Saturday, February 28, 2009
बीजेपी में मुसलमान मंजूर नहीं
मां के किस ने ली बच्ची की जान
वजह से मौत हो गई। माना जा रहा है कि मां के किस के जरिए या दूध पिलाने के दौरान बच्ची वाइरस की चपेट में आ गई और उसकी मौत हो गई। रुथ की बेटी जेनिफर की मौत पिछले साल हर्पस सिंपलेक्स वाइरस की वजह से हुई। जांच के बाद अब डॉक्टर इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि यह वाइरस उसे उसकी मां के जरिए मिला होगा। माना जा रहा है कि रुथ इस वाइरस की चपेट में जिंदगी में पहली बार अपनी प्रेग्नंसी के आखिरी दिनों में आई होंगी, इसीलिए वह और उनकी बेटी इसके खिलाफ इम्यूनिटी पैदा नहीं कर पाईं। वाइरस ने बच्ची के मुख्य अंगों पर अटैक किया और कुछ ही दिन में उसकी मौत हो गई। बच्ची को जन्म देने से कुछ ही दिन पहले रुथ में फ्लू जैसे सिमटम्स नजर आए थे। इसके लिए उन्हें मुंह के छालों की दवा दी गई। उसके बाद उनकी बेटी भी बीमार हो गईं। वह न दूध पी रही थी और सिर्फ सोई हुई थी। इस पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। माना जाता है कि ब्रिटेन में इस वाइरस से हर साल 6 बच्चों की मौत होती है। इसलिए अब रुथ इस वाइरस के खिलाफ लोगों को जागरुक करने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जेनिफर की मौत ने उन्हें गहरा सदमा पहुंचाया है। उसकी मौत को एक साल से ज्यादा हो चुका है, लेकिन अब तक मेरा दर्द कम नहीं हुआ है।
बांग्लादेश की बगावत का पाक कनेक्शन
ने पूछताछ में सलाउद्दीन कादिर चौधरी का नाम लिया है। शिपिंग व्यवसायी चौधरी विपक्षी खालिदा ज़िया की पार्टी बीएनपी और पाकिस्तानी मिलिटरी इंटेलिजंस के काफी करीब माने जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक बागियों को एक करोड़ टाका की आर्थिक मदद भी दी गई। चौधरी बीएनपी की मुखिया बेगम खालिदा ज़िया के काफी करीबी हैं और वर्ष 2004 के चर्चित चिटगांव हथियार कांड से जुड़े हुए हैं। उस समय हथियार से भरे शिप बरामद किए गए थे। माना जाता है कि ये हथियार चरमपंथी संगठन अल्फा के लिए ले जाया जा रहा था। दरअसल, बताया जा रहा है कि बगावत की मूल वजह प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा 'युद्ध अपराधियों' के लिए ट्राइब्यूनल की स्थापना करने की घोषणा है। गौरतलब है कि बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना और उसके समर्थकों ने लोगों पर काफी अत्याचार किए थे। ट्राइब्यूनल के जरिए हसीना इन 'युद्ध अपराधियों' को कानून के कठघरे में लाना चाहती हैं। इसको लेकर पाकिस्तान और बांग्लादेश में काफी लोग असहज हैं। पाकिस्तान के प्रेजिडेंट आसिफ अली ज़रदारी ने शेख हसीना के पास संदेश भी भेजा था कि वह ऐसा कदम न उठाएं, क्योंकि इससे पाकिस्तानी सेना की काफी किरकरी हो सकती है। उन्हीं पाकिस्तान परस्त ताकतों की है जो इस्लाम मजहब के कट्टरपंथ में आस्था रखती हैं। इन सब में आगे है जमात-ए-इस्लामी जिसने स्वतंत्रता संग्राम का विरोध किया और पूर्वी पाकिस्तान की फौजी हुकूमत को ऐसे सैकड़ों कट्टरपंथी जवान दिए जिन्होंने बांग्लादेशी बुद्धिजीवियों, कवियों, लेखकों, शिक्षकों और कलाकारों को चुन-चुनकर मारा। सूत्र यह भी बताते हैं कि बांग्लादेश राइफल्स के बागियों के निशाने पर सेनाध्यक्ष मोईन अहमद और शेख हसीना थीं। सूत्रों का यह भी कहना है कि जिस तरह से कई सामूहिक कब्रें मिली हैं, वह इस बात का प्रमाण है कि बांग्लादेश राइफल्स में निचले और मध्य दर्जे के अधिकारियों पर कट्टर इस्लामी विचारधारा पूरी तरह से हावी हो चुकी है। बांग्लादेश राइफल्स पर जमात-ए-इस्लामी और जमात-उल-मुजाहिदीन जैसे कट्टरपंथी संगठनों का काफी प्रभाव है।
Tuesday, February 24, 2009
पाक ने मांगी कसब की वॉइस रेकॉर्डिंग
एक कॉलिज ऐसा, जो अपनी छात्राओं के लिए दूल्हा भी खोजेगा
यह पूछे जाने पर कि यह विचार उनके मन में कैसे आया मोहंती ने एक उदाहरण बताया जो दो साल पहले घटित हुआ था। उन्होंने कहा कि उस घटना में ब्राहमण परिवार से संबंध रखने वाले एक पुलिस कांस्टेबल ने उनसे अपने लिए एक योग्य वधू ढूंढ़ने में मदद करने के लिए संपर्क किया। मोहंती ने कहा कि उन्होंने इस दिशा में कोशिश शुरू की तो उन्हें कॉलिज हॉस्टल में रहने वाली एक लड़की के बारे में पता चला। उन्होंने अपने सहकर्मियों के साथ लड़की का डिटेल्स इकट्ठा करना शुरू किया और उसके माता-पिता से संपर्क किया। जाति, कुंडली और अन्य विवरणों के मिलान के बाद अंतत: दोनों की शादी हो गई। इससे पेरित होकर उनके मन में शुरू करने का विचार आया। मोहंती ने दावा किया कि उनका कॉलेज इस मामले में देशभर में अपनी तरह का पहला होगा। उन्होंने कहा कि इस केंद्र को चलाने के लिए लिए समाजशास्त्र विभाग के प्रमुख के नेतृत्व में एक सात सदस्यीय कमिटि बनाई गई है। मोहंती ने कहा, 'इसकी शुरुआत जून-जुलाई से करने की योजना है, क्योंकि मान्यता मिलने का इंतजार कर रहे हैं, जो मार्च के अंत तक मिलने की संभावना है।
नवजातों पर कुदरत भी रूठी हुई
Monday, February 23, 2009
एकलिंग माहात्म्य’ पौराणिक ग्रंथ
हाल ही इसकी संपूर्ण पांडुलिपि मिली है। मेवाड़ ही नहीं, राजस्थान में लिखा गया यह एक मात्र पौराणिक ग्रंथ है। नारद और वायु संवाद, सूतादि के प्रश्नोत्तर के रूप में लिखे गए इस ग्रंथ में एकलिंगजी और इस क्षेत्र के समस्त तीर्र्थो, पूजन विधि, यात्रा विधि, भूगोल, पहाड़-वनस्पति और मेवाड़ के राजवंश का महत्व वर्णित है। कुल 32 अध्यायों वाले इस ग्रंथ में श्लोक 3500 है अनूदित ग्रंथ की पृष्ठ संख्या 206 है। इसके अनुवाद का श्रेय प्रतिलिपिकार कोटेश्वर दशोरा को जाता है।
इसके प्रथम पृष्ठ पर आया है- अथ एकलिंग माहात्म्य लिख्यते। प्रथम ग्रंथ को करता श्रीसूर्यनारायण की स्तुति करे है। तेज का भंडार सूर्यनारायण सबमें श्रेष्ठ विराजमान है। कस्या श्रेष्ठ है जणा का उदय वेती वेला और अस्त वेती वेला देवता रा मुकुट है जणाऊं करे ने वस्या है चरण कमल जणा का। अस्या त्रिनेत्र शिव ने पण हाथ जोड़े सन्मुख अंजलि करे है। सरस्वती री प्रार्थना करे है, ज्ञान ने करवा वात्त ब्रrाजी वणा को अन्त:करण है सो जठ वणी ने जीते असी वाणी जो सरस्वती ज्यो सर्व सुं श्रेष्ठ विराजमान है। कशि है सरस्वती सुं वा केता सगÝी जायगां प्रवर्तमान वे रही है।अंतिम पृष्ठ पर कहा गया है- फेर कस्या है एकलिंगजी, पृथ्वी, जल, अग्नि, पवन, आकाश, ब्रrा, विष्णु, रुद्र, ईश्वर वेईज है। सदाशिव है, अर ई जगत ने उत्पन्न करे है, पालन करे है, जगत ने संहार करे है, अंतरध्यान करे है, अनुग्रह करे हैर्, ई रीत सूं ब्रrा, विष्णु, रुद्र, ईश, सदाशिव, अणा पांच रूप सूं संयुक्त ई कार्य पृथक्-पृथक् करे है। इति श्रीवायुपुराणो मेदपाटीय श्रीएकलिंग माहात्म्ये यात्रा विधि महोत्सव वर्णनं नाम द्वात्रिंशो अध्याय:।। मंगलं लेखकानां च पाठकानां च मंगलम्। मंगलं सर्वदेवानां भूमेभरूपति मंगलम्।। संवत् 1920 का कार्तिक विद 10 शुक्रवासरे लिखितमिदं पुस्तकं ब्राrाण दशोरा कोटेश्वरेण नग्र उदयपुर मध्ये। श्रीएकलिंगजी प्रसन्नोक्तम्।
तिरस्कार से सत्कार मिला पिंकी को
शिवाजी और अंबेडकर की तस्वीरों के साथ अपमानजनक व्यवहार
आंचल को तरसता नवजात
Sunday, February 22, 2009
स्लमडॉग मिलिनेयर को ऑस्कर
भारतीय फिल्म जगत के इतिहास में यह पहला मौका है, जब एक साथ उसके कई कलाकारों ने अकादमी अवॉर्ड समारोह में विजेता ट्रॉफी हासिल की। इसके पहले भानू अथैया को फिल्म गांधी के लिए सर्वश्रेष्ठ कास्ट्यूम और प्रख्यात निर्देशक सत्यजीत रे को लाइफटाइम एचीवमेंट के ऑस्कर पुरस्कार मिले थे। NDTV
हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने का मामला
यू-ट्यूब पर भी अपलोड नोएडा एमएमएस
शिक्षक ने चौथी कक्षा की बच्ची को आंख मारी
नियम-कानून का रोड़ा बापू की चीजें बचाने
Friday, February 20, 2009
5600 करोड़ वर्ष का कैलेंडर
कनखल में किराए के मकान में जिंदगी बसर कर रहे रामचंद्र का जन्म 7 मार्च, 1954 में मुंबई के उल्लास नगर में हुआ था। मायानगरी में कारोबार में घाटा होने पर पिता ज्ञानचंद के साथ हरिद्वार के परमानंद भंडार आश्रम में आकर रहने लगे। हरिद्वार में उन्होंने कई छोटे-मोटे कारोबार किए, लेकिन किस्मत ने यहां भी साथ नहीं दिया। जिंदगी की जंग से हार मान कर वे पिता पर ही आश्रित हो गए। ऐसे में जिंदगी का हर पल उन्हें काटने दौड़ता था। 1986 में उन्होंने समय काटने का बहाने राम नाम लेखन का बहाना ढूंढ लिया। 1990 में राम नाम लेखन से मन हटने लगा। धीरे-धीरे उन्होंने सौ वर्ष का कैलेंडर तैयार किया। कैलेंडर बनाने में रुचि बढ़ी तो उन्होंने दो, चार, आठ और 16 सौ वर्ष का कैलेंडर तैयार किया। फिर 2004 में चार हजार वर्ष का कैलेंडर तैयार किया। इसके बाद परिस्थितियां विपरीत हो गई। उन्होंने इस बार भी हिम्मत नहीं हारी और 2005 में 600 करोड़ वर्ष का कैलेंडर तैयार कर लिया। इसके अलावा उन्होंने पोस्टकार्ड साइज में भी कैलेंडर तैयार किया है। इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए उन्हें किसी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं मिलती है।
रामचंद्र ने बताया कि राम नाम लेखन कर कैलेंडर का नक्शा बनाते हैं। फिर शताब्दी, तारीख व महीना आदि भरते हैं। 12 पेज में एक शताब्दी का कैलेंडर तैयार करने में उन्हें महारत हासिल है। कोई भी व्यक्ति इस कैलेंडर के माध्यम से 1001 वर्ष से लेकर पांच हजार 600 करोड़ वर्ष तक की जानकारी हासिल कर सकता है। इसे तकनीकि रूप से बनाया गया है। YAHOO
डमी सेलफोन को असली बताकर बेचने गिरोह पकड़ा
आस्कर अवार्ड में ए. आर. रहमान को मायूसी
यूथ में रिलेशन का ब्रेकअप का नतीजा है अश्लील एमएमएस
Tuesday, February 17, 2009
शेयर और प्रॉपर्टी में सुधार सोना-चांदी फिर से गिर सकते
रोहिणी में रहने वाली सीमा स्याल मंगलवार को जूलरी खरीदने मार्किट पहुंच उन्हें यह पता था कि सोने की कीमत ऊंची चल रही है। उनका अंदाजा था कि कीमत शायद 13 से 14 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच होगी। लेकिन दुकान में उन्हें यह जानकर झटका लगा कि सोने की कीमत रेकॉर्ड तोड़ चुकी है और यह अब 15 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार है। सीमा इस पसोपेश में थीं कि जूलरी खरीदें या नहीं। उन्हें यह आशंका भी सता रही थी कि कहीं सोने की कीमत 16 हजार को पार न कर जाए। सीमा ने जूलरी तो नहीं खरीदी, लेकिन शादियों के इस मौसम में वर और वधू पक्ष वाले खरीदारी से कैसे परहेज कर सकते हैं। भारत में सोने की खपत प्रतिवर्ष 800 टन से ज्यादा है। उत्पादन लगभग शून्य है, जिससे अधिकांश सोने का आयात करना पड़ता है। मंगलवार को लंदन मेटल एक्सचेंज में सोने का दाम 960 डॉलर प्रति 31.6 ग्राम पर पहुंच गया। जेवर ऐंड जेवर ग्रुप के चेयरमैन घनश्याम दास गुप्ता का कहना है कि आयात महंगा होगा तो चीज भी महंगी होगी। विशेषज्ञों के अनुसार तेजी के तीन प्रमुख कारण हैं। पहला, शेयर और प्रॉपर्टी मार्किट में स्लोडाउन के कारण फॉरेन इनवेस्टरों का मेटल मार्किट में इनवेस्टमेंट। दूसरा, सोने के वायदा कारोबार में तेजी। यानी दो माह के सौदे पहले से ही ज्यादा के दाम में किया जाना। तीसरा, डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी। आर.सी. जूलर्स के डायरेक्टर आर.सी. सोनी का मानना है तेजी का दौर कुछ दिनों तक जारी रहने की आशंका है। इंटरनैशनल मार्किट पर सटोरियों ने कब्जा कर लिया है। उनको पता है कि तेल, शेयर और प्रॉपर्टी में फायदा नहीं रह गया है। भारत में वायदा कारोबारी भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। जब दो माह के सौदे अधिक दाम में किए जाएंगे तो भविष्य में दाम गिरने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक कीमत में जूलरी खरीदने का कोई तुक नहीं है। शादी-ब्याह के लिए जितना जरूरी हो, उतना ही खरीदें। इनवेस्टमेंट के लिहाज से इसमें शॉर्ट टर्म रणनीति पर चलना ठीक रहेगा। सुदामा डायमंड जूलर्स के एमडी संजय गुप्ता के अनुसार सटोरिया मुनाफा वसूली जरूर करेंगे। सो कीमतों में बीच-बीच में गिरावट तय है। ऐसे में इनको खरीद कर कुछ समय रखकर फिर तेजी आने पर बेचा जा सकता है। छह माह या साल भर बाद कुछ भी हो सकता है। अगर शेयर और प्रॉपर्टी बाजार में सुधार आया तो सोना-चांदी फिर धड़ाम से गिर सकते हैं।
किताबों का आईपॉड
छह स्टूडंट गायब पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई
Monday, February 16, 2009
विदेश मंत्रालय के कंप्यूटर हैक
खांसी की दवा से नशा हुआ जापानी मंत्री को
श्री शोइची ने आज अपने स्पष्टीकरण में कहा कि गत सप्ताहंत रोम में जी-सात की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में वह बहक जरुर गये थे लेकिन यह शराब क नशा नहीं था बल्कि खांसी जुकाम की दवा का असर था।उल्लेखनीय है कि श्री शोइची बेठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में न सिर्फ बहक रहे थे बल्कि उनकी जुबान भी लडखडा रही थी। एक समय तो उन्होंने आंखें बंद कर पूरी तरह से सिर झुका दिया और कुछ समय बाद किसी और से पूछे गये सवाल का जवाब स्वयं देने लगे। जापान के मीडिया में उनकी ये तस्वीरें और खबरें खूब प्रसारित की गयीं।इटली से लौटने के बाद श्री शोइची ने बैठक से पहले शराब पीने के आरोप को गलत बताते हुए इसका खंडन किया। उन्होंने कहा “सच्चाई ये है कि मुझे खांसी जुकाम की दवा का ज्यादा असर हो गया था। मैंने शराब नहीं पी थी सिर्फ दवा ली थी।”
आयकर में छूट की घोषणा नहीं हुई
Saturday, February 14, 2009
खण्डहर में तब्दील होता कुंवारिया का किला
जिला मुख्यालय से १६ किलोमीटर दुर काकरोली - भीलवाड़ा राजमार्ग पर बसे कुंवारिया कस्बे में किले का निर्माण वर्ष १६९८ में डोडिया राजपुत के वंशज ने कराया था। पुरातात्विक महत्व के पत्र के मुताबिक इसका निर्माण बेशाख बिद तीज सोमवार विक्रम संवत १७६७ में कुंवारिया के प्रथम शासक ठाकुर नवलसिह के जेष्ठï पुत्र हठीसिंह के नेर्तत्व में प्रधान शाह छीतर पगारिया की देखरेख में कारिगर गजधर सोमपुरा आदि ने किया । कस्बे के बुजुर्गो के अनुसार तीन चार दशक पूर्व तक यहा निर्मित कारागृह , जनाना महल ,कमरे व परकोटा काफी बेहतर स्थिती में थे जिन्हे कतिपय लोगो ने अपनी इच्छानुसार परिवर्तन करके क्षतिग्रस्त कर दिया है ।
किले के दक्षिण भाग में परकोटे की मजबुत व बेहतर दीवार जो ३० -४० फीट उची व चार वांच फीट चोडी थी उसे तोड दिया गया । आज यह दीवार आगे से आगे कमजोर होती जारही है । किले के बाहरी दीवार गत वर्षाकाल के दोरान ढह चुकि है जिससे कई पत्थर इधर उधर बिखर गए है जिन्है भी लोगो ने नही छोडा । किले पत्थरो के बारे में आमजन में यह भी अवधारणा है कि किले के पत्थरो को चुरा कर निजी कार्य में उपयोग लिया जाता है तो वहा पर शांति व सुकुन की कमी रहती है । किले के भीतर पानी का एक कुण्ड बना हुआ है जिसमें वर्ष पर्यन्त पानी भरा रहता है पुराने समय में इस किले में रहने वाले लोग इसी कुण्ड से के पानी को उपयोग देनिक कार्यो के लिए करते थे । वर्तमान में कुण्ड में काफी पत्थर व मिटटी भरी हुई है । किले के एक कमरे में डोडिया वंश की कुलदेवी हिगलाज माता व चुण्डावत वंश की कुलदेवी बाणमाता की प्रतिमाए स्थापित है । किले के मध्य में चबुतरे पर मंदिर बना हुआ है जिसका कुछ वर्ष पहले गढ़ कालिका शक्तिधाम नामक एक संस्था ने जन सहयोग से जीर्णोद्घार कराया था परन्तु वर्तमान में रख रखाव के अभाव में यह पुन: गिरने के कगार पर है ।
किले के परकोटे में अगे्रजी बबुल व कटिली झाडिय़ों की भरमार है मोसम की मार व सरकारी अनदेखी से किले की दीवारे कमजोर होती जारही है । किले के अंदर विभिन्न ताको,परेण्डियों,आल्यों व दीवारो में धन गढा होने के लालच में लोगो ने खोद दिया जिसमें धन तो मिला या नही इसकी जानकारी नही है पर किले का काफी नुकसान हुआ है । किले केअंदर भी लोगो ने विभिन्न नाम व इबारते लिख रखी है जो किले का बदरंग कर रही है । वर्तमान में यह किला हर और से उपेक्षित रहने से आवारा पशुओ की आरामगाह बना हुआ है ।
कस्बे के प्रबुद्घ नागरिको ने बताया कि एक और सरकार व प्रशासन ऐतिहासिक स्थलो के सरक्षण के लिए वर्ष प्रर्यन्त तरह तरह की योजनाओं की क्रियान्विति कर रही है वही इस किले के प्रति उपेक्षा बरती जारही है जो सरासर गलत है । कस्बे के कार्यकर्ता रतनलाल खटीक, प्रवीण पीपाडा, मुकेश शर्मा, सुखदेव यादव, अशोक गोयल, किशनलाल खण्डेलवाल आदि ने भी कुंवारिया किले को आवश्यक सरक्षण देने की मांग की है ।
रेप के लिए उकसाने वाले गेम को वापस लिया
लिया है, जिसमें गेम प्लेयर्स एक-दूसरे को रेप यानी बलात्कार करने को उकसाते दिखाए जाते थे। अमेजन ने इस गेम को अपनी वेबसाइट से डाउनलोड करने का ऑप्शन ग्राहकों को दिया था। अमेजन ने कहा है कि 'रेपले' नाम के इस कंप्यूटर गेम को एक थर्ड पार्टी की ओर से डाला गया था और इसे अनुचित पाए जाने पर हटाया गया है। गौरतलब है कि इस हफ्ते के शुरू में कैलिफॉर्निया इंटरनेट फर्म का ध्यान इस गेम की ओर दिलाया गया था। इसके बाद अमेजन ने गेम को हटाने का फैसला किया है। अमेजन के प्रवक्ता पैटी स्मिथ ने कहा, 'हमने तय किया है कि हम इस प्रॉडक्ट की बिक्री नहीं कर सकते।' रेपले गेम को खास तौर पर जापानी मार्किट के लिए तैयार किया गया था। इस कंप्यूटर गेम को जापान के ही इल्युजन स्टूडियो ने बनाया है। इल्युजन स्टूडियो का कहना है कि उसके प्रॉडक्ट्स खासतौर पर घरेलू बाजार यानी जापानी बाजार के लिए हैं। जब इल्युजन स्टूडियो के प्रवक्ता से इस बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था, 'हम अपने प्रॉडक्ट विदेश में नहीं बेचते, क्योंकि कई देशों में रेटिंग संबंधी दिक्कतें होती हैं। लिहाजा मैं अमेजन वाली रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकता। हमारा मानना है कि इस कंप्यूटर गेम के साथ कोई भी दिक्कत नहीं है। जापानी अथॉरिटी ने इस गेम को क्लियरेंस दे दी है। ' गौरतलब है कि इस गेम को 2006 में रीलीज किया गया था।
बजट से आम आदमी को कुछ राहत मिलेगी
छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ी है। केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि 2008-09 में हर भारतीय की औसत आमदनी 14 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है। इस वजह से सरकार पर इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने और इनकम टैक्स के स्लैबों में बदलाव का दबाव बढ़ गया है। मौजूदा समय में इनकम टैक्स छूट की सीमा डेढ़ लाख रुपये है। इनकम टैक्स स्लैब 10, 20 और 30 फीसदी के हैं। इसके अलावा सरकारी स्कीमों में एक लाख रुपये तक के निवेश की छूट भी आम आदमी को है। पूर्व वित्त सचिव एस. नारायण मानते हैं कि इनकम छूट की सीमा या स्लैबों में बदलाव करने का रिस्क सरकार शायद न ले, मगर वह एक लाख रुपये तक की निवेश पर छूट की सीमा बढ़ा सकती है। हालांकि वह इस बात इनकार नहीं करते कि अगर यूपीए सरकार ने ऐसी छूटों की घोषणा की तो केंद्र में सरकार चाहे किसी भी पार्टी की आए, वह इसे आगे ही बढ़ाएगी। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि अप्रत्यक्ष करों, विशेष रूप से सीमा और उत्पाद शुल्कों में कटौती करके कुछ वस्तुओं के दामों में कमी की जा सकती है। इसके अलावा केंद्रीय वैट यानी सेनवैट में कटौती की अवधि को बढ़ाया जा सकता है। सरकार ने पिछले दिनों सेनवैट में तीन महीने के लिए 4 फीसदी की कटौती की थी। इस कटौती के बावजूद कंपनियों ने वस्तुओं की रिटेल कीमतों में कमी नहीं की, मगर इस बार उन्हें कमी करनी पड़ सकती है। अगर ऐसा हुआ तो इसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं यानी आम आदमी को मिलेगा। सूत्रों के अनुसार, सरकार आम आदमी के लिए लोन की ब्याज दरों में कुछ ऐसी घोषणाएं कर सकती है, जिससे कुछ समय के लिए ही सही, उसे कर्ज लेने में ज्यादा परेशानी न हो। सरकारी बैंकों को निर्देश दिया जा सकता है कि वे तय समय के लिए सस्ते कर्ज की घोषणाएं करें। होम लोन पर इनकम टैक्स छूट को भी बढ़ाया जा सकता है। NBT
वैष्णव मंदिरों में फाग सेवा
ब्रिटेन में 13 साल का एक लड़का बाप बन गया
Friday, February 13, 2009
कड़ी सुरक्षा के बीच वैलेंटाइन्स डे मनाया
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने कहा है कि व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं ताकि शांतिपूर्ण महौल बना रहे.
कर्नाटक में श्रीराम सेना के नेता प्रमोद मुत्तालिक और 140 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया है. दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत का कहना था, "जो लोग ग़ैरक़ानून गतिविधियों करते पकड़े गए उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी. किसी को भी हिंसक कार्रवाई नहीं करने दी जाएगी."
ग़ौरतलब है कि श्रीराम सेना संगठन के महासचिव विनय कुमार ने कहा है, "राष्ट्रीय राजधानी में अनेक जगह बैनर लगाए जाएँगे. दस मोबाइल टीम शहर में घूमेंगी ताकि कोई अश्लील हरकत न हो. यदि कोई अश्लील हरकतर करता हुआ पाया जाता है तो उसकी तस्वीर खींची जाएगी और वेबसाइट्स पर चढ़ा दी जाएगी ताकि दुनिया को इसके बारे में पता चले."
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि वेबसाइट्स पर फ़ोटो चढ़ाने जैसी किसी भी गतिविधि को नाकाम कर दिया जाएगा.
मामला इतना गंभीर हो गया है कि राज्यसभा में भी ये माँग उठी है कि श्रीराम सेना जैसे संगठन जिनके ख़िलाफ़ कर्नाटक में आरोप लगे हैं और जिन्होंने वैलेंटाइन्स डे पर धमकियाँ जारी की हैं, उनपर प्रतिबंध लगाया जाए. लेकिन हिंदूवादी संगठन बजरंग दल ने श्रीराम सेना जैसे संगठनों से दूरी बनाते हुए कहा है कि उसे वैलेंटाइन्स डे मनाए जाने से कोई आपत्ति नहीं है जब तक कि कोई अश्लील हरकत न हो. बजरंग दल के नेशनल कनवीनर प्रकाश शर्मा ने कहा, "हमें कोई आपत्ति नहीं. हमने तो सदा से राधा और कृष्ण के अमर प्रेम की उपासना की है." उन्होंने ये भी कहा कि युवाओं को ऐसा पूरे साल मनाना चाहिए, केवल एक दिन नहीं. कर्नाटक के अतिरिक्त पुलिस प्रमुख (क़ानून-व्यवस्था) एआर इन्फ़ेट का कहना था, "श्रीराम सेना के प्रमोद मुत्तालिक और 140 अन्य को हिरासत में लिया गया है. वैलेंटाइन्स डे के मौके पर उन्होंने उपद्रव पैदा करने की धमकी दी थी. " कर्नाटक में बंगलौर, मंगलौर और चार अन्य शहरों में इन संगठनों की धमकियों के बाद कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.कर्नाटक के गृह मंत्री वीएस आचार्य ने कहा है कि सुरक्षा के सभी कदम उठाए जा रहे हैं और सभी थानों को अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा गया है
आर्थिक मंदी के बावजूद बढ रहा है प्रेमी युग में प्यार
प्रोफ़ेसर फिशर कहती हैं, "तनाव के समय विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षण की संभावना बढ़ जाती है, तनाव के दौर में आपके प्रेम में पड़ने के आसार बढ़ जाते हैं." उनका यह दावा 1974 में किए गए एक शोध पर आधारित है जिसमें पाया गया था कि ख़तरे की अवस्था में पुरुष आकर्षक महिलाओं में अधिक दिलचस्पी लेने लगते हैं. डेटिंग वेबसाइटों पर लोगों की आवाजाही के बढ़ने को भी एक दलील के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है, ईहार्मोनी और मैच डॉट कॉम नाम की वेबसाइटों का कहना है कि मंदी का दौर शुरू होने के बाद से उनकी साइट पर आने वालों की तादाद 20 प्रतिशत बढ़ गई है. बीस हज़ार से अधिक ब्रितानी पुरुषों के बीच नवंबर 2008 में किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक़ लोगों ने सेक्स को मनोरंजन का सबसे सस्ता साधन माना है. चीन, नीदरलैंड, अमरीका और यूरोप के कई अन्य शहरों से ऐसी ख़बरें मिल रही हैं कि सेक्स से जुड़ी चीज़ें बेचने वाली दुकानों की बिक्री बहुत बढ़ गई है. समलैंगिकों की डेटिंग साइट मैनहंट के केन हेरॉन कहते हैं कि सबसे अधिक लोगों ने उनकी साइट की मेंबरशिप सितंबर महीने में ली जबकि अमरीका अर्थव्यस्था मंदी की चपेट में आ रही थी. विशेषज्ञों का कहना है कि जब लोग अकेलापन महसूस करते हैं, उनके ख़तरे का आभास होता है तो वे किसी से निकट संबंध और संपर्क चाहते हैं जो उन्हें राहत पहुँचाता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस धारणा का वैज्ञानिक आधार ये है कि प्रेमपूर्ण निकटतम संबंधों की स्थिति में शरीर में ऑक्सीटोसिन नाम का रसायन प्रवाहित होता है जिस 'फीलगुड केमिकल' कहा जाता है. लेकिन दूसरी ओर कई लोगों का मानना है कि मंदी ने प्रेम और चाहत की आँच को भी मंदा कर दिया है.जोड़ों को संबंधों के मामले में सलाह देने वाली एक एजेंसी रिलेट का कहना है कि मंदी का सीधा असर रिश्तों पर पड़ा है और जोड़ियों के बीच तनाव बढ़ रहा है. रिलेट की सेक्स विशेषज्ञ डेनिस नोएल्स कहती हैं, "आर्थिक अनिश्चितता लोगों को बेचैन कर देती है, ऊपर से उनके ऊपर नई नौकरी खोजने का दबाव है या फिर किसी के पार्टनर की नौकरी जाने से दूसरे पर बोझ पड़ रहा है, ऐसे में दिन के अंत में सेक्स के लिए लोग तैयार नहीं हो पाते." उनका कहना है कि मंदी के दौर में लोगों का आत्मविश्वास बहुत घट जाता है, ख़ास तौर पर उनका जिनकी नौकरी छिन गई है. इसके अलावा जो आर्थिक तौर पर नाकाम पार्टनर है उसके प्रति उसके साथी का व्यवहार भी बदल सकता है. इस तरह दोनों विचार एक-दूसरे के ठीक विपरीत लगते हैं लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि दोनों ही सही हैं, मंदी की वजह से लोग एक दूसरे के अधिक निकट आ तो जाते हैं लेकिन जब बात सेक्स की होती है उनमें आम वक़्त की तरह जोश और आत्मविश्वास नहीं होता. डेनिस नोएल्स का कहना है कि ऐसी जटिल परिस्थिति में सबसे अच्छा उपाय यही है कि जोड़े आपस में संवाद बनाए रखें और इस मसले पर बात करें. वे कहती हैं, "अगर आप बहुत थके हैं या आप चिंतित हैं कि आप सेक्स का आनंद नहीं उठा पाएँगे तो अपने पार्टनर को इसके बारे में ज़रूर बताएँ, अगर आप अचानक सेक्स के प्रति विमुख हो जाएँगे और इस पर चर्चा नहीं करेंगे तो यह सही नहीं होगा." लोगों के निजी और वैवाहिक जीवन पर आर्थिक मंदी का क्या असर हो रहा है इसकी कोई बिल्कुल साफ़ तस्वीर पेश करना संभव नहीं है लेकिन इतना तो ज़रूर है कि इसका असर पड़ रहा है जिससे कोई इनकार नहीं कर सकता. BBC
नीलाम होगा बापू का चश्मा
प्रेमी युगल का विरोध करने वाले श्रीराम सेना के नेता भी खुले आम कर रहे थे प्यार का इजहार
Tuesday, February 10, 2009
छेड़छाड़ के विरोध उप शिक्षा निदेशक के ऑफिस का घेराव
छेड़छाड़ के विरोध में मंगलवार को अभिभावक शिक्षक संघ के नेतृत्व में उप शिक्षा निदेशक के ऑफिस का घेराव किया। छात्राओं का आरोप है कि स्कूल में उनके साथ छात्र ही नहीं, कई टीचर भी छेड़छाड़ करते है। इस कारण कई पैरंट्स ने अपनी लड़कियों की पढ़ाई बंद करा दी है। अभिभावक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग को चेतावनी दी है कि यदि स्थिति नहीं सुधरी तो अगली बार शिक्षा मंत्री का घेराव किया जाएगा। विश्वास नगर, कड़कड़ी रोड पर स्थित स्कूल में नौवीं में पढ़ने वाली एक छात्रा ने बताया कि छात्राएं क्लासरूम में भी सेफ नहीं हैं। नौवीं की ही एक अन्य छात्रा ने बताया कि लड़के मोबाइल फोन से उनका फोटो खींचते रहते हैं। विरोध करने पर मारपीट भी करते हैं। स्कूल में आए दिन होने वाली छेड़छाड़ के कारण कई अभिभावकों ने अपनी लड़कियों की पढ़ाई छुड़ा दी है। छठी क्लास में पढ़ने वाली एक छात्रा ने बताया कि वह तीन महीने से स्कूल नहीं जा रही है। छात्रा का कहना है कि यदि लड़कियों के लिए अलग शिफ्ट चलाई जाती है तो वह दोबारा स्कूल जाएगी। एक अन्य छात्रा ने बताया कि उसकी मां कई बार उसकी पढ़ाई छुड़वाने के लिए कह चुकी है। नौवीं की एक अन्य छात्रा ने बताया कि योगा के टीचर भी उनके साथ छेड़छाड़ करते है। छात्रा ने बताया कि जिस दिन योगा की क्लास होती है उस दिन वह स्कूल नहीं जाती। प्रदर्शन में शामिल मीना और रूपवती ने बताया कि अगर यही स्थिति रही तो उन्हें भी अपनी बेटियों की पढ़ाई छुड़वानी पड़ेगी। अभिभावक शिक्षक संघ के सचिव राजकुमार धींगान ने बताया कि दो साल पहले तक यह स्कूल दो शिफ्ट में चलता था। अब यहां लड़के और लड़कियों के लिए एक ही शिफ्ट है। स्कूल में पढ़ने वाले छात्र आवारा किस्म के लड़कों को स्कूल में लेकर जाते हैं। लड़के जबरदस्ती लड़कियों की क्लास में घुस जाते हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई बार इसकी लिखित शिकायत की जा चुकी है, लेकिन अब तक उनके कानों पर जूं नहीं रेंगी।
चड्डियां भेजने वाली लड़कियों को गुलाबी साड़ियां
श्रीराम सेना को गुलाबी चढ्ढी का उपहार भेजने का निर्णय
कुछ पुरुषों समेत पाँच हज़ार लोगों से ज़्यादा लोगों ने फ़ेसबुक पर एक गुट बनाया है जिसे उन्होंने 'पब-गोइंग, लूज़ एंड फ़ॉरवर्ड वूमन' का नाम दिया है। इस समूह के लोगों का कहना है कि वह 14 फ़रवरी को वेलेंटाइन डे के दिन श्रीराम सेना को गुलाबी चढ्ढी उपहार स्वरूप भेजेंगे। श्रीराम सेना पर पिछले महीने मंगलौर में एक बार पर हमला करने का आरोप लगाया गया है। श्रीराम सेना का नेतृत्व करने वाले प्रमोद मुतालिक ने कहा कि भारत में महिलाओं का बार में जाकर शराब पीने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रमोद मलिक को मंगलौर में हुए हमले के बाद ग़िरफ़्तार कर लिया गया था, बाद में ज़मानत पर छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि शनिवार को वेलेंटाइड डे को मनाने का भी उनके समर्थक विरोध करेंगे। पब जाने वाली महिलाओं का संघ फ़ेसबुक पर पिछले बृहस्पतिवार को बना था। गुट ने वेलेंटाइन डे पर महिलाओं को नज़दीकी पब जाकर एक ड्रिंक पीने की भी सलाह दी है। इस गुट की प्रवक्ता निशा सूज़न ने बीबीसी से कहा कि उनका समूह चढ्ढी भेंट करने जा रहा है। उन्होंने एक प्रमुख दक्षिणपंथी गुट का हवाला दिया जिनके खाकी निक्कर पहनने वाले कार्यकर्ताओं को अक्सर चढ्ढीवाला कहा जाता है। उन्होंने कहा, "हमने गुलाबी रंग इसलिए चुना क्योंकि यह शोख रंग है।"
निशा ने कहा कि उनका समूह देश भर से क़रीब 500 गुलाबी चढ्ढियाँ एकत्र करेगा और उन्हें हुबली स्थित मुतालिक के दफ़्तर भेज देगा।उन्होने बताया, "हमारे पास दो ही विकल्प थे। या तो राम सेना के कामों की अनदेखी करें या उसका जवाब दें। हमने इसका जवाब देना तय किया। यह ऐसा जवाब है जिसे वे कतई पसंद नहीं करेंगे।" इस समूह ने लोगों से देश भर में स्थित उनके संग्रह केंद्रों पर डाक से या निजी तौर पर चढ्ढी भेजने को कहा है। इस समूह के इस क़दम के बारे में राम सेना ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।मंगलौर में पिछले महीने हुए हमले को कुछ टीवी चैनलों ने कैमरे में क़ैद किया था और उसे प्रसारित भी किया गया था। बहुत से लोग इस फ़ुटेज को देखकर अचंभित रह गए थे। टीवी में दिखाया गया था कि कुछ महिलाओं को पकड़ कर पुरुष पीट रहे हैं। जो महिलाएं नीचे गिर गईं थीं, उन्हें पुरुष पैरों से मार रहे थे।
इस मामले में मुतालिक समेत 33 लोगों को ग़िरफ़्तार किया गया था। महिलाओं के समूहों ने ख़ासतौर पर इस कृत्य की निंदा की थी। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री रेणुका चौधरी ने इस कृत्य को तालेबानी व्यवहार की संज्ञा दी थी। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने भी हमला करने वाले संगठन से दूरी बना ली है। पार्टी ने कहा है कि उसका श्रीराम सेना से कुछ लेना देना नहीं है। बीबीसी संवाददाता का कहना है कि यह दक्षिणपंथी गुट जिसके कुछ तार भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं, भारत के अनेक हिस्सों में सक्रिय है। यह गुट समय समय पर वेलेंटाइन डे के अलावा मुस्लिम और ईसाइयों पर भी निशाना साधता रहा है।
Monday, February 9, 2009
आत्मघाती हमलावर ने धमाका कर दिया कई लोग हताहत
मुंबई एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा टल गया
मुंबई एयरपोर्ट पर सोमवार सुबह एक बड़ा हादसा टल गया। प्रेजिडंट प्रतिभा देवी पाटिल के तीन हेलिकॉप्टरों का एक काफिला अचानक 150 यात्रियों को ले जा रहे इंडियन एयरलाइंस के प्लेन IC 866 के सामने आ गया। प्लेन बस कुछ ही सेकंड्स में टेक ऑफ करने वाला था। पाइलट ने इमर्जन्सी ब्रेक लगाकर किसी तरह प्लेन को रोका। जानकारी के मुताबिक प्रेजिडंट प्रतिभा देवी पाटिल, महाराष्ट्र के राज्यपाल ए सी जमीर और कुछ अन्य वीआईपी लोगों को ले जा रहे तीन हेलीकाप्टरों ने मुंबई के नौसैनिक अड्डे कुंजली से उड़ान भरी थी। तीनों हेलिकॉप्टर हवाई अड्डे की ओर चल पड़े। वहां से प्रेज़िडंट को एक समारोह में भाग लेने के लिए वायुसेना के विशेष विमान से गोंदिया जाना था। मुंबई हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह करीब नौ बजे वायुसेना का विशेष हेलिकाप्टर उसी रनवे पर उतर गया, जहां से एयर इंडिया के प्लेन आईसी 866 को दिल्ली के लिए उड़ान भरनी थी। प्लेन में 150 पैसिंजर थे। अधिकारी ने बताया कि एयर इंडिया का प्लेन रनवे के नजदीक पहुंचने ही वाला था कि तभी एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने हेलिकॉप्टर के बारे में पाइलट को जानकारी दी। प्लेन को रोकने के लिए पाइलट ने इमर्जन्सी ब्रेक लगा दिए। इसे प्लेन के टायर फट गए। हालांकि आधिकारियों का कहना है कि प्रेजिडंट उस हेलिकॉप्टर में सवार नहीं थीं। प्लेन में सवार एक यात्री ने बताया कि प्लेन के उड़ान भरने में कुछ ही सेकंड बाकी थे, तभी प्लेन के ऊपर से एक हेलिकॉप्टर गुजरा। उसने बताया कि हेलिकॉप्टर को बाकी यात्रियों ने भी देखा। हेलिकॉप्टर पर राष्ट्रीय ध्वज बना था। उसने बताया कि प्लेन को रोकने के लिए पाइलट ने इमर्जन्सी ब्रेक लगाए। NBT
पुलिस स्टेशन का काम करेगा कंप्यूटर प्रोग्रैम
Saturday, February 7, 2009
राजसमन्द के विद्यालयों में बांट दी अष्लील पुस्तकें
इतिहास के उक्त पात्रों की हार और मृत्यु के पीछे इतिहासकारों के अपने-अपने मत रहे है लेकिन देष के ख्यातनाम संत आसाराम के सान्निध्य में संचालित योग वेदांत सेवा समिति की ओर से प्रकाषित योग वेदांत सेवा समिति की ओर से प्रकाषित युवा धन सुरक्षा यौवन सुरक्षा एवं योगयात्रा-4 का समुच्चय पुस्तक में उक्त पात्रों के हार या मृत्यु का मूल कारण हार-मृत्यु से पूर्व उनका वीर्य क्षरण करने को माना गया है। इस पुस्तक में और भी दृश्टांत है जिनके पात्रों के पराजित होने के पीछे मूल मंतव्य ब्रह्मचर्य के क्षरण को होना माना गया।
अमूमन योग वेदांत सेवा समिति मोबाइल पुस्तकालय के जरिए अपनी पुस्तकों का प्रचार-प्रसार एवं विक्रय करती है लेकिन समिति से जुडे कार्यकर्ताओं ने हद तब कर दी जब ऐसी पुस्तकें राजसमन्द जिले के विद्यालयों में लेकर पहुंच गए और छात्रों को इस पुस्तक में वर्णित तुलसी एक अद्भुत औषधि, महामृत्युंजय मंत्र, आसाराम बापू की योगयात्रा के नाम पर गुमराह कर उन्हें सात रुपए अंकित मूल्य की बजाय तीन-तीन रुपए में ऐसी पुस्तक बेच दी।
फरारा विद्यालय में हुआ वाकया ः राजसमंद जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर फरारा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में गुरुवार दिन में योग वेदांत समिति के चार-पांच कार्यकर्ता आए और उन्होंने षिक्षकों एवं संस्था प्रधान की मौजूदगी में युवाधन सुरक्षा नामक पुस्तके तीन-तीन रुपए में बेच दी। बेचने के बाद भी कार्यकर्ता इस पुस्तक की काफी प्रतियां विद्यालय में ही रख कर चले गए। किताबे खरीदने के दौरान विद्यार्थियों एवं षिक्षकों ने यही महसूस किया कि इसमें संत आसाराम के प्रवचन है लेकिन कुछ ही देर बाद जब उन्होंने विस्तृत अध्ययन “ाुरू किया तो उन्हें लगा कि बाजार में बिकने वाले अष्लील साहित्य और इसमें ज्यादा फर्क नहीं है।
यह है इस किताब में ः युवा धन सुरक्षा पुस्तक के पृष्ठ संख्या दो पर वीर्यवान बनो नामक दोहे है। उसके बाद पृष्ठ 46 तक अध्यायवार यौवन सुरक्षा, वीर्यरक्षा के उपाय, वीर्य रक्षण की महत्ता, हमारे अनुभव, ब्रह्मचर्य ही जीवन है आदि का समावेष है।
विद्यालयों में ऐसी पुस्तकों की बिक्री नहीं हो ः जागरूक षिक्षक एवं अभिभावकों के अनुसार पुस्तक के मुख पृष्ठ पर महापुरूशों एवं भगवान का चित्र छापकर अंदर अष्लील बातों का समावेष कर बेचना गलत है। कम से कम विद्यालयों में ऐसी पुस्तकों की बिक्री नहीं होनी चाहिए। कानून की नजर में ः अधिवक्ता नीलेष पालीवाल ने उक्त पुस्तक का अवलोकन कर बताया कि पुस्तक प्रथम दृष्टया अष्लीलता की श्रेणी में है और भारतीय दण्ड संहिता की धारा 292 के तहत आपराधिक कृत्य है। पालीवाल के अनुसार विद्यालयी पाठ्यक्रमों में यौन षिक्षा लागू की जाए या नहीं यह मुद्दा विचाराधीन है। इसके बावजूद धर्म की आड में इस प्रकार की पुस्तकें विद्यालयों में वितरित करना नैतिकता नहीं है।
Friday, February 6, 2009
मंदी का असर वाल स्ट्रट के पत्रकारों पर भी
खाने दे बच्चों को कचरा तभी वह रोग प्रतिरोधक क्षमता से बढा पाएंगे
छोटे बच्चों की आदत होती है कि वे जमीन पर घोडा बनकर चलते समय अपने मार्ग में मिलने वाली किसी भी चीज को उठाकर मूँह में डाल लेते हैं. हम इंसानों के अंदर यह एक नैसर्गिक गुण होता है कि हम खाना खाना पहले से सीखे हुए होते हैं, और बच्चे हर चीज कोचखना चाहते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि हर चीज को चखना, अपने आसपास के वातावरण को समझने की प्रक्रिया का ही एक हिस्साहै. विशेषज्ञों का मानना है कि जब बच्चे कोई गंदी चीजमुँह मे डाल लेतेहैं तो कई प्रकार के बैक्टेरिया और किटाणुं उनके शरीर में जाते हैं और शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता कोकिटाणुओं की प्रोफाइल समझने का मौका मिलता है. किटाणुओं की यह प्रोफाइल आगे चलकर अन्य कई बिमारियों जैसे कि अस्थमा, एलर्जी, मधुमेह आदिसे लडने में शरीर की मदद करती है. जो बच्चे एकदम स्वच्छ वातावरण में रहते हैं और खुलीजमीन पर कभी खेलते नहीं हैं, उनमें इस प्रकार की एलर्जिक रोग होने की सम्भावना बढ जाती है. हालाँकि यह भी सच है कि हमें बच्चों को हमेशा स्वच्छ और अहानिकारक वातावरण मे ही रखना चाहिए परंतु यदि वे कभी कभार जमीन पर पडी कोई चीज उठाकर मुँह में डाल भी लें तो चिंता ना करें, इससे उनकी रोगप्रतिरोधक क्षमता विकसित ही होगी.
नीलामी की बोली लगती रही और बिक गए ख्यातनाम क्रिकेटर
तक सबसे बड़ी बोली इंग्लैंड के स्टार क्रिकेटर ऐंड्रू फ्लिंटॉफ और पूर्व कप्तान केविन पीटरसन पर लगी है। फ्लिंटॉफ को चेन्नै सुपरकिंग्स ने करीब साढ़े 15 लाख अमेरिकी डॉलर (7।55 करोड़ रुपये) में खरीदा है। वहीं , पीटरसन को बैंगलोर रॉयल चैलेंजर्स ने इतने ही पैसे खर्च कर खरीदा है। इस तरह , आईपीएल सीज़न वन में सबसे ज़्यादा पैसा पाने वाले धोनी करीब (छह करोड़) को सीज़न टू में पीटरसन और फ्लिंटॉफ ने पिछाड़ दिया है। साउथ अफ्रीका के उभरते क्रिकेट सितारे जे।पी। डूमिनी को मुंबई इंडियंस ने साढ़े नौ लाख अमेरिकी डॉलर (4।66 करोड़ रुपये) में खरीद लिया है। इसके साथ ही पीटरसन को बैंगलोर रॉयल चैलिंजर्स की कप्तानी की जिम्मेदारी दी गई है। राहुल द्रविड़ से कप्तानी छीन ली गई है। ऑस्ट्रेलिया के तूफानी बोलर शॉन टेट को राजस्थान रॉयल्स ने साढ़े तीन लाख अमेरिकी डॉलर (1।70 करोड़ रुपये) में खरीदा है। दूसरी तरफ , दिल्ली डेअरडेविल्स ने इंग्लैंड के ओवैस शाह को 2।76 लाख डॉलर (1।53 करोड़ रु।) में खरीद लिया है। वहीं , इसी टीम ने इंग्लैंड के पॉल कॉलिंगवुड को 1।34 करोड़ रुपये में खरीदा है। डेकन चार्जर्स ने वेस्टइंडीज के फिदेल एडवर्ड्स को 1।50 लाख डॉलर (74 लाख रु।) में खरीदा है जबकि राजस्थान रॉयल्स ने साउथ अफ्रीका के उभरते हुए सितारे टाइरन हेंडरसन को साढ़े छह लाख डॉलर(3।19 करोड़ रुपये) में खरीदा है। श्रीलंका के थिलन तुषारा पर चेन्नै सुपरकिंग्स ने 1।40 लाख डॉलर (68 लाख रुपये) खर्च करने का फैसला किया है। नेस वाडिया और प्रीति जिंटा की अगुवाई वाले किंग्स इलेवन पंजाब ने भी आखिरकार पैसे की थैली का मुंह खोल दिया है। किंग्स इलेवन पंजाब ने इंग्लैंड के रवि बोपारा को 4।50 लाख डॉलर (2।20 करोड़ रुपये) में खरीदा है। बैंगलोर रॉयल चैलिंजर्स ने न्यूजीलैंड के काइली मिल्स को 1।60 लाख डॉलर में खरीदा है। बांग्लादेश के मशरफे मुर्तजा को कोलकाता नाइटराइडर्स ने 6 लाख डॉलर (2।92 करोड़ रुपये) में खरीदा है। आईपीएल के पहले साल में पॉइंट टेबल में सबसे नीचे रही रॉयल चैलिंजर्स की टीम ने अपनी कुल रकम 19।5 लाख डॉलर में से अधिकांश पीटरसन पर खर्च किया , जिनकी बेसप्राइज 13।5 लाख डॉलर थी। इंग्लैंड के ही पूर्व कप्तान फ्लिंटॉफ अब धोनी की कप्तानी वाली चेन्नै सुपर किंग्स के सदस्य होंगे।आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी ने कहा कि नीलाम हुए सभी खिलाड़ियों के साथ दो साल का अनुबंध किया जाएगा। बैंगलोर रॉयल चैलिंजर्स के मालिक विजय माल्या ने कहा कि वह पीटरसन को अपनी टीम में ही चाहते थे। उन्होंने कहा कि पीटरसन बेहतरीन खिलाड़ी हैं। हमने नीलामी से पहले खिलाड़ियों की सूची बनाई थी , जिसमें वह शीर्ष पर थे। हमें अपनी बल्लेबाजी मजबूत करनी है और मैं उसके लिए इससे ज्यादा पैसा लगाने को भी तैयार था। ऑस्ट्रेलिया के ओपनर फिल जैक और दक्षिण अफ्रीका के एश्वेल प्रिंस को किसी ने नहीं खरीदा। ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज स्टुअर्ट क्लार्क भी पहले दौर में किसी फ्रेंचाइज़ी को नहीं लुभा सके। ऑस्ट्रेलिया के ल्यूक राइट को किसी ने नहीं खरीदा। न्यूजीलैंड के हरफनमौला जेस्सी राइडर को बैंगलोर रॉयल चैलिंजर्स ने 78 लाख रुपये में खरीदा। दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज आंद्रे नेल को कोई खरीदार नहीं मिला। श्रीलंका के तेज गेंदबाज नुवान कुलशेखरा के लिए भी किसी टीम ने बोली नहीं लगाई। इंडियन प्रीमियर लीग की आठ फ्रेंचाइजी के पास 13।59 मिलियन डॉलर के बजट में 50 खिलाड़ियों में से 17 को खरीदने का अधिकार था। नीलामी में ऑस्ट्रेलिया के 18, इंग्लैंड के सात , श्रीलंका के पांच , न्यूजीलैंड के तीन , दक्षिण अफ्रीका के सात , वेस्टइंडीज के छह और बांग्लादेश के चार खिलाड़ियों की बोली लगनी थी।
अब्दुल क़दीर ख़ान की नज़रबंदी हटाने के आदेश
उन पर परमाणु तकनीकों और उपकरणों की तस्करी के आरोप लगे थे। हाई कोर्ट ने शुक्रवार को दिए गए फ़ैसले में कहा है कि क़दीर ख़ान अब अपने घर से निकल सकते हैं और मेहमानों से मिल सकते हैं। हालाँकि कहीं आने-जाने से पहले उन्हें सरकारी अधिकारियों को सूचित करना होगा। सरकार का कहना है कि ऐसी व्यवस्था क़दीर ख़ान की सुरक्षा को देखते हुए की गई है। क़दीर ख़ान के पक्ष में फ़ैसला आते ही पत्रकारों को उनसे मिलने की अनुमति मिली। उनका कहना था, "मैं आज़ाद हूँ। पहले पत्रकार मुझसे इस तरह नहीं मिल सकते थे।" उन्होंने स्पष्ट किया कि देश छोड़ कर जाने का उनका कोई इरादा नहीं है। क़दीर ख़ान का कहना था, "मैं अपने देश में ही रहूँगा। अगर सरकार मुझसे किसी मामले पर सलाह लेना चाहती है तो मैं तैयार हूँ।" परमाणु तस्करी में संलिप्त रहने के कुछ देशों के आरोपों के बारे में क़दीर ख़ान ने कहा, "मैं उनके प्रति जवाबदेह नहीं हूँ। मैं सिर्फ़ अपनी सरकार के प्रति जवाबदेह हूँ।" ये पूछे जाने पर कि क्या सरकार से उनकी कोई शिकायत है, तो उनका कहना था, "नहीं, कोई नहीं। ज़रदारी भी आठ साल जेल में रहे और नवाज़ शरीफ़ को भी देश निकाला दिया गया लेकिन उनके ख़िलाफ़ कोई मामला साबित नहीं हुआ। ये होता रहता है।"
वेलेंटनाई डे पर प्यार का इजहार करने वाले जोडे को शादी के बंधन में बांधेगा श्रीराम सेना
Wednesday, February 4, 2009
ब्ल्यू जीन' से बीस गुना तेज सुपरकंप्यूटर
फेअरनस क्रीम बनाने वाली कंपनियों करे दावा साबित
भारत-पाक समग्र वार्ता जारी रखे : बान की मून
स्वास्थ्य के लिए घातक ट्रांस फ़ैट
ट्रांस फ़ैट दिल के स्वास्थ्य के लिए घातक माना जाता है क्योंकि ये लाभदायक कॉलेस्टेरॉल की मात्रा घटा देता है। ये अध्ययन एक ग़ैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरनमेंट (सीएसई) ने किया है। सीएसई ने बाज़ार में उपलब्ध तेल, वनस्पति घी, मक्खन और घी बनाने वाली तीस कंपनियों के उत्पादों की जाँच के बाद पाया कि इन सभी उत्पादों में ट्रांस फ़ैट की मात्रा ज़रूरत से कई गुना अधिक है। ट्रांस फ़ैट एक असंतृप्त वसा है जो खाद्य तेल की जीवन अवधि बढ़ाने में सहायक होता है। सीएसई की प्रमुख सुनीता नारायण का कहना है, "ट्रांस फ़ैट स्वास्थ्य के लिए घातक होता है, ख़ासकर दिल के लिए, क्योंकि ये लाभदायक कॉलेस्टेरॉल की मात्रा को कम कर देता है। इससे कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियाँ होने का ख़तरा बढ़ जाता है।" सुनीता का कहना है कि ट्रांस फ़ैट महिलाओं में बांझपन का ख़तरा बढ़ा देता है। सीएसई की जाँच में सभी ब्रांड के वनस्पति घी में ट्रांस फ़ैट की मात्रा डेनमार्क में स्थापित मानक के मुकाबले में पाँच से 12 गुना अधिक पाई गई। सुनीता का कहना है, "अध्ययन के अनुसार अगर डेनमार्क के मानक से तुलना की जाए तो भारत में किसी भी खाद्य तेल के स्वास्थ्य के लिए सही होने के बारे दावा नहीं किया जा सकता है।" उनका कहना है कि दुनिया के कई देश खाद्य तेल में ट्रांस फ़ैट के इस्तेमाल की निगरानी करते हैं और भारत में भी खाद्य पदार्थों की निगरानी करने वाली संस्था ने ट्रांस फ़ैट को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया है। सुनीता के अनुसार वर्ष 2004 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्रांस फ़ैट के मानक को तय करने पर विचार करना शुरु किया और वर्ष 2008 में सेंटर कमेटी फ़ॉर फूड को इस सिलसिले में एक प्रस्ताव भी भेजा था लेकिन इस पर फ़ैसला लिया जाना अभी भी बाक़ी है। अध्ययन के अनुसार ट्रांस फ़ैट की मात्रा सबसे अधिक वनस्पति घी और फिर वनस्पति तेल में है जबकि इसकी सबसे कम मात्रा घी और मक्खन में पाई जाती है।
श्रीलंका की सेना और तमिल विद्रोहियों के संघर्ष में पहली बार आम नागरिक मारे गए
Monday, February 2, 2009
खुलेआम अपने प्यार का इजहार कानून की नज़र में ग़लत नहीं !
पाकिस्तान की महिलाएं कम कुख्यात नहीं है
अब तक आतंकवादियों की शरण स्थली और जन्मभूमि बन गई पाकिस्तान के केवल पुरूष ही नहीं यहां की महिलाएं भी इतनी खतरनाक है कि वह आम व्यक्ति का रेप कर सकती है। कराची पुलिस ने एक युवक को किडनैप करने और उसके साथ बलात्कार करने के आरोप में तीन अज्ञात महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन महिलाओं पर आरोप है कि इन्होंने एक युवक को अगवा करके चार दिनों तक उसके साथ रेप किया और बाद में उसे कयामाबाद नदी के पास फेंक दिया। पीड़ित युवक की पहचान खलील के रूप में हुई है। 23 वर्षीय खलील एक रेस्तरां में वेटर के रूप में काम करता है। डेली टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित ने बताया कि 27 जनवरी की रात को एक अज्ञात व्यक्ति ने रेस्तरां में आकर बाहर कार में बैठीं महिलाओं को खाना देकर आने का ऑर्डर दिया। ऑर्डर देने के बाद वह व्यक्ति कार की तरफ चला गया। खाना देने के लिए जैसे ही खलील कार की तरफ गया, कार में बैठीं महिलाएं ने कहा कि वह इस इलाके में नई हैं और उन्हें इलाके की जानकारी नहीं है।
महिलाओं ने खलील से कहा कि वह उनके घर रोज खाना पहुंचा दिया करे और उनके साथ चलकर उनका घर देख ले। लेकिन जैसी ही खलील उनके घर पहुंचा महिलाओं ने उसे दूध दिया, जिसमें कोई नशीला पदार्थ मिला हुआ था। उसके बाद वह बेहोश हो गया। जैसे ही खलील को होश आया उसने देखा कि एक महिला उसके साथ गलत व्यवहार कर रही है। पुलिस अधिकारी असद रज़ा ने बताया- महिलाओं ने चार दिन तक खलील के साथ दुराचार किया और उसके बाद उसे कयामाबाद नदी के पास फेंक दिया। खलील की हालत काफी खराब है। उसके गुप्तांग से खून निकल रहा है औक वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा है। रज़ा ने कहा- महिलाएं कराची के पॉश इलाके क्लिफटन की हैं और अमीर परिवारों से ताल्लुक रखती हैं। रज़ा ने कहा- यह केस काफी जटिल है, लेकिन हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही इस मामले को सुलझा लेंगे। NBT
उसके तो अपनो ने खून कर दिया रिश्तो का
ओबामा के इस्तीफे के ईमेल में छिपा है ट्रोजन वायरस
अगर आपको अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के इस्तीफे के बारे में कोई ई-मेल मिलता है तो सावधान हो जाइए। यह ईमेल संदेश आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने वाला ट्रोजन वायरस हो सकता है। समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार ऐंटी वायरस बनाने वाली प्रयोगशाला सोफोज ने बताया है कि ओबामा के अचानक इस्तीफे संबंधी इन संदेशों का एकमात्र उद्देश्य उपभोक्ता के कंप्यूटर में वायरस डालना होता है और ऐसे संदेशों को किसी भी सूरत में नहीं खोलना चाहिए। अगर आप इस लिंक को खोलते हैं तो यह आपको एक ऐसी वेबसाइट पर ले जाता है जो बिल्कुल ओबामा की आधिकारिक साइट की तरह दिखती है। इसके साथ ही ट्रोजन नामक वायरस आपके कंप्यूटर में प्रवेश कर जाता है। सोफोस के मुताबिक यह पहला मौका नहीं है जब साइबर जगत के अपराधियों ने ओबामा की लोकप्रियता का लाभ उठाने की कोशिश की है। इससे पहले नवंबर 2008 में राष्ट्रपति पद के चुनावों के तत्काल बाद भी ऐसा एक वीडियो जारी करने की कोशिश की गई थी।