Thursday, April 23, 2009

मुझे मेरी मां की अस्थियां वापस दिलवा दो

अपने परिजन की कब्र का रखरखाव करने में जरा भी कोताही न बरतें। हो सकता है जाने-अनजाने में कोई उनकी कब्र को नुकसान पहुंचा दे या उस पर किसी और को दफना दिया जाए। हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें एक महिला की कब्र पर दूसरी महिला को अनजाने में दफना दिया गया।
जूनी इंदौर ईसाई कब्रिस्तान में एक महिला की पहले से बनी कब्र पर दूसरी महिला को दफना दिया गया है। यह बात जब पहली महिला के परिजन को पता चली तो वे रुआंसे हो गए और अब वे कब्रिस्तान कमेटी पर कानूनी कार्रवाई करने जा रहे हैं जबकि जिस महिला को वर्तमान में दफनाया गया है उसका बेटा अपनी गलती स्वीकार रहा है। एक परिवार की इस गलती ने दूसरे परिवार की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
हर रविवार की तरह इस रविवार (19 अप्रैल) भी फ्रांसिस फर्नाडीस अपनी पत्नी नतालियन फर्नाडीस की कब्र पर फूल चढ़ाने जूनी इंदौर कब्रिस्तान पहुंचे। उन्हें नतालियन की कब्र पर नई मिट्टी और क्रॉस लगा मिला। यह देखते ही वे समझ गए कि कब्र को दोबारा खोदा गया है। उन्होंने चौकीदार और अन्य लोगों से पूछा तो वे लोग बोले हां, यहां एक महिला को दफनाया है। इस पर उन्होंने आपत्ति ली और घटना की जानकारी कब्रिस्तान कमेटी और रेड चर्च के फादर को दी।
नतालियन फर्नाडीस की बेटी एनी कहती हैं मां की कब्र पर किसी ओर महिला को दफना दिया गया। जब मुझे जानकारी मिली तो मन दु:खी हो गया। हर बार अपनी मां की कब्र पर जाकर संवेदनाएं व्यक्त करती थी। अब समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं। मेरी एक ही विनती है कि मेरी मां की अस्थियां मुझे लौटा दी जाएं।फ्रांसिस बताते हैं पत्नी की मौत 2003 में कैंसर से हुई थी। इसके बाद उन्हें जूनी इंदौर कब्रिस्तान में दफनाया गया था। मैं हर रविवार को यहां आकर पत्नी की कब्र पर फूल चढ़ाता हूं। कब्रिस्तान में बहुत जगह है फिर मेरी पत्नी की कब्र खोदकर ही दूसरी महिला को क्यों दफनाया गया। कब्रिस्तान कमेटी के सदस्य और रेड चर्च के फादर जॉली जॉन कहते हैं हमारे जूनी इंदौर कब्रिस्तान में जगह ही नहीं बची। इस कारण परेशानी आ रही है। कब्र किसी भी व्यक्ति की संपत्ति नहीं है। इसलिए उस पर हक नहीं जताया जा सकता है।