लोगों की मदद कर सकती हूं और मैं लोगों की मदद करना चाहती हूं। यदि मुझे यह खिताब मिला तो मैं ऐसा जरूर करूंगी।' दक्षिण अफ्रीका में छठी बार आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में दुनिया भर की 109 सुंदरियों ने हिस्सा लिया। दक्षिण अफ्रीकी प्रतियोगी टेनसी कोएत्जी अंतिम पांच में पहुंचने में कामयाब रहीं। प्रतियोगिता का 187 देशों में सीधा प्रसारण किया गया।
उल्लेखनीय है कि अब तक भारत की पांच सुंदरियां मिस वर्ल्ड बनी हैं। रीता फारिया [1966], ऐश्वर्या राय [1994], डायना हेडन [1997], युक्ता मुखी [1999] और प्रियंका चोपड़ा [2000] में यह खिताब पाने में कामयाब रही थीं।
Friday, December 12, 2008
प्रशासनिक सुधार आयोग की रिपोर्ट से बेकार अफसरों पर गिरेगी गाज, अवसर भी किए कम
50 किलोमीटर लम्बी मानव श्रृंखला ने दिया आतंकवाद को मुंहतोड जवाब
Thursday, December 11, 2008
राजनेताओं के वक्तव्य से समाज में पैदा होती है खाई : कलाम
भारत पाकिस्तान में युद्ध की कोई संभावना नहीं : अमेरिका
अमेरिका ने कहा है कि मुंबई में आतंकवादी हमले के बाद हालांकि भारत या पाकिस्तान में से किसी भी पक्ष ने युद्ध की बात नहीं की है लेकिन स्थिति काफी खतरनाक हो गई है और पाकिस्तान को कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। राइस ने कहा, 'भारत को मेरा यह भी संदेश था कि ऐसी कोई भी चीज नहीं हो जो स्थिति को बदतर बनाए अथवा नहीं चाहते हुए भी ऐसी स्थिति पैदा हो जो उस क्षेत्र की स्थिरता के लिए अच्छा नहीं हो
विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस ने कहा, 'मैंने किसी भी (भारत या पाकिस्तान) सरकार से युद्ध की बात नहीं सुनी है। संयोग से हम 2001-02 की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं जब दोनों देश युद्ध के मुहाने तक पहुंच गए थे। दोनों देशों ने अपने रिश्ते सुधारने के लिए काफी काम किए है।'उन्होंने कहा, 'स्पष्ट रूप से अमेरिका का भारत एवं पाकिस्तान से 2001-02 की तुलना में संबंध बेहतर हुए हैं लेकिन स्थिति अभी खतरनाक है और पाकिस्तान को ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है।'अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस ने कहा कि आतंकी हमले के बाद भारत के उनके दौरे का मकसद भारत के लोगों, वहां की सरकार एवं खासकर मुंबई के लोगों के साथ एकजुटता एवं समर्थन के प्रति कड़ा संदेश देना था। यह एक दु:साहसिक हमला एवं एक घृणित अपराध था।पाकिस्तानी दौरे के बारे में राइस ने कहा, 'मैं फिर पाकिस्तान गई वहां की लोकतांत्रिक सरकार का ध्यान दिलाने और मैं सोचती हूं कि वह सरकार आतंकवाद को लेकर सही कदम उठाना चाहती है।' कोंडोलीजा राइस ने कहा, 'यह कार्रवाई करने का समय है। वास्तविकता यह है कि सरकार से इतर संगठनों द्वारा पाकिस्तानी जमीन का इस्तेमाल इस तरह के हमले के लिए किया गया जिसमें अमेरिका के नागरिक भी मारे जाते हैं यह अमेरिका के लिए चिंता का विषय है।'विदेश मंत्री से पूछा गया कि उन्होंने भारत से आतंकवाद से मुकाबले के लिए समुचित कदम के बारे में क्या कहा। उन्होंने कहा, 'मैंने उसने वह कदम उठाने के बारे में कहा जिससे कुछ लक्ष्य हासिल हो सके। ये लक्ष्य हैं सूत्रधारों को न्याय के कटघरे में लाना और आइंदा हमले रोकना।'
मन में मतभेद भले ही आतंकवाद के मुद्दे पर एकजुट होंगे सांसद
Wednesday, December 10, 2008
सावधान भारत में घूम रहे 20 और आतंवादी : मुम्बई पुलिस
कुम्भलगढ़ शास्त्रीय नृत्य महोत्सव 21 से
Tuesday, December 9, 2008
मुम्बई पुलिस ने जारी की आतंवादियों की फोटो
पाकिस्तान नहीं सौपेंगा पकडे गए आतंकवादियों को
Monday, December 8, 2008
कंधार विमान अपहरण काण्ड का मुख्य आरोपी अजहर मसूद पाकिस्तान में नजरबंद
अमेरिका पर हुए हमले के बाद भी अजहर को नजरबंद कर दिया गया था। बाद में लाहौर हाई कोर्ट ने उसे रिहा कर दिया था। गौरतलब है कि मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और अमेरिका सहित दुनिया भर के देशों का पाकिस्तान पर वहां पनाह पाए आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई का भारी दबाव है।
इसी के चलते पाकिस्तान आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैबा के खिलाफ कार्रवाई करने पर मजबूर हुआ। मुंबई टेरर अटैक के पीछे लश्कर का हाथ होने के ठोस सबूत मिले थे। पाकिस्तानी आर्मी ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में लश्कर और इसके फ्रंट ऑर्गनाइजेशन जमात-उद-दावा के खिलाफ गुप्त कार्रवाई करते हुए इसके कई सदस्यों को गिरफ्तार किया था।
मुम्बई में आतंकवाद मामले में पांच आतंकवादी अब भी फरार
सुरक्षा के प्रति दलित है आशंकित कैसे लेंगे सरकारी योजनाओं का लाभ?
शोषण एवं अत्याचार के शिकार दलित वर्ग द्वारा जब कभी आवाज उठाई भी जाती है तो उसे या तो दबा दिया जाता है या पुलिस एवं प्रशासन की साठगांठ से उसे पूर्णतया झूठा साबित कर उसे सदा के लिए लालफीतों में बांध दिया जाता है जिससे शोषित पीड़ित वर्ग अपनी पीड़ा पर आंसू बहाने से यादा कुछ नहीं कर सकता है।
राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान शाखा संयोजक सोहन लाल भाटी ने हाल ही में सूचना का अधिकार के तहत राजस्थान राय के राजसमन्द जिला पुलिस से पिछले तीन वर्षो के दौरान अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज मामले और उनकी स्थिति के बारे में जो आंकडे प्राप्त किए वह काफी चौंकाने वाले है।
विगत तीन वर्षो में राजसमन्द जिले में इस अधिनियम के तहत 112 मामले दर्ज हुए जिनमें से 39 मामलों में पुलिस ने जांच कर चालान प्रस्तुत किया जबकि 53 मामले जांच के उपरांत झूठे पाए गए। वहीं 20 मामलों में अनुसंधान जारी, आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने तथा तथ्यात्मक भूल से सम्बन्धित रहे।
राजसमन्द जिले के 12 थानों के अनुसार यह आंकडे देखे जाए तो राजनगर थाने में इन तीन वर्षो में 20 मामले दर्ज हुए जिनमें से आठ में चालान और 11 झूठे, आमेट थाने में छह मामलों में से चार में चालान व एक झूठा, चारभुजा थाने में तीन में से एक में चालान, दो झूठे, केलवाड़ा थाने में दर्ज छह मामलों में सभी झूठे, कुंवारिया में चार मामलों में से दो में चालान, एक झूठा, नाथद्वारा में 15 मामलों में चार में चालान, नौ झूठे, रेलमगरा में 27 मामलों में मात्र दस में चालान, नौ झूठे, खमनोर में नौ में से एक में चालान पांच झूठे, देवगढ में आठ में से दो में चालान चार झूठे, दिवेर थाना एक मात्र ऐसा थाना रहा जहां दर्ज दो मामलों की जांच के उपरांत अदालत में चालान पेश हुआ। देलवाड़ा थाने में तीन में से एक में चालान, दो में अनुसंधान शेष, भीम थाने में आठ में से तीन में चालान, चार झूठे और केलवा थाने में दर्ज एक मामले का अनुसंधान जारी है। इस सम्बन्ध में राष्ट्रीय दलित मानवाधिकारी अभियान शाखा के संयोजक सोहन लाल भाटी का कहना है कि दलित वर्ग जब कभी शोषण और अत्याचार से पीड़ित होता है तो वह सीधे थाने में शिकायत दर्ज करवाता है लेकिन वहां पुलिस उसे झूठी सांत्वना देते हुए निर्धारित अधिनियम में मामला दर्ज करने की बजाय छोटी-छोटी धाराओं में मामला दर्ज कर देती है। भाटी के अनुसार थानों में मामले दर्ज नहीं होने के पीछे राजनीतिक और प्रशासनिक हथकण्डे भी जिम्मेदार है। भाटी के अनुसार राजनेता भी क्षेत्र में साख जमाने के लिए वहीं प्रशासनिक अधिकारी क्षेत्र में शांति व्यवस्था बिगड़ने के भय से अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने में हिचकते है। वहीं मामला दर्ज होने के बाद उसकी जांच सामान्य तौर पर की जाती है। ऐसे में पीड़ित वर्ग को न्याय नहीं मिल पाता है और सदा वह अपनी सुरक्षा के प्रति आशंकित रहता है।
Sunday, December 7, 2008
चांद पर जाना चाहते है तो योग करना सिखिए
गोविंद बन गया गोविंदा
गोविंद के बदले हुलिए और मजदूरी करते हुए देखने से उसकी विधवा मां मोहनी बाई और भाई मोहन की आंखे खुशी के मारे नम हो जाती है और बार-बार उनके मुंह से गोविंद को नया रूप देने वाले रेडक्रोस के मानद सचिव राजकुमार दक, सजन मार्बल के सेठजी किशोर सिंह मेड़तिया, मंत्री मार्बल के ओमप्रकाश मंत्री तथा रमेश चोरडिया और देवेन्द्र सिंघवी एवं साथी मजदूरों के लिए दुआएं ही निकलती है।
करीब एक माह पूर्व राजसमन्द-मोरचणा मार्ग पर अर्ध्द विक्षिप्त अवस्था और मैले-कुचैले कपड़ों में घूम रहे ग्राम पंचायत पसूंद निवासी गोविंद पुत्र प्रेमदास वैष्णव पर रेडक्रोस के मानद सचिव राजकुमार दक की नजर पड़ी और उन्होंने निरंतर उस निगाह रखते हुए जानकारी एकत्र कर उसे इस नारकिय जीवन की बजाय आम इंसान बनाने की जिम्मेदारी ली। राजकुमार दक को जानकारी हुई कि गोविंद की मां मोहनी बाई सजन मार्बल में मजदूरी करती है जबकि एक भाई हाथ ठेला चलाता है। राजकुमार दक ने जब इन दोनों से सम्पर्क किया तो उन्होंने परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर बताते हुए गोविंद का इलाज करवाने में असहाय बताया। यहां तक कि गोविंद के भाई मोहन ने तंगहाली के कारण गोविंद की सेवाश्रुषा में समय तक देने में असमर्थता जाहिर की।
राजकुमार दक ने हाथ ठेला चलाने वाले मोहन को एक माह तक ठेला चलाने से होने वाली आमदनी एक मुश्त देते हुए मोहन को गोविंद की सेवाश्रुषा के लिए राजी कर लिया। वहीं सजन मार्बल के किशोर सिंह मेड़तिया को भी गोविंद को उसकी मां मोहनी के साथ फैक्ट्री परिसर में रखने की इजाजत दे दी। गोविंद के इलाज के लिए राजकुमार दक ने डॉ. एच.सी. सोनी से गोविंद का तीन बार परामर्श किया जबकि नियमित जांच करवाया गया। राजकुमार दक के अनुसार शुरूआती दौर में गोविंद को दवा देने में काफी परेशानी हुई इस पर उसे चाय के साथ दवा दी गई लेकिन उसके बाद वह खुद ही दवा लेने लगा। इस दौरान गोविंद के बालों की कटिंग करवा, नियमित शेविंग और स्नान करवाने से उसका हुलिया बदल गया। राजकुमार दक बताते है कि गोविंद को नशे की आदत थी लेकिन फैक्ट्री परिसर में सभी की निगरानी और मानवीय व्यवहार होने से न केवल उसके नशे की आदत छूट गई बल्कि वह अपनी जिंदगी के बारे में सकारात्मक भी सोचने लगा।
पहली कमाई से चमकी आंखे : पूर्णतया सामान्य हो चुके गोविंद ने गत पांच दिसम्बर को पहली बार मजदूरी के तौर पर हाथ ठेला चलाया तो उसे चालीस रुपए मिले। अपनी कमाई के रुपए देख कर गोविंद की आंखों में चमक आ गई जबकि उसकी मां मोहनी व भाई मोहन गोविंद की कमाई को देख उसके बारे में सपने संजोने लगे है।
गोविंद ने किया मतदान : विधानसभा चुनाव के तहत गत चार दिसम्बर को गोविंद का भाई मोहन जब मतदान के लिए गया तो उसे ज्ञात हुआ कि उसका नाम को मतदाता सूची में नहीं है जबकि गोविंद का नाम है। गोविंद के पास फोटो पहचान पत्र नहीं होने से मतदान करने से हिचक रहा था। इसी बीच राजकुमार दक को इसकी जानकारी होने पर वह गोविंद को लेकर निर्धारित बूथ पर पहुंचे और पीठासीन अधिकारी के समक्ष पहचान के अन्य दस्तावेज प्रस्तुत कर गोविंद से मतदान करवाया।
आईएसआई के पूर्व अधिकारियों ने रची साजिश
Saturday, December 6, 2008
प्रेस की आजादी में हस्तक्षेप
गिल्ड का कहना है कि जनता को सूचना मुहैया कराना मीडिया का अहम फर्ज है और चुनाव पूर्व सर्वेक्षण का प्रकाशन-प्रसारण भी इसी का एक हिस्सा है। इसमें नेताओं के भाषण, पार्टियों के घोषणापत्र, नीतियां, विचार विश्लेषण, ट्रेंड आदि विस्तार से कवर किए जाते हैं। इस तरह की विविध जानकारियों के आधार पर जनता को अपना मन बनाने में काफी मदद मिलती है।
गिल्ड के मुताबिक चुनाव पूर्व जनमत सर्वेक्षण के प्रसारण-प्रकाशन पर रोक से मतदाताओं को सूचना पाने के उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है। गिल्ड ने सरकार के इस मत को सिरे से खारिज कर दिया कि चुनाव के दौरान एग्जिट पोल दिखाने या छापने से चुनावी प्रक्रिया पर गलत असर पड़ेगा। गिल्ड ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह एग्जिट पोल के प्रकाशन-प्रसारण को रोकने के लिए चुनाव कानून में संशोधन के प्रस्ताव पर अमल नहीं करे।
आतंकवादी से ज्यादा खतरनाक है मीडिया
मीडिया हमें यह विश्वास दिलाने की कोशिश करता है कि केवल वह ही जनता के हितों का ध्यान रखता है भले ही वह यह काम खासतौर से इसी आशय से नहीं करता हो, लेकिन उसके हावभाव ऐसे ही होते हैं और इसी वजह से लोग उस पर आंख मूंद कर विश्वास कर लेते हैं। यह अंधा अंधे को राह दिखाये का एक नायाब नमूना है। इसका परिणाम बहुत बार हास्यास्पद भी होता है।वह कहते हैं कि मुझे हैरत होती है कि जब देश आतंकवाद की ऐसी त्रासदी से जूझ रहा था तब एक फिल्म निर्माता की किसी स्थान पर उपस्थिति जैसी बेतुकी बात को प्रसारित करने में मीडिया इतना वक्त बर्बाद कर सकता है।समझ में नहीं आता कि जब इतना कुछ चल रहा है तब यह बात किसी को और कैसे प्रभावित कर सकती है। वर्मा ने लिखा है कि टीवी चैनलों को वह फुटेज मुहैया कराए गए थे, जिन्हें विलासराव की टीम ने शूट किया था। इन दृश्यों को चैनलों पर बार-बार दिखाया गया और सवाल किया गया कि मैं वहां क्यों गया। विलासराव मुझे क्यों साथ ले गए, जो कुछ हमने ताज में देखा वह सब टीवी पर पहले भी कई बार दिखाया जा चुका था।अगर मुझे उस पर फिल्म बनानी होती तो क्या मैं देखे हुए घटनाक्रम को देखने जाता। कुछ चैनलों ने यहां तक कह दिया कि हमने वहां कुछ छेड़छाड़ की। अगर सचमुच ऐसा था तो सुरक्षा अधिकारी हमें रोक सकते थे।वर्मा के अनुसार विलासराव से मेरा कोई औपचारिक परिचय भी नहीं है। रितेश को सिर्फ इतनी जानकारी थी कि ताज के जिन हिस्सों की जांच हो चुकी है उन्हें ही हम देख सकते हैं। उनके अनुसार जब हम ताज पहुंचे तो वहां पुलिस अधिकारियों, सरकारी अधिकारियों और होटल के कर्मचारियों सहित 60 से 70 लोग थे। इस भीड़ में मुझे नहीं लगता कि विलासराव का ध्यान मुझ पर गया होगा। मैं उस जगह को देख रहा था जहां सर्वाधिक भयावह घटना हुई थी। ऐसा कौन होगा जिसे उस स्थान को देखने की उत्सुकता नहीं होगी। वर्मा सवाल करते हैं कि उनके ताज जाने से क्या प्रभावित हो सकता था। अगर उनके कारण सुरक्षा नियमों का उल्लंघन होता या उनकी वजह से कोई समस्या होती तो उन्हें सुरक्षा अधिकारी रोक सकते थे। अधिकारियों ने उन्हें इसलिए नहीं रोका क्योंकि उन लोगों को वह हिस्से दिखाए गए जहां जांच हो चुकी थी। इन हिस्सों के फुटेज टीवी पर कई बार दिखाई जा चुकी थी।
खुफिया तंत्र को सशक्त बनाने की आवश्यकता : चिदांबरम
ट्रक नहीं आता तो बघेरा बना लेता उन्हें शिकार
Wednesday, December 3, 2008
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. जोशी के क्षेत्र में सात भाजपाइयो पर जानलेवा हमला
कांग्रेस ने फिर साबित कर दिया लोकतंत्र पर हावी है नोट तंत्र
खाखलिया खेड़ा भील बस्ती में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा वोट के लिये नोट बांटने की जानकारी मिलने पर कुवारियां पुलिस ने र्स्कोपियो गाड़ी व उसमें काफी मात्रा में नोट जब्त किये है।कुंवारिया थानान्तर्गत खाखलिया खेड़ा भील बस्ती में भाजपा कार्यकर्ता प्रचार कर रहे थे। इस दौरान राजनगर की तरफ से एक र्स्कोपियो गाड़ी आई जिसमें 4-5 कांगेस कार्यकर्ता सवार थे। भाजपा कार्यकर्ता कुंवारिया निवासी मुकेश शर्मा को गाड़ी में सवार लोगों के पास रूपये देख संदेह हुआ। इस पर वे गाड़ी के पास गये । दूसरी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी इसकी भनक लग गई थी जिस पर वे भी सावचेत हो गये। कुछ देर बाद दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं में वोट के लिये नोट बांटने की बात को लेकर जोरदार गहमा-गहमी हो गई। इसकी सूचना पर कुवारियां थानाधिकारी गोपाल चन्देल भी घटनास्थल पहुंच गये। पुलिस ने गाड़ी की तलाशी ली जिसमें काफी मात्रा में रूपये पाये गये। पुलिस ने गाड़ी व नोट जब्त कर अग्रिम जांच शुरू कर दी।इस मामले में भाजपा कार्यकर्ता मुकेश शर्मा ने कांग्रेस के सलीम खान, शफी मोहम्मद सहित 4-5 जनों के खिलाफ बस्ती में वोट के लिये नोट बांटने का आरोप लगाते हुये मुकदमा दर्ज कराया।राजसमंद डिप्टी मनीष त्रिपाठी ने बताया कि गाड़ी को जब्त कर लिया गया है। इस मामले की जांच की जा रही है तथा नोट कितने है उनकी गिनती जारी है।
कई वरिष्ठ नेताओं के लबोलुआब पर यह बात निकलती है कि राजनीति गंदी है इसमें जाने वाला दल-दल में फंसता जाता है और इससे पल्ला झाड़ना ही ठीक रहता है लेकिन यह कितना सही है? राजनीति गंदी नहीं है बल्कि इसे गंदा बनाया गया है। राजनीति को लक्ष्य बनाया गया मात्र सत्ता प्राप्त करने को। कुर्सी के लिए नेता किसी का भी अहित कर सकते है या भुजबल और बाहुबल से युक्त लोगों की मक्खन पॉलीस करते नजर आएंगे। ऐसे में सबसे यादा अहित होता है उस मतदाता का जिसने कितनी उम्मीद से उस व्यक्ति को चुना जो उसे एक विकासशील अर्थव्यवस्था, शांतिपूर्ण माहौल दे सके। यहां चाणक्य की राजनीति की बात करना भी जरूरी समझता हूं जिसने चंद्रगुप्त को नंद वंश के उन्नमूलन के लिए इसलिए तैयार किया था ताकि जनता को एक अत्याचारी और दुष्ट शासक से छुटकारा मिल सके और जनता को सुरक्षा व स्वाभिमानपूर्ण जिंदगी बसर करने में कोई परेशानी नहीं हो। जनता वह घटना अब तक नहीं भूली जब संसद में उदयपुर संभाग के सांसद महावीर भगोरा सहित तीन सांसदों ने संसद में नोटों से भरे बैग रखे। बकौल महावीर भगोरा और अन्य सांसद कांग्रेस ने संसद में विश्वास मत हासिल करने के लिए उन्हें नोट दिए। यदि राजनीतिज्ञों ने अपना यही दागनुमा चेहरा बार-बार मतदाताओं के सामने किया तो क्या मतदाता उन्हें माफ करेंगे। मुम्बई में हुई आतंकवादी घटना के बाद से जनता यह समझ चुकी है कि नेता सिर्फ सत्ता के लिए लड रहे है आतंकवाद और देश के अन्य गंभीर मुद्दों से उन्हें कोई लेना देना नहीं है।