Saturday, February 28, 2009

बीजेपी में मुसलमान मंजूर नहीं

न शाहनवाज हुसैन चलेंगे, न मुख्तार अब्बास नकवी। वीएचपी को बीजेपी में मुसलमान मंजूर नहीं है। वीएचपी नेता गिरिराज किशोर ने साफ तौर पर कहा, हम इन लोगों का बिल्कुल समर्थन नहीं करेंगे।वैसे शाहनवाज हुसैन पहले भी यह विरोध झेल चुके हैं। 2005 में भागलपुर उपचुनाव में मंदिर की सीढ़ियां चढ़ गए, तो पुजारी ने मंदिर धुलवाया। वीएचपी ने उनके खिलाफ उम्मीदवार भी खड़ा किया। हालांकि बीजेपी कहती है कि वीएचपी उसके साथ ही रहेगी।बीजेपी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह कहते हैं, हमारे सारे उम्मीदवार हमारी विचारधारा को मानते हैं, जो संघ की विचारधारा है। शायद बीजेपी का यह हौसला गुजरात चुनाव से मिला हो, जहां वीएचपी के विरोध के बावजूद नरेंद्र मोदी जीते, लेकिन मुख्तार, मोदी नहीं हैं और उनका मुकाबला रामपुर में जयाप्रदा से हैं। ऐसे में यह ऐलान उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है।

मां के किस ने ली बच्ची की जान

उस मां के लिए इससे ज्यादा दर्दनाक बात और क्या होगी कि उसकी 11 दिन की बच्ची की मौत उसके किस की
वजह से मौत हो गई। माना जा रहा है कि मां के किस के जरिए या दूध पिलाने के दौरान बच्ची वाइरस की चपेट में आ गई और उसकी मौत हो गई। रुथ की बेटी जेनिफर की मौत पिछले साल हर्पस सिंपलेक्स वाइरस की वजह से हुई। जांच के बाद अब डॉक्टर इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि यह वाइरस उसे उसकी मां के जरिए मिला होगा। माना जा रहा है कि रुथ इस वाइरस की चपेट में जिंदगी में पहली बार अपनी प्रेग्नंसी के आखिरी दिनों में आई होंगी, इसीलिए वह और उनकी बेटी इसके खिलाफ इम्यूनिटी पैदा नहीं कर पाईं। वाइरस ने बच्ची के मुख्य अंगों पर अटैक किया और कुछ ही दिन में उसकी मौत हो गई। बच्ची को जन्म देने से कुछ ही दिन पहले रुथ में फ्लू जैसे सिमटम्स नजर आए थे। इसके लिए उन्हें मुंह के छालों की दवा दी गई। उसके बाद उनकी बेटी भी बीमार हो गईं। वह न दूध पी रही थी और सिर्फ सोई हुई थी। इस पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। माना जाता है कि ब्रिटेन में इस वाइरस से हर साल 6 बच्चों की मौत होती है। इसलिए अब रुथ इस वाइरस के खिलाफ लोगों को जागरुक करने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जेनिफर की मौत ने उन्हें गहरा सदमा पहुंचाया है। उसकी मौत को एक साल से ज्यादा हो चुका है, लेकिन अब तक मेरा दर्द कम नहीं हुआ है।

बांग्लादेश की बगावत का पाक कनेक्शन

बांग्लादेश की खूनी बगावत के तार पाकिस्तान से जुड़े होने के सबूत मिलने लगे हैं। कुछ बागियों
ने पूछताछ में सलाउद्दीन कादिर चौधरी का नाम लिया है। शिपिंग व्यवसायी चौधरी विपक्षी खालिदा ज़िया की पार्टी बीएनपी और पाकिस्तानी मिलिटरी इंटेलिजंस के काफी करीब माने जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक बागियों को एक करोड़ टाका की आर्थिक मदद भी दी गई। चौधरी बीएनपी की मुखिया बेगम खालिदा ज़िया के काफी करीबी हैं और वर्ष 2004 के चर्चित चिटगांव हथियार कांड से जुड़े हुए हैं। उस समय हथियार से भरे शिप बरामद किए गए थे। माना जाता है कि ये हथियार चरमपंथी संगठन अल्फा के लिए ले जाया जा रहा था। दरअसल, बताया जा रहा है कि बगावत की मूल वजह प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा 'युद्ध अपराधियों' के लिए ट्राइब्यूनल की स्थापना करने की घोषणा है। गौरतलब है कि बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना और उसके समर्थकों ने लोगों पर काफी अत्याचार किए थे। ट्राइब्यूनल के जरिए हसीना इन 'युद्ध अपराधियों' को कानून के कठघरे में लाना चाहती हैं। इसको लेकर पाकिस्तान और बांग्लादेश में काफी लोग असहज हैं। पाकिस्तान के प्रेजिडेंट आसिफ अली ज़रदारी ने शेख हसीना के पास संदेश भी भेजा था कि वह ऐसा कदम न उठाएं, क्योंकि इससे पाकिस्तानी सेना की काफी किरकरी हो सकती है। उन्हीं पाकिस्तान परस्त ताकतों की है जो इस्लाम मजहब के कट्टरपंथ में आस्था रखती हैं। इन सब में आगे है जमात-ए-इस्लामी जिसने स्वतंत्रता संग्राम का विरोध किया और पूर्वी पाकिस्तान की फौजी हुकूमत को ऐसे सैकड़ों कट्टरपंथी जवान दिए जिन्होंने बांग्लादेशी बुद्धिजीवियों, कवियों, लेखकों, शिक्षकों और कलाकारों को चुन-चुनकर मारा। सूत्र यह भी बताते हैं कि बांग्लादेश राइफल्स के बागियों के निशाने पर सेनाध्यक्ष मोईन अहमद और शेख हसीना थीं। सूत्रों का यह भी कहना है कि जिस तरह से कई सामूहिक कब्रें मिली हैं, वह इस बात का प्रमाण है कि बांग्लादेश राइफल्स में निचले और मध्य दर्जे के अधिकारियों पर कट्टर इस्लामी विचारधारा पूरी तरह से हावी हो चुकी है। बांग्लादेश राइफल्स पर जमात-ए-इस्लामी और जमात-उल-मुजाहिदीन जैसे कट्टरपंथी संगठनों का काफी प्रभाव है।

Tuesday, February 24, 2009

पाक ने मांगी कसब की वॉइस रेकॉर्डिंग

पाकिस्तान ने भारत से उस वॉइस रेकॉर्डिंग की मांग की है जिसमें मुंबई हमलों में पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल आमिर कसब को पाकिस्तान के आकाओं से बात करते हुए सुना गया था। भारत के डोजियर के जवाब में पाकिस्तान ने 12 फरवरी को अपना जवाब भारत को दिया था जिसमें उसने मुंबई हमले में पाकिस्तान कनेक्शन की बात स्वीकार की थी। भारत को दिए जवाब में पाकिस्तान ने 30 सवाल उठाए थे और उनका जवाब मांगा था। इन्हीं सवालों में से एक था जिसमें पाक ने आतंकवादी अबू हमजा और काफा की कसब से बातचीत की रेकॉर्डिंग की देने को कहा था। पाक ने मांग की थी कि उसे आतंकियों की सैटेलाइट फोन/मोबाइल फोन पर हुई बात की वास्तविक फॉरेंसिंक रिपोर्ट्स दी जाए और दूसरे सबूत भी मुहैया कराए जाएं जिनसे पता चले कि आतंकवादियों के बीच संबंध थे। पाकिस्तान ने मुंबई पर हमले के (26 नवंबर से 28 नवंबर 2008)के दौरान आतंकवादियों और उनके आकाओं के बीच हुई बातचीत का पूरा ब्यौरा मांगा है। पाकिस्तान चाहता है कि उसे पूरा विवरण दिया जाए कि आतंकवादियों ने किन-किन नंबरों से बात की, किन-किन नंबरों पर कॉल किए औऱ उन फोन्स के रेकॉर्ड में कौन-कौन से नंबर हैं। साथ ही उसने यह भी कहा है कि अगर कसब ने पूछताछ के दौरान इस बात की जानकारी दी हो कि हमले से पहले उसके पास कौन सा नंबर था, तो उसकी जानकारी भी उसे (पाक)को दी जाए। इन मांगों में हमले में शामिल सभी 10 आतंकवादियों के फिंगरप्रिंट, डीएनए प्रोफाइल्स भी शामिल है ताकि उपलब्ध डाटा से उसकी तुलना की जा सके। हमले में मारे गए आतंकवादियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पाक को सौंपी जाए। पाक ने भारतीय अधिकारियों से यह भी कहा है कि कसब को ज़ाकिर-उर-रहमान लखवी की जिस तस्वीर को दिखाकर उसे पहचाने के लिए कहा गया था, वह उसे दी जाए। गौरतलब है कि पूछताछ में कसब ने लखवी को मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड बताया है। पाकिस्तान ने अपने जवाब में डोजियर भारत द्वारा दिए गए कुछ तथ्यों पर शंका जताते हुए उनकी प्रमाणिकता पर सवाल उठाया है। पाकिस्तान ने जीपी डाटा के विवरण की मांग करते हुए कहा कि उसे पहले जो डाटा उपलब्ध करवाया गया है, वह स्पष्ट नहीं है। कई जानकारियां संदिग्ध हैं। पाकिस्तान ने अपने दस्तावेज में कहा है कि जीपीएस का जो डाटा उसे दिया गया है, उसमें से कई में तारीख की मुहर नहीं लगी है, जिससे उसे प्रमाणिकता पर संदेह होता है। मुंबई पर हमला करने वाले आतंकवादियों को सिमकार्ड उपलब्ध करवाने के आरोप में जिन दो भारतीय नागरिकों गिरफ्तार किया गया है, उनसे की गई पूछताछ की जानकारी भी पाकिस्तान ने मांगी है। वहीं दूसरी ओर, मुंबई क्राइम ब्रांच ने मुंबई हमले की चार्जशीट तैयार कर ली है और मंगलवार को इसे कोर्ट में दाखिल कर सकती है। चार्जशीट में कसब के अलावा लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल में काम करने वाले सबाउद्दीन अहमद और फहीम अंसारी को मुख्य आरोपी बनाया गया है। इन तीनों पर भारत के खिलाफ युद्ध लड़ने, आतंकी हमले की साजिश रचने, हत्या, अपहरण, और कई अन्य़ धाराएं लगाई गई हैं। इन आरोपियों के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने 80 से ज्यादा चश्मदीद और गवाह भी तैयार कर लिए हैं। करीब ढाई हजार पन्नों की इस चार्जशीट में तीनों आरोपियों पर डेढ़ दर्जन से ज्यादा आपराधिक धाराएं लगाई गई हैं। चार्जशीट उर्दू, अंग्रेजी और मराठी भाषा में बनाई गई है। 26 नवंबर 2008 को अजमल कसब ने अपने 9 पाकिस्तानी साथियों के साथ मिलकर मुंबई के अलग-अलग ठिकानों पर आतंकी हमला किया था, जिसमें 167 बेगुनाह मारे गए थे जबकि 300 से भी ज्यादा जख्मी हुए थे।

एक कॉलिज ऐसा, जो अपनी छात्राओं के लिए दूल्हा भी खोजेगा

लौहनगरी जमशेदपुर के एक मशहूर कॉलिज ने अपनी छात्राओं के लिए खुद दूल्हे ढूंढ़ने की ठानी है लेकिन जीवनसाथी उन्हीं लड़कियों के लिए ढूंढ़े जाएंगे जो ग्रैजुएशन कर चुकी होंगी। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) से पिछले साल स्वायत्त संस्थान का दर्जा पाने वाला जमशेदपुर विमिंज कॉलिज जीवनसाथी ढूंढ़ने में छात्राओं की मदद के लिए स्वयंवर नाम से एक केंद्र खोलने की प्रक्रिया में है। स्वयंवर की योजना कॉलिज प्रिंसिपल शुक्ला मोहंती के दिमाग की उपज है और इसे अंजाम देने में समाजशास्त्र विभाग के उनके सहकर्मी भी जी जान से लगे हैं। मोहंती ने कहा कि यह केंद्र कोई मैरिज बयूरो नहीं होगा, बल्कि यह बिना दहेज के शादी करने में लड़कियों की मदद करेगा। उन्होंने कहा हम छात्राओं को शिक्षा देने की जिम्मेदारी ले रहे हैं तो हमें उनके लिए योग्य वर ढूंढ़ने से क्यों पीछे हटना चाहिए? मोहंती ने कहा कि ग्रैजुएशन पूरा करने की शर्त माता-पिता को अपनी बेटियों को शिक्षित करने की प्रेरणा देने का काम करेगी।
यह पूछे जाने पर कि यह विचार उनके मन में कैसे आया मोहंती ने एक उदाहरण बताया जो दो साल पहले घटित हुआ था। उन्होंने कहा कि उस घटना में ब्राहमण परिवार से संबंध रखने वाले एक पुलिस कांस्टेबल ने उनसे अपने लिए एक योग्य वधू ढूंढ़ने में मदद करने के लिए संपर्क किया। मोहंती ने कहा कि उन्होंने इस दिशा में कोशिश शुरू की तो उन्हें कॉलिज हॉस्टल में रहने वाली एक लड़की के बारे में पता चला। उन्होंने अपने सहकर्मियों के साथ लड़की का डिटेल्स इकट्ठा करना शुरू किया और उसके माता-पिता से संपर्क किया। जाति, कुंडली और अन्य विवरणों के मिलान के बाद अंतत: दोनों की शादी हो गई। इससे पेरित होकर उनके मन में शुरू करने का विचार आया। मोहंती ने दावा किया कि उनका कॉलेज इस मामले में देशभर में अपनी तरह का पहला होगा। उन्होंने कहा कि इस केंद्र को चलाने के लिए लिए समाजशास्त्र विभाग के प्रमुख के नेतृत्व में एक सात सदस्यीय कमिटि बनाई गई है। मोहंती ने कहा, 'इसकी शुरुआत जून-जुलाई से करने की योजना है, क्योंकि मान्यता मिलने का इंतजार कर रहे हैं, जो मार्च के अंत तक मिलने की संभावना है।

नवजातों पर कुदरत भी रूठी हुई

सूरत। पहले ही कुदरत की नाइंसाफी ऊपर से जन्मदाताओं का तिरस्कार आपस में जुडें नवजातों पर भारी पड रहा है। चिकित्सक भले ही सलाह देते हों कि जन्म के बाद का पहला स्तनपान बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है लेकिन इन जुडवा बदनसीबों को न तो मां का दूध नसीब हुआ है ना ही पिता का प्यार भरा स्पर्श। चिकित्सकों के लिए परीक्षण और अनुसंधान का माध्यम बन चुके इन बच्चों को मां-बाप दोनों ने अपनाने से इनकार कर दिया है। अब ना तो अपनों का साथ है ना ही किस्मत पर भरोसा...उस पर कुदरत भी रूठी हुई है। अब तो ये किस्मत पर निर्भर हो गए हैं। बच्चों की दुनिया मां के आंचल से शुरू होकर पिता के मजबूत कंधों के भरोसे पर निर्भर होती है लेकिन आपस में जुडे इन बच्चों को शायद यह सुख नसीब नहीं है। माता-पिता भी कुदरत के इस मजाक का दर्द झेल रहे हैं। रसिला और प्रवीण की तमन्ना थी कि बडी बेटी के जन्म के बाद इस बार उनके घर बेटा पैदा हो। परंतु किसे पता था कि उनकी यह आस इस तरह पूरी होगी। दोनों ही इन बच्चों को साथ नहीं ले जाने का मानस बना चुके हैं। दोनों का कहना है कि जब उन्हें इन बच्चों को देखने में ही डर लगता है फिर सार संभाल कैसे कर सकेंगे। माता रसिला ने तो इन्हें अब-तक देखा भी नहीं है। मां की ममता को लेकर हजारों किस्से और कहानियां प्रचलित हैं लेकिन कोई मां संगदिल भी हो सकती है इसे शायद कोई नहीं माने। न्यू सिविल अस्पताल में एफ तीन वॉर्ड आईसीयू के नजदीक होने के बावजूद इस मां ने एक नजर बच्चों को नहीं देखा है। रसिला कहती है, इन्हें देखना तो दूर मुझे इनके बारे में सुनकर की चक्कर आने लगते हैं। मेरी कोख से जन्में इन बच्चों को देखने से मैं डरती हूं। जानती हूं इन्हें इस वक्त सबसे अधिक मां की जरूरत है लेकिन इन्हें गोदी में लेने की हिम्मत मैं नहीं जुटा पाऊंगी। रसिला का कहना है कि मैं इन्हें कभी नहीं देखूंगी और ना ही फिर मां बनने के बारे में सोचूंगी। ऎसे बच्चों को जन्म देकर मैंने अपने व परिवार के लिए विकट स्थिति पैदा कर दी है। मेरी बेटी तृप्ती ने अपने भाईयों को ना तो देखा है और ना ही उसे इनके बारे में पता लगने दिया जाएगा। काठियावाड के सावरकुंडला तहसील के थोरडी गांव में रहने वाले प्रवीण और रसिला कामरेज में मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालते हैं। प्रवीण का कहना है, नहीं चाहिए हमें ये बच्चे...इन्हें पालना हमारे बस की बात नहीं है। अव्वल तो इनसे डर लगता है और दूसरे इनके इलाज पर खर्च उनकी क्षमता से बाहर है।

Monday, February 23, 2009

एकलिंग माहात्म्य’ पौराणिक ग्रंथ

उदयपुर. मेवाड़ के आराध्य एकलिंगनाथ और कैलाशपुरी को शैव तीर्थ के रूप में प्रतिष्ठा दिलाने के उद्देश्य से स्थल-पुराण की रचना हुई है। ‘एकलिंग माहात्म्य’ संस्कृत ग्रंथ की रचना करीब साढ़े पांच सौ साल पहले महाराणा कुंभा के समय में की गई। महाराणा शंभूसिंह (1864 ई.) के समय, कोई 145 वर्ष पूर्व इस ग्रंथ का मेवाड़ी में अनुवाद हुआ।
हाल ही इसकी संपूर्ण पांडुलिपि मिली है। मेवाड़ ही नहीं, राजस्थान में लिखा गया यह एक मात्र पौराणिक ग्रंथ है। नारद और वायु संवाद, सूतादि के प्रश्नोत्तर के रूप में लिखे गए इस ग्रंथ में एकलिंगजी और इस क्षेत्र के समस्त तीर्र्थो, पूजन विधि, यात्रा विधि, भूगोल, पहाड़-वनस्पति और मेवाड़ के राजवंश का महत्व वर्णित है। कुल 32 अध्यायों वाले इस ग्रंथ में श्लोक 3500 है अनूदित ग्रंथ की पृष्ठ संख्या 206 है। इसके अनुवाद का श्रेय प्रतिलिपिकार कोटेश्वर दशोरा को जाता है।
इसके प्रथम पृष्ठ पर आया है- अथ एकलिंग माहात्म्य लिख्यते। प्रथम ग्रंथ को करता श्रीसूर्यनारायण की स्तुति करे है। तेज का भंडार सूर्यनारायण सबमें श्रेष्ठ विराजमान है। कस्या श्रेष्ठ है जणा का उदय वेती वेला और अस्त वेती वेला देवता रा मुकुट है जणाऊं करे ने वस्या है चरण कमल जणा का। अस्या त्रिनेत्र शिव ने पण हाथ जोड़े सन्मुख अंजलि करे है। सरस्वती री प्रार्थना करे है, ज्ञान ने करवा वात्त ब्रrाजी वणा को अन्त:करण है सो जठ वणी ने जीते असी वाणी जो सरस्वती ज्यो सर्व सुं श्रेष्ठ विराजमान है। कशि है सरस्वती सुं वा केता सगÝी जायगां प्रवर्तमान वे रही है।अंतिम पृष्ठ पर कहा गया है- फेर कस्या है एकलिंगजी, पृथ्वी, जल, अग्नि, पवन, आकाश, ब्रrा, विष्णु, रुद्र, ईश्वर वेईज है। सदाशिव है, अर ई जगत ने उत्पन्न करे है, पालन करे है, जगत ने संहार करे है, अंतरध्यान करे है, अनुग्रह करे हैर्, ई रीत सूं ब्रrा, विष्णु, रुद्र, ईश, सदाशिव, अणा पांच रूप सूं संयुक्त ई कार्य पृथक्-पृथक् करे है। इति श्रीवायुपुराणो मेदपाटीय श्रीएकलिंग माहात्म्ये यात्रा विधि महोत्सव वर्णनं नाम द्वात्रिंशो अध्याय:।। मंगलं लेखकानां च पाठकानां च मंगलम्। मंगलं सर्वदेवानां भूमेभरूपति मंगलम्।। संवत् 1920 का कार्तिक विद 10 शुक्रवासरे लिखितमिदं पुस्तकं ब्राrाण दशोरा कोटेश्वरेण नग्र उदयपुर मध्ये। श्रीएकलिंगजी प्रसन्नोक्तम्।

तिरस्कार से सत्कार मिला पिंकी को

ऑस्कर पुरस्कारों में मुंबई की पृष्ठभूमि पर बनी स्लमडॉग मिलियनेयर की धूम मची हुई है लेकिन साथ ही उस डॉक्यूमेंट्री को भी ऑस्कर मिला है जो सच्ची कहानी पर आधारित है यानी स्माईल पिंकी। उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर की पिंकी के असली जीवन पर बनाई गई स्माईल पिंकी को छोटे विषय पर वृत्तचित्र वर्ग में सर्वश्रेष्ठ ऑस्कर मिला है। इस वृतचित्र को बनाया था अमरीका की मेगान मायलान ने बनाया है।पिंकी भारत के उन कई हज़ार बच्चों में से है जिनके होंठ कटे होने के कारण उन्हें सामाजिक तिरस्कार का सामना करना पड़ा है। पिंकी का एक स्वयंसेवी संगठन ने इलाज करवाया और उसकी जिंदगी बदल गई। स्माईल पिंकी।। पिंकी की इसी कहानी को परदे पर उतारता है। क़रीब 39 मिनट के इस वृतचित्र में दिखाने की कोशिश की गई है कि किस तरह एक छोटी सी समस्या से किसी बच्चे पर क्या असर पड़ता है और ऑपरेशन के बाद ठीक हो जाने पर बच्चे की मनोदशा कितनी बेहतरीन हो जाती है। ऑस्कर अवार्डों की शुरुआत जब सुबह हुई तो पिंकी के गांववाले टेलीविज़न के सामने बैठे हुए थे और उम्मीद लगाए हुए थे कि इसे अवार्ड मिलेगा। शायद उनकी प्रार्थना रंग लाई और मेगान मायलान को इस वृतचित्र के लिए ऑस्कर दिया गया। ऑस्कर समारोहों में शामिल होने के लिए पिंकी भी लास एंजल्स में है लेकिन उसके गांववाले इसी बात से खुश हैं कि कटे होंठों के कारण तिरस्कृत पिंकी की दुनिया अब बदल गई है। कुछ समय पहले बीबीसी से बातचीत में पिंकी का आपरेशन करने वाले डॉक्टर सुबोध कुमार सिंह ने बताया था कि किस तरह कटे होठों के कारण पिंकी को सामाजिक तिरस्कार झेलना पड़ता था। पिंकी के घर के लोग बताते हैं कि होंठ कटा होने के कारण वो बाक़ी बच्चों से अलग दिखती थी और उससे बुरा बर्ताव किया जाता था। पिंकी की सर्जरी डॉक्टर सुबोध कुमार सिंह ने की है। डॉक्टर सिंह स्माइल ट्रेन नाम की अंतरराष्ट्रीय संस्था के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में काम करते हैं।

शिवाजी और अंबेडकर की तस्वीरों के साथ अपमानजनक व्यवहार

शिवाजी महाराज और डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीरों के साथ अपमानजनक व्यवहार से रविवार को गुजरात राज्य के सूरत महानगर केनवागाम क्षेत्र में तनाव हो गया। डींडोली रोड पर नवागाम में ईश्वरपुरा के निकट खाली प्लॉट में किसी शरारती तत्व ने छत्रपति शिवाजी महाराज और अंबेडकर की तस्वीरों के साथ अपमानजनक व्यवहार किया। तस्वीर पर यूपी सरकार लिखा हुआ था तथा एक कपडे में चूडिया बांध कर रखी थी। सुबह जैसे ही लोगों को इसकी जानकारी मिली घटनास्थल पर एकत्र हो गए और जाम लगा दिया। जाम और तनाव की सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहंुची और स्थिति नियंत्रित करने का प्रयास किया। पुलिस ने मौके से दोनों तस्वीरें उठवा ली। तनाव बढता देख कई थाना क्षेत्रों से अतिरिक्त पुलिस जाप्ता बुलाया गया। बस-पुलिस पर पथरावलोगों ने सूरत सिटी बसों में तोड-फोड के अलावा पुलिस पर भी पथराव किया। पुलिस ने बल प्रयोग कर पथराव करने वालों को भगा दिया। इस बीच एक समुदाय के प्रमुख लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर रैली निकालने की कोशिश की। पुलिस ने तनाव बढने की आशंका में रैली नहीं होने दी।

आंचल को तरसता नवजात

रिश्तों के मायाजाल से अनजान एक मासूम जो अभी केवल अपने मां के आंचल को ही पहचान पाया था, वह आंचल भी अब उससे दूर हो गया है। गुजरात राज्य के साबरकांठा जिले के मोडासा में फैली हेपेटाइटिस बी की महामारी ने मासूम से हमेशा के लिए उसकी मां के आंचल की छांव छीन ली। यह दास्तां हैं साबरकांठा जिले के मोडासा शहर के राववास निवासी चार दिवसीय नवजात की। जिसके जन्म लेने के दो दिन बाद ही उसकी मां कोकिला राव (25) की हेपेटाइटिस बी के चलते मौत हो गई।अब यह मासूम भी पीलिया के असर और कमजोरी के चलते जीवनरक्षक उपकरण नियोनेटल वार्ड पर है और जिंदगी के लिए जंग कर रहा है। रावल परिवार का यह पहला ऎसा कुल का "चिराग" है, जिसके होने पर खुशी नहीं मातम हुआ। परिवार बधाई देने नहीं, मातम के लिए इकटा हुआ। यह कहना है इस मासूम के पिता चेतन राव (28) का। उन्होंने कहा कि उसकी मां कोकिला भी अपने लाडले का मुखडा देखने की आस लिए ही इस दुनिया से विदा हो गई। वे भी पत्नी को बचाने की भागदौड में अपने पुत्र का चेहरा नहीं देख पाए हैं। उन्होंने कहा कि 18 फरवरी को कोकिला ने इसे बायड के अस्पताल में जन्म दिया। इसे जन्म देने के चंद मिनट बाद ही इसकी तबीयत बिगड गई। उसे पहले मोडासा और बाद में अहमदाबाद सिविल रेफर किया गया, जहां उपचार के दौरान शुक्रवार 20 फरवरी को उसने दम तोड दिया। डॉक्टरों ने कहा कि उसे हेपेटाइटिस बी रोग था। चेतन ने बताया कि पांच साल में पहली बार ही उसे पीलिया हुआ। वो पंद्रह दिन पूर्व ही मायके बायड गई थी। बच्चे को जन्म देने से पूर्व वह ठीक थी। न जानें कैसे उसे यह बीमारी लग गई। रावलवास में कोकिला की मौत और मासूम के जीवनरक्षक उपकरण पर रखे जाने की बात जो भी सुनता है, सब बच्चे के जीवन के लिए दुआ करते हैं। कोकिलाबेन के तीन वर्षीय पुत्री टीशा भी है। उसे अभी तक यह नहीं बताया गया कि उसकी मां की मौत हो गई है। टीशा अभी अपने नाना नानी के पास बायड में ही है।

Sunday, February 22, 2009

स्लमडॉग मिलिनेयर को ऑस्कर

इस बार ऑस्कर इंडियन हो गया। स्लमडॉग मिलिनेयर ने बेंजामिन बटने को जबरदस्त टक्कर दी। 13 नोमिनेशन के बाद भी बेंजामिन बटन को सिर्फ 3 ऑस्कर मिले, जबकि स्लमडॉग मिलिनेयर को 10 में नोमिनेशन में से 8 अवॉर्ड मिले। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।इससे भी बड़ी उपलब्धि है, रहमान के संगीत और गुलजार के गाने को पुरस्कार मिलना। जय हो की गूंज अब पूरी दुनिया में है। रसूल पकुट्टी को भी बेस्ट साउंड मिक्सिंग कैटेगरी में ऑस्कर मिला है। एक तरह से देखें तो पूरे ऑस्कर में कई हिन्दुस्तानी चेहरे नजर आए।रहमान को बेस्ट म्यूजिक सॉन्ग के लिए अवॉर्ड मिला। रहमान को दूसरा ऑस्कर अवार्ड बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग के लिए दिया गया। यह अवार्ड स्लमडॉग मिलिनेयर के गाने जय हो के लिए दिया गया। इस गाने को गुलजार ने लिखा है। एक और भारतीय रसूल पकुट्टी को बेस्ट साउंड मिक्सिंग के लिए ऑस्कर सम्मान दिया गया। स्लमडॉग मिलिनेयर को बेस्ट फिल्म का भी ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। इस फिल्म के डाइरेक्टर डैनी बॉयल को बेस्ट डाइरेक्टर के अवॉर्ड से नवाजा गया। स्लमडॉग को बेस्ट एडाप्टेड स्क्रीन प्ले का अवॉर्ड भी मिला है, साथ ही इसे सिनेमैटोग्राफी का भी ऑस्कर अवॉर्ड हासिल हुआ है।भारत में बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म स्माइल पिंकी को भी ऑस्कर से नवाजा गया। मिर्जापुर की लड़की पिंकी की जिंदगी की कहानी पर बनी फिल्म 'स्माइल पिंकी' को बेस्ट शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री का अवार्ड मिला।
भारतीय फिल्म जगत के इतिहास में यह पहला मौका है, जब एक साथ उसके कई कलाकारों ने अकादमी अवॉर्ड समारोह में विजेता ट्रॉफी हासिल की। इसके पहले भानू अथैया को फिल्म गांधी के लिए सर्वश्रेष्ठ कास्ट्यूम और प्रख्यात निर्देशक सत्यजीत रे को लाइफटाइम एचीवमेंट के ऑस्कर पुरस्कार मिले थे। NDTV

हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने का मामला

ब्रिटेन के एक चैनल पर कॉमिडी शो के दौरान हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने का मामला सामने आया ह । शो में हिंदू देवी-देवताओं को बैकग्राउंड में दिखाकर अश्लील सीन पेश किया गया। बैकग्राउंड में गणेश जी को एक खंभे पर बैठे दिखाया गया है। इस शो में मशहूर कॉमिडियन रसेल ब्रांड ने काम किया है। हिंदू काउंसिल ने इस पर रोष जताया है। काउंसिल का कहना है कि शो में जो कुछ पेश किया गया,वह अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग है।

यू-ट्यूब पर भी अपलोड नोएडा एमएमएस

एमबीए स्टूडंट के एमएमएस मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस को चुनौती देते हुए इसे यू-ट्यूब पर भी अपलोड कर दिया गया है। यह स्थिति तब है, जब नोएडा और फरीदाबाद की पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। इसके अलावा राष्ट्रीय महिला आयोग की नजर भी इस मामले पर बनी हुई है। अब तक यह एमएमएस कुछ लोगों के मोबाइल फोन तक ही सीमित था, लेकिन यू-ट्यूब पर अपलोड किए जाने से इसका दायरा दुनिया भर तक फैल गया है। विडियो हॉस्टिंग वेबसाइट यू-ट्यूब पर एमबीए स्टूडंट के अश्लील एमएमएस को 4 पार्ट्स में अपलोड किया गया है। इस एमएमएस के दो पार्ट्स शुक्रवार रात करीब 9 बजे, जबकि अन्य दो शुक्रवार दोपहर करीब 1 बजे अपलोड किए गए। मामला काफी चर्चा में होने की वजह से 20 घंटे के भीतर ही करीब 4 हजार यूजर्स ने इन विडियो क्लिप्स को देखा। यह भी बताया जा रहा है कि कुछ अन्य वेबसाइट पर भी एमएमएस को अपलोड कर दिया गया है। यू-ट्यूब के जरिए अब ऑरकुट जैसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट के यूजर्स भी इसे डाउनलोड करने लगे हैं। हालांकि, इस बारे में पुलिस अधिकारी कुछ भी जानकारी होने से इनकार कर रहे हैं। नोएडा के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कंप्लेंट मिलने पर ही इसकी जांच आगे बढ़ाई जाएगी। अगर यू-ट्यूब की बात की जाए, तो जुलाई 2005 में लॉन्च की गई इस वेबसाइट में प्रतिदिन हजारों विडियो क्लिप्स अपलोड की जाती हैं। इन विडियोज को दिनभर में करीब 100 मिलियन लोग देखते हैं। वेबसाइट की ओर से जारी इन आधिकारिक आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अश्लील एमएमएस के विडियो क्लिप को देखने वालों की संख्या कितनी होगी। NBT

शिक्षक ने चौथी कक्षा की बच्ची को आंख मारी

जयपुर सोडाला के राजकीय प्राथमिक विद्यालय कृष्णापुरी रांकड़ी में शनिवार को हुए एक वाकये ने गुरु-शिष्य संबंध को फिर दागदार कर दिया। जहां गणित के अध्यापक ने चौथी कक्षा की छात्रा को आंख मार दी। मामला उस समय उजागर हुआ जब छात्रा ने घर जाकर परिजनों को घटना की जानकारी दी। जिस पर छात्रा के परिजनों ने विद्यालय पहुंच हंगामा मचाया। सूचना पर वरिष्ठ उप जिला शिक्षा अधिकारी केदार शर्मा मौके पर पहुंचे और छात्रा के परिजनों की बात सुनकर मामला शांत कराया। इनका कहना है: 'मामला सामने आया है, मंगलवार को जांच कमेटी गठित की जाएगी। -कुमकुम जोशी, जिला शिक्षा अधिकारी, प्राथमिक शिक्षा

नियम-कानून का रोड़ा बापू की चीजें बचाने

बापू की याद...उनकी इस्तेमाल की हुई कुछ चीजें न्यूयॉर्क में नीलाम हो रही हैं। बापू के परपोते तुषार गांधी अब बापू की इन यादों को भारत लाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सरकार के नियम-कानून इसमें रोड़ा डाल रहे हैं।नेता और प्रशासन दफ्तर में गांधी जी की तस्वीर लगाकर उनके आदर्श तो भूल हो चुका है और अब वे हमारी-आपकी धरोहर यानी बापू की चीजें बचाने के लिए भी कुछ नहीं करने जा रहे हैं।तुषार गांधी ने बताया कि इन चीजों को वापस लेने में कुल 1.15 करोड़ रुपये लगेंगे लेकिन अभी तक वह 1.15 लाख रुपये ही जुटा पाए हैं। शर्म की बात है कि इस रकम की एक पाई भी सरकार ने नहीं दी है, उल्टे सरकार अपनी धरोहर वापस लानेवालों पर भारी-भरकम इम्पोर्ट टैक्स लगाएगी।तुषार गांधी कहते हैं कि ये सारी चीजें निजी इस्तेमाल की नहीं, बल्कि राष्ट्रीय संग्रह की वस्तुएं हैं। इस पर ऐसे नियम लागू करना बेहूदगी है।

Friday, February 20, 2009

5600 करोड़ वर्ष का कैलेंडर

मुफलिसी को उन्होंने नियति मान लिया है। दो बेटियों के हाथ पीले करने की चिंता उन्हें पल-पल परेशान करती है। पचास साल पुराना आशियाना भी उनसे छिन चुका है। किराए के एक छोटे से मकान मे जिंदगी बसर कर रहे हैं। समय काटे नहीं कट रहा था। इसलिए समय बिताने के लिए उन्होंने बहाना ढूंढ ही लिया। 19 वर्षो की कड़ी मेहनत रंग लाई। पांच हजार छह सौ करोड़ वर्ष का कैलेंडर बना कर अब वे अपना नाम गिनीज बुक आफ व‌र्ल्ड रिकार्ड व लिम्का बुक में दर्ज कराना चाहते हैं। उस व्यक्ति का नाम है-रामचंद्र। दैनिक जागरण के बाहरी दिल्ली कार्यालय में आकर उन्होंने उपलब्धि और इरादों की जानकारी दी।
कनखल में किराए के मकान में जिंदगी बसर कर रहे रामचंद्र का जन्म 7 मार्च, 1954 में मुंबई के उल्लास नगर में हुआ था। मायानगरी में कारोबार में घाटा होने पर पिता ज्ञानचंद के साथ हरिद्वार के परमानंद भंडार आश्रम में आकर रहने लगे। हरिद्वार में उन्होंने कई छोटे-मोटे कारोबार किए, लेकिन किस्मत ने यहां भी साथ नहीं दिया। जिंदगी की जंग से हार मान कर वे पिता पर ही आश्रित हो गए। ऐसे में जिंदगी का हर पल उन्हें काटने दौड़ता था। 1986 में उन्होंने समय काटने का बहाने राम नाम लेखन का बहाना ढूंढ लिया। 1990 में राम नाम लेखन से मन हटने लगा। धीरे-धीरे उन्होंने सौ वर्ष का कैलेंडर तैयार किया। कैलेंडर बनाने में रुचि बढ़ी तो उन्होंने दो, चार, आठ और 16 सौ वर्ष का कैलेंडर तैयार किया। फिर 2004 में चार हजार वर्ष का कैलेंडर तैयार किया। इसके बाद परिस्थितियां विपरीत हो गई। उन्होंने इस बार भी हिम्मत नहीं हारी और 2005 में 600 करोड़ वर्ष का कैलेंडर तैयार कर लिया। इसके अलावा उन्होंने पोस्टकार्ड साइज में भी कैलेंडर तैयार किया है। इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए उन्हें किसी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं मिलती है।
रामचंद्र ने बताया कि राम नाम लेखन कर कैलेंडर का नक्शा बनाते हैं। फिर शताब्दी, तारीख व महीना आदि भरते हैं। 12 पेज में एक शताब्दी का कैलेंडर तैयार करने में उन्हें महारत हासिल है। कोई भी व्यक्ति इस कैलेंडर के माध्यम से 1001 वर्ष से लेकर पांच हजार 600 करोड़ वर्ष तक की जानकारी हासिल कर सकता है। इसे तकनीकि रूप से बनाया गया है। YAHOO

डमी सेलफोन को असली बताकर बेचने गिरोह पकड़ा

बाइकर्स के खिलाफ पुलिस कमिश्नर के ऐलान से पहले ही मुजरिमों ने इस का तोड़ खोज निकाला है। स्कूटर पर टाई लगाकर चलने वाला ऐसा गिरोह पकड़ा गया है, जो 100 से ज्यादा डमी सेलफोन, मिक्सी और कैमरों को असली बताकर बेच चुका था। जो लोग इनके जाल में नहीं फंसते थे, उन्हें यह गिरोह लूट लेता था। लोदी कॉलोनी और डिफेंस कॉलोनी थानों में ऐसे कई केस दर्ज हो रहे थे। एसएचओ (लोदी कॉलोनी) राजेंद्र सिंह को जानकारी मिली कि मुस्तफाबाद और करावल नगर में रहने वाले कुछ लड़के ये वारदातें कर रहे हैं। मुखबिर ने खबर दी कि यह गिरोह जोर बाग में किसी बुजुर्ग को लूटने आने वाला है। बी. के. दत्त कॉलोनी में चारबाग के पास इन्हें पकड़ लिया गया। मुलजिमों के नाम हैं- इस्त्राइल, मदीन, शकील और नौशाद। इनके कब्जे से 10 डमी सेलफोन, पिस्तौल, तीन चाकू और दो स्कूटर जब्त किए गए। डीसीपी (साउथ) हरगोबिंदर धालीवाल के मुताबिक, यह गिरोह गफ्फार मार्किट से करीब 300 रुपये में असली जैसे नजर आने वाले नोकिया के एन-95 सीरीज के सेलफोन खरीदता था। इसके बाद सुबह और शाम दो शिफ्टों में ये लड़के वारदात करने निकलते थे। बड़ी कंपनियों के इग्जेक्यटिव नजर आने के लिए टाई लगाई जाती थी। इन्हें मालूम था कि बाइकों के खिलाफ पुलिस सख्त हो रही है। चेकिंग से बचने और शरीफ नजर आने के लिए स्कूटर पर सवारी की जाती थी। स्कूटर का पिक-अप बढ़ाने के लिए स्कूटर के इग्निशन में पेट्रोल सप्लाई बढ़ाई जाती थी। यह गिरोह रेड लाइटों पर आमलोगों को टारगेट बनाता था। इन्हें सीलबंद सामान दिखाकर इन्हें मल्टीनैशनल कंपनियों का प्रोडक्ट बताया जाता था। 100 से ज्यादा लोग इनके शिकार बने। पुलिस को जानकारी मिली है कि ऐसे कई गिरोह दिल्ली और एनसीआर में सक्रिय हैं।

आस्कर अवार्ड में ए. आर. रहमान को मायूसी

लास एंजिलिस आस्कर अवार्ड की घोषणा से पहले ही कुछ वेबसाइटों पर विजेताओं की सूची जारी कर दी गई है। इनकी मानें तो समारोह में ब्रिटिश-भारतीय फिल्म स्लमडाग मिलियनेयर छाई रहेगी। लेकिन, भारतीय संगीतकार ए. आर. रहमान को मायूसी हाथ लगेगी। आस्कर अकादमी पुरस्कारों से जुड़े अधिकारियों ने वेबसाइट पर जारी विजेताओं की सूची को पूरी तरह से धोखा करार दिया है। आस्कर की प्रवक्ता लेस्ली एंगर ने गुरुवार शाम को विजेताओं की सूची को सिरे से खारिज करते हुए उसे जाली बताया। उन्होंने कहा कि प्राइसवाटरहाउस कूपर्स द्वारा अभी भी मतपत्रों की गिनती हो रही है। बहरहाल, वेबसाइटों पर जारी सूची के मुताबिक 'स्लमडाग मिलियनेयर' आस्कर समारोह में छाई रहेगी। सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड सहित इसके निर्देशक डैनी बायल को 'सर्वश्रेष्ठ निर्देशक' का आस्कर पुरस्कार भी मिलेगा। लेकिन, इस सूची के अनुसार भारतीय संगीतकार ए. आर. रहमान को तीन नामांकन मिलने के बावजूद अवार्ड समारोह से खाली हाथ लौटना होगा। वैसे आस्कर पुरस्कारों की घोषणा से पहले ही विजेताओं की सूची जारी होने का यह पहला मामला नहीं है। वर्ष 2000 में भी इसी तरह का मामला सामने आया था। लेकिन, तब भी सूची में विजेताओं के नाम वास्तविक विजेताओं से अलग थे।

यूथ में रिलेशन का ब्रेकअप का नतीजा है अश्लील एमएमएस

फरीदाबाद सेक्टर 17 की स्टूडंट का अश्लील एमएमएस तैयार हो गया। एमएमएस किसी और ने नहीं बल्कि उसके ही साथी ने तैयार किया है। वह भी नोएडा बिजनस स्कूल का स्टूडंट है। दोनों की शादी पर भी परिवारों में सहमति बन चुकी थी। यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह की घटना हुई है, बल्कि पूरे एनसीआर में यह ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। युवाओं के इस रूप को लेकर समाजशास्त्रियों और मनोवैज्ञानिकों के बीच बहस भी छिड़ चुकी है। उनका कहना है कि यह पश्चिमी सभ्यता के साथ युवाओं के टेक्नॉलजी फ्रेंडली होने का निचोड़ है। समाजशास्त्री इसे नैतिक मूल्यों की गिरावट मान रहे हैं, तो मनोचिकित्सक इसे मानसिक विकृति। एनआईटी के मनोचिकित्सक डॉ. अजय भार्गव का कहना है कि यह कोई डिसऑर्डर नहीं बल्कि मानसिक विकृति है। यूथ में रिलेशन जितनी जल्दी बन रहे हैं, उतनी जल्दी उनका ब्रेकअप हो रहा है। ब्रेकअप होने के बाद दोनों बदले की भावना से भरते हैं और उसी का नतीजा है अश्लील एमएमएस। समाज की मानसिकता न बदलने की वजह से यह ऐसा हथियार बन रहा है, जहां लड़कियों के पास करने को कुछ नहीं बचता। ब्लैकमेल, बदला लेने की खातिर और कई बार तो पैसे कमाने की खातिर भी ऐसे एसएमएस तैयार हो रहे हैं। यह टेक्नॉलजी का दुरुपयोग है। युवाओं के पास आधुनिकतम मोबाइल फोन उपलब्ध हैं, जबकि उन्हें इसकी जरूरत तक नहीं है। समाज में खुलापन आ गया है। ऐसे में यूथ की मानसिक स्थिति भी बदल रही है। नेहरू कॉलेज की समाजशास्त्री आलोक दीप का कहना है कि खुलापन भारतीय सभ्यता के लिए कलंक बन गया है। इतिहास गवाह है कि छोटी उम्र में टेक्नॉलजी का अधिक प्रयोग युवाओं को भ्रष्ट ही करता है। टेक्नॉलजी अभिशाप बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं के बीच प्यार नहीं होता बल्कि आकर्षण होता है। उसके टूटने के बाद ही ऐसी मानसिकता सामने आती है। सेक्टर 9 स्थित डिवाइन पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल एस. एस. गोसाई का कहना है कि स्कूल और कॉलेज स्तर लेवल पर स्टूडंट्स को नैतिकता, मानव मूल्यों की बातें बताकर इसे कम किया जा सकता है। वह इसके लिए प्रयास भी कर रहे हैं। काउंसलिंग तो स्कूलों में होनी ही चाहिए, ताकि इस तरह की विकृति छात्रों में आ ही न सके। . अपने पर्सनल फोटो ऑरकुट अथवा अन्य साइटों पर डालने से बचें . ईमेल का पासवर्ड किसी के साथ शेयर न करें . पासवर्ड को समय समय पर बदलते रहें . पेरंट्स को अपने सभी दोस्तों के बारे में अवश्य बताएं . अपने फोटो भी किसी को न दें . यदि कोई ब्लैकमेल कर रहा है तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें NBT

Tuesday, February 17, 2009

शेयर और प्रॉपर्टी में सुधार सोना-चांदी फिर से गिर सकते

रोहिणी में रहने वाली सीमा स्याल मंगलवार को जूलरी खरीदने मार्किट पहुंच उन्हें यह पता था कि सोने की कीमत ऊंची चल रही है। उनका अंदाजा था कि कीमत शायद 13 से 14 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच होगी। लेकिन दुकान में उन्हें यह जानकर झटका लगा कि सोने की कीमत रेकॉर्ड तोड़ चुकी है और यह अब 15 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार है। सीमा इस पसोपेश में थीं कि जूलरी खरीदें या नहीं। उन्हें यह आशंका भी सता रही थी कि कहीं सोने की कीमत 16 हजार को पार न कर जाए। सीमा ने जूलरी तो नहीं खरीदी, लेकिन शादियों के इस मौसम में वर और वधू पक्ष वाले खरीदारी से कैसे परहेज कर सकते हैं। भारत में सोने की खपत प्रतिवर्ष 800 टन से ज्यादा है। उत्पादन लगभग शून्य है, जिससे अधिकांश सोने का आयात करना पड़ता है। मंगलवार को लंदन मेटल एक्सचेंज में सोने का दाम 960 डॉलर प्रति 31.6 ग्राम पर पहुंच गया। जेवर ऐंड जेवर ग्रुप के चेयरमैन घनश्याम दास गुप्ता का कहना है कि आयात महंगा होगा तो चीज भी महंगी होगी। विशेषज्ञों के अनुसार तेजी के तीन प्रमुख कारण हैं। पहला, शेयर और प्रॉपर्टी मार्किट में स्लोडाउन के कारण फॉरेन इनवेस्टरों का मेटल मार्किट में इनवेस्टमेंट। दूसरा, सोने के वायदा कारोबार में तेजी। यानी दो माह के सौदे पहले से ही ज्यादा के दाम में किया जाना। तीसरा, डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी। आर.सी. जूलर्स के डायरेक्टर आर.सी. सोनी का मानना है तेजी का दौर कुछ दिनों तक जारी रहने की आशंका है। इंटरनैशनल मार्किट पर सटोरियों ने कब्जा कर लिया है। उनको पता है कि तेल, शेयर और प्रॉपर्टी में फायदा नहीं रह गया है। भारत में वायदा कारोबारी भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। जब दो माह के सौदे अधिक दाम में किए जाएंगे तो भविष्य में दाम गिरने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक कीमत में जूलरी खरीदने का कोई तुक नहीं है। शादी-ब्याह के लिए जितना जरूरी हो, उतना ही खरीदें। इनवेस्टमेंट के लिहाज से इसमें शॉर्ट टर्म रणनीति पर चलना ठीक रहेगा। सुदामा डायमंड जूलर्स के एमडी संजय गुप्ता के अनुसार सटोरिया मुनाफा वसूली जरूर करेंगे। सो कीमतों में बीच-बीच में गिरावट तय है। ऐसे में इनको खरीद कर कुछ समय रखकर फिर तेजी आने पर बेचा जा सकता है। छह माह या साल भर बाद कुछ भी हो सकता है। अगर शेयर और प्रॉपर्टी बाजार में सुधार आया तो सोना-चांदी फिर धड़ाम से गिर सकते हैं।

किताबों का आईपॉड

ऑनलाइन रिटेलिंग कंपनी 'अमेजन' ने अपने बेहद पॉपुलर इलेक्ट्रॉनिक ई-बुक रीडर 'किंडल' का नया वर्जन 'किंडल 2' नाम से पेश किया है। ई-बुक रीडर एक ऐसी डिवाइस होती है जिस पर वे तमाम किताबें पढ़ी जा सकती हैं, जो ऑनलाइन उपलब्ध हैं।यह कई किताबें और प्रकाशन डाउनलोड कर सकता है। यानी इस पर ई-बुक को डाउनलोड करके पढ़ा जा सकता है। कई ई-बुक को डाउनलोड करने के पैसे देने पड़ते हैं और कुछ किताबें मुफ्त में भी उपलब्ध हैं। कई अखबारों के ऑनलाइन संस्करण भी ई-बुक रीडर पर पढ़े जा सकते हैं। किंडल वन पुराने वर्जन के मुकाबले ज्यादा पतला है। इसकी बैटरी लाइफ भी ऑरिजिनल वर्जन के मुकाबले लंबी है। एक बार बैटरी चार्ज कर दी जाए तो करीब 2 हफ्तों तक इस पर किताबें पढ़ी जा सकती हैं। यह पुराने वर्जन के मुकाबले हल्का भी है। कंपनी ने किंडल को पहली बार नवंबर 2007 में पेश किया था। लॉन्च होने के 14 महीने बाद ही इस डिवाइस को जितनी पॉपुलरिटी मिली, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह कई बार आउट ऑफ स्टॉक हो चुका है। वैसे कंपनी ने तो इसकी बिक्री के ठोस फीगर अभी तक नहीं दिए हैं, पर जानकारों का कहना है कि करीब ढाई लाख किंडल अब तक बेचे जा चुके हैं।वैसे अमेजन ने वादा किया है कि किंडल के नए वर्जन की कमी नहीं होने दी जाएगी और इसे दुनिया भर के ग्राहकों तक पहुंचाया जाएगा।

छह स्टूडंट गायब पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई

क्या पूर्वी दिल्ली की न्यू संजय अमर कॉलोनी में निठारी जैसा कोई वाका दोहराया जा रहा है? कड़कड़डूमा कोर्ट के पीछे इस झुग्गी झोपड़ी कॉलोनी से पिछले चार सालों में 22 बच्चे गायब हुए हैं। लेकिन निठारी जैसे ही यहां भी पुलिस इसे मानने को तैयार नहीं है। पुलिस यह भी नहीं मानती है कि बच्चों के गायब होने के सिलसिले में कोई कड़ी है। ताजा मामले में करीब एक हफ्ते पहले 11 फरवरी को छह स्टूडंट गायब हो गए। इस इलाके में बतौर सामाजिक कार्यकर्ता काम करने वाले राजकुमार ढिंगरा ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। रहस्यमय तरीके से गायब होने से पुलिस की नींद उड़ गई है। इस घटना से इलाके में दहशत है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कॉलोनी से 4-5 सालों में दो दर्जन से ज्यादा बच्चे गायब हो चुके हैं। हालांकि पुलिस इन सभी छह स्टूडंट्स के गायब होने की घटना को प्रेम-प्रसंग से जोड़कर देख रही है। डीसीपी आनंद मोहन ने बताया कि पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक, आनंद विहार थाना क्षेत्र की न्यू संजय अमर कॉलोनी में रहने वाली पूजा(13), दुर्गा(15), जितेंद्र(14), दिनेश(16), बिट्टू(17)और अर्जुन(12)विश्वास नगर स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय में पढ़ते हैं। इनके माता-पिता ने बताया कि सभी बच्चे 10 फरवरी की सुबह स्कूल गए थे, लेकिन उसके बाद नहीं लौटे। देर शाम तक जब बच्चे नहीं लौटे तो बच्चों के माता-पिता उनकी तलाश में स्कूल पहुंचे। वहां पता चला कि इनमें से कोई भी बच्चा स्कूल नहीं आया था। काफी तलाश करने के बाद भी जब बच्चों का पता नहीं चला तो अभिभावकों ने थाने में शिकायत दी। पुलिस ने उनकी कंप्लेंट पर अपहरण का केस दर्ज कर लिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बच्चों के गायब होने का यह पहला मामला नहीं है। इस कॉलोनी से पिछले 4-5 सालों में करीब दो दर्जन लड़के-लड़कियां गायब हो चुके हैं। उनका अब तक कोई सुराग नहीं मिला। इनमें से कई मामलों में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज नहीं की। तनसुख लाल ने बताया कि उनकी बेटी पूजा (15) 27 जनवरी को अपनी कुछ सहेलियों के साथ घूमने निकली थी, लेकिन उसके बाद घर नहीं लौटी। उन्होंने इस संबंध में 28 जनवरी को आनंद विहार थाने में लिखित कंप्लेंट दी थी। पुलिस ने 31 जनवरी को अपहरण का केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन लड़की का आज तक कोई सुराग नहीं मिला है। इसी कॉलोनी में रहने वाले बाबू लाल और उनकी पत्नी गीता देवी ने बताया कि उनकी तीन बेटियां आशा (7), निशा (7) और सुशील (6) 2003 से लापता हैं। जब वे रिपोर्ट लिखवाने थाने गए थे तो पुलिस ने उन्हें धक्के देकर बाहर निकाल दिया था। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं के हस्तक्षेप के बाद करीब एक साल बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। अंकित (9) 13 अगस्त 2008 से गायब है। उसकी मां रेशमा ने बताया कि जब वह रिपोर्ट लिखवाने थाने गई थी तो पुलिस ने उन्हें हड़काकर भगा दिया था। बाबूलाल कहते हैं कि बेटियों की मदद न कर पाने का एहसास ही उन्हें परेशान कर देता है। डीसीपी ईस्ट आनंद मोहन का कहना है कि जो छह किशोर गायब हुए उनमें आपसी रिश्ते थे। दो जोड़े तो जानबूझकर भाग गए लगते हैं। लेकिन गायब हुए बच्चे नाबालिग हैं, इसलिए हम अपहरण का मामला दर्ज कर रहे हैं। बच्चों के लिए काम करने वाले एनजीओ बचपन बचाओ आंदोलन की एक रिपोर्ट के मुताबिक मदनपुर खादर, नांगलोई, बदरपुर और संगम विहार से पिछले ढाई सालों में 6-17 साल की उम्र के करीब 102 बच्चे गायब हुए हैं। ऐसे में बच्चों के गायब होने में किसी पैटर्न की आशंका होती है। लेकिन दिल्ली पुलिस के पीआरओ राजन भगत के मुताबिक गायब होने वाले ज़्यादातर बच्चे मजदूरी करते हैं और बहक कर घर छोड़ देते हैं। बाद में वह किसी की मदद से घर लौटते हैं। उन्होंने बच्चों के गायब होने में किसी पैटर्न से इनकार किया है।

Monday, February 16, 2009

विदेश मंत्रालय के कंप्यूटर हैक

भारत के विदेश मंत्रालय के कंप्‍यूटर कुछ अज्ञात लोगों ने रविवार को हैक कर लिये। मंत्रालय का कहना है कि विभागीय कंप्‍यूटर कुछ समय के लिए हैक हुए, लेकिन महत्‍वपूर्ण फाइलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। विदेश मंत्रालय ने यह बात स्वीकार की है कि विभागीय कंप्यूटर कुछ समय के लिए हैक किये गये। मंत्रालय की ओर से इसके लिए विशेष तरह की क्रियाविधि स्थापित की गई है। मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक यह कोई खास चिंता की बात नहीं है। सभी संवेदनशील डाटा और सूचनाएं सुरक्षित हैं। आंतरिक सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया गया है। अधिकारी के मुताबिक संवेदनशील सूचनाओं की चोरी रोकने के लिए मंत्रालय में ई-मेल के इस्तेमाल पर एक सख्त प्रोटोकाल लगाया गया है। इसके तहत पासवर्ड को तत्काल बदल दिया जाता है और ई-मेल का इस्तेमाल दैनिक कार्यो के लिए ही किया जाता है। इसके अलावा अधिकारियों और राजनयिकों को फेसबुक, ऑर्कुट या ब्लॉगिंग जैसी सोशल नेटवर्किंग वाली साइटों को कार्यालय के कंप्यूटर पर इस्तेमाल की इजाजत नहीं है।

खांसी की दवा से नशा हुआ जापानी मंत्री को

टोक्यो। जापान के वित्त मंत्री शोइची नाकागावा ने जी-सात देशों की बैठक में नशें में बहकने की बात तो स्वीकार कर ली है, लेकिन अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि यह शराब का नहीं बल्कि खांसी की दवा का असर था।
श्री शोइची ने आज अपने स्पष्टीकरण में कहा कि गत सप्ताहंत रोम में जी-सात की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में वह बहक जरुर गये थे लेकिन यह शराब क नशा नहीं था बल्कि खांसी जुकाम की दवा का असर था।उल्लेखनीय है कि श्री शोइची बेठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में न सिर्फ बहक रहे थे बल्कि उनकी जुबान भी लडखडा रही थी। एक समय तो उन्होंने आंखें बंद कर पूरी तरह से सिर झुका दिया और कुछ समय बाद किसी और से पूछे गये सवाल का जवाब स्वयं देने लगे। जापान के मीडिया में उनकी ये तस्वीरें और खबरें खूब प्रसारित की गयीं।इटली से लौटने के बाद श्री शोइची ने बैठक से पहले शराब पीने के आरोप को गलत बताते हुए इसका खंडन किया। उन्होंने कहा “सच्चाई ये है कि मुझे खांसी जुकाम की दवा का ज्यादा असर हो गया था। मैंने शराब नहीं पी थी सिर्फ दवा ली थी।”

आयकर में छूट की घोषणा नहीं हुई

आयकर में छूट, रियल स्टेट सेक्टर के लिए कुछ घोषणाओं और उद्योग जगत के लिए प्रोत्साहन की उम्मीद की जा रही थी लेकिन बजट में इस तरह की घोषणा नहीं हुई। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार की ओर से बजट पेश करते हुए प्रणब मुखर्जी ने पिछले पाँच वर्षों में सरकार की उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने वैश्विक मंदी के बावजूद भारत का आर्थिक विकास दर 7.1 फ़ीसदी रहने की संभावना जताई और इसे बड़ी उपलब्धि बताया। साथ ही उन्होंने ये भी जोड़ा कि मंदी के असर से निपटने के लिए कोई भी बड़ा फ़ैसला अगली सरकार को करना होगा। मंदी का ज़िक्र करते हुए उनका कहना था, "वैश्विक मंदी का असर अभी ख़त्म नहीं हुआ है। विकासशील देश इस संकट से जूझ रहे हैं और वर्ष 2009 में स्थिति और ख़राब होने का अंदेशा है।" आगामी लोक सभा चुनाव से पहले आख़िरी बजट में प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि सरकार लगातार तीन वर्षों तक नौ फ़ीसदी विकास दर हासिल करने में कामयाब रही। उन्होंने कहा कि इस दौरान राजकोषीय घाटे में उल्लेखनीय कमी आई है और सकल घरेलू बचत दर बढ़ कर 37 फ़ीसदी हो गई है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि टैक्स और जीडीपी का अनुपात 12.5 फ़ीसदी हो गया। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि मंदी के बावजूद अप्रैल-नवंबर 2008 के बीच 23 अरब डॉलर से ज़्यादा का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत में आया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी के असर से निपटने के लिए जो भी उपाय ज़रूरी हैं वो किए जाएंगे और इसकी ज़िम्मेदारी नई सरकार पर होगी। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि साठ फ़ीसदी आबादी की खेती पर निर्भरता को देखते हुए यूपीए सरकार ने पिछले पाँच वर्षों में किसानों के लिए बजट में तीन सौ फ़ीसदी की वृद्धि की है। शिक्षा का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नई परियोजनाएँ शुरु की गईं जिनका फ़ायदा अब दिखाई दे रहा है। उनका कहना था कि ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में उच्च शिक्षा के मद में नौ सौ फ़ीसदी की वृद्धि की गई। प्रणब मुखर्जी ने अल्पसंख्यकों, महिलाओं और जनजातियों के कल्याण के लिए उठाए गए विभिन्न क़दमों का ज़िक्र किया। यूपीए सरकार के कर सुधारों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क और आयकर की दरों को तर्कसंगत बनाया गया है। सेवाकर और निर्यात शुल्क की दरों को भी सुगम बनाया गया है। उनका कहना था, "इन संरचनात्मक परिवर्तनों को आईटी के ज़रिए और आसान बनाया गया है।" वर्ष 2008-09 के लिए 95 हज़ार करोड़ रूपए राजस्व वसूली के लक्ष्य को बढ़ा कर 96 हज़ार करोड़ रूपए कर दिया गया है। दो लाख करोड़ रूपए से ज़्यादा के राजस्व घाटे की संभावना इस वित्त वर्ष के लिए जताई गई है जो बजट का चार फ़ीसदी से अधिक है। पहले यह लक्ष्य एक फ़ीसदी का रखा गया था। ग्रामीण विकास, सड़क निर्माण, आईटी जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए बजटीय समर्थन बढ़ाने की घोषणा की गई है। जवाहर लाल नेहरू शहरी विकास योजना के लिए बजट सहायता बढ़ाई गई है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि दिसंबर तक 39 हज़ार करोड़ रूपए इस मद में स्वीकृत किए गए। अगले वित्त वर्ष के लिए 30 हज़ार करोड़ रूपए राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के लिए दिए गए हैं। बजट में 13 हज़ार करोड़ रूपए सर्वशिक्षा योजना के लिए देने का प्रस्ताव है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 12 हज़ार 70 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव है। भारत निर्माण योजना के मद में 40 हज़ार नौ सौ करोड़ रूपए दिए गए हैं। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए शुल्क में दो फ़ीसदी कटौती की घोषणा की गई लेकिन ये उन्हीं क्षेत्रों पर लागू होगा जहाँ रोज़गार के ज़्यादा अवसर हैं। रक्षा बजट बढ़ा कर एक लाख 41 हज़ार 703 करोड़ रूपए कर दिया गया है।

Saturday, February 14, 2009

खण्डहर में तब्दील होता कुंवारिया का किला

राजसमंद जिला मुख्यालय के समीप में स्थ्ति कुंवारिया कस्बे के रावलीपोल के दक्षिण में अरावली की उपत्यकाओं की गोद में बना किला कभी काफी आबाद था पर वर्तमान में लगातार उपेक्षा व अनदेखी के कारण यह किला भग्नावशेषो में तब्दील हो रहा है अगर समय रहते सुध नही ली गई तो आने वाले समय में यह नाम मात्र का किला बन कर रह जाएगा ।
जिला मुख्यालय से १६ किलोमीटर दुर काकरोली - भीलवाड़ा राजमार्ग पर बसे कुंवारिया कस्बे में किले का निर्माण वर्ष १६९८ में डोडिया राजपुत के वंशज ने कराया था। पुरातात्विक महत्व के पत्र के मुताबिक इसका निर्माण बेशाख बिद तीज सोमवार विक्रम संवत १७६७ में कुंवारिया के प्रथम शासक ठाकुर नवलसिह के जेष्ठï पुत्र हठीसिंह के नेर्तत्व में प्रधान शाह छीतर पगारिया की देखरेख में कारिगर गजधर सोमपुरा आदि ने किया । कस्बे के बुजुर्गो के अनुसार तीन चार दशक पूर्व तक यहा निर्मित कारागृह , जनाना महल ,कमरे व परकोटा काफी बेहतर स्थिती में थे जिन्हे कतिपय लोगो ने अपनी इच्छानुसार परिवर्तन करके क्षतिग्रस्त कर दिया है ।
किले के दक्षिण भाग में परकोटे की मजबुत व बेहतर दीवार जो ३० -४० फीट उची व चार वांच फीट चोडी थी उसे तोड दिया गया । आज यह दीवार आगे से आगे कमजोर होती जारही है । किले के बाहरी दीवार गत वर्षाकाल के दोरान ढह चुकि है जिससे कई पत्थर इधर उधर बिखर गए है जिन्है भी लोगो ने नही छोडा । किले पत्थरो के बारे में आमजन में यह भी अवधारणा है कि किले के पत्थरो को चुरा कर निजी कार्य में उपयोग लिया जाता है तो वहा पर शांति व सुकुन की कमी रहती है । किले के भीतर पानी का एक कुण्ड बना हुआ है जिसमें वर्ष पर्यन्त पानी भरा रहता है पुराने समय में इस किले में रहने वाले लोग इसी कुण्ड से के पानी को उपयोग देनिक कार्यो के लिए करते थे । वर्तमान में कुण्ड में काफी पत्थर व मिटटी भरी हुई है । किले के एक कमरे में डोडिया वंश की कुलदेवी हिगलाज माता व चुण्डावत वंश की कुलदेवी बाणमाता की प्रतिमाए स्थापित है । किले के मध्य में चबुतरे पर मंदिर बना हुआ है जिसका कुछ वर्ष पहले गढ़ कालिका शक्तिधाम नामक एक संस्था ने जन सहयोग से जीर्णोद्घार कराया था परन्तु वर्तमान में रख रखाव के अभाव में यह पुन: गिरने के कगार पर है ।
किले के परकोटे में अगे्रजी बबुल व कटिली झाडिय़ों की भरमार है मोसम की मार व सरकारी अनदेखी से किले की दीवारे कमजोर होती जारही है । किले के अंदर विभिन्न ताको,परेण्डियों,आल्यों व दीवारो में धन गढा होने के लालच में लोगो ने खोद दिया जिसमें धन तो मिला या नही इसकी जानकारी नही है पर किले का काफी नुकसान हुआ है । किले केअंदर भी लोगो ने विभिन्न नाम व इबारते लिख रखी है जो किले का बदरंग कर रही है । वर्तमान में यह किला हर और से उपेक्षित रहने से आवारा पशुओ की आरामगाह बना हुआ है ।
कस्बे के प्रबुद्घ नागरिको ने बताया कि एक और सरकार व प्रशासन ऐतिहासिक स्थलो के सरक्षण के लिए वर्ष प्रर्यन्त तरह तरह की योजनाओं की क्रियान्विति कर रही है वही इस किले के प्रति उपेक्षा बरती जारही है जो सरासर गलत है । कस्बे के कार्यकर्ता रतनलाल खटीक, प्रवीण पीपाडा, मुकेश शर्मा, सुखदेव यादव, अशोक गोयल, किशनलाल खण्डेलवाल आदि ने भी कुंवारिया किले को आवश्यक सरक्षण देने की मांग की है ।

रेप के लिए उकसाने वाले गेम को वापस लिया

अमेरिकी ऑनलाइन रीटेल कंपनी 'अमेजन' ने अपनी साइट से उस जापानी कंप्यूटर गेम को वापस ले
लिया है, जिसमें गेम प्लेयर्स एक-दूसरे को रेप यानी बलात्कार करने को उकसाते दिखाए जाते थे। अमेजन ने इस गेम को अपनी वेबसाइट से डाउनलोड करने का ऑप्शन ग्राहकों को दिया था। अमेजन ने कहा है कि 'रेपले' नाम के इस कंप्यूटर गेम को एक थर्ड पार्टी की ओर से डाला गया था और इसे अनुचित पाए जाने पर हटाया गया है। गौरतलब है कि इस हफ्ते के शुरू में कैलिफॉर्निया इंटरनेट फर्म का ध्यान इस गेम की ओर दिलाया गया था। इसके बाद अमेजन ने गेम को हटाने का फैसला किया है। अमेजन के प्रवक्ता पैटी स्मिथ ने कहा, 'हमने तय किया है कि हम इस प्रॉडक्ट की बिक्री नहीं कर सकते।' रेपले गेम को खास तौर पर जापानी मार्किट के लिए तैयार किया गया था। इस कंप्यूटर गेम को जापान के ही इल्युजन स्टूडियो ने बनाया है। इल्युजन स्टूडियो का कहना है कि उसके प्रॉडक्ट्स खासतौर पर घरेलू बाजार यानी जापानी बाजार के लिए हैं। जब इल्युजन स्टूडियो के प्रवक्ता से इस बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था, 'हम अपने प्रॉडक्ट विदेश में नहीं बेचते, क्योंकि कई देशों में रेटिंग संबंधी दिक्कतें होती हैं। लिहाजा मैं अमेजन वाली रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकता। हमारा मानना है कि इस कंप्यूटर गेम के साथ कोई भी दिक्कत नहीं है। जापानी अथॉरिटी ने इस गेम को क्लियरेंस दे दी है। ' गौरतलब है कि इस गेम को 2006 में रीलीज किया गया था।

बजट से आम आदमी को कुछ राहत मिलेगी

अंतरिम बजट से लोगों की अपेक्षाएं बढ़ा दी हैं। सोमवार को पेश होने वाले लेखानुदान में अब यह संभावनाएं बढ़ गई हैं कि इसमें भी आम आदमी को कुछ राहत मिलेगी। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार टैक्सों में छूट को लेकर पिछले दिनों पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सुरेश तेंडुलकर और वित्त राज्यमंत्री पवन बंसल की बैठक हुई थी। उम्मीद है कि यूपीए सरकार के इन दिग्गज अर्थशास्त्रियों ने तमाम तकनीकी पहलुओं को देखते हुए आम आदमी के लिए छूट का रास्ता निकाल लिया होगा। हालांकि एनडीए सरकार के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के सीनियर नेता यशवंत सिन्हा का कहना है कि लेखानुदान एक रुटीन प्रक्रिया है। इसमें सरकार को नीतिगत फैसले लेने से बचना चाहिए। अगर यूपीए सरकार इस तकनीकी पहलू को दरकिनार करते हुए चुनावी लाभ के लिए फैसले लेती है तो यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं होगा। नई सरकार को जुलाई में पूर्ण बजट पेश करना है, यह काम उस पर छोड़ देना ही बेहतर होगा।
छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ी है। केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि 2008-09 में हर भारतीय की औसत आमदनी 14 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है। इस वजह से सरकार पर इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने और इनकम टैक्स के स्लैबों में बदलाव का दबाव बढ़ गया है। मौजूदा समय में इनकम टैक्स छूट की सीमा डेढ़ लाख रुपये है। इनकम टैक्स स्लैब 10, 20 और 30 फीसदी के हैं। इसके अलावा सरकारी स्कीमों में एक लाख रुपये तक के निवेश की छूट भी आम आदमी को है। पूर्व वित्त सचिव एस. नारायण मानते हैं कि इनकम छूट की सीमा या स्लैबों में बदलाव करने का रिस्क सरकार शायद न ले, मगर वह एक लाख रुपये तक की निवेश पर छूट की सीमा बढ़ा सकती है। हालांकि वह इस बात इनकार नहीं करते कि अगर यूपीए सरकार ने ऐसी छूटों की घोषणा की तो केंद्र में सरकार चाहे किसी भी पार्टी की आए, वह इसे आगे ही बढ़ाएगी। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि अप्रत्यक्ष करों, विशेष रूप से सीमा और उत्पाद शुल्कों में कटौती करके कुछ वस्तुओं के दामों में कमी की जा सकती है। इसके अलावा केंद्रीय वैट यानी सेनवैट में कटौती की अवधि को बढ़ाया जा सकता है। सरकार ने पिछले दिनों सेनवैट में तीन महीने के लिए 4 फीसदी की कटौती की थी। इस कटौती के बावजूद कंपनियों ने वस्तुओं की रिटेल कीमतों में कमी नहीं की, मगर इस बार उन्हें कमी करनी पड़ सकती है। अगर ऐसा हुआ तो इसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं यानी आम आदमी को मिलेगा। सूत्रों के अनुसार, सरकार आम आदमी के लिए लोन की ब्याज दरों में कुछ ऐसी घोषणाएं कर सकती है, जिससे कुछ समय के लिए ही सही, उसे कर्ज लेने में ज्यादा परेशानी न हो। सरकारी बैंकों को निर्देश दिया जा सकता है कि वे तय समय के लिए सस्ते कर्ज की घोषणाएं करें। होम लोन पर इनकम टैक्स छूट को भी बढ़ाया जा सकता है। NBT

वैष्णव मंदिरों में फाग सेवा

नाथद्वारा । वैष्णव मंदिरों में शनिवार को फाग सेवा हुई। शृंगार की झांकी में ठाकुरजी को लाल ठाडे वस्त्र के परिवेश में केसरी सूथन, घेरदार वागा व चोली के साथ दोनों तरफ कटि पटके की सेवा धरायी गई। श्रीमस्तक पर पाग संग हरे व सफेद मोतियों की गोल चन्द्रिका शृंगारित की गई।रंगात्मक सेवाठाकुरजी के अंग वस्त्र पर मुखिया ने चौवा-चन्दन की टिपकी लगाई तथा राजभोग की झांकी में सफेद पिछवई खण्ड पर गुलाल-अबीर की चिडियाओं का रूपांकन कर फाग भाव मुखरित किया। कीर्तनकारों ने हरि संग खेलन जाय, अरी चली बेगि छबीली... का गान किया। लालन, द्वितीय पीठ के युगल स्वरूप को भी राजभोग की झांकी में रंगात्मक सेवाएं धरायी गई। ग्वाल की झांकी में लालन को पत्र-पुष्प के पलने में विराजमान कराया गया। धमार में होली का भाव पुष्टिमार्गीय सेवा का आधार राग, भोग व शृंगार है। राग सेवा के तहत ही फाग माह में कीर्तनकार धमार के माध्यम से होली के भाव की अभिव्यक्ति करते हैं । धमार की अष्ठछाप पदावलियों में राधाकृष्ण की शंृगारिक लीलाओं को प्रमुखता दी गई है। गुलाल-अबीर से होली खेलने के साथ ही कृष्ण अपने गोप सखाओं के साथ ब्रजबालाओं के संग केसर भरी पिचकारी से रंगोत्सव का आनन्द लेते हैं।

ब्रिटेन में 13 साल का एक लड़का बाप बन गया

ब्रिटेन में 13 साल का एक लड़का बाप बन गया है। उसकी गर्लफ्रेंड और बच्चे की मां 15 साल की है। 4 फुट का एल्फी अभी खुद ही बच्चा लगता है। एल्फी से पूछा गया कि वह अपनी बच्ची का खर्चा कैसे उठाएगा, तो उसका कहना था कि इसका मतलब क्या होता है? उसने स्वीकार किया कि उसे एक नैपी की कीमत के बारे में सही-सही पता नहीं है। एल्फी ने कहा, 'मुझे लगता है नैपी की कीमत काफी ज्यादा होगी।' ब्रिटेन के अखबार, 'द सन' के मुताबिक एल्फी जब 12 साल का था तभी उसकी गर्लफ्रेंड चैंटिल स्टीडमैन गर्भवती हुई थी। अखबार के मुताबिक चैंटिल गर्भनिरोधकों गोलियां लिया करती थी लेकिन एक दिन भूल गई। एल्फी का कहना है, 'जब मुझे चैंटिल के गर्भवती होने का पता चला, हमने उसे जन्म देने का फैसला किया।' उसने कहा कि मैंने अभी यह नहीं सोचा है कि बच्ची का लालन-पालन कैसे करूंगा। मुझे कभी जेबखर्च भी नहीं मिलता। हां, कभी-कभार पापा 10 डॉलर जरूर दे देते हैं। जब मम्मी को इसकी भनक लगी तो लगा कि मैं मुसीबत में आ जाऊंगा, लेकिन सब ठीक-ठाक रहा। हम सभी बच्चा चाहते थे, डर सिर्फ यही था कि लोग क्या कहेंगे। एल्फी के पिता डेनिस के मुताबिक 'जब मुझे इसका पता चला तो एक पल के लिए कुछ भी समझ में आना बंद हो गया था। लेकिन जब मैंने एंल्फी को जिम्मेदार पिता की तरह बातें करते देखा तो सब कुछ स्पष्ट हो गया। एल्फी और चैंटिल की कहानी काफी दिलचस्प है। दोनों को गर्भ ठहर जाने का पता तब चला जब उसे 12 हफ्ते का गर्भ था। इसके बावजूद दोनों ने छह हफ्ते तक इसे राज ही रहने दिया। एक दिन चैंटिल की मां ने देखा कि उनकी बेटी का वजन बढ़ रहा है व पेट में सूजन हो गई है। पूछने पर सारी स्थिति साफ हो गई। अखबार ने अपनी रिपोर्ट में यह नहीं बताया है कि उसने इस बात की कोई जांच की है या नहीं कि एल्फी ही उस बच्चे का पिता है। इस बारे में पुलिस का कहना है कि उसे इत बात की जानकारी थी कि 14 साल की एक लड़की 12 साल के लड़के से गर्भवती हो गई थी। पुलिस का कहना है कि वह दोनों टीनऐजरों की मदद कर रही है। इस मामले ने ब्रिटेन में टीनऐज में बढ़ रही प्रेग्नेंसी की समस्या पर बहस छेड़ दी है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने कहा कि मुझे इस मामले के डिटेल्स की जानकारी नहीं है, लेकिन हम सब टीनऐज प्रेग्नेंसी को रोकना चाहते हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2006 में ब्रिटेन में 18 साल से कम उम्र की 39,000 लड़कियां प्रेग्नंट हुईं। वहां इस तरह के बढ़ते मामलों के चलते सेक्स एजुकेशन को सिलेबस में जोड़ने की बात हुई है। इसके मुताबिक वहां के केजी क्लास के बच्चों को भी सेक्स के बारे में पढ़ाया जाएगा। NBT

Friday, February 13, 2009

कड़ी सुरक्षा के बीच वैलेंटाइन्स डे मनाया

भारत की राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में कुछ कट्टरपंथी संगठनों की धमकियों और कड़ी सुरक्षा के बीच वैलेंटाइन्स डे मनाया जा रहा है. दुनिया में अनेक जगह वैलेंटाइन्स डे को प्रेम दिवस के रूप में मनाया जाता है.
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने कहा है कि व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं ताकि शांतिपूर्ण महौल बना रहे.
कर्नाटक में श्रीराम सेना के नेता प्रमोद मुत्तालिक और 140 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया है. दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत का कहना था, "जो लोग ग़ैरक़ानून गतिविधियों करते पकड़े गए उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी. किसी को भी हिंसक कार्रवाई नहीं करने दी जाएगी."
ग़ौरतलब है कि श्रीराम सेना संगठन के महासचिव विनय कुमार ने कहा है, "राष्ट्रीय राजधानी में अनेक जगह बैनर लगाए जाएँगे. दस मोबाइल टीम शहर में घूमेंगी ताकि कोई अश्लील हरकत न हो. यदि कोई अश्लील हरकतर करता हुआ पाया जाता है तो उसकी तस्वीर खींची जाएगी और वेबसाइट्स पर चढ़ा दी जाएगी ताकि दुनिया को इसके बारे में पता चले."
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि वेबसाइट्स पर फ़ोटो चढ़ाने जैसी किसी भी गतिविधि को नाकाम कर दिया जाएगा.
मामला इतना गंभीर हो गया है कि राज्यसभा में भी ये माँग उठी है कि श्रीराम सेना जैसे संगठन जिनके ख़िलाफ़ कर्नाटक में आरोप लगे हैं और जिन्होंने वैलेंटाइन्स डे पर धमकियाँ जारी की हैं, उनपर प्रतिबंध लगाया जाए. लेकिन हिंदूवादी संगठन बजरंग दल ने श्रीराम सेना जैसे संगठनों से दूरी बनाते हुए कहा है कि उसे वैलेंटाइन्स डे मनाए जाने से कोई आपत्ति नहीं है जब तक कि कोई अश्लील हरकत न हो. बजरंग दल के नेशनल कनवीनर प्रकाश शर्मा ने कहा, "हमें कोई आपत्ति नहीं. हमने तो सदा से राधा और कृष्ण के अमर प्रेम की उपासना की है." उन्होंने ये भी कहा कि युवाओं को ऐसा पूरे साल मनाना चाहिए, केवल एक दिन नहीं. कर्नाटक के अतिरिक्त पुलिस प्रमुख (क़ानून-व्यवस्था) एआर इन्फ़ेट का कहना था, "श्रीराम सेना के प्रमोद मुत्तालिक और 140 अन्य को हिरासत में लिया गया है. वैलेंटाइन्स डे के मौके पर उन्होंने उपद्रव पैदा करने की धमकी दी थी. " कर्नाटक में बंगलौर, मंगलौर और चार अन्य शहरों में इन संगठनों की धमकियों के बाद कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.कर्नाटक के गृह मंत्री वीएस आचार्य ने कहा है कि सुरक्षा के सभी कदम उठाए जा रहे हैं और सभी थानों को अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा गया है

आर्थिक मंदी के बावजूद बढ रहा है प्रेमी युग में प्यार

आर्थिक मंदी की वजह से प्यार का उफ़ान भी मंदी पर है या नहीं, या फिर प्रेमी जोड़े एक दूसरे के प्यार में खोकर मंदी के दर्द को भूल जाना चाहते हैं. इस पर अटकलों का ज़ोरदार दौर चल रहा है और दोनों तरफ़ से दलीलें पेश की जा रही हैं.प्रोफ़ेसर हेलेन फिशर का कहना है कि "लोग पैसे की कमी और नौकरी छिन जाने के डर से इतने परेशान हैं कि उनके दिमाग़ में डोपामाइन नाम के रसायन का प्रवाह बढ़ जाता है, यह वही रसायन है जो प्रेम की भावना से भी जुड़ा है".
प्रोफ़ेसर फिशर कहती हैं, "तनाव के समय विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षण की संभावना बढ़ जाती है, तनाव के दौर में आपके प्रेम में पड़ने के आसार बढ़ जाते हैं." उनका यह दावा 1974 में किए गए एक शोध पर आधारित है जिसमें पाया गया था कि ख़तरे की अवस्था में पुरुष आकर्षक महिलाओं में अधिक दिलचस्पी लेने लगते हैं. डेटिंग वेबसाइटों पर लोगों की आवाजाही के बढ़ने को भी एक दलील के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है, ईहार्मोनी और मैच डॉट कॉम नाम की वेबसाइटों का कहना है कि मंदी का दौर शुरू होने के बाद से उनकी साइट पर आने वालों की तादाद 20 प्रतिशत बढ़ गई है. बीस हज़ार से अधिक ब्रितानी पुरुषों के बीच नवंबर 2008 में किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक़ लोगों ने सेक्स को मनोरंजन का सबसे सस्ता साधन माना है. चीन, नीदरलैंड, अमरीका और यूरोप के कई अन्य शहरों से ऐसी ख़बरें मिल रही हैं कि सेक्स से जुड़ी चीज़ें बेचने वाली दुकानों की बिक्री बहुत बढ़ गई है. समलैंगिकों की डेटिंग साइट मैनहंट के केन हेरॉन कहते हैं कि सबसे अधिक लोगों ने उनकी साइट की मेंबरशिप सितंबर महीने में ली जबकि अमरीका अर्थव्यस्था मंदी की चपेट में आ रही थी. विशेषज्ञों का कहना है कि जब लोग अकेलापन महसूस करते हैं, उनके ख़तरे का आभास होता है तो वे किसी से निकट संबंध और संपर्क चाहते हैं जो उन्हें राहत पहुँचाता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस धारणा का वैज्ञानिक आधार ये है कि प्रेमपूर्ण निकटतम संबंधों की स्थिति में शरीर में ऑक्सीटोसिन नाम का रसायन प्रवाहित होता है जिस 'फीलगुड केमिकल' कहा जाता है. लेकिन दूसरी ओर कई लोगों का मानना है कि मंदी ने प्रेम और चाहत की आँच को भी मंदा कर दिया है.जोड़ों को संबंधों के मामले में सलाह देने वाली एक एजेंसी रिलेट का कहना है कि मंदी का सीधा असर रिश्तों पर पड़ा है और जोड़ियों के बीच तनाव बढ़ रहा है. रिलेट की सेक्स विशेषज्ञ डेनिस नोएल्स कहती हैं, "आर्थिक अनिश्चितता लोगों को बेचैन कर देती है, ऊपर से उनके ऊपर नई नौकरी खोजने का दबाव है या फिर किसी के पार्टनर की नौकरी जाने से दूसरे पर बोझ पड़ रहा है, ऐसे में दिन के अंत में सेक्स के लिए लोग तैयार नहीं हो पाते." उनका कहना है कि मंदी के दौर में लोगों का आत्मविश्वास बहुत घट जाता है, ख़ास तौर पर उनका जिनकी नौकरी छिन गई है. इसके अलावा जो आर्थिक तौर पर नाकाम पार्टनर है उसके प्रति उसके साथी का व्यवहार भी बदल सकता है. इस तरह दोनों विचार एक-दूसरे के ठीक विपरीत लगते हैं लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि दोनों ही सही हैं, मंदी की वजह से लोग एक दूसरे के अधिक निकट आ तो जाते हैं लेकिन जब बात सेक्स की होती है उनमें आम वक़्त की तरह जोश और आत्मविश्वास नहीं होता. डेनिस नोएल्स का कहना है कि ऐसी जटिल परिस्थिति में सबसे अच्छा उपाय यही है कि जोड़े आपस में संवाद बनाए रखें और इस मसले पर बात करें. वे कहती हैं, "अगर आप बहुत थके हैं या आप चिंतित हैं कि आप सेक्स का आनंद नहीं उठा पाएँगे तो अपने पार्टनर को इसके बारे में ज़रूर बताएँ, अगर आप अचानक सेक्स के प्रति विमुख हो जाएँगे और इस पर चर्चा नहीं करेंगे तो यह सही नहीं होगा." लोगों के निजी और वैवाहिक जीवन पर आर्थिक मंदी का क्या असर हो रहा है इसकी कोई बिल्कुल साफ़ तस्वीर पेश करना संभव नहीं है लेकिन इतना तो ज़रूर है कि इसका असर पड़ रहा है जिससे कोई इनकार नहीं कर सकता. BBC

नीलाम होगा बापू का चश्मा

महात्मा गांधी जी का वह चश्मा अब नीलाम होने जा रहा है, जिससे गांधी जी को भारत को आजाद कराने की की दृष्टि मिली थी। दुनिया को अंिहंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गांधीजी ने हमेशा सादा जीवन उच्च विचार के मंत्र पर जीवन जिया है। किंतु न्यूयार्क में उनके चश्मे, सैंडल, घड़ी आदि की नीलामी बड़ी कीमत पर होने की उम्मीद है। पाकेट घड़ी है वर्ष 1910 कीनीलामी का आयोजन करने वालों ने इनकी कीमत 2 लाख 81 हजार रुपए से ज्यादा आंकी हैं। यह जेनिथ कंपनी की घड़ी 1910 में बनी थी। इसके साथ कप और प्लेट भी नीलाम होंगे। गांधी जी ने इस चश्में को ब्रितानी सेना के एक अफसर कर्नल एचए सीरी दीवान नवाविन को 1930 में उस वक्त दिया था, जब कर्नल ने उनसे प्रेरणा मांगी थी। सीरी उस वक्त स्वशासन पर बात करने भारत आए थे। गांधीजी ने ये वस्तुएं उन्हें यह कहते हुए दी थी कि इन चीजों ने मुझे भारत को आजाद करने की दृष्टि दी है। बाद में इनको एक दुकानदार ने एकत्रित किया और अब वह इन्हें बेचने की तैयारी में है।एन्टीक्कोरम आक्सशीनिर्स के मिशेल हेरपर्न न्यूयार्क में 4 और 5 मार्च को इन्हें नीलाम करने जा रहे हैं। मिशेल ने कहा कि यह सच में गांधी जी की वस्तुओं की ऐतिहासिक बिक्री है। मुझे उम्मीद है कि मेरी अपेक्षा से अधिक धन मुझे मिलेगा। विश्व के महानायक हैं गांधीलंदन के टेलीग्राफ अखबार को दिए साक्षात्कार में मिशेल हेरपर्न कहा गांधी जी पास बहुत कुछ नहीं था इसलिए नीलामी के लिए बहुत ही कम चीजें सामने आती हैं वे बड़ी कीमत पर बिक जाती हैं। भारत के गांधीवादियों ने उम्मीद जताई है कि जो भी इन वस्तुओं को खरीदेगा वह उन्हें किसी संग्रहालय को सौंप देगा।गांधीजी से जुड़ी हुई सभी वस्तुओं को किसी संग्रहालय में रखी जानी चाहिए ताकि आम लोग इन्हें देख सकें। ये आने वाली पीढ़ियों के लिए उपलब्ध होनी चाहिए ताकि वे इनसे प्रेरणा ले सकें।

प्रेमी युगल का विरोध करने वाले श्रीराम सेना के नेता भी खुले आम कर रहे थे प्यार का इजहार

नैतिकता के ठेकेदार बन कर समाज को सुधारने चले श्रीराम सेना के अध्यक्ष प्रमोद मुतालिक के लिए çवश्ोष महत्व रखती है। उनके कहने पर दंगा मचाने कूद पड़ने वाले उनके सिपेहसालार खुद प्रेम रंग में डूबे मिले हैं। पूवü शिवसैनिक और अब श्रीराम सेना के जयपुर çजलाध्यक्ष किशोर सिंह गोवा में एक लड़की संग रंगरलियां मनाते हुए पकड़े गए।यह घटना तीन माह पुरानी है मगर इसकी तस्वीरं शुक्रवार को जारी की गईं। तस्वीरों में उन्हें çजस लड़की के साथ दिखाया गया है, वह उनकी पत्नी नहीं है। यह खुद किशोर सिंह भी मानते हैं, लेकिन उनका कहना है कि यह तस्वीरं सøाी नहीं हैं बçल्क कम्प्यूटर की मदद से तैयार की गई हैं। वह तो डेढ़ साल से गोवा नहीं गए।दूसरी अोर ये तस्वीरं जारी करने वाले श्री राजपूत युवा संगठन के प्रदेशाध्यक्ष çवष्णु प्रताप सिंह राठौड़ का कहना है कि तस्वीरं तीन महीने पहले çस्टंग ऑपरशन में खींची गईं थीं और उनके पास नेगेटिव भी हैं। उनका कहना था कि तस्वीरों से छेड़छाड़ सम्भव है, लेकिन नेगेटिव कभी झूठ नहीं बोलते। राठौड़ का कहना है कि उनकी किशोर सिंह से कोई दुश्मनी नहीं है पर मेंगलूरœ की घटना देखकर वह प्रमोद मुतालिकके çखलाफ हुए हैं।

Tuesday, February 10, 2009

छेड़छाड़ के विरोध उप शिक्षा निदेशक के ऑफिस का घेराव

पूर्वी दिल्ली के विश्वास नगर स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय की छात्राओं ने स्कूल में होने वाली
छेड़छाड़ के विरोध में मंगलवार को अभिभावक शिक्षक संघ के नेतृत्व में उप शिक्षा निदेशक के ऑफिस का घेराव किया। छात्राओं का आरोप है कि स्कूल में उनके साथ छात्र ही नहीं, कई टीचर भी छेड़छाड़ करते है। इस कारण कई पैरंट्स ने अपनी लड़कियों की पढ़ाई बंद करा दी है। अभिभावक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग को चेतावनी दी है कि यदि स्थिति नहीं सुधरी तो अगली बार शिक्षा मंत्री का घेराव किया जाएगा। विश्वास नगर, कड़कड़ी रोड पर स्थित स्कूल में नौवीं में पढ़ने वाली एक छात्रा ने बताया कि छात्राएं क्लासरूम में भी सेफ नहीं हैं। नौवीं की ही एक अन्य छात्रा ने बताया कि लड़के मोबाइल फोन से उनका फोटो खींचते रहते हैं। विरोध करने पर मारपीट भी करते हैं। स्कूल में आए दिन होने वाली छेड़छाड़ के कारण कई अभिभावकों ने अपनी लड़कियों की पढ़ाई छुड़ा दी है। छठी क्लास में पढ़ने वाली एक छात्रा ने बताया कि वह तीन महीने से स्कूल नहीं जा रही है। छात्रा का कहना है कि यदि लड़कियों के लिए अलग शिफ्ट चलाई जाती है तो वह दोबारा स्कूल जाएगी। एक अन्य छात्रा ने बताया कि उसकी मां कई बार उसकी पढ़ाई छुड़वाने के लिए कह चुकी है। नौवीं की एक अन्य छात्रा ने बताया कि योगा के टीचर भी उनके साथ छेड़छाड़ करते है। छात्रा ने बताया कि जिस दिन योगा की क्लास होती है उस दिन वह स्कूल नहीं जाती। प्रदर्शन में शामिल मीना और रूपवती ने बताया कि अगर यही स्थिति रही तो उन्हें भी अपनी बेटियों की पढ़ाई छुड़वानी पड़ेगी। अभिभावक शिक्षक संघ के सचिव राजकुमार धींगान ने बताया कि दो साल पहले तक यह स्कूल दो शिफ्ट में चलता था। अब यहां लड़के और लड़कियों के लिए एक ही शिफ्ट है। स्कूल में पढ़ने वाले छात्र आवारा किस्म के लड़कों को स्कूल में लेकर जाते हैं। लड़के जबरदस्ती लड़कियों की क्लास में घुस जाते हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई बार इसकी लिखित शिकायत की जा चुकी है, लेकिन अब तक उनके कानों पर जूं नहीं रेंगी।

चड्डियां भेजने वाली लड़कियों को गुलाबी साड़ियां

मंगलूर के पब में लड़कियों के साथ बदसलूकी के विरोध में ब्लॉगर्स के प्रमोद मुतालिक ऐंड पार्ट ी को गुलाबी चड्डियां गिफ्ट करने के अभियान का संगठन ने जवाब देने का मन बनाया है। श्रीराम सेना के मुखिया प्रमोद मुतालिक ने हमारे सहयोगी अखबार बैंगलोर मिरर से बातचीत में कहा कि उन्होंने गुलाबी चड्डियां भेजने वाली लड़कियों को गुलाबी साड़ियां देने का फैसला किया है। बेलगाम से फोन पर बातचीत में मुतालिक ने कहा, ' हमारी संस्कृति में चड्डी गिफ्ट करने का चलन नहीं है। हम लोग तहजीब के साथ उन्हें साड़ियां भेंट करेंगे। ' मुतालिक ने कहा कि, ' वैलन्टाइंस डे पर हमारे आदमी लड़के-लड़कियों पर नजर रखेंगे। जो वैलन्टाइंस डे मनाएंगे उन्हें हमारी तरफ से तोहफे के लिए तैयार रहना चाहिए। वैलन्टाइंस डे मनाना हिंदुओं की संस्कृति में नहीं है। मैं प्रेमियों का विरोध नहीं करता लेकिन इसका एक तरीका है। यदि आप किसी से प्यार करते हैं तो उससे शादी करें। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है और इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं। हम वैलन्टाइंस डे के खिलाफ जागरुकता लाने की कोशिश कर रहे हैं और इसमें सफल भी हुए हैं। यह लोगों के ऊपर है कि वे विदेशी संस्कृति के पीछे भागते हैं या भारतीय संस्कृति को मानते हैं। '

श्रीराम सेना को गुलाबी चढ्ढी का उपहार भेजने का निर्णय

मंगलौर के एक बार में शराब पीने वाली महिलाओं पर हमला करने के विरोध में कुछ लोगों के एक समूह ने दक्षिणपंथी श्रीराम सेना को गुलाबी चढ्ढी का उपहार भेजने का निर्णय किया है।
कुछ पुरुषों समेत पाँच हज़ार लोगों से ज़्यादा लोगों ने फ़ेसबुक पर एक गुट बनाया है जिसे उन्होंने 'पब-गोइंग, लूज़ एंड फ़ॉरवर्ड वूमन' का नाम दिया है। इस समूह के लोगों का कहना है कि वह 14 फ़रवरी को वेलेंटाइन डे के दिन श्रीराम सेना को गुलाबी चढ्ढी उपहार स्वरूप भेजेंगे। श्रीराम सेना पर पिछले महीने मंगलौर में एक बार पर हमला करने का आरोप लगाया गया है। श्रीराम सेना का नेतृत्व करने वाले प्रमोद मुतालिक ने कहा कि भारत में महिलाओं का बार में जाकर शराब पीने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रमोद मलिक को मंगलौर में हुए हमले के बाद ग़िरफ़्तार कर लिया गया था, बाद में ज़मानत पर छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि शनिवार को वेलेंटाइड डे को मनाने का भी उनके समर्थक विरोध करेंगे। पब जाने वाली महिलाओं का संघ फ़ेसबुक पर पिछले बृहस्पतिवार को बना था। गुट ने वेलेंटाइन डे पर महिलाओं को नज़दीकी पब जाकर एक ड्रिंक पीने की भी सलाह दी है। इस गुट की प्रवक्ता निशा सूज़न ने बीबीसी से कहा कि उनका समूह चढ्ढी भेंट करने जा रहा है। उन्होंने एक प्रमुख दक्षिणपंथी गुट का हवाला दिया जिनके खाकी निक्कर पहनने वाले कार्यकर्ताओं को अक्सर चढ्ढीवाला कहा जाता है। उन्होंने कहा, "हमने गुलाबी रंग इसलिए चुना क्योंकि यह शोख रंग है।"
निशा ने कहा कि उनका समूह देश भर से क़रीब 500 गुलाबी चढ्ढियाँ एकत्र करेगा और उन्हें हुबली स्थित मुतालिक के दफ़्तर भेज देगा।उन्होने बताया, "हमारे पास दो ही विकल्प थे। या तो राम सेना के कामों की अनदेखी करें या उसका जवाब दें। हमने इसका जवाब देना तय किया। यह ऐसा जवाब है जिसे वे कतई पसंद नहीं करेंगे।" इस समूह ने लोगों से देश भर में स्थित उनके संग्रह केंद्रों पर डाक से या निजी तौर पर चढ्ढी भेजने को कहा है। इस समूह के इस क़दम के बारे में राम सेना ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।मंगलौर में पिछले महीने हुए हमले को कुछ टीवी चैनलों ने कैमरे में क़ैद किया था और उसे प्रसारित भी किया गया था। बहुत से लोग इस फ़ुटेज को देखकर अचंभित रह गए थे। टीवी में दिखाया गया था कि कुछ महिलाओं को पकड़ कर पुरुष पीट रहे हैं। जो महिलाएं नीचे गिर गईं थीं, उन्हें पुरुष पैरों से मार रहे थे।
इस मामले में मुतालिक समेत 33 लोगों को ग़िरफ़्तार किया गया था। महिलाओं के समूहों ने ख़ासतौर पर इस कृत्य की निंदा की थी। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री रेणुका चौधरी ने इस कृत्य को तालेबानी व्यवहार की संज्ञा दी थी। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने भी हमला करने वाले संगठन से दूरी बना ली है। पार्टी ने कहा है कि उसका श्रीराम सेना से कुछ लेना देना नहीं है। बीबीसी संवाददाता का कहना है कि यह दक्षिणपंथी गुट जिसके कुछ तार भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं, भारत के अनेक हिस्सों में सक्रिय है। यह गुट समय समय पर वेलेंटाइन डे के अलावा मुस्लिम और ईसाइयों पर भी निशाना साधता रहा है।

Monday, February 9, 2009

आत्मघाती हमलावर ने धमाका कर दिया कई लोग हताहत

श्रीलंकाई सेना का कहना है कि एलटीटीई की एक महिला आत्मघाती हमलावर ने एक संघर्ष प्रभावित इलाक़े में धमाका कर दिया जिसमें कई लोग हताहत हुए हैं। एक सैन्य प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि संघर्ष प्रभावित एक इलाक़े को छोड़ कर जब आम नागरिक वहाँ से भाग रहे थे तब उनके साथ साथ चल रही एक महिला आत्मघाती हमलावर ने धमाका कर दिया। सैन्य प्रवक्ता का कहना है कि इस धमाके में कई सैनिक मारे गए हैं और कम से कम 60 लोग घायल हुए हैं।श्रीलंकाई सरकार का कहना है कि तमिल विद्रोहियों के कब्ज़े वाले उत्तरी इलाक़े से पिछले कुछ दिनों से हज़ारों आम नागरिक भाग रहे हैं। श्रीलंका में इन दिनों सेना और स्वायत्तता की मांग कर रहे तमिल विद्रोहियों के बीच भीषण संघर्ष छिड़ा हुआ है। ताज़ा सशस्त्र अभियान में तमिल विद्रोहियों को काफ़ी नुकसान भी हुआ है। लगभग ढाई दशक से तमिल विद्रोही अलग राष्ट्र की मांग को लेकर सशस्त्र लड़ाई लड़ रहे हैं और इस संघर्ष में दोनों पक्षों के कम से कम 70 हज़ार लोग मारे जा चुके हैं। कुछ मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि सेना और एलटीटीई के बीच संघर्ष में पिछले कुछ दिनों के दौरान सैकड़ों आम नागरिक मारे गए हैं और लाखों अन्य संघर्ष वाले इलाक़े में फँसे हुए हैं।

मुंबई एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा टल गया

मुंबई एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा टल गया
मुंबई एयरपोर्ट पर सोमवार सुबह एक बड़ा हादसा टल गया। प्रेजिडंट प्रतिभा देवी पाटिल के तीन हेलिकॉप्टरों का एक काफिला अचानक 150 यात्रियों को ले जा रहे इंडियन एयरलाइंस के प्लेन IC 866 के सामने आ गया। प्लेन बस कुछ ही सेकंड्स में टेक ऑफ करने वाला था। पाइलट ने इमर्जन्सी ब्रेक लगाकर किसी तरह प्लेन को रोका। जानकारी के मुताबिक प्रेजिडंट प्रतिभा देवी पाटिल, महाराष्ट्र के राज्यपाल ए सी जमीर और कुछ अन्य वीआईपी लोगों को ले जा रहे तीन हेलीकाप्टरों ने मुंबई के नौसैनिक अड्डे कुंजली से उड़ान भरी थी। तीनों हेलिकॉप्टर हवाई अड्डे की ओर चल पड़े। वहां से प्रेज़िडंट को एक समारोह में भाग लेने के लिए वायुसेना के विशेष विमान से गोंदिया जाना था। मुंबई हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह करीब नौ बजे वायुसेना का विशेष हेलिकाप्टर उसी रनवे पर उतर गया, जहां से एयर इंडिया के प्लेन आईसी 866 को दिल्ली के लिए उड़ान भरनी थी। प्लेन में 150 पैसिंजर थे। अधिकारी ने बताया कि एयर इंडिया का प्लेन रनवे के नजदीक पहुंचने ही वाला था कि तभी एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने हेलिकॉप्टर के बारे में पाइलट को जानकारी दी। प्लेन को रोकने के लिए पाइलट ने इमर्जन्सी ब्रेक लगा दिए। इसे प्लेन के टायर फट गए। हालांकि आधिकारियों का कहना है कि प्रेजिडंट उस हेलिकॉप्टर में सवार नहीं थीं। प्लेन में सवार एक यात्री ने बताया कि प्लेन के उड़ान भरने में कुछ ही सेकंड बाकी थे, तभी प्लेन के ऊपर से एक हेलिकॉप्टर गुजरा। उसने बताया कि हेलिकॉप्टर को बाकी यात्रियों ने भी देखा। हेलिकॉप्टर पर राष्ट्रीय ध्वज बना था। उसने बताया कि प्लेन को रोकने के लिए पाइलट ने इमर्जन्सी ब्रेक लगाए। NBT

पुलिस स्टेशन का काम करेगा कंप्यूटर प्रोग्रैम

क्या आप पुलिस में शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं, लेकिन पुलिस स्टेशन जाने से डरते हैं? अब घबराने की बात नहीं है, क्योंकि सरकार ऐसा कंप्यूटर प्रोग्रैम तैयार करा रही है, जो पुलिस स्टेशन का काम करेगा। इसके जरिये कोई भी अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकता है। इतना ही नहीं, वह केस की जांच में हुई प्रगति के बारे में भी जान सकता है। चार्जशीट फाइल हुई या नहीं, यह भी जाना जा सकता है। गृह मंत्रालय की एक अधिकारी के मुताबिक, क्राइम एंड क्रिमिनल नेटवर्क सिस्टम में आम नागरिक अपनी शिकायतें ऑनलाइन रजिस्टर्ड करा सकेगा। जो भी शिकायत दर्ज होगी, उसकी सूचना पुलिस स्टेशन से जिला स्तर तक भेजी जाएगी। जिला स्तर से राज्य स्तर तक और फिर राज्य स्तर से केंद्र स्तर तक भेजे जाने की योजना है। नए सिस्टम को गृह मंत्रालय ने पिछले साल ही सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। इस पर 2,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया। गृह मंत्रालय इस प्रोजेक्ट को अंतिम रूप दे रहा है। 2010 के अंत तक इसके लागू कर दिए जाने की उम्मीद है। प्रोजेक्ट के अमल में शामिल गृह मंत्रालय की अधिकारी ने कहा कि हम जल्द से जल्द सभी थानों तक इंटरनेट कनेक्टिविटी मुहैया कराना चाहते हैं। गृह मंत्रालय मेगा सिटी पुलिस सिस्टम नाम की महत्वाकांक्षी योजना पर भी काम कर रहा है। इस सिस्टम का मकसद लोकल पुलिस को दुनिया के किसी भी सुरक्षा बल की तरह सक्षम और हथियारों से लैस बनाना है।

Saturday, February 7, 2009

राजसमन्द के विद्यालयों में बांट दी अष्लील पुस्तकें

राजसमन्द। महाभारत युद्ध में अभिमन्यु महारथियों से घिरे होने के बावजूद युद्ध करता रहा और आखिरकार मारा गया। पृथ्वीराज चैहान ने 16 बार मुहम्मद गौरी को हराया और 17 वीं बार हार गया। फ्रांस का सम्राट नेपोलियन जिसके “ाब्द कोश में असंभव “ाब्द नहीं था वह भी हार गया इत्यादि इत्यादि।
इतिहास के उक्त पात्रों की हार और मृत्यु के पीछे इतिहासकारों के अपने-अपने मत रहे है लेकिन देष के ख्यातनाम संत आसाराम के सान्निध्य में संचालित योग वेदांत सेवा समिति की ओर से प्रकाषित योग वेदांत सेवा समिति की ओर से प्रकाषित युवा धन सुरक्षा यौवन सुरक्षा एवं योगयात्रा-4 का समुच्चय पुस्तक में उक्त पात्रों के हार या मृत्यु का मूल कारण हार-मृत्यु से पूर्व उनका वीर्य क्षरण करने को माना गया है। इस पुस्तक में और भी दृश्टांत है जिनके पात्रों के पराजित होने के पीछे मूल मंतव्य ब्रह्मचर्य के क्षरण को होना माना गया।
अमूमन योग वेदांत सेवा समिति मोबाइल पुस्तकालय के जरिए अपनी पुस्तकों का प्रचार-प्रसार एवं विक्रय करती है लेकिन समिति से जुडे कार्यकर्ताओं ने हद तब कर दी जब ऐसी पुस्तकें राजसमन्द जिले के विद्यालयों में लेकर पहुंच गए और छात्रों को इस पुस्तक में वर्णित तुलसी एक अद्भुत औषधि, महामृत्युंजय मंत्र, आसाराम बापू की योगयात्रा के नाम पर गुमराह कर उन्हें सात रुपए अंकित मूल्य की बजाय तीन-तीन रुपए में ऐसी पुस्तक बेच दी।
फरारा विद्यालय में हुआ वाकया ः राजसमंद जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर फरारा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में गुरुवार दिन में योग वेदांत समिति के चार-पांच कार्यकर्ता आए और उन्होंने षिक्षकों एवं संस्था प्रधान की मौजूदगी में युवाधन सुरक्षा नामक पुस्तके तीन-तीन रुपए में बेच दी। बेचने के बाद भी कार्यकर्ता इस पुस्तक की काफी प्रतियां विद्यालय में ही रख कर चले गए। किताबे खरीदने के दौरान विद्यार्थियों एवं षिक्षकों ने यही महसूस किया कि इसमें संत आसाराम के प्रवचन है लेकिन कुछ ही देर बाद जब उन्होंने विस्तृत अध्ययन “ाुरू किया तो उन्हें लगा कि बाजार में बिकने वाले अष्लील साहित्य और इसमें ज्यादा फर्क नहीं है।
यह है इस किताब में ः युवा धन सुरक्षा पुस्तक के पृष्ठ संख्या दो पर वीर्यवान बनो नामक दोहे है। उसके बाद पृष्ठ 46 तक अध्यायवार यौवन सुरक्षा, वीर्यरक्षा के उपाय, वीर्य रक्षण की महत्ता, हमारे अनुभव, ब्रह्मचर्य ही जीवन है आदि का समावेष है।

विद्यालयों में ऐसी पुस्तकों की बिक्री नहीं हो ः जागरूक षिक्षक एवं अभिभावकों के अनुसार पुस्तक के मुख पृष्ठ पर महापुरूशों एवं भगवान का चित्र छापकर अंदर अष्लील बातों का समावेष कर बेचना गलत है। कम से कम विद्यालयों में ऐसी पुस्तकों की बिक्री नहीं होनी चाहिए। कानून की नजर में ः अधिवक्ता नीलेष पालीवाल ने उक्त पुस्तक का अवलोकन कर बताया कि पुस्तक प्रथम दृष्टया अष्लीलता की श्रेणी में है और भारतीय दण्ड संहिता की धारा 292 के तहत आपराधिक कृत्य है। पालीवाल के अनुसार विद्यालयी पाठ्यक्रमों में यौन षिक्षा लागू की जाए या नहीं यह मुद्दा विचाराधीन है। इसके बावजूद धर्म की आड में इस प्रकार की पुस्तकें विद्यालयों में वितरित करना नैतिकता नहीं है।

Friday, February 6, 2009

मंदी का असर वाल स्ट्रट के पत्रकारों पर भी

आर्थिक मंदी से अब तक अप्रभावित अमेरिका के दैनिक अखबार वाल स्ट्रीट जर्नल ने भी करीब दो दर्जन पत्रकारों की नौकरी खत्म करने का फैसला किया है। अखबार की मूल कंपनी डाउ जोंस एंड कंपनी के प्रवक्ता राबर्ट क्रिस्टी के अनुसार जर्नल अपने रिपोर्टिग एवं डेस्क के पत्रकारों की संख्या कम करेगा। जर्नल के प्रबंध संपादक राबर्ट थामसन ने कहा कि 11 संवाददाताओं ने पहले ही नौकरी छोड़ दी है लेकिन अब 14 और नौकरियों को खत्म किया जाएगा। थामसन ने कहा कि अखबार के न्यूयार्क स्थित फैशन एंड रिटेल गु्रप को बंद कर दिया जाएगा और कुछ संवाददाताओं एवं संपादकों को अन्य ब्यूरो में स्थानांतरित किया जाएगा। लास ऐंजलीस तथा बोस्टन ब्यूरो में भी कुछ नौकरियां खत्म की जाएंगी। थामसन ने कहा कि डाउ जोंस के न्यूज वायर्स में नौकरियों में कटौती नहीं की जाएगी।

खाने दे बच्चों को कचरा तभी वह रोग प्रतिरोधक क्षमता से बढा पाएंगे

आधुनिक जमाने में अभिभावक अपने बच्चों को अच्छे से अच्छे वातावरण मेंरखना चाह्तेहैं और उनके आसपास की जगह हमेशा स्वच्छ रखना चाह्ते हैं, यह गलत भी नहीं है परंतु इससे उनकी रोगप्रतिरोधक क्षमता पूर्णरूप से विकसित नहीं हो पाती है.
छोटे बच्चों की आदत होती है कि वे जमीन पर घोडा बनकर चलते समय अपने मार्ग में मिलने वाली किसी भी चीज को उठाकर मूँह में डाल लेते हैं. हम इंसानों के अंदर यह एक नैसर्गिक गुण होता है कि हम खाना खाना पहले से सीखे हुए होते हैं, और बच्चे हर चीज कोचखना चाहते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि हर चीज को चखना, अपने आसपास के वातावरण को समझने की प्रक्रिया का ही एक हिस्साहै. विशेषज्ञों का मानना है कि जब बच्चे कोई गंदी चीजमुँह मे डाल लेतेहैं तो कई प्रकार के बैक्टेरिया और किटाणुं उनके शरीर में जाते हैं और शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता कोकिटाणुओं की प्रोफाइल समझने का मौका मिलता है. किटाणुओं की यह प्रोफाइल आगे चलकर अन्य कई बिमारियों जैसे कि अस्थमा, एलर्जी, मधुमेह आदिसे लडने में शरीर की मदद करती है. जो बच्चे एकदम स्वच्छ वातावरण में रहते हैं और खुलीजमीन पर कभी खेलते नहीं हैं, उनमें इस प्रकार की एलर्जिक रोग होने की सम्भावना बढ जाती है. हालाँकि यह भी सच है कि हमें बच्चों को हमेशा स्वच्छ और अहानिकारक वातावरण मे ही रखना चाहिए परंतु यदि वे कभी कभार जमीन पर पडी कोई चीज उठाकर मुँह में डाल भी लें तो चिंता ना करें, इससे उनकी रोगप्रतिरोधक क्षमता विकसित ही होगी.

नीलामी की बोली लगती रही और बिक गए ख्यातनाम क्रिकेटर

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की नीलामी गोवा में शुरू हो चुकी है। आईपीएल सीज़न टू में अब
तक सबसे बड़ी बोली इंग्लैंड के स्टार क्रिकेटर ऐंड्रू फ्लिंटॉफ और पूर्व कप्तान केविन पीटरसन पर लगी है। फ्लिंटॉफ को चेन्नै सुपरकिंग्स ने करीब साढ़े 15 लाख अमेरिकी डॉलर (7।55 करोड़ रुपये) में खरीदा है। वहीं , पीटरसन को बैंगलोर रॉयल चैलेंजर्स ने इतने ही पैसे खर्च कर खरीदा है। इस तरह , आईपीएल सीज़न वन में सबसे ज़्यादा पैसा पाने वाले धोनी करीब (छह करोड़) को सीज़न टू में पीटरसन और फ्लिंटॉफ ने पिछाड़ दिया है। साउथ अफ्रीका के उभरते क्रिकेट सितारे जे।पी। डूमिनी को मुंबई इंडियंस ने साढ़े नौ लाख अमेरिकी डॉलर (4।66 करोड़ रुपये) में खरीद लिया है। इसके साथ ही पीटरसन को बैंगलोर रॉयल चैलिंजर्स की कप्तानी की जिम्मेदारी दी गई है। राहुल द्रविड़ से कप्तानी छीन ली गई है। ऑस्ट्रेलिया के तूफानी बोलर शॉन टेट को राजस्थान रॉयल्स ने साढ़े तीन लाख अमेरिकी डॉलर (1।70 करोड़ रुपये) में खरीदा है। दूसरी तरफ , दिल्ली डेअरडेविल्स ने इंग्लैंड के ओवैस शाह को 2।76 लाख डॉलर (1।53 करोड़ रु।) में खरीद लिया है। वहीं , इसी टीम ने इंग्लैंड के पॉल कॉलिंगवुड को 1।34 करोड़ रुपये में खरीदा है। डेकन चार्जर्स ने वेस्टइंडीज के फिदेल एडवर्ड्स को 1।50 लाख डॉलर (74 लाख रु।) में खरीदा है जबकि राजस्थान रॉयल्स ने साउथ अफ्रीका के उभरते हुए सितारे टाइरन हेंडरसन को साढ़े छह लाख डॉलर(3।19 करोड़ रुपये) में खरीदा है। श्रीलंका के थिलन तुषारा पर चेन्नै सुपरकिंग्स ने 1।40 लाख डॉलर (68 लाख रुपये) खर्च करने का फैसला किया है। नेस वाडिया और प्रीति जिंटा की अगुवाई वाले किंग्स इलेवन पंजाब ने भी आखिरकार पैसे की थैली का मुंह खोल दिया है। किंग्स इलेवन पंजाब ने इंग्लैंड के रवि बोपारा को 4।50 लाख डॉलर (2।20 करोड़ रुपये) में खरीदा है। बैंगलोर रॉयल चैलिंजर्स ने न्यूजीलैंड के काइली मिल्स को 1।60 लाख डॉलर में खरीदा है। बांग्लादेश के मशरफे मुर्तजा को कोलकाता नाइटराइडर्स ने 6 लाख डॉलर (2।92 करोड़ रुपये) में खरीदा है। आईपीएल के पहले साल में पॉइंट टेबल में सबसे नीचे रही रॉयल चैलिंजर्स की टीम ने अपनी कुल रकम 19।5 लाख डॉलर में से अधिकांश पीटरसन पर खर्च किया , जिनकी बेसप्राइज 13।5 लाख डॉलर थी। इंग्लैंड के ही पूर्व कप्तान फ्लिंटॉफ अब धोनी की कप्तानी वाली चेन्नै सुपर किंग्स के सदस्य होंगे।आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी ने कहा कि नीलाम हुए सभी खिलाड़ियों के साथ दो साल का अनुबंध किया जाएगा। बैंगलोर रॉयल चैलिंजर्स के मालिक विजय माल्या ने कहा कि वह पीटरसन को अपनी टीम में ही चाहते थे। उन्होंने कहा कि पीटरसन बेहतरीन खिलाड़ी हैं। हमने नीलामी से पहले खिलाड़ियों की सूची बनाई थी , जिसमें वह शीर्ष पर थे। हमें अपनी बल्लेबाजी मजबूत करनी है और मैं उसके लिए इससे ज्यादा पैसा लगाने को भी तैयार था। ऑस्ट्रेलिया के ओपनर फिल जैक और दक्षिण अफ्रीका के एश्वेल प्रिंस को किसी ने नहीं खरीदा। ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज स्टुअर्ट क्लार्क भी पहले दौर में किसी फ्रेंचाइज़ी को नहीं लुभा सके। ऑस्ट्रेलिया के ल्यूक राइट को किसी ने नहीं खरीदा। न्यूजीलैंड के हरफनमौला जेस्सी राइडर को बैंगलोर रॉयल चैलिंजर्स ने 78 लाख रुपये में खरीदा। दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज आंद्रे नेल को कोई खरीदार नहीं मिला। श्रीलंका के तेज गेंदबाज नुवान कुलशेखरा के लिए भी किसी टीम ने बोली नहीं लगाई। इंडियन प्रीमियर लीग की आठ फ्रेंचाइजी के पास 13।59 मिलियन डॉलर के बजट में 50 खिलाड़ियों में से 17 को खरीदने का अधिकार था। नीलामी में ऑस्ट्रेलिया के 18, इंग्लैंड के सात , श्रीलंका के पांच , न्यूजीलैंड के तीन , दक्षिण अफ्रीका के सात , वेस्टइंडीज के छह और बांग्लादेश के चार खिलाड़ियों की बोली लगनी थी।

अब्दुल क़दीर ख़ान की नज़रबंदी हटाने के आदेश

पाकिस्तान में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने विवादास्पद परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल क़दीर ख़ान की नज़रबंदी हटाने के आदेश दिए हैं।
उन पर परमाणु तकनीकों और उपकरणों की तस्करी के आरोप लगे थे। हाई कोर्ट ने शुक्रवार को दिए गए फ़ैसले में कहा है कि क़दीर ख़ान अब अपने घर से निकल सकते हैं और मेहमानों से मिल सकते हैं। हालाँकि कहीं आने-जाने से पहले उन्हें सरकारी अधिकारियों को सूचित करना होगा। सरकार का कहना है कि ऐसी व्यवस्था क़दीर ख़ान की सुरक्षा को देखते हुए की गई है। क़दीर ख़ान के पक्ष में फ़ैसला आते ही पत्रकारों को उनसे मिलने की अनुमति मिली। उनका कहना था, "मैं आज़ाद हूँ। पहले पत्रकार मुझसे इस तरह नहीं मिल सकते थे।" उन्होंने स्पष्ट किया कि देश छोड़ कर जाने का उनका कोई इरादा नहीं है। क़दीर ख़ान का कहना था, "मैं अपने देश में ही रहूँगा। अगर सरकार मुझसे किसी मामले पर सलाह लेना चाहती है तो मैं तैयार हूँ।" परमाणु तस्करी में संलिप्त रहने के कुछ देशों के आरोपों के बारे में क़दीर ख़ान ने कहा, "मैं उनके प्रति जवाबदेह नहीं हूँ। मैं सिर्फ़ अपनी सरकार के प्रति जवाबदेह हूँ।" ये पूछे जाने पर कि क्या सरकार से उनकी कोई शिकायत है, तो उनका कहना था, "नहीं, कोई नहीं। ज़रदारी भी आठ साल जेल में रहे और नवाज़ शरीफ़ को भी देश निकाला दिया गया लेकिन उनके ख़िलाफ़ कोई मामला साबित नहीं हुआ। ये होता रहता है।"

वेलेंटनाई डे पर प्यार का इजहार करने वाले जोडे को शादी के बंधन में बांधेगा श्रीराम सेना

श्री राम सेना पूरी ने धमकी दी है कि 14 फरवरी को वैलंटाइंस डे के मौके पर सार्वजनिक रूप से इश्क का इजहार करने वाले लड़के-लड़कियों की जबरन शादी कराई जाएगी। श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता होटलों, हॉस्टलों और कॉलिजों के सामने प्रदर्शन करेंगे। सेना की बैठक में इस बात का निर्णय लिया गया कि कर्नाटक में वैलंटाइंस डे सेलिब्रेशन पर बैन लगाने के लिए सरकार से अपील की जाएगी। इस संबंध में गवर्नर रामेश्वर ठाकुर, मुख्यमंत्री येदयुरप्पा और गृह मंत्री वी.एस. आचार्य को ज्ञापन भी दिया जाएगा। मुतालिक ने कहा कि संगठन ने पांच टीमें बनाई हैं जो 14 फरवरी को चप्पे चप्पे पर नजर रखेंगी। उनके पास खुफिया कैमरे भी होंगे। टीम के साथ पुरोहित भी होंगे जिनके पास हल्दी और मंगलसूत्र भी होंगे। वे शादी संपन्न कराएंगे और यह शादी बाकायदा रजिस्टर्ड होगी। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान हमारे कार्यकर्ता कानून को हाथ में नहीं लेंगे। लेकिन, उन्होंने यह चेतावनी दी कि जो पेरंट्स अपने बच्चों की ऐसी शादी नहीं चाहते हैं वे अपने बेटे और बेटियों को 14 फरवरी को बाहर न भेजें।

Wednesday, February 4, 2009

ब्ल्यू जीन' से बीस गुना तेज सुपरकंप्यूटर

कंप्यूटिंग स्पीड में नया धमाका फिर आईबीएम ने किया है। उसने कंप्यूटिंग स्पीड के अपने पुराने रेकॉर्ड को भी ध्वस्त कर दिया है। आईबीएम ने अब जो नया सुपरकंप्यूटर पेश किया है वह मौजूदा सुपरकंप्यूटिंग मशीन 'ब्ल्यू जीन' से बीस गुना तेज है। आज यह विश्वास करना भी कठिन है कि सिर्फ आज से तेरह साल पहले ही सुपर कंप्यूटर टेराफ्लॉप हुआ करता था। कंप्यूटर गणना में पेंटाफ्लॉप का आशय है टेराफ्लॉप से 1000 गुना तेज। आज से एक साल पहले ही आईबीएम ने पहली बार पेंटाफ्लॉप (10 टु द पॉवर 15) के बैरियर को क्रॉस किया था। आईबीएम का यह नया सिस्टम है 'सीक्वेया'। यह 20 पेंटाफ्लॉप या बीस क्वाड्रिलियन कैलकुलेशन प्रति सेकंड कर सकेगा। सामान्य भाषा में कहें तो इससे सुपरकंप्यूटर की स्पीड बीस लाख लैपटॉप्स की क्षमता से भी अधिक होगी। 'सीक्वेया' में लगभग सोलह लाख कंप्यूटर चिप्स होंगी। इससे इसकी गणना क्षमता बढ़कर 1।1 पेंटाफ्लॉप ब्ल्यू जीन एल कंप्यूटर से भी अधिक हो जाएगी। 'सीक्वेया' की मेमॉरी क्षमता 1।6 पेटाबाइट्स रखी गई है। यह सुपर कंप्यूटर आईबीएम द्वारा अमेरिकी ऊर्जा विभाग के लिए बनाया गया है, जिसे कैलिफॉर्निया की लॉरेंस लाइवमोर नैशनल लैबोरेटरी में 2012 में स्थापित किया जाएगा। 'सीक्वेया' का उपयोग एक और मशीन जिसे 'डॉन' कहा जाता है, के साथ न्यूक्लियर टेस्ट सिमुलेशन और विस्फोट में किया जाएगा। डॉन का निर्माण पहले ही हो चुका है। आईबीएम के प्रवक्ता रॉन फावेली ने बताया कि दोनों ही मशीनों का उपयोग हमारे न्यूक्लिअर भंडार की सुरक्षा और विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने में किया जाएगा। रॉन ने संतोष जाहिर करते हुए कहा - सीक्वेया इज बिग। सुपरकंप्यूटर की स्पीड में प्रगति बहुत तेजी के साथ देखने को मिल रहा है। निर्माण की नई तकनीकों और सस्ती चिप के विकास से यह सब संभव हुआ है। सिर्फ 1996 में ही एक ट्रिलियन गणना प्रति सेकंड (टेराफ्लॉप) करने वाली मशीन बनाना संभव हुआ था, तब पेंटाफ्लॉप बहुत दूर की कौड़ी लगता था। दो साल पहले सन माइक्रोसिस्टम्स ने 59 मिलियन डॉलर की मशीन पेश की थी - कॉन्सटेलेशन। इस मशीन का दावा 421 टेराफ्लॉप स्पीड के साथ, सबसे फास्ट ऑपरेटिंग सिस्टम होने का था। सिर्फ दो साल बाद ही सीक्वेया इसकी 50 गुनी स्पीड हासिल करने वाली मशीन बन रही है। सीक्वेया की लागत निश्चित रूप से ज्यादा है, पर नई पीढ़ी के सुपर कंप्यूटर किसी भी तरह पुरानी पीढ़ी के कंप्यूटर से ज्यादा फास्ट और सस्ते हैं। नया स्पीड बैरियर है एक्साफ्लॉप - 10 टु द पॉवर 18। यद्यपि यह भी सच है इस उपलब्धि के एक सप्ताह पहले ही आईबीएम ने वर्ल्डवाइड ऑपरेशन से 3000 कर्मचारी छटनी किए जाने की घोषणा की थी। NBT

फेअरनस क्रीम बनाने वाली कंपनियों करे दावा साबित

स्वास्थ्य मंत्री अंबुमणि रामदॉस ने फेअरनस क्रीम बनाने वाली कंपनियों पर निशाना साधा है। रामदॉस ने बुधवार को कहा कि इन कंपनियों को अपना दावा साबित करना होगा। उन्हें वैज्ञानिक सबूत पेश करने होंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ऐसा नहीं चलेगा। ये कंपनियां यह नहीं कह सकतीं कि एक हफ्ते में आप गोरे या ऐसा ही कुछ और हो जाएंगे। मैंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखकर ऐसा दावा करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है। गौरतलब है कि पहले भी ऐसी रिपोर्ट्स आई थीं, जिनमें डॉक्टरों ने कहा था कि फेअरनस क्रीम के तत्वों टिटैनियम डाइऑक्साइड, निकोटिमाइड, हाइड्रोलाइज्ड मिल्क प्रोटीन, मोती और केसर से त्वचा का रंग नहीं बदला जा सकता। निकोटिमाइड थोड़े समय के लिए खून का सर्कुलेशन बढ़ा देता है, जिससे त्वचा पर कुछ वक्त के लिए लालिमा सी दिखती है। त्वचा का रंग मेलानोसाइट्स को नष्ट करके ही बदला जा सकता है, लेकिन इसके दूरगामी नतीजे काफी हानिकारक होते हैं। NBT

भारत-पाक समग्र वार्ता जारी रखे : बान की मून

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान पाकिस्तान से अनुरोध किया है कि वह मुंबई हमले की जाँच करे और भारत को पूरा सहयोग दे। गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून दिल्ली में जलवायु परिवर्तन पर एक सम्मेलन में भाग ले रहे हैं और वे उच्चस्तर पर भारतीय मंत्रियों और अधिकारियों से भी मुलाकात कर रहे हैं। इस्लामाबाद में बुधवार को उन्होंने बढ़े हुए भारत-पाक तनाव के संबंध में पाकिस्तान से भारत-पाक समग्र वार्ता जारी रखने का आहवान भी किया। पिछले साल नवंबर में हुए मुंबई हमलों के लिए भारत पाकिस्तान में मौजूद तत्वों को ज़िम्मेदार ठहराता है और उन्हें भारत के सुपुर्द करने की माँग करता आया है। पाकिस्तान ने इन आरोपों का खंडन करते हुए भारत की माँग स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। बुधवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान के अधिकारियों से बातचीत के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा था कि वे जल्द ही बेनज़ीर भुट्टो की हत्या की जाँच के लिए आयोग गठित करेंगे। पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की 27 दिसंबर, 2007 को रावलपिंडी में एक रैली के बाद हत्या कर दी गई थी। इस्लामाबाद में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने मुंबई हमलों के संदर्भ में कहा था, "मैंने प्रधानमंत्री और पाकिस्तान की सरकार से अनुरोध किया है कि उन्हें (मुंबई हमलों के संदर्भ में) पूरी जाँच करनी चाहिए और भारत की सरकार के साथ पूरी तरह से सहयोग करना चाहिए।" समाचार एजेंसियों के अनुसार उनका कहना था कि भारत और पाकिस्तान के बीच सहयोग और दोस्ताना संबंध केवल दोनों देशों के लिए ही लाभदायक नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए ज़रूरी हैं। उन्होंने कहा कि चाहे 'मुंबई हमलों के कारण पाकिस्तान के भारत के साथ रिश्तों में खटास आई है लेकिन पाकिस्तान को भारत के साथ समग्र बातचीत का सिलसिला जारी रखते हुए चर्चा आगे बढ़ानी चाहिए।' बान की मून दिल्ली में चिरस्थायी विकास सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। जयवायु परिवर्तन के क्षेत्र में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए इसका आयोजन किया गया है। BBC

स्वास्थ्य के लिए घातक ट्रांस फ़ैट

भारत में एक अध्ययन में पाया गया है कि खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाले बाज़ार में उपलब्ध अनेक तेल ऐसे हैं जिनमें ट्रांस फ़ैट की मात्रा बहुत अधिक है।
ट्रांस फ़ैट दिल के स्वास्थ्य के लिए घातक माना जाता है क्योंकि ये लाभदायक कॉलेस्टेरॉल की मात्रा घटा देता है। ये अध्ययन एक ग़ैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरनमेंट (सीएसई) ने किया है। सीएसई ने बाज़ार में उपलब्ध तेल, वनस्पति घी, मक्खन और घी बनाने वाली तीस कंपनियों के उत्पादों की जाँच के बाद पाया कि इन सभी उत्पादों में ट्रांस फ़ैट की मात्रा ज़रूरत से कई गुना अधिक है। ट्रांस फ़ैट एक असंतृप्त वसा है जो खाद्य तेल की जीवन अवधि बढ़ाने में सहायक होता है। सीएसई की प्रमुख सुनीता नारायण का कहना है, "ट्रांस फ़ैट स्वास्थ्य के लिए घातक होता है, ख़ासकर दिल के लिए, क्योंकि ये लाभदायक कॉलेस्टेरॉल की मात्रा को कम कर देता है। इससे कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियाँ होने का ख़तरा बढ़ जाता है।" सुनीता का कहना है कि ट्रांस फ़ैट महिलाओं में बांझपन का ख़तरा बढ़ा देता है। सीएसई की जाँच में सभी ब्रांड के वनस्पति घी में ट्रांस फ़ैट की मात्रा डेनमार्क में स्थापित मानक के मुकाबले में पाँच से 12 गुना अधिक पाई गई। सुनीता का कहना है, "अध्ययन के अनुसार अगर डेनमार्क के मानक से तुलना की जाए तो भारत में किसी भी खाद्य तेल के स्वास्थ्य के लिए सही होने के बारे दावा नहीं किया जा सकता है।" उनका कहना है कि दुनिया के कई देश खाद्य तेल में ट्रांस फ़ैट के इस्तेमाल की निगरानी करते हैं और भारत में भी खाद्य पदार्थों की निगरानी करने वाली संस्था ने ट्रांस फ़ैट को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया है। सुनीता के अनुसार वर्ष 2004 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्रांस फ़ैट के मानक को तय करने पर विचार करना शुरु किया और वर्ष 2008 में सेंटर कमेटी फ़ॉर फूड को इस सिलसिले में एक प्रस्ताव भी भेजा था लेकिन इस पर फ़ैसला लिया जाना अभी भी बाक़ी है। अध्ययन के अनुसार ट्रांस फ़ैट की मात्रा सबसे अधिक वनस्पति घी और फिर वनस्पति तेल में है जबकि इसकी सबसे कम मात्रा घी और मक्खन में पाई जाती है।

श्रीलंका की सेना और तमिल विद्रोहियों के संघर्ष में पहली बार आम नागरिक मारे गए

श्रीलंका की सेना और तमिल विद्रोहियों के बीच चल रहे संघर्ष में इतनी बड़ी संख्या में पहली बार आम नागरिक मारे गए हैं। सेना ने कहा है कि दोनों अस्पतालों में बम गिराने में उसका कोई हाथ नहीं है। तमिल विद्रोहियों की ओर से इस पर कोई बयान नहीं आया है। इस बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति महेंद्रा राजपक्षे ने देश छोड़कर गए लोगों से वापस लौटने की अपील करते हुए कहा है कि 'तमिल विद्रोही कुछ ही दिनों में पूरी तरह परास्त' हो जाएँगे। श्रीलंका बुधवार को अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और इस आयोजन में भाषण करते हुए राष्ट्रपति ने यह टिप्पणी की है। जिन दो अस्पतालों पर क्लस्टर बम डाल गए हैं उनमें से एक तो वह है जिसे पिछले पिछले कुछ दिनों में पाँच बार निशाना बनाया गया है और बम हमले किए गए हैं। मलाइतिवु ज़िले के पुतुकुदीयिरुप्पु में स्थित इस अस्पताल पर जब क्लस्टर बम गिराए गए तो अस्पताल खाली पड़ा था। लेकिन इस अस्पताल से कोई 20 किलोमीटर दूर स्थित सुधांतिपुरम के एक अस्थाई अस्पताल में पर हुए गोलाबारी में कम से कम 52 नागरिकों की मौत हुई है। समाचार एजेंसी एपी का कहना है कि यह अस्पताल जिस इलाक़े में स्थित है वहाँ तमिल विद्रोहियों के अलावा ढाई लाख आम नागरिक फँसे हुए हैं। समाचार एजेंसियों का कहना है कि वर्ष 2006 में सरकार और तमिल विद्रोहियों के बीच शांतिवार्ता टूटन के बाद से जो संघर्ष शुरु हुआ है उसमें पहली बार क्लस्टर बमों का उपयोग किया गया है। उधर स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाषण देते हुए राष्ट्रपति महेंद्रा राजपक्षे ने कहा है कि सरकार 'आतंक को ख़त्म करने के क़रीब' पहुँच गई है। उन्होंने कहा, "मैं देश छोड़कर चले गए श्रीलंका के सभी समुदायों से अपील करता हूँ कि वे वापस लौट आएँ।" इस बीच सरकार और तमिल विद्रोहियों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दबाव बना हुआ है कि वे संघर्ष विराम करें। श्रीलंका को आर्थिक मदद देने वाले अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं ने तमिल विद्रोहियों से अनुरोध किया है कि वे हथियार डाल दें और संघर्ष समाप्त कर दें ताकि आम नागरिकों को निशाना बनने से बचाया जा सके। अमरीका, यूरोपीय संघ और नोर्वे ने कहा कि इसमें अब ज्यादा वक्त नहीं लगेगा जब विद्रोही सभी इलाक़ों पर अपना नियंत्रण खो देंगे। उनका कहना है कि दोनों पक्षों को ये महसूस करना चाहिए कि लोगों की मौत से कुछ हासिल नहीं होने वाला है।

Monday, February 2, 2009

खुलेआम अपने प्यार का इजहार कानून की नज़र में ग़लत नहीं !

क्या शादीशुदा जोड़ा पब्लिक प्लेस पर खुलेआम अपने प्यार का इजहार कर सकता है ? यह सवाल आपके मन में कभी न कभी आया जरूर होगा। तो इस सवाल का जवाब है कि कम से कम कानून की नज़र में ऐसा करना ग़लत नहीं है। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक केस की सुनवाई के दौरान यह कहा है कि किसी भी नौजवान शादी-शुदा जोड़े द्वारा पब्लिक प्लेस में एक दायरे के भीतर प्यार का इजहार करना कानून की नज़र में ग़लत नहीं है। द्वारका के रहने वाले (अजीत बदला हुआ नाम) और उनकी पत्नी पर आरोप है कि दोनों पब्लिक प्लेस पर एक-दूसरे का चुंबन ले रहे थे। दोनों के खिलाफ द्वारका पुलिस ने पब्लिक प्लेस पर अश्लील हरकत करने का मामला बनाते हुए एफआईआर दर्ज किया था। आर्य समाज में शादी कर चुके इस जोड़े के उस समय रजिस्टर्ड मैरिज के कागजों का इंतजार था। इस मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने आपराधिक मुकदमे पर स्टे लगा दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट के जज एस.मुरलीधर ने स्टे लगाते हुए अपनी व्यवस्था में कहा है कि कि मौजूदा मामला आईपीसी की धारा 34 के सेक्शन 294 (अश्लीलता) के तहत नहीं आता है। जज ने आगे कहा कि अगर एफआईआर के मुताबिक भी केस को देखें तो यह समझ से परे है कि किसी नौजवान शादीशुदा जोड़े द्वारा प्यार का इजहार करना अश्लीलता के दायरे में आएगा और कानून तोड़ेगा। अब इस मामले में अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी , जब शादीशुदा जोड़े द्वारा पुलिस के खिलाफ प्रताड़ना के आरोप पर की गई कार्रवाई के बाबत जवाब देना होगा। शादीशुदा जोड़े ने पुलिस कमिश्नर के यहां इस मामले की लिखित शिकायत की है। गौरतलब है कि पिछले साल चार सितंबर को शादीशुदा जोड़े को द्वारका पुलिस थाने के एएसआई विद्याधर सिंह ने पकड़ लिया था। एएसआई का दावा था कि शादीशुदा जोड़ा एक मेट्रो पिलर के पास आपत्तिजनक हालत में बैठकर एक दूसरे को चूम रहा था , जिससे आसपास गुजरने वाले लोगों को बुरा लग रहा था। यहां तक की अजीत ने पुलिस वालों से कहा कि वह दोनों पति-पत्नी हैं , बावजूद इसके दोनों को गिरफ्तार कर पुलिस थाने ले गई। जोड़े को थाने से ही ज़मानत दे दी गई। हाई कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई है कि पुलिस ने किस तरह इस तथ्य को अनदेखा करते हुए कि दोनों शादीशुदा हैं , एफआईआर दर्ज कर दी। और तो और एफआईआर या उसके बाद दाखिल की गई चार्जशीट में पुलिस ने किसी चश्मदीद की गवाही बतौर सबूत नहीं पेश की , जिससे कोर्ट के सामने साफ हो गया है कि आरोप मनगढ़ंत थे। अजीत ने यह पुलिस और बार काउंसिल के सामने यह आरोप भी लगाया है कि जिस वकील ने उन्हें मैरिज रजिस्ट्रेशन की औपचारिकताएं पूरी कराने का वादा किया था , उसने विद्याधर सिंह के साथ मिलकर वसूली करने की योजना बनाई। अजीत ने कहा है कि उन्हें कानून की बारीकियां नहीं पता थीं , इसलिए वह पुलिस-वकील के चंगुल में फंस गए। हाई कोर्ट में दायर याचिक में अजीत ने यह बताया कि किस तरह पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान उनके एटीएम कार्ड का दुरूपयोग करते हुए बीस हजार रुपये निकाल लिए गए। अजीत ने कहा कि उन दोनों की शादी सितंबर के पहले सप्ताह में एक आर्यसमाज मंदिर में हुई थी , जिसके बारे में दोनों के परिजनों को पता नहीं था। यही वजह थी कि दोनों शादी के बाद भी अलग रह रहे थे और रजिस्टर्ड मैरिज की कोशिश में थे। इसी कोशिश में उन्होंने वकील की मदद ली , जिसने बाद में जोड़े को धोखा दिया। हाई कोर्ट में दायर याचिक में अजीत ने यह भी कहा कि वह दोनों एक-दूसरे को चूम नहीं रहे थे , बल्कि मोबाइल से एक साथ दोनों की फोट खींच रहे थे। हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान अजीत का पक्ष पेश कर रहे वकील ने अश्लीलता के कानून की बारीकियों पर रोशनी डालने की कोशिश की। टाइम्स से बात करते हुए वकील ने कहा कि अश्लीलता के आरोप तब सही होते हैं जब वह वाकई इतना ज़्यादा अभद्र हो कि लोगों को शर्मिंदगी झेलनी पड़े। वकील के मुताबिक पेश मामले में इस तरह की बात नहीं है क्योंकि चार्जशीट में कहीं भी किसी चश्मदीद का बयान नहीं है।

पाकिस्तान की महिलाएं कम कुख्यात नहीं है

अब तक आतंकवादियों की शरण स्थली और जन्मभूमि बन गई पाकिस्तान के केवल पुरूष ही नहीं यहां की महिलाएं भी इतनी खतरनाक है कि वह आम व्यक्ति का रेप कर सकती है। कराची पुलिस ने एक युवक को किडनैप करने और उसके साथ बलात्कार करने के आरोप में तीन अज्ञात महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन महिलाओं पर आरोप है कि इन्होंने एक युवक को अगवा करके चार दिनों तक उसके साथ रेप किया और बाद में उसे कयामाबाद नदी के पास फेंक दिया। पीड़ित युवक की पहचान खलील के रूप में हुई है। 23 वर्षीय खलील एक रेस्तरां में वेटर के रूप में काम करता है। डेली टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित ने बताया कि 27 जनवरी की रात को एक अज्ञात व्यक्ति ने रेस्तरां में आकर बाहर कार में बैठीं महिलाओं को खाना देकर आने का ऑर्डर दिया। ऑर्डर देने के बाद वह व्यक्ति कार की तरफ चला गया। खाना देने के लिए जैसे ही खलील कार की तरफ गया, कार में बैठीं महिलाएं ने कहा कि वह इस इलाके में नई हैं और उन्हें इलाके की जानकारी नहीं है।
महिलाओं ने खलील से कहा कि वह उनके घर रोज खाना पहुंचा दिया करे और उनके साथ चलकर उनका घर देख ले। लेकिन जैसी ही खलील उनके घर पहुंचा महिलाओं ने उसे दूध दिया, जिसमें कोई नशीला पदार्थ मिला हुआ था। उसके बाद वह बेहोश हो गया। जैसे ही खलील को होश आया उसने देखा कि एक महिला उसके साथ गलत व्यवहार कर रही है। पुलिस अधिकारी असद रज़ा ने बताया- महिलाओं ने चार दिन तक खलील के साथ दुराचार किया और उसके बाद उसे कयामाबाद नदी के पास फेंक दिया। खलील की हालत काफी खराब है। उसके गुप्तांग से खून निकल रहा है औक वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा है। रज़ा ने कहा- महिलाएं कराची के पॉश इलाके क्लिफटन की हैं और अमीर परिवारों से ताल्लुक रखती हैं। रज़ा ने कहा- यह केस काफी जटिल है, लेकिन हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही इस मामले को सुलझा लेंगे। NBT

उसके तो अपनो ने खून कर दिया रिश्तो का

अपने कब बेगाने हो जाते है इसका एक वायका दिल्ली के लोदी कॉलोनी में देखने को मिला जहां एक बालिका अपने खून के सगे से बचने के लिए स्कूल की मेडम से गुंहार लगा रही है। बाप, चाचा और भाइयों की गिरफ्तारी से तीन मासूम लड़कियां और उनके दो अबोध भाई राहत की सांस ले रहे हैं। दरअसल, इन तीनों ने इन रिश्तों को नासूर बना दिया था। मुलजिमों को उनके अंजाम तक पहुंचाया इन बच्चों की टीचर ने। एनबीटी से बातचीत में टीचर ने इसका श्रेय एसएचओ (लोदी कॉलोनी) राजेंद्र सिंह को दिया। लोदी कॉलोनी के 'नगर पालिका प्राइमरी गर्ल्स स्कूल' में पढ़ाने वाली टीचर ने बताया कि उनकी क्लास में 12 साल की स्टूडंट मनीषा (बदला हुआ नाम) बहुत परेशान रहती थी। पूछने पर भी मनीषा वजह नहीं बताती थी। एक दिन मनीषा अपनी सहेली के साथ टीचर के घर पहुंची। उसने रोते हुए बताया कि उसका पिता उससे और दो छोटी बहनों से रेप करता है। मना करने पर वह उन्हें बुरी तरह पीटता है और भूत-प्रेत बुलाने की बात कहकर डराता है। मनीषा के मुताबिक, उसने ऐसा नहीं करने की प्रार्थना कागज पर लिखकर अपने पिता को दी थी। उसके पिता ने उस कागज को जला दिया था। मनीषा की छोटी बहनों की उम्र 10 और 8 साल है। मनीषा ने आग्रह किया कि उसके पिता को गिरफ्तार कराने के बजाय समझाया जाए। उसकी मां का देहांत पांच साल पहले हो चुका है। उसने बताया कि पिछले एक साल से उसका चाचा रामबाबू, बुआ का लड़का प्रेम और ममेरा भाई विनोद कई बार उससे गलत काम कर चुके हैं। टीचर ने मनीषा के पिता को अपने घर बुलाया। रेडीमेड कपड़ों की रेहड़ी लगाने वाले उनके पिता ने टीचर के पैर पकड़कर और लिखित माफीनामा देकर आइंदा ऐसा न करने का वादा किया। एक हफ्ते बाद 26 जनवरी को मनीषा का पिता उसे गुड़गांव ले गया। उसने वहां मनीषा को बंधक बनाकर अपने छोटे भाई के पास रखा। फिर उसे गुड़गांव छोड़कर 30 जनवरी को वापस लोदी कॉलोनी आया। 31 जनवरी को मनीषा की छोटी बहन रचना (बदला हुआ नाम) ने रोते हुए अपनी सहेली को रात में हुई वारदात के बारे में बताया। दोनों लड़कियां टीचर के पास गईं। वहां रचना ने बताया कि रात में उसके बाप ने उससे रेप किया। यह वारदात उसके तीन छोटे भाई-बहनों ने भी देखी थी। इसके बाद रचना से उसकी बुआ के लड़के ने भी गलत काम किया। NBT

ओबामा के इस्तीफे के ईमेल में छिपा है ट्रोजन वायरस

अगर आपको अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के इस्तीफे के बारे में कोई ई-मेल मिलता है तो सावधान हो जाइए। यह ईमेल संदेश आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने वाला ट्रोजन वायरस हो सकता है। समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार ऐंटी वायरस बनाने वाली प्रयोगशाला सोफोज ने बताया है कि ओबामा के अचानक इस्तीफे संबंधी इन संदेशों का एकमात्र उद्देश्य उपभोक्ता के कंप्यूटर में वायरस डालना होता है और ऐसे संदेशों को किसी भी सूरत में नहीं खोलना चाहिए। अगर आप इस लिंक को खोलते हैं तो यह आपको एक ऐसी वेबसाइट पर ले जाता है जो बिल्कुल ओबामा की आधिकारिक साइट की तरह दिखती है। इसके साथ ही ट्रोजन नामक वायरस आपके कंप्यूटर में प्रवेश कर जाता है। सोफोस के मुताबिक यह पहला मौका नहीं है जब साइबर जगत के अपराधियों ने ओबामा की लोकप्रियता का लाभ उठाने की कोशिश की है। इससे पहले नवंबर 2008 में राष्ट्रपति पद के चुनावों के तत्काल बाद भी ऐसा एक वीडियो जारी करने की कोशिश की गई थी।

कॉल दरों में 70 फीसदी तक की गिरावट

फोन कॉल दरों में भारी कमी की तैयारी चल रही है। ट्राई की सिफारिश के मुताबिक, फोन ग्राहकों ो यह सुविधा दी जाए कि वे अपनी पसंद के ऑपरेटर का कॉलिंग कार्ड खरीदकर एसटीडी और आईएसडी कर सकें। जानकारों का कहना है कि कॉलिंग कार्ड से कॉम्पिटिशन बढ़ने के कारण कॉल दरों में 70 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। इसके अलावा, ट्राई ने देश के अंदर होने वाली कॉल्स के लिए इंटरनेट टेलिफोनी की सुविधा दिए जाने की भी सिफारिश की थी। सरकार इन सिफारिशों को स्वीकार कर सकती है। इस बाबत सोमवार को बैठक होगी। ऐसा महसूस किया गया है कि ग्राहक को ऑपरेटर बदलने की सुविधा देने के तीन तरीके हैं। पहला, हर कॉल के लिए ऑपरेटर बदलने की सुविधा हो। दूसरा, ऑपरेटर का प्री-सिलेक्शन हो। तीसरा, कॉलिंग कार्ड की सुविधा दी जाए। इसमें पहले विकल्प के जरिये ग्राहकों को सबसे ज्यादा सुविधा मिलेगी। लेकिन इस सुविधा को मुहैया कराने का खर्च फिलहाल तर्कसंगत नहीं माना जा रहा है। इस पर भविष्य में सही वक्त पर विचार किया जा सकता है। कॉलिंग कार्ड पर ट्राई ने पिछले साल सिफारिश पेश करते हुए कहा था कि मौजूदा हालात में नेटवर्क बदलकर पसंद का ऑपरेटर चुनने की छूट देना हो सकता है कि उचित न हो। इस पर अमल में मुश्किलें आएंगी। कॉलिंग कार्ड की सुविधा बेहतर विकल्प है। टेलिकॉम डिपार्टमंट ने इस बारे में एक कमिटी बनाई। सूत्रों ने कहा कि इस कमिटी ने लंबी दूरी के लिए कॉलिंग कार्ड सुविधा दिए जाने की सिफारिश की है।