Friday, August 28, 2009

न्यूक टेस्ट करने की तैयारी में है भारत?

अमेरिका के न्यूकलिअर एक्सपर्ट्स को लगता है कि भारत और न्यूकलिअर टे
स्ट करने की तैयारी में है। इसकी वजह राजनीतिक भी हो सकती है और तकनीकी भी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत अपने हथियारों के भंडार को और मजबूत बनाने के लिए ऐसा कर सकता है। भारत चाहेगा कि ओबामा प्रशासन द्वारा न्यूक टेस्ट पर कठोर कदम उठाए जाने से पहले ही टेस्ट कर लिए जाएं। वॉशिंगटन डीसी स्थित नॉनप्रॉलिफ्रेशन पॉलिसी एजुकेशन सेंटर के एग्जेक्यूटिव डाइरेक्टर हेनरी स्कोलस्की दावा करते हैं कि भारत दोबारा टेस्ट करना चाहता है। उनका यह रिऐक्शन एक भारतीय वैज्ञानिक के इस खुलासे के बाद आया है कि पोखरण के परमाणु टेस्ट पूरी तरह सफल नहीं थे। हेनरी इस बात को टेक्निकल तरीके से समझाते हैं। वह कहते हैं कि कल्पना कीजिए, आप एक न्यूकलिअर वेपन डिजाइनर हैं और आपने अपनी कमियों को दूर कर लिया है, गलतियां सुधार ली हैं, फिर तो आप पागल ही कहलाओगे अगर दोबारा टेस्ट नहीं करोगे। हेनरी कहते हैं कि कोई भी न्यूकलिअर डिजाइनर ऐसा ही करता है। वह हमेशा अपने वेपन को और छोटा, हल्का और ज्यादा ताकतवर बनाने की जुगत में लगा रहता है। अगर आप उसकी आंखों पर पट्टी बांध दो, उसके हाथ-पांव बांध दो और उसे जंगल में छोड़ आओ, तो भी वह टेस्ट की जगह पर ही पहुंचेगा। वैसे, हेनरी के मुताबिक भारत की इस कोशिश की वजह टेक्निकल है ताकि अपनी तकनीक को सटीक बनाया जा सके, लेकिन अमेरिकी प्रशासन मानता है कि इसके पीछे भारत की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं काम कर रही हैं। इस बात को भारतीय वैज्ञानिक के. संतानम के खुलासे के बाद और बल मिला है। इस खुलासे पर अमेरिकी वैज्ञानिकों का सीधा सा रिऐक्शन था, हमने तो पहले ही कहा था। जब भारत ने न्यूक टेस्ट किए थे, तभी दुनियाभर के एक्सपर्ट्स ने इनकी सफलता पर सवाल उठाए थे। लेकिन एक भारतीय वैज्ञानिक द्वारा इस तरह से संवेदनशील मुद्दे पर इतना बड़ा खुलासा करना बहुत बड़ी बात है। वह ऐसा क्यों करेंगे? अमेरिकी न्यूक एक्सपर्ट्स के बीच यह मुद्दा ब्लॉग्स पर खूब उछल रहा है। उनके मुताबिक ऐसा भारत पर एनपीटी पर दस्तखत करने के लिए बढ़ते अमेरिकी दबाव को कम करने के लिए किया गया है ताकि भारत सीरीज के आखिरी टेस्ट कर अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को मजबूत कर सके।

बच्चों को सेक्स एजुकेशन देना चाहता है UN

यूनेस्को का कहना है कि 5 साल के बच्चों को भी सेक्स एजुकेशन दी जानी चाहिए। यूनेस्को ने सेक्स एजुकेशन पर नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इन गाइडलाइंस में कहा गया है कि 5 साल की उम्र से ही बच्चों को मास्टरबेशन और जेंडर वॉइलंस जैसी चीजों के बारें बताया जाना चाहिए। गाइडलाइंस कहती हैं कि 5 से 8 साल तक के बच्चों को बताया जाना चाहिए कि यौनांगों को छूना और सहलाना मास्टरबेशन होता है। उन्हें यह भी बताया जाना चाहिए कि अपने यौनांगों को छूने से आनंद की अनुभूति हो सकती है। 9 साल की उम्र में उन्हें उत्तेजक चीजों वगैरह की अच्छी और बुरी बातों के बारे में बताया जाना चाहिए। 12 साल की उम्र में उन्हें अबॉर्शन की वजहों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। 15 साल की उम्र में पहुंचने पर बच्चों को सेफ अबॉर्शन और उससे जुड़े अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए। एचआईवी, यौन हिंसा और शोषण से युवा समाज कैसे बचे, यह जागरुकता पैदा करने के प्रयास के तहत यूनेस्को ने सेक्स एजुकेशन पर ये नई गाइडलाइंस तैयार की हैं। सेक्स एजुकेशन पर बनाए गए अंतरराष्ट्रीय दिशा-निर्देशों से टीचर बच्चों को बताएंगे कि वह कैसे खुद को सेक्सशुअल मिसबिहेविअर, अनचाही प्रेगनंसी और एचआईवी वगैरह से बचें। यूनेस्को के अनुसार युवाओं में एचआईवी इन्फेक्शन और प्रेगनंसी जैसे मुद्दों पर एजुकेशन की जरूरत है, जो दुनिया के कई हिस्सों में उपलब्ध नहीं है। यूएन एड्स और डब्ल्यूएचओ के मुताबिक पूरी दुनिया में 50 लाख से ज्यादा युवा एचआईवी पॉजिटिव हैं, जिनमें से 45 फीसदी मामले 15 से 24 साल के बीच के उम्र के लोगों में है। जानकारों ने इन नई गाइडलाइंस का विरोध किया है और इन्हें अजीबोगरीब करार दिया है।

बेटियों के साथ दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार हुआ बिशप

दक्षिण अफ्रीका में गुरुवार को एक बिशप को अपनी 3 बेटियों के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। समाचार एजंसी डीपीए के मुताबिक बिशप की तीनों बेटियों की उम्र 9, 17 और 18 वर्ष है। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया, 'आरोप है कि यह बिशप अपनी बेटियों के साथ वर्ष 2006 से दुष्कर्म कर रहा था। उसने अपनी बेटियों को जान से मारने की धमकी भी दी थी।' बिशप की पत्नी की शिकायत के बाद उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इस बिशप का नाम बताने से इनकार किया है।

Friday, August 21, 2009

सच का सामना यानी सेक्स और अवैध संबंधों का आईना

रिऐलिटी शो सच का सामना आजकल विवादों के घेरे में है। कार्यक्रम के दौरान पूछे जानेवाले बेहद ही निजी सवालों के चलते इस शो पर संसद से सड़क तक बवाल मचा हुआ है। सांसदों ने एक स्वर में इस शो को फौरन बंद करने की मांग की है तो दिल्ली हाई कोर्ट में भी इस शो के खिलाफ एक जनहित याचिका भी दायर की गई है। आखिर सच बोलने पर इतना बवाल क्यों मच रहा है ? अगर किसी शख्स को परिजनों के सामने अपने निजी मामलों पर सच बोलने में कोई दिक्कत नहीं है तो हम सच पर इतना आपत्ति क्यों जता रहे हैं। क्या सच अश्लील है , तो उसे नहीं बोला जाना चाहिए ? क्या हम झूठ बोलने और सुनने
के इतने आदी हो चुके हैं कि सच को पचा नहीं पा रहे हैं ? पर बात ऐसी नहीं है। शो के दौरान वाकई ऐसे सवाल पूछे जाते हैं , जिनकी भाषा कुछ लोगों को नागवार लग सकती है। ज्यादातर सवाल विवाहेतर और शारीरिक संबंधों से के बारे में ही पूछे जाते हैं जिनका मकसद साफ-साफ टीआरपी बटोरना है। जरा सवालों की बानगी देखिए ... - आपने अबतक जितनी लड़कियों के साथ शारीरिक संबंध बनाए हैं , उनके नाम आपको याद हैं ? - क्या शादी के बाद आपने अपनी पत्नी के सिवा दूसरी लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाए हैं ? ये दोनों सवाल पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और महान क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर के दोस्त विनोद कांबली से पूछे गए। इसी तरह उर्वशी ढोलकिया ( ' कसौटी जिंदकी की ' कमौलिका ) से पूछा गया कि क्या आपसे मिलनेवाला हर शख्स आपसे शारीरिक संबंध बनाना चाहता है ? क्या आप नाबालिग थीं , तभी प्रेगनंट हो गई थीं और आपको कॉलिज से बाहर निकाल दिया गया था ? इसी तरह शो के में हिस्सा लेनेवाले ऑल्विन डिसूज़ा से एंकर राजीव खंडेलवाल ने पूछा - अगर आपकी बीवी को पता नहीं चले तो आप दूसरी लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहेंगे ? क्या आप लड़की को किस करने के लिए लेडिज़ टॉइलट में गए हैं ? इसी तरह के सवाल पूरे शो के दौरान बार - बार दोहराए जाते हैं। ये सवाल ऐसे होते हैं कि परिवार के सभी सदस्य एकसाथ बैठकर इसे सुन नहीं सकते। ऐसा सीरियल दिखाना सही है या गलत, इस पर हम कोई राय नहीं दे रहे हैं। आखिर जो लोग इस सीरियल पर आ रहे हैं, वे सबकुछ जानकर ही इसमें शामिल हुए होंगे। अगर उनको अपना गोपनीय सच दुनिया के सामने बताने में कोई दिक्कत नहीं है तो ठीक है। लेकिन सवाल दर्शकों का है। मान लिया एक आदमी है जिसे खुद को नंगा करने में कोई दिक्कत नही है। तो क्या इससे उस आदमी को यह अधिकार मिल जाता है या मिल जाना चाहिए कि वह सरे बाज़ार खुद को नंगा कर दे ? उसी तरह कुछ लोगों का अपने निजी जीवन का नंगा सच सबके सामने खोलने का शौक चर्राया है तो वह नंगा सच उन लोगों पर क्यों थोपा जाए जिन्हें उस नंगे सच में कोई रुचि नहीं है। यहां एक जवाबी तर्क यह हो सकता है कि जो आदमी सड़क पर नंगा हो रहा है, उससे हम चाहकर भी आंखें नहीं हटा सकते। लेकिन जो व्यक्ति किसी सीरियल पर अपने जीवन को नंगा कर रहा है, उससे किसी को क्या परेशानी हो सकती है ? दर्शक चाहे तो सीरियल देखे, चाहे तो न देखे। बात में दम है मगर पेच यह है कि जब आप “ सच का सामना ” जैसा सीरियल देखते हैं तो आपको पहले से पता नहीं होता कि इसमें ऐसे सवाल पूछे जाएंगे। यह तो जब आप पूरे परिवार के साथ यह सीरियल देखते हैं, वह भी एक फैमिल चैनल पर, तब अचानक ऐसे सवाल और उसके जवाब सामने आ जाते हैं जो आपको परेशान कर देता है। यह कुछ-कुछ वैसा ही है कि आप किसी मनोरंजन चैनल पर कोई फिल्म देखें और उसमें अडल्ट सीन आ जाए। हम इस सीरियल को बंद करने या स्वरूप बदलने का सुझाव तो नहीं देंगे – क्योंकि एक तबका ऐसा भी होगा जो ऐसे सवालों का मज़ा ले रहा होगा या इन लोगों की हिम्मत की दाद दे रहा होगा। लेकिन जो ऐसे नहीं हैं, उनके हित में यह ज़रूर होना चाहिए कि शो के शुरू में और लगातार नीचे एक टिकर चलते रहना चाहिए कि इस सीरियल में ऐसे सवाल-जवाब हो सकते हैं जो अडल्ट किस्म के हैं। इसलिए बच्चों के साथ यह सीरियल देखने में अपने विवेक का इस्तेमाल करें। बेहतर तो यह हो कि फिल्मों की तरह सीरियलों को भी ए और यू सर्टिफिकेट दिया जाए। NBT

टीवी ऐक्ट्रिस ने नौकरानी पर गरम पानी फेंका, हिरासत में

छोटे पर्दे की ऐक्ट्रिस उर्वशी धनोरकर को एक बच्ची से घर में काम कराने और उस पर अत्याचार करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। आरोप है कि मुंबई के लोखंडवाला कॉम्पलेक्स में रहने वाली ऐक्ट्रिस10 साल की बच्ची रामेश्वरी से अपने घरेलू काम करवाती थी और उसे मारती-पीटती भी थी। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों बच्ची द्वारा फ्रीज से निकालकर मिठाई खा लेने पर ऐक्ट्रिस ने उस पर गरम पानी फेंक दिया था और काफी पिटाई भी की थी। पड़ोसियों ने इसकी शिकायत एक एनजीओ से की और उसके सदस्यों ने बच्ची को छुड़वाया। इसके बाद ऐक्ट्रिस के खिलाफ मामला दर्ज कर हिरासत में ले लिया गया है।

और भी सच हैं जमाने में

हफ्ते भर के अंदर दो ' सचों ' का सामना हुआ। दोनों ही टीवी पर आने वाले रिऐलिटी शो ' सच का सामना ' के बहाने उगलवाए गए थे। ग्रेटर नोएडा में टीवी प्रोग्रैम देखने के बाद पति ने पत्नी को सच कहने के लिए यह कहकर फुसलाया कि सच कड़वा भी हुआ तो भी उसका प्यार कम नहीं होगा। उसने कसम देकर पत्नी पर सच बोलने का दबाव डाला। पत्नी ने मजबूरन कह दिया कि शादी से पहले उसके अपने प्रेमी के साथ शारीरिक रिश्ते थे। पति ने सदमे में फांसी लगा ली। दूसरा वाकया मेरठ का है। वहां जब पत्नी ने कथित रूप से अवैध रिश्ते कबूले तो पति ने उसे ब्लेड से छलनी कर दिया। पत्नी अस्पताल पहुंच गई। पति अब जेल में यह कह कर बचने की कोशिश में है कि टीवी प्रोग्रैम देखकर उसे भी पत्नी का सच जानने की इच्छा हुई और जब पत्नी ने सच बताया तो उसका ऐसे रिऐक्ट करना लाजिमी था। आखिर कौन पति यह सच सह सकता है ! शायद कोई नहीं।
अपने यहां तो परंपरा भी नहीं है ऐसे सच मंजूर करने की , फिर चाहे वह सच हो या नहीं। अयोध्या की प्रजा को भी यह सच मंजूर नहीं हुआ कि सीता कैसे रावण की लंका में इतने साल काट कर आई। राम पर प्रजा का ' दबाव ' इस कदर हावी हुआ कि सीता को भी सच का सामना करवाया गया , अग्निपरीक्षा दिलवाकर। वर्तमान में लौटें तो यही सवाल मन में उठता है कि शो देखते - देखते अचानक पत्नियां ही क्यों अपने ' सच ' का सामना करने लग गई हैं। क्या पत्नी के सच के अलावा कोई और सच दुनिया में नहीं हैं ? क्या पतियों के सच भी इस तरह सामने आएंगे ? इन सवालों का जवाब भी वही है - नहीं। जरूरत ही क्या है ! पत्नियां न जाने कब से पतियों के ऐसे सच को कबूल कर उसके साथ जीती आई हैं। पति मानते हैं कि उन्हें ऐसे सच छिपाने की जरूरत ही नहीं है। वे इस सच का सामना कब करेंगे कि उन्हें दूसरों के साथ वही व्यवहार करना चाहिए , जिसकी उम्मीद वे अपने लिए दूसरों से कर रहे हैं। सच का सामना करने की बारी अब पतियों की है। दरअसल , सच तो यह है कि जिस टीवी प्रोग्रैम पर समाज में बुराई फैलाने का आरोप संसद के गलियारों तक गूंज उठा है , अचानक उस शो में मर्दों को अपनी जान बचाने का जरिया नजर आने लगा है। अपनी सहूलियत के मुताबिक पत्नी के चरित्र पर कीचड़ उछालकर , शो को ढाल बनाकर पर्सनल लाइफ में इसे जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। पब्लिक की सहानुभूति मिल रही है , सो अलग। शो पर उंगली उठाना गलत होगा। अगर कोई कहे कि सब कुछ शो की वजह से हो रहा है , समाज में गलत मेसिज जा रहा है , इस शो से पहले पत्नियों के साथ ऐसा नहीं हो रहा था , तो यह दावा सरासर गलत है। NBT

भारत माता की मूर्ति खंडित

ब्यावर। ढाई साल पहले गुपचुप तरीके से बिना स्वीकृति एकता सर्किल पर लगाई गई भारत माता की मूर्ति शुक्रवार सुबह खंडित हालत में मिली। मूर्ति खंडित देख हिन्दूवादी संगठनों में रोष फैल गया।
पुलिस व प्रशासन के अघिकारियों की सतर्कता से तनाव पैदा होने से पहले स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया। प्रशासन की ओर से अविलम्ब नई मूर्ति लगाने के आश्वासन के बाद संगठनों का रोष शांत हुआ। घटना को लेकर भारत माता सर्किल की सुरक्षा बढा दी गई है। सिटी थाना पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
शुक्रवार सुबह करीब साढे आठ बजे एकता सर्किल पर लगी भारत माता की मूर्ति का बायां हाथ खंडित दिखाई दिया। मौके से त्रिशूल गायब था, लेकिन कलाई के पास से टूटे हाथ के अवशेष मूर्ति के सामने बिखरे पडे थे। इसे लेकर सर्किल के पास लोगों की भीड जुट गई।
हिन्दूवादी संगठनों के पदाघिकारी भी एकत्र होने लगे। लोगों ने पुलिस के समक्ष दोषी लोगों के खिलाफ अविलम्ब कार्रवाई की मांग की। लोगों के रोष को देखते हुए उपखण्ड अघिकारी आरती डोगरा, तहसीलदार प्रदीप चारण, पुलिस उपअधीक्षक मनोहरसिंह भी मौके पर पहुंचे। पुलिस एवं प्रशासनिक अघिकारियों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने एवं नई मूर्ति लगाने का आश्वासन दिया।
तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ। बाद में सिटी थाने में प्रकाश आर्य व पवन जैन ने लिखित में शिकायत दी। सिटी थाना प्रभारी नरेश शर्मा ने बताया कि प्रकाश आर्य की ओर से मूर्ति खंडित करने के मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

Wednesday, August 19, 2009

मुंबई में स्कूल बस में आग लगी 25 बच्चे झुलसे

नवी मुंबई के नजदीक पनवेल स्थित एक स्कूल की बस में आग लगने से 25 बच्चे बुरी तरह झुलस गए। इसमें से कुछ बच्चों की हालत बेहद नाजुक है। सभी बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसमें से एक बच्चे के 90 प्रतिशत तक जले होने की खबर है। जानकारी के मुताबिक मुंबई के सीकेटी पब्लिक स्कूल की बस रोज की तरह बच्चों को उनके घर से स्कूल ले जा रही थी। बस में करीब 40 बच्चे थे। मुंबई-पुणे हाइवे पर बस में अचानक आग लग गई। आग धीरे-धीरे पूरी बस में फैल गई। इस बीच कुछ बच्चे बस से बाहर उतर आए, लेकिन कुछ उसी में फंसे रह गए। इस हादसे में 25 बच्चे झुलस गए। इनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। बस में आग कैसे लगी इसका पता नहीं चल पाया है।


टीचर दिखाता था अश्लील तस्वीरें, पिटाई से हुआ अधमरा

रोहतक जिले के बनियानी गांव में बुधवार को एक सरकारी स्कूल में अश्लील फोटो दिखाने वाले टीचर को गांववालों ने पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। पुलिस छुड़ाने गई तो गांववालों ने उन्हें भी नहीं बख्शा। लोगों ने पुलिस पर पथराव किया, जिप्सी जला दी और वाहन तोड़ दिए। बचाव में पुलिस ने फायरिंग की, जिससे तीन युवक घायल हो गए। वहीं, पथराव से एक दर्जन पुलिसवाले भी घायल हो गए। पुलिस ने आरोपी टीचर को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही कई गांववालों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। सरकारी स्कूल की लड़कियों ने अपने परिजनों को शिकायत की थी कि कंप्यूटर टीचर विनय क्लास के दौरान अश्लील फोटो दिखाता है। इसकी जांच करने के लिए बुधवार सुबह गांव के सरपंच राज कुमार स्कूल पहुंचे। सरपंच ने टीचर को अश्लील फोटो के साथ पकड़ लिया। लड़कियां भी क्लास में थीं। इस पर गांववालों ने आरोपी टीचर को पीटना शुरू कर दिया।
स्कूल हेडमास्टर ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। करीब 10 बजे पुलिस मौके पर पहुंची। तनाव बढ़ता देख स्कूल से स्टूडेंट्स को घर भेज दिया गया। इस दौरान गांववाले आरोपी टीचर को पीटते रहे। पुलिस के समझाने पर भी गांववाले नहीं माने। रोहतक के एसपी अनिल राव और डीसी पी. सी. मीणा भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। एसपी ने बताया कि पुलिस ने किसी तरह टीचर को छुड़वाकर स्कूल में ही एक कमरे में बंद कर दिया। इस पर गांववालों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। भीड़ ने पुलिस की जिप्सी में आग लगा दी और पुलिस के वाहनों को तोड़ना शुरू कर दिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े लेकिन गांववाले पीछे हटने को तैयार नहीं थे। तब पुलिस ने हवाई फायरिंग की। इससे छतों पर बैठे दो युवकों को गोली लगी। उधर, गांववालों ने बताया कि पुलिस फायरिंग से तीन युवक प्रदीप, प्रवीण और शक्ति घायल हुए हैं। उन्हें पीजीआई रोहतक में दाखिल कराया गया है।

इमरान खान और बेनजीर के बीच थे सेक्शुअल रिलेशन'

मशहूर क्रिकेटर इमरान खान की नई बायॉग्रफी ने पाकिस्तान में तहलका मचा दिया है। किताब में सनसनीखेज खुलासा करते हुए इमरान खान और पाकिस्तान की दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बीच 'बेहद अंतरंग संबंधों' का दावा किया गया है। बताया जाता है कि यह तब की बात है जब इमरान और बेनजीर ऑक्सफर्ड में पढ़ा करते थे। क्रिस्टोफर स्टैनफर्ड ने अपनी इस किताब में लिखा है कि बेनजीर भुट्टो इमरान खान से काफी प्रभावित थीं। ऑक्सफर्ड के दिनों में दोनों एक-दूसरे के 'बेहद करीब' थे। स्टैनफर्ड ने किताब में लिखा है कि दोनों के बीच सेक्शुअल रिलेशन की बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता। किताब में यह भी खुलासा किया गया है कि इमरान की मां दोनों की शादी के लिए रजामंद थी और उन्होंने इसके लिए कोशिश भी की, लेकिन सफल न हो सकीं। स्टैनफर्ड ने इस किताब के लिए इमरान और उनकी पूर्व पत्नी जेमिमा से बात की। उन्होंने किताब में अपने सूत्रों के हवाले से कहा है कि भुट्टो 1975 में इमरान के करीब आईं। तब वह 21 साल की थी और सेकंड यिअर में पढ़ती थीं। उन्होंने कहा कि बेनजीर क्रिकेट में डेब्यू कर रहे इमरान की शख्सियत से बेहद आकर्षित थीं। संभवत बेनजीर ने ही पहली बार इमरान को 'लॉयन ऑफ लाहौर' कहा था। खान और भुट्टो के बीच सेक्शुअल रिलेशन की बात इसलिए भी पुख्ता होती है क्योंकि इमरान के बारे में उनके एक दोस्त का कॉमेन्ट था- 'खान हर किसी के साथ सोए थे।' इमरान खान का इनकार उधर इमरान ने बेनजीर के साथ सेक्शुअल रिलेशन की बात से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि मैंने इंटरव्यू तो दिया था, लेकिन बेनजीर से अंतरंग संबंध की बात पूरी तरह बकवास है। उन्होंने कहा कि बेनजीर से उनकी शादी के लिए उनकी मां की कोशिश वाली बात में भी कोई दम नहीं है।

Thursday, August 13, 2009

काउंटर पर हों सुंदर सेल्सगर्ल, तो कम हो सकती है बिक्री!

यूनिवसिर्टी ऑफ साउथ आस्ट्रेलिया (यूएसए) के एक ताजा सर्वेक्षण का निष्कर्ष यह है कि बिक्री के लिए काउंटर पर बहुत सुंदर लड़कियों (सेल्सगर्ल) को रखना भी दुकान के लिए नुकसानदेह हो सकता है। शोध के मुताबिक इसका कारण यह है कि महिलाएं उन दुकानों से सामान खरीदना पसंद नहीं करतीं, जहां की सेल्सगर्ल उनकी तुलना में ज्यादा युवा, सुंदर और आकर्षक दिखती हैं। सुंदर सेल्सगर्ल को काउंटर पर देखकर पुरुष खरीदार बेशक दुकान की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन ज्यादातर महिलाओं द्वारा उपेक्षित होने के कारण कई बार उस दुकान की बिक्री कम हो जाती है। इस संबंध में शोधकर्ता बिनाका प्राइस का कहना है कि महिलाओं में स्वाभाविक प्रतिस्पर्धा पाई जाती है। खरीददारी के लिए दुकान पर जाने वाली किसी महिला को लगता है कि काउंटर पर खड़ी सेल्सगर्ल सामाजिक दृष्टि से उससे बेहतर हैं तब वह उस दुकान से खरीददारी करना पसंद नहीं करेगी।
इस लिहाज से खुदरा जगत में महिलाओं की यह प्रतिक्रिया दुकान की बिक्री को सीमित कर सकती है। प्राइस इसके पीछे मनोवैज्ञानिक कारण देखती हैं। उनका मानना है कि जब कोई महिला यह देखती है कि काउंटर पर खड़ी सेल्सगर्ल उससे अधिक सुंदर, जवान और आकर्षक है तब उसे अंदर ही अंदर बेचैनी होने लगती है। साथ ही साथ उसका आत्मविश्वास भी नीचे चला जाता है। ऐसी स्थिति में वह महिला उस दुकान की ओर रुख करना पसंद नहीं करेगी।

'नपुंसक' पति से मांगा एक करोड़ का गुजारा भत्ता

शादी के एक साल से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद एक 24 वर्षीय महिला ने अपने पति पर नपुंसक होने का आरोप लगाते हुए एक फैमिली कोर्ट में तलाक की गुहार लगाई है। महिला गुजारे भत्ते के रूप में एक करोड़ रुपये की मांग की है। महिला का दावा है कि उसने अपने सास ससुर के कहने पर नौकरी छोड दी। उसके अनुसार उससे यह बात छिपाई गई कि उसका पति नपुंसक है। महिला का कहना है कि उसके माता-पिता ने शादी में 11 लाख रुपये खर्च किये। इसके अलावा सोने-चांदी के गहने और घरेलू चीजें भी दहेज में दी गईं। महिला का यह भी आरोप है कि उसे दहेज के लिये पीड़ित किया गया। उसने कहा कि उसकी तकलीफ को धन से नहीं आंका जा सकता। उसने स्थायी गुजारे भत्ते के रूप में एक करोड़ रुपये की मांग करते हुए तलाक की गुहार अदालत में लगाई है।

Saturday, August 8, 2009

बैंक मैनिजर ने भेजे अश्लील ई-मेल, गिरफ्तार

मुम्बई क्राइम ब्रांच के साइबर सेल ने अश्लील ई-मेल भेजने के मामले में एचडीएफसी बैंक के मैनिजर देवेश साबू को गिरफ्तार किया है। देवेश को पकड़ने के लिए सीनियर इंस्पेक्टर मुकुंद पवार और सचिन कदम की टीम ने कई दिन तक चेन्नै में डेरा डाला था। देवेश पर आरोप है कि उसने अपनी पूर्व गर्लफ्रेंड, उसके परिवार और जिस परिवार में उस गर्लफ्रेंड की शादी तय हुई थी, वहां भी अश्लील ई-मेल किए। एडिशनल सीपी देवेन भारती के अनुसार देवेश की यह पूर्व गर्लफ्रेंड मुम्बई की रहने वाली है और एचडीएफसी की मुम्बई ब्रांच में काम करती है। दोनों के बीच काफी दिनों तक दोस्ती रही। इसके बाद देवेश ने लड़की को शादी के लिए प्रपोज किया, पर किसी कारण से लड़की वालों ने देवेश को रिजेक्ट कर दिया। देवेश ने इसे अपना अपमान समझा। क्राइम ब्रांच चीफ राकेश मारिया के अनुसार हालांकि देवेश और लड़की दोनों चेन्नै और मुम्बई की अलग-अलग ब्रांच में काम करते हैं, पर एक बार मुम्बई में हुई एक कांफ्रंस में दोनों की मुलाकात हुई और इसके बाद दोनों की दोस्ती शुरू हो गई। पर जब लड़की वालों ने देवेश के शादी के प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया, तो बदला लेने के लिए देवेश ने चेन्नै के चार अलग-अलग साइबर कैफे से ई-मेल किया, पर जब लड़की के परिवार द्वारा इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई, तो मुम्बई साइबर सेल ने ई-मेल भेजने वाले का आईपी एड्रेस चेन्नै का लोकेट किया। इसके बाद जब साइबर सेल के अधिकारी चेन्नै गए, तो उन्हें सभी साइबर सेल के सीसीटीवी में देवेश के फुटेज मिल गए। इसके बाद देवेश को गिरफ्तार कर लिया गया। NBT

दलाई लामा को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्रता पुरस्कार

तिब्बत के धार्मिक नेता दलाई लामा को नेशनल सिविल राइट्स म्यूजियम का प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्रता पुरस्कार मिलेगा। दलाई लामा को यह पुरस्कार 23 सितंबर को मिलेगा। पुरस्कार की घोषणा करते हुए नैशनल सिविल राइट्स मूवमेंट बोर्ड के अध्यक्ष बेंजामिन एल. हुक्स ने दलाई लामा को मार्टिन लूथर किंग और महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन का जीता जागता उदाहरण बताया।

ई-मेल से जरा बच के

दुनियाभर में आई सूचना और संचार क्रांति से हमें अगर किसी चीज ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है तो वे हैं मोबाइल फोन और इंटरनेट। इंटरनेट ने आपसी संपर्क और सूचना के आदान प्रदान के क्षेत्र में आमूलचूल तब्दीली लाने में काफी अहम भूमिका निभाई है।
इंटरनेट पर मौजूद 'सर्च इंजन' के अलावा 'ई-मेल' यानी इलेक्ट्रानिक मेल सेवा संचार क्रांति में खासी मददगार साबित हुई है। ई-मेल की मदद से दुनिया के किसी भी कोने में बैठे शख्स से हम बात कर सकते हैं। शर्त बस इतनी है कि वह शख्स इंटरनेट की सेवा से महरूम न हो।
'ई-मेल' के फायदे के बारे में साइबर मामलों के जाने माने विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने कहा कि 'ई-मेल' एक डिजिटल सेवा है जिसके इस्तेमाल से एक दूसरे के संपर्क में रहने के अलावा किसी चीज का प्रचार-प्रसार भी किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि ई-मेल के आविष्कार के पीछे मकसद दो या दो से अधिक लोगों के बीच सूचना का तेजी से आदान-प्रदान करना था, लेकिन अब इसका गलत इस्तेमाल भी धड़ल्ले से हो रहा है।
दुग्गल का कहना है कि ई मेल के जरिए जहां किसी की मानहानि हो सकती है वहीं, एनोनिमिर्टी यानी अपना असली नाम छुपाकर इसका दुरुपयोग भी किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि कोई भी शख्स किसी के ई मेल आई डी यानी किसी अन्य की पहचान और पासवर्ड जानकर दूसरों को धमकी भरा संदेश भेज सकता है और इस मामले की जांच होने पर वह शख्स शक के दायरे में आएगा, जिसके ई मेल आई डी से धमकी दी गई।
साइबर क्राइम और खासतौर से ई मेल के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने भी कुछ कदम उठाए हैं। इस बारे में दिल्ली पुलिस के उपायुक्त शिवेश सिंह ने कहा कि हम अखबारों, टीवी चैनलों और अपनी वेबसाइट की मदद से लोगों को इस बात से वाकिफ करा रहे हैं कि कैसे सुरक्षित तरीके से ई-मेल का इस्तेमाल किया जाए। लोगों से काम खत्म होने के बाद सही तरीके से साइन आउट करने, किसी को भूलकर भी अपना पासवर्ड नहीं बताने की अपील की जाती है। उन्होंने कहा कि आतंकियों द्वारा भी ई मेल के गलत इस्तेमाल की बातें सामने आ चुकी हैं।
ब्लैकबेरी की मदद से गुप्त ई मेल भेजे जाने के बारे में सिंह ने बताया कि ब्लैकबेरी में एक खास कोड का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कोई चाहकर भी किसी का संदेश नहीं पढ़ सकता और आतंकी इसका गलत फायदा उठाते हैं। Jagran

Friday, August 7, 2009

बच्चे रेडियो से सीखेंगे अंग्रेजी

इंगलिश मीडियम की तरह सरकारी स्कूलों में हिन्दी मिडियम के बच्चे भी अब पहली कक्षा से ही अंग्रेजी बोलना सीखने लगेंगे। राज्य की प्रारंभिक शिक्षा में अध्ययनरत बच्चों को आकाशवाणी से प्रसारित होने वाले परस्पर संवाद कार्यक्रम के तहत रेडियो पर अंग्रेजी सिखाई जाएगी। प्रदेश के चार संभागों की प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में एक सितंबर से रेडियो पर अंग्रेजी के पाठ शुरू होंगे।

पहली से चौथी कक्षा तक के बच्चों के लिए 120 लेसन तैयार किए गए हैं। कक्षा के अनुसार निर्धारित दिनों में इनका प्रसारण दोपहर में 12 से 12.30 बजे तक आधे घंटे के लिए आकाशवाणी से किया जाएगा। राज्य के शिक्षा विभाग और बेंगलूर के एज्युकेशन डवलपमेंट सेंटर के तत्वावधान में चलाए जाने वाले इस कार्यक्रम का संचालन राज्य प्रारंभिक शिक्षा परिषद के तहत किया जाएगा।

इसके लिए संभाग मुख्यालयों पर सात और आठ अगस्त को दो दिवसीय संभागीय प्रशिक्षण शिविर रखे गए हैं। बीकानेर में यह शिविर राजकीय गंगा बाल उच्च प्राथमिक विद्यालय में आयोजित किया जाएगा, जिसमें चूरू संभाग के 62 शिक्षक भाग लेंगे। इनमें बीकानेर, झुंझुनूं और श्रीगंगानगर के 14-14, चूरू 11 व नौ शिक्षक हनुमानगढ़ के शामिल हैं।

भरतपुर संभाग मुख्यालय पर आयोजित प्रशिक्षण शिविर में 84, जोधपुर में 73 तथा उदयपुर संभाग के चित्तौड़गढ़ में आयोजित शिविर में 97 शिक्षक भाग लेंगे। इन शिक्षकों को रिसोर्स पर्सन नाम दिया गया है। कार्यक्रम में दक्ष सेवानिवृत्त या सेवारत व्याख्याता इन शिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे, जिन्हें केआरपी नाम दिया गया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने स्कूलों में पहली कक्षा से ही अंग्रेजी अनिवार्य कर दी है।

इसे ध्यान में रखते हुए प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को आकाशवाणी के जरिये अंग्रेजी सिखाने का यह तरीका अपनाया जा रहा है। पिछले वर्ष यह कार्यक्रम प्रदेश के 11 जिलों में शुरू किया गया था। अब इसे प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया जा रहा है।

आकाशवाणी से परस्पर संवाद कार्यक्रम के प्रसारण का समय दोपहर 12 से 12.30 बजे का रहता है। वर्तमान में दोपहर 12 बजे स्कूलों की छुट्टी हो जाती है। एक सितंबर से स्कूलों का समय बदलेगा। इसे ध्यान में रखते हुए यह कोर्स इसी तिथि से शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

आकाशवाणी से प्रसारित होने वाले परस्पर संवाद कार्यक्रम के तहत कक्षा पहली से चौथी तक के बच्चों को अंग्रेजी सिखाई जाएगी। इसके लिए रिसोर्स पर्सन तैयार किए जा रहे हैं। सात और आठ अगस्त को उनका दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर रखा गया है।

प्रारंभिक शिक्षा परिषद ने हमें जयपुर में दो दिन की ट्रेनिंग दी थी। इस प्रकार के कार्यक्रमों से सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से ही बच्चों का बौद्धिक स्तर ऊंचा होगा। - वीरेन्द्र यादव, रिटार्यड व्याख्याता, (केआरपी)

सीखेंगे शब्दों का उच्चरण

परस्पर संवाद कार्यक्रम के तहत पहली से चौथी कक्षा के बच्चों को अंग्रेजी के शब्दों का उच्चरण और अंग्रेजी के वाक्यों को समझना सिखाया जाएगा। इसके लिए ऐसे वरिष्ठ अध्यापकों का चयन किया गया है, जिनकी अंग्रेजी में अच्छी पकड़ है। केआरपी इन शिक्षकों को दो दिन की ट्रेनिंग देंगे। उसके बाद यह शिक्षक अपने-अपने क्षेत्रों में पहुंचकर अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे।

प्रशिक्षण का यह कार्यक्रम 31 अगस्त तक चलेगा। उसके बाद एक सितंबर से रेडियो पर बच्चों को अंग्रेजी सिखाने का काम शुरू हो जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा परिषद ने इसके लिए 120 लेसन तैयार किए हैं। यह लेसन सभी स्कूलों में भेजे जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी का स्तर काफी खराब है। हालात यह है कि बच्चे शुद्ध हिन्दी तक नहीं लिख पाते। उन्हें अंग्रेजी के अक्षरों तक का ज्ञान नहीं है। इस प्रकार के कार्यक्रम से बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

रणबीर की मां ने कहा, दोषियों का भी हो एनकाउंटर

देहरादून में हुए रणबीर के एनकाउंटर को सीबीआई ने फर्जी करार दिया है। इसके बाद परिवारवाले थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं। अब उन्हें यकीन है कि दोषियों को सजा जरूर मिलेगी। बेटे की मौत को एक महीना गुजरने के बाद भी रणबीर की मां सुदेश की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वह कहती हैं कि मेरे निर्दोष बेटे को मारने वाले पुलिसकर्मियों का भी वैसा ही एनकाउंटर होना चाहिए। उसी दिन मुझे शांति मिलेगी। सुदेश कहती हैं कि अगर उनका बेटा अपराधी होता तो वे खुद उसे पुलिस के पास लेकर जातीं। उन्होंने बताया कि उनके पति खुद सेना से रिटायर हुए हैं। एक फौजी का बेटा अपराधी हो ही नहीं सकता। इंदिरापुरम नीतिखंड में रहने वाले रिटायर्ड सूबेदार रविंद्र सिंह का बेटा रणबीर एमबीए पास था और देहरादून के एक प्राइवट बैंक में जॉब करने गया था। 3 जुलाई को
देहरादून पुलिस ने रविंद्र पाल सिंह को रणबीर के मुठभेड़ में मारे जाने की सूचना दी। पुलिस ने बताया कि रणबीर और उसके साथी एक इंस्पेक्टर की रिवॉल्वर लूटकर चोरी की बाइक पर भाग रहे थे। उन्हें रोकने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी। पुलिस के इस दावे को रणबीर के परिवार वालों ने फर्जी करार दिया था। मामला मीडिया में आने के बाद इसकी सीबीआई जांच बैठाई गई थी। जांच में सीबीआई ने माना कि एनकाउंटर फर्जी था। रणबीर को निकट से गोली मारी गई थी। उसके शरीर पर 12 गोलियों के निशान के अलावा 26 चोटों के निशान भी थे। इनसे लगता है कि रणबीर को मारने से पहले बुरी तरह पीटा गया था।

हरियाणा में प्रेमी युगल की हत्या

हरियाणा में प्रेमी युगल की हत्या के मामले थम नहीं रहे हैं। इस कड़ी में एक और प्रेमी युगल को मौत के घाट उतार दिया गया। नया मामला गांव बलंभा का है। यहां की रानी (14) व अनिल (20) की हत्या रक्षाबंधन वाली रात प्रेम प्रसंग के शक पर की गई। दोनों की हत्या का आरोप रानी के परिजनों पर है। पुलिस ने मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें रामकुमार, जसबीर, सुरेंद्र व सुखबीर को हत्या के आरोप में, मोनू व बिमला को शव खुर्द-बुर्द करने और षड्यंत्र में शामिल होने के मामले में सत्यवान को गिरफ्तार किया है। अनिल का शव सुबह 5:30 बजे बलंभा पशु अस्पताल के पास महम-बेरी रोड पर मिला, जबकि रानी की अंत्येष्टि परिजनों ने तड़के 4:30 बजे ही कर दी। पुलिस ने उसके अधजले शव को कब्जे में ले लिया। वहीं, पोस्टमार्टम के बाद अनिल की अंत्येष्टि कर दी गई। रामकुमार की बेटी रानी बीते साल सातवीं में फेल हो गई थी। इस साल फिर से उसका दाखिला कराया था। अनिल के 12वीं पास करने के बाद परिजन पॉलिटेक्निक में उसके दाखिले की तैयारी कर रहे थे।रानी के परिजनों ने दोनों को बुधवार रात को आपत्तिजनक स्थिति में देखा था। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक दोनों की हत्या रानी के घर में की गई। इससे पहले रानी की जमकर पिटाई की गई और बाद में कपड़े से उसका गला घोंट दिया गया। अनिल का शव अर्धनग्न हालत में मिला था। उसके शरीर पर भी चोट के निशान थे।जाति और गोत्र एकअनिल व रानी एक ही जाति और गोत्र के थे। दोनों परिवारों का आपस में मेलजोल था। बुधवार शाम को अनिल अपने घर हो रहे सत्संग में रानी के मां-बाप को बुलाने के लिए कई बार उसके घर गया था। अनिल के जसबीर ने अपने बयान में कहा है कि रात करीब 10 बजे रानी का भाई मोनू, जसबीर व सोमबीर उसे बुलाकर ले गए थे। तलाश करने पर वह नहीं मिला। उसका मोबाइल भी बंद था।

अजमल कसाब जेल में नौटंकी कर रहा है

जेल अधिकारियों ने गुरुवार को विशेष अदालत में शिकायत दर्ज कराई है कि कसाब ने जेल का खाना खाने से इनकार कर दिया है। उसने यह कहते हुए प्लेट फेंक दी कि ' मैं मटन बिरयानी खाना चाहता हूं। ' जज एम . एल . तहलियानी ने कसाब के खराब रवैये के लिए उसे फटकार लगाई और चेतावनी दी कि सही तरह से व्यवहार करे , नहीं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कसाब ने बुधवार को खाना खाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद कोर्ट के सामने यह बात लाई गई है। जेल के अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि कसाब को वही भोजन दिया गया था , जो अन्य कैदियों को दिया गया। जब तहलियानी ने कसाब से पूछा कि क्या उसने जेल स्टाफ के साथ खराब व्यवहार किया , तो उसने कहा , ' जी हुजूर ' ।
सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कसाब की आलोचना करते हुए कहा कि वह जब - तब खराब रवैया अपना रहा है। हमने कुछ जगह ये खबर पढ़ी कि रक्षा बंधन के दिन कसाब ने अदालत की कार्यवाही के बाद अपने वकील से कहा कि क्या मुझे कोई राखी नहीं बांधेगा। निकम ने कहा कि यह बात जानबूझकर मीडिया में पहुंचाई गई है , ताकि कसाब को जनता की सहानुभूति मिले। अजमल कसाब जेल में जिस तरह की नौटंकी कर रहा है , उससे यह साफ है कि उसको भी मालूम है कि भारत का तंत्र कितना लचर है। एक आतंकवादी ने पूरे सिस्टम का मजाक बना के रखा हुआ है। तीन महीने बाद मुंबई हमले का एक साल पूरा हो जाएगा। लेकिन कसाब का मुकदमा कब तक खिंचता रहेगा , कोई नहीं जानता। मुंबई हमले के बाद आम जनता और कई बु्द्धिजीवियों ने ऐसी घटनाओं के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट और मुकदमा पूरा करने की समयसीमा तय करने की मांग की थी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। होना तो यह चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट के एक या दो जजों की एक स्पेशल कोर्ट बनाकर ऐसे मामलों को जल्द से जल्द खत्म करना चाहिए और इस कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील का अधिकार भी नहीं होना चाहिए। दर्जनों लोगों और कैमरों के सामने कत्ल - ए - आम करने वाले को कानूनी दांवपेच का बहाना बनाकर जनता की भावना का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। क्या आप भी हमारी बात से सहमत हैं।

Thursday, August 6, 2009

मुंबई ब्लास्ट मामले में सजा 6 को

मुंबई में 2003 में हुए जावेरी बाजार और गेटवे ऑफ इंडिया ब्लास्ट मामले में शामिल तीन आरोपियों को आज यानी 6 अगस्त को सजा सुनाई जाएगी। मुंबई की स्पेशल पोटा कोर्ट ने तीनों आरोपियों को जावेरी बाजार और गेटवे ऑफ इंडिया पर हुए दो धमाकों का दोषी करार दिया था। कोर्ट ने अशरफ अंसारी, हनीफ सैयद और हनीफ की बीबी फहमीदा सैयद को दोषी ठहराया है। कोर्ट ने इन्ही तीनों को 25 अगस्त 2003 को जावेरी बाजार और गेटवे ऑफ इंडिया पर हुए दो जबर्दस्त धमाके को अंजाम देने के लिए दोषी पाया। इन धमाकों में 54 लोगों की मौत हो गई थी और 180 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

लड़कियों को घूरने में बिता देता है जिंदगी का एक साल

एक औसत आदमी दिन में 10 लड़कियों को घूरता है और ऐसा करने में वह 43 मिनट समय देता है। एक ब्रिटिश रिसर्च के मुताबिक आदमी औसतन जिंदगी का एक साल लड़कियों को घूरने में बिता देता है। जहां तक औरतों का सवाल है वह दिन में छह मर्दों को निहारने में 20 मिनट खर्च करती है। इस तरह औरतों की जिंदगी के छह महीने मर्दों को घूरने में ही निकल जाते हैं। पोल करने वाली संस्था कोडेक लेंस विजन के मार्क आयरलैंड का कहना है, 'मर्द औरतों के बट को घूरने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि वह इसमें कितना समय देते हैं। ऑपजिट सेक्स को घूरने में एक साल लगाना काफी लंबा समय लगता है।'
रिसर्चरों ने इस सर्वे को करते वक्त यह माना है कि लोग 18 से 50 की उम्र तक ही ऑपजिट सेक्स के लोग को घूरते हैं। पोल में भाग लेने वाले 3000 लोगों ने माना कि जब उन्हें कोई टकटकी लगा के घूरा जाता है तो अच्छा लगता है, जबकि 16 महिलाओं ने कहा कि इससे वह असहज हो जाती है। 20 प्रतिशत महिलाओं का कहना था कि इससे वे शरमा जाती हैं। महिलाओं का कहना है कि वह सबसे पहले मर्दों की आखों में देखती हैं, जबकि पुरुषों का कहना है कि वह महिलाओं की फिगर को निहारते हैं।

हर 17 दिन में जा रही है एक जान

हरियाणा के अमलोह गांव के लोगों के चेहरे पर मौत का खौफ साफ पढ़ा जा सकता है। लोग इतने घबराए हुए हैं कि उन्होंने शराब व मांस-मच्छी क्या सेक्स करना तक छोड़ दिया है। वजह? वजह यह है कि इस गांव में पिछले चार महीने से हर 17 दिन में एक आदमी की मौत हो रही है। यमुनानगर जिले के अमलोह गांव की आबादी 600 है। चार महीने पहले गांव में सबकुछ नॉर्मल था। लेकिन फिर अचानक 13 मई को गांव के रुलिया राम अपने बिस्तर पर मृत मिले। गांव वालों के लिए यह सामान्य घटना थी।...लेकिन मौत का यह सिलसिला बड़े अजीब तरीके से आगे बढ़ा। गांव में पिछले 4 महीने से हर 17 दिन में एक आदमी की मौत हो रही है। गांव के सरपंच कुलदीप कहते हैं कि आज यानी गुरुवार को फिर 17वां दिन है। लोग सहमे हुए हैं कि आज किसका नंबर है। कुलदीप कहते हैं कि दुनिया भले ही इस पर यकीन न करे, लेकिन हम पिछले चार महीने में अपने 5 लोगों को खो चुके हैं। वह संदेह जताते हैं कि जरूर गांव के खेड़ा देवता को किसी ने नाराज कर दिया है। इससे पूरा गांव मुसीबत में फंस गया है। उन्होंने बताया कि रुलिया राम के बाद हर 17 दिन में सीमा देवी, राहुल (22), धर्मपाल, रमन पाल (19) की मौत हो चुकी है।