Sunday, October 11, 2009

केवल 11 दिन खुलेगी कुंवारों की किस्मत

शिकार युवती ने चारों ओर से निराश हो कर फिल्म सितारे सलमान खान से मदद की गुहार लगाई है। शनिवार को लिखे एक पत्र में मीरा रोड की इस 22 वर्षीय युवती ने सलमान से कहा है कि वे उसे आर्थिक मदद करें ताकि वह किराए से फ्लैट लेकर परिवार से अलग रह सके।

युवती का कहना है कि वह अपने पैरों पर खड़े होना चाहती है। उसकी शिकायत पर पुलिस ने चौहान और उसके तांत्रिक दोस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। युवती ने बताया कि उसके परिजन उस पर रिपोर्ट वापस लेने और बदले में तांत्रिक के बेटे से शादी करने का दबाव डाल रहे हैं।

युवती ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से इस बात की शिकायत भी की, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं मिला है। सलमान को लिखे पत्र के बारे में युवती ने बताया, ‘मैंने उनसे आर्थिक मदद मांगी है, ताकि मैं एक फ्लैट किराए पर ले सकूं। मुझे अपने बिजनेस से खास आमदनी नहीं होती।’ उसने यह भी कहा कि वह अपनी मां व अन्य परिजनों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराना चाहती, क्योंकि इससे उन्हें भी जेल की हवा खानी पड़ेगी।

नौ साल तक जुल्म सहा : मार्च में सामने आए इस सनसनीखेज मामले में युवती ने पिता किशोर चौहान के खिलाफ नौ साल से अपने तांत्रिक दोस्त के साथ मिलकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। जब दोनों दरिंदों की नजर युवती की 15 वर्षीय बहन पर पड़ी तो उससे रहा नहीं गया और उसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी।

सलमान खान से मदद की गुहार

दुष्कर्म शिकार युवती ने चारों ओर से निराश हो कर फिल्म सितारे सलमान खान से मदद की गुहार लगाई है। शनिवार को लिखे एक पत्र में मीरा रोड की इस 22 वर्षीय युवती ने सलमान से कहा है कि वे उसे आर्थिक मदद करें ताकि वह किराए से फ्लैट लेकर परिवार से अलग रह सके।

युवती का कहना है कि वह अपने पैरों पर खड़े होना चाहती है। उसकी शिकायत पर पुलिस ने चौहान और उसके तांत्रिक दोस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। युवती ने बताया कि उसके परिजन उस पर रिपोर्ट वापस लेने और बदले में तांत्रिक के बेटे से शादी करने का दबाव डाल रहे हैं।

युवती ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से इस बात की शिकायत भी की, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं मिला है। सलमान को लिखे पत्र के बारे में युवती ने बताया, ‘मैंने उनसे आर्थिक मदद मांगी है, ताकि मैं एक फ्लैट किराए पर ले सकूं। मुझे अपने बिजनेस से खास आमदनी नहीं होती।’ उसने यह भी कहा कि वह अपनी मां व अन्य परिजनों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराना चाहती, क्योंकि इससे उन्हें भी जेल की हवा खानी पड़ेगी।

नौ साल तक जुल्म सहा : मार्च में सामने आए इस सनसनीखेज मामले में युवती ने पिता किशोर चौहान के खिलाफ नौ साल से अपने तांत्रिक दोस्त के साथ मिलकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। जब दोनों दरिंदों की नजर युवती की 15 वर्षीय बहन पर पड़ी तो उससे रहा नहीं गया और उसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी।

Wednesday, October 7, 2009

पहली बार दलाई लामा व्हाइट हाउस नहीं जाएंगे

वाशिंगटन. तिब्बती धर्मगुरु तथा नोबेल पुरस्कार विजेता दलाई लामा इस समय पांच दिन की अमेरिका यात्रा पर हैं, लेकिन राष्ट्रपति ओबामा उनसे नवंबर में मिलेंगे वह भी चीन से लौटकर। 1919 के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब दलाई लामा वाशिंगटन में हैं और व्हाइट हाउस नहीं जा रहे। ओबामा प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अमेरिका ने अपनी चीन नीति नहीं बदली है। पिछले हफ्ते चीन के 60वें राष्ट्रीय दिवस पर एम्पायर स्टेट बिल्डिंग को पूरा लाल पीला सजाया गया था और इस हफ्ते राष्ट्रपति ओबामा ने दलाई लामा से मिलने से इनकार कर दिया।

भारतीय मूल के वैज्ञानिक को नोबेल पुरस्कार

रस्कार अमेरिका के टॉमस ए. स्टेट्ज और इस्राइल की अडा. ई. योनथ के साथ संयुक्त रूप से मिला है इन वैज्ञानिकों को राइबोसोम की संरचना और कार्यप्रणाली पर अध्ययन के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया है।
रामकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के चिदंबरम जिले में 1952 में हुआ था। 1976 में उन्होंने एक अमेरिकन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री ली थी।आजकल वे कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के मॉलिक्यूलर बायॉलजी डिपार्टमंट से जुड़े हुए हैं। रामकृष्णन के अलावा सी.वी.रमन, सी. चंद्रशेखर और हरगोविंद खुराना को भी साइंस के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। सी.वी.रमन को रमन प्रभाव के लिए भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल मिला। उनके भतीजे सी.चंद्रशेखर को भी भौतिकी का ही नोबेल मिला था। हरगोविन्द खुराना को जीन संबंधी रिसर्च के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था।
रामकृष्णन के साथ अमेरिका के टॉमस ए. स्टेट्ज और इस्राइल की अडा.ई. योनथ को भी संयुक्त रूप से केमिस्ट्री का नोबेल मिला। अमेरिकी नागरिक टॉमस का जन्म 1940 में हुआ था। वह अमेरिका के येल यूनिवर्सिटी में मॉलिक्यूलर बायॉफिजिक्स और बायॉकेमिस्ट्री के प्रफेसर हैं। अडा. ई. योनथ इस्राइली नागरिक हैं और उनका जन्म 1939 में यरूशलम में हुआ था।

'उन्होंने पापा को मारा है, मैं भी उन्हें मारूंगा'

माओवादियों ने अगवा किए गए पुलिस इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार की गला काट कर हत्या कर दी है। फ्रांसिस को हफ्ताभर पहले अगवा कर लिया गया था। उनके बदले तीन नक्सली नेताओं की रिहाई की मांग की जा रही थी। इन नेताओं में कोबाड़ गांधी का नाम भी शामिल है। केंद्र ने इस मांग को खारिज कर दिया था। मंगलवार को रांची के धुर्वा में मौजूद पुलिस हेडक्वॉर्टर में शहीद फ्रांसिस इंदवार के शव को देखकर कई आंखें नम हो गईं।
हेडक्वॉर्टर के कंट्रोल रूम में बैठे शहीद फ्रांसिस इंदवार के बेटे अभिषेक भी भावनाओं ज्वार - भाटों में डूब - उतर रहे हैं। पिता की मौत से ग़म के सागर में डूबे 10 साल के अभिषेक अचानक ऐलान करते हैं , '' मैं नक्सिलयों ने मेरे पापा को मारा है। मैं भी बड़ा होकर पुलिस बनूंगा और एक - एक को मारूंगा। '' शहीद इंसपेक्टर के तीन बेटे हैं। अभिषेक उनमें सबसे छोटा है।
तस्वीरों में : शहीद फ्रांसिस के ग़म में टूटा परिवार
गौरतलब है कि इस बहादुर इंस्पेक्टर के परिवार ने भी सरकार से कह दिया था कि फ्रांसिस के बदले किसी को न छोड़ा जाए। रांची के एसपी ( रूरल ) हेमंत टोपो ने बताया कि राज्य पुलिस की खुफिया ब्रांच में काम कर रहे 37 वर्षीय इंदवार का शव उनके कटे हुए सिर के साथ यहां से करीब 12 किलोमीटर दूर नामकोम पुलिस स्टेशन के तहत राइशा घाटी के पास बरामद किया गया।
माओवादियों ने 30 सितंबर को यहां से करीब 70 किलोमीटर दूर खूंटी जिले के हेमब्रोम बाजार से इंदवार का अपहरण कर लिया था। उनके परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं। ख़बरों के मुताबिक माओवादियों ने अधिकारी को छोड़ने के बदले तीन नक्सली नेताओं गांधी , छत्रधर महतो और भूषण यादव की रिहाई की मांग की थी।
कहा जा रहा है कि संगठन के दक्षिण छोटानागपुर समिति के सचिव समरजी ने शनिवार को एक लोकल अखबार को फोन कर अधिकारियों तक अपनी मांग पहुंचाई थी। हालांकि , केंद्रीय गृह मंत्री पी . चिदंबरम ने दिल्ली में कहा कि माओवादियों ने गिरफ्तार नक्सलियों को छोड़ने के लिए किसी तरह की मांग नहीं की थी। उन्होंने काह कि हत्या करना बिल्कुल मंजूर नहीं है। मैं इसकी भर्त्सना करता हूं।

Tuesday, October 6, 2009

भारत में आतंक मचाने आया 'सर्फ'

आतंकवादी संगठन अल कायदा और लश्कर-ए-तैयबा अब भारत और अमेरिका सहित दुनिया के चार प्रमुख देशों के बड़े राजनेताओं की हत्या करवाना चाहते हैं। इसके लिए नया संगठन बनाया गया है, जिसका नाम है सुपर अफगानिस्तान रेसेस्टिव फोर्स (सर्फ)। संक्षेप में इसे 'सर्फ मिशन' नाम दिया गया है। भारतीय खुफिया एजंसियां फिलहाल इस संगठन की जानकारी खंगाल रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस बारे में अमेरिकी सरकार को यह बता दिया गया है। अन्य देशों को भी सतर्क किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, सितंबर के पहले हफ्ते में एक ई-मेल बीएसएफ के अधिकारियों को मिला। इसमें कहा गया था कि आखिरी बार यह सूचना दी जा रही है कि एक आतंकवादी गुट भारत के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य प्रमुख नेताओं की हत्या की योजना बना रहा है। इस ई-मेल में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा का भी उल्लेख किया गया था। बीएसएफ ने इस ई-मेल के बारे में गृह मंत्रालय को सूचित किया।

टीचर से गैंगरेप कर रेलवे ट्रैक पर फेंका

नई दिल्ली।। एक कंप्यूटर इंस्टिट्यूट की टीचर के साथ सोमवार रात बदमाशों ने गैंग रेप किया। घटना के समय रात लगभग 8:30 बजे टीचर के साथ उसका परिचित भी था जिसे बदमाशों ने मारपीट कर भगा दिया। पुलिस ने मामले को दो पुलिस स्टेशन के सीमा विवाद में उलझाए रखा। सुबह जाकर अधिकारियों के हस्तक्षेप पर नांगलोई पुलिस स्टेशन ने मामला दर्ज किया। सुलतानपुरी के मुंडका इलाके की रहने वाली 21 साल की सीमा (परिवर्तित नाम) नांगलोई बुद्ध विहार स्थित एक कंप्यूटर इंस्टिट्यूट में पढ़ाती है। रोजाना की तरह कल भी वह इंस्टिट्यूट गई हुई थी। रात में इंस्टिट्यूट से वह सत्यप्रकाश नाम के लड़के के साथ निकली। कुछ ही दूरी पर 4-5 बदमाशों ने उन्हें घेर लिया। इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते, बदमाशों ने सत्यप्रकाश के साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके चलते वह वहां से भाग निकला। बदमाशों ने सीमा को दबोच लिया। सड़क किनारे झाड़ियों में बदमाशों ने उसके साथ गैंग रेप किया। बाद में बदमाश उसे बदहवास हालत में पास के रेलवे ट्रैक कर फेंक कर भाग गए। घटना में करीब आधा दर्जन बदमाश शामिल बताए जा रहे हैं। पीड़ित टीचर ने सुलतानपुरी पुलिस स्टेशन में घटना की शिकायत की, लेकिन वहां की पुलिस ने मामले को नांगलोई थाने की सीमा का बताकर पल्ला झाड़ लिया। नांगलोई पुलिस का कहना था कि लड़की जिस रेलवे ट्रैक पर मिली है, वह सुलतानपुरी के इलाके में आता है। उधर सुलतानपुरी पुलिस का कहना था कि घटना नांगलोई इलाके में हुई है, लिहाजा मामला उधर का बनता है। इस तरह पीड़ित को सुबह तक टरकाया जाता रहा। आखिर सुबह जाकर अधिकारियों के हस्तक्षेप पर नांगलोई पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया। रात से लापता चल रहे सत्यप्रकाश को भी पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। NBT

मिस्र में फर्जी 'कुंआरेपन' पर रोक लगाने की मांग

मिस्र में इन दिनों 'फर्जी कुंआरेपन' पर बवाल मचा हुआ है। मिस्र के कंजर्वेटिव सांसदों ने सरकार
से चीन में बनी कुंआरेपन की किट पर प्रतिबंध लगाने और इस किट का इस्तेमाल करने या आयात करने वालों को देश निकाला देने की मांग कर डाली है। इस किट का इस्तेमाल महिलाएं खुद को वर्जिन साबित करने के लिए कर सकती हैं। चीनी कंपनी गिगीमो द्वारा बेची जा रही कुंआरेपन की किट (आर्टिफशल वर्जिनिटी हाइमेन किट) की कीमत करीब 30 डॉलर यानी 1500 रुपये है। नवविवाहित महिलाएं इस किट का इस्तेमाल अपने शौहरों को बेवकूफ बनाने के लिए कर सकती हैं। यह किट इस तरह काम करता है कि शारीरिक संबंध बनाने के दौरान इससे रक्त जैसा द्रव निकलता है और पति को भरोसा हो जाता है कि उसकी पत्नी कुंआरी है।
कुंआरेपन की किट की मिस्र में काफी मांग है क्योंकि यहां लड़की का शादी से पहले वर्जिन होना जरूरी माना जाता है और शादी से पहले शारीरिक संबंधों को अवैध समझा जाता है। किट पर हंगामा तब शुरू हुआ जब रेडियो नीदरलैंड्स की एक रिपोर्टर ने इस प्रॉडक्ट के चीनी विज्ञापन का अरबी में अनुवाद किया। इसके बाद से पुरातनपंथियों को आशंका है कि मिस्र की महिलाएं इस किट का इस्तेमाल कर सकती हैं। मिस्र में धार्मिक मामलों की संसदीय समिति के सदस्य शेख सेईद असकर ने कहा कि इस किट से मिस्र की महिलाओं को विवाह पूर्व शारीरिक संबंध बनाने में प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने सरकार से इस प्रॉडक्ट पर रोक लगाने और सामाजिक मूल्यों को बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि, 'अगर सरकार इस किट के आयात की इजाजत देती है तो यह शर्मनाक बात होगी।'


Saturday, October 3, 2009

बेटी से बलात्कार के आरोपी को 15 साल की सजा

बोगोटा। पिछले 30 वर्षो से अपनी बेटी का यौन शोषण कर रहे एक कोलंबियाई आदमी को 15 साल से अधिक की कैद की सजा सुनाई गई है। आदमी के अपनी बेटी से सात बच्चे हैं।समाचार एजेंसी ईएफई के मुताबिक दक्षिणी टोलिमा प्रांत के फ्रेस्नो के एक न्यायाधीश ने व्याभिचार व बलात्कार के आरोपी आर्केडियो अल्वारेज क्विनटीरो को ।5 वर्ष, 7 महीने की सजा सुनाई है।अल्वारेज बोगोटा से 200 किलोमीटर दूर मेरीक्विटा का निवासी है। 30 साल तक यौन शोषण का शिकार होने और 14 बार गर्भवती होने के बाद उसकी बेटी अल्बा नीडीया ने घर से भागकर अपने पिता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद गत मार्च में उसे गिरफ्तार किया गया था।जांचकर्ताओं ने पाया कि पत्नी की मृत्यु के बाद से अल्वारेज ने बेटी का यौन शोषण शुरू कर दिया था। उस वक्त बेटी की उम्र महज पांच साल थी।

संयुक्त राष्ट्र ने महात्मा गांधी पर डाक टिकट जारी किया

संयुक्त राष्ट्र ने महात्मा गांधी की 140वीं जयंती पर उनके नाम पर एक डाक टिकट जारी किया है। यूनाइटेड नेशंस पोस्टल एडमिनिस्ट्रेशन ने एक डॉलर का डाक टिकट जारी किया है। मियामी के जाने-माने कलाकार फर्डी पचेको ने इसे डिजाइन किया है। इसमें राष्ट्रपिता को लाल, नीले और सुनहरे रंग में दिखाया गया है। स्टांप और संयुक्त राष्ट्र की मुहर वाले लिफाफे की भी बिक्री की गई। भारतीय मिशन की ओर से बापू की 140वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र में पदस्थापित अनेक देशों के राजदूतों ने हिस्सा लिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि हरदीप सिंह पुरी ने कहा, तरह से महात्मा गांधी संयुक्त राष्ट्र के पूर्वद्रष्टा हैं। मानवाधिकार के क्षेत्र में अनेक काम जो हम करते हैं, उसकी उत्पत्ति नस्ली भेदभाव के खिलाफ उनके संघर्ष में है। महासभा के अध्यक्ष अली त्रेकी ने मुस्लिमों और गैर मुस्लिमों के बीच सांप्रदायिक सौहार्द के प्रति गांधीजी की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।गांधीजी को श्रद्धांजलि देते हुए संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत सुजैन राइस ने कहा, ने लाखों अमेरिकियों को प्रभावित किया है। गांधी मानते थे कि नैतिक बल से शारीरिक बल को अस्वीकार किया जा सकता है।

सगाई रोकने के लिए बहन की बेटी को फेंक दिया

अपनी सगाई रोकने के लिए एक लड़की ने अपनी बहन की 3 साल की बेटी को गोराई खाड़ी में फेंक दिया। चार कोप पुलिस ने नीतू शर्मा नामक इस महिला को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार नीतू अपनी बहन दीपमाला के साथ चारकोप के सेक्टर सात में रहती थी। नीतू की गुरुवार को सगाई थी, पर उसकी जिस लड़के के साथ सगाई होनी थी, उसे वह चाहती नहीं थी। इसलिए नीतू ने सोचा कि कुछ इस तरह की साजिश रची जाए कि आज सगाई किस तरह टल जाए। इसके लिए उसने अपनी बहन की तीन साल की बेटी श्रेया को बहाने से लिया और फिर उसे गोराई में खाड़ी के नीचे फेंक दिया। संयोग से उधर से गुजर रहे एक राहगीर करीम खान ने उसकी यह हरकत देख ली। उसने फौरन चारकोप पुलिस को इसकी सूचना दी। बाद में नीतू शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। श्रेया को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत गंभीर है।

Friday, October 2, 2009

बीवियों के सताए पति की गांधीगिरी

'इंटरनैशनल डे ऑफ नॉन वॉयलंस' इस मायने में अलग है कि महिला और पुरुषों के संगठन इसे अलग-अलग तरह से मना रहे हैं। पहली बार बीवियों के सताए पति इस दिन से 'घरेलू हिंसा जागरुकता महीना' मनाने की शुरुआत कर रहे हैं। इसके जरिए वे घरेलू हिंसा कानून के दुरुपयोग के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। 2 अक्टूबर से महिला और बाल विकास मंत्रालय महिलाओं के खिलाफ हिंसा के निवारण के लिए नैशनल कैंपेन शुरू कर रहा है, वहीं पुरुषों की शिकायत है कि पत्नियों को घरेलू हिंसा से बचाने के लिए घरेलू हिंसा कानून समेत कुल 15 सिविल और क्रिमिनल कानून हैं, लेकिन पतियों, बच्चों और पति की फैमिली को बचाने के लिए एक भी कानून नहीं है। पीड़ित पतियों ने अक्टूबर का महीना ही इसलिए चुना, क्योंकि 2006 में अक्टूबर के महीने में ही डोमेस्टिक वॉयलंस ऐक्ट पास हुआ था। सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन (एसआईएफएफ) के
विराग धूलिया ने बताया कि इसके जरिए हम देशभर में अपना विरोध जताएंगे। एक महीने चलने वाले इस शांतिपूर्ण विरोध में बेंगलुरु, पुणे, नागपुर, हैदराबाद और दिल्ली में कई कार्यक्रम होंगे। आम जनता के अलावा हम उन लोगों को भी एजुकेट करेंगे जो शादी कर रहे हैं और घरेलू हिंसा कानून के बारे में जिन्हें जानकारी नहीं है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वे इसके शिकार न बनें। एसआईएफएफ के फाउंडर मेंबर गुरुदर्शन सिंह कहते हैं कि मानवाधिकार के यूनिवर्सल डिक्लरेशन के मुताबिक कानून की नजर में किसी भी आरोपी को यह अधिकार है कि वह तब तक निर्दोष माना जाए, जब तक दोषी साबित नहीं हो जाता। लेकिन घरेलू हिंसा ऐक्ट में हमारा कानून यह मानता है कि जब तक आरोपी निर्दोष साबित नहीं होता, तब तक वह दोषी है। यह निष्पक्ष ट्रायल के यूनिवर्सल सिद्धांत के खिलाफ है। हर साल 4 हजार निर्दोष सीनियर सिटीजन और 350 बच्चों समेत करीब एक लाख निर्दोष लोग आईपीसी के सेक्शन 498ए के तहत बिना सबूत और जांच के गिरफ्तार होते हैं। मानवाधिकार के यूनिवर्सल डिक्लरेशन के मुताबिक कानून की नजर में सब बराबर हैं और बिना किसी भेदभाव के कानून में समान संरक्षण के अधिकारी हैं। साथ ही, संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुसार भारत की सीमा के भीतर राज्य, किसी व्यक्ति को कानून में बराबर के अधिकार और कानून में बराबर संरक्षण के अधिकार से मना नहीं कर सकता। लेकिन डोमेस्टिक वॉयलंस ऐक्ट पुरुषों को घरेलू हिंसा में संरक्षण देने से साफ मना करता है। हर साल 56 हजार से ज्यादा शादीशुदा पुरुष मौखिक, भावनात्मक, इकनॉमिक और फिजिकल अब्यूज और लीगल ह्रासमेंट की वजह से खुदकुशी करते हैं। लेकिन पुरुषों के संरक्षण की कोई बात नहीं कर रहा है।

शिक्षकों के लिए शुरू होंगे शॉर्टटर्म कोर्स

स्कूलों में बच्चों के शैक्षिक स्तर में गुणवत्ता सुधार के लिए अब हिन्दी और अंग्रेजी के शॉर्टटर्म बेसिक कोर्स शुरू किए जाएंगे। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक एस.एस.बिस्सा ने बुधवार को जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की एक दर्जन स्कूलों का जमीनी निरीक्षण करने के बाद यह निर्णय लिया है। इस दौरान बिस्सा ने स्वयं बच्चों की क्लास भी ली।

उनसे सवाल-जवाब किए। बच्चों को संस्कृत पढ़ाई तथा उन्हें श्लोक याद करने के नुस्खे बताए। उन्होंने बच्चों और शिक्षकों के शैक्षिक स्तर की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान पता चला कि बच्चों का भाषायी ज्ञान काफी कमजोर है। उन्हें हिन्दी और अंग्रेजी का बेसिक ज्ञान भी नहीं है। शिक्षा में गुणवत्ता का स्तर काफी कमजोर मिला है।

सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम कमजोर रहने का यह मूल कारण माना गया है। शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए शिक्षकों के 50-50 के ग्रुप बनाकर शॉर्टटर्म बेसिक कोर्स चलाने का निर्णय लिया गया है। निदेशालय में इसकी रूपरेखा तैयार की जाएगी। निरीक्षण के दौरान निदेशक ने दस्तावेज और आय-व्यय के ब्योरे का मिलान किया।

छात्र-अध्यापक अनुपात में पदों का आबंटन, कार्मिकों की उपस्थिति एवं मिड-डे-मील की स्थिति की जानकारी ली। शहरी क्षेत्र की स्कूलों की स्थिति अधिक दयनीय मिली है। मूलभूत सुविधाओं का नितांत अभाव नजर आया। स्कूलों में बिजली व पानी के कनेक्शन ही नहीं है, जबकि शहर के निकट ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलों की स्थिति अपेक्षाकृत अधिक अच्छी मिली है।

बिस्सा ने बताया कि शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलों में बच्चों का शैक्षिक स्तर काफी ठीक है। शहर की स्कूलों में बच्चे कम और शिक्षक अधिक होने के बाद भी पढ़ाई नहीं हो रही है, जबकि गांवों की स्कूलों में शिक्षक कम और बच्चे अधिक होने के बाद भी पढ़ाई अपेक्षाकृत ठीक है। निरीक्षण के दौरान सहायक निदेशक अरुण शर्मा भी उनके साथ थे।

सेक्स महिलाओं को देता है खुशहाल जीवन

लंदन. सफल सेक्स महिलाओं को स्वस्थ और खुशहाल जीवन देता है। जी हां यह सही है ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि जिन महिलाओं का सेक्स जीवन सुखद होता है वे अधिक सकारात्मक ऊर्जा से लवरेज होती हैं और ऐसी महिलाएं अपने परिवार को भी अच्छे से चलाती हैं। अपने इस शोध में वैज्ञानिकों ने 20 से 65 साल की 295 महिलाओं के सेक्स जीवन का अध्ययन किया। वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन महिलाओं ने एक माह में दो से ज्यादा बार सफल सेक्स किया वे ऐसा न कर पाने वाली महिलाओं की तुलना में ज्यादा स्वस्थ्य थी। इसके साथ ही शोध में यह भी पता चला कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए यौन संतुष्टि बहुत महत्वपूर्ण होती है। ऑस्ट्रेलिया के मोनाश यूनिवर्सिटि के महिला स्वस्थ्य कार्यक्रम से जुड़ी वैज्ञानिक डॉ. सोनिया डविशन ने कहा कि हम इस शोध से महिलाओं के स्वस्थ और यौन संतुष्टि के बीच के संबंध को जानने की कोशिश की। हमने यह पाया कि जिन महिलाओं का सेक्स जीवन संतुष्ट नहीं होता उनमें सकारात्मक ऊर्जा की कमी होती है और उनका जीवन दुखद हो जाता है।