Friday, March 6, 2009

उसकी इंसानियत पर भाई ने फेर दिया शौतानियत का पानी

लाहौर में श्रीलंकाई टीम पर हुए आतंकी हमले में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। श्रीलंकाई टीम की जान बचाने के बाद पाकिस्तान में हीरो बने बस ड्राइवर का भाई एक आतंकवादी था। खास बात यह है कि वह 1995 में कश्मीर में भारतीय फौज के हाथों मारा गया था। ब्रिटेन के एक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। गौरतलब है कि जिस बस में श्रीलंका की टीम जा रही थी, उसे मोहम्मद मेहर खलील चला रहा था। हमले के वक्त बस को वहां से सुरक्षित निकालने के बाद खलील पाकिस्तान में हीरो बन गया। अब पता चला है कि खलील का भाई एक आतंकवादी था। अखबार ने दावा किया है कि उसके रिपोर्टर ने खलील के रिश्तेदार से बात करने के दौरान वहां उसके आतंकी भाई की तस्वीर देखी। इसमें वह केलिनेकोव राइफल और एक रेडियो सेट लिए हुआ था। फोटो पर उर्दू में लिखा हुआ था, 'कश्मीर में शहीद मुजाहिद, जिसकी मौत उधमपुर में 25 अगस्त 1995 को हुई।' उसका कोड नेम अब्दुलाह बताया गया है। इसकी तस्दीक अखबार के रेकॉर्ड भी करते हैं। इसके मुताबिक 24 अगस्त 1995 को हरकत उल अंसार का एक टेररिस्ट अब्दुल्लाह भारतीय फौज के हाथों मारा गया था। बताया जाता है कि खालिद जमात-ए-इस्लामी पार्टी का सपोर्टर भी है। यह पार्टी पाकिस्तान में शरियत कानून को लागू करने की वकालत करती रही है। खालिद का खुद का भी मानना रहा है कि श्रीलंका की टीम पर हमला करने वाले आतंकी भारत से आए थे। 38 साल का खालिद लाहौर के अपने छोटे से घर में माता-पिता और भाई के साथ रहता है।