Tuesday, October 6, 2009

मिस्र में फर्जी 'कुंआरेपन' पर रोक लगाने की मांग

मिस्र में इन दिनों 'फर्जी कुंआरेपन' पर बवाल मचा हुआ है। मिस्र के कंजर्वेटिव सांसदों ने सरकार
से चीन में बनी कुंआरेपन की किट पर प्रतिबंध लगाने और इस किट का इस्तेमाल करने या आयात करने वालों को देश निकाला देने की मांग कर डाली है। इस किट का इस्तेमाल महिलाएं खुद को वर्जिन साबित करने के लिए कर सकती हैं। चीनी कंपनी गिगीमो द्वारा बेची जा रही कुंआरेपन की किट (आर्टिफशल वर्जिनिटी हाइमेन किट) की कीमत करीब 30 डॉलर यानी 1500 रुपये है। नवविवाहित महिलाएं इस किट का इस्तेमाल अपने शौहरों को बेवकूफ बनाने के लिए कर सकती हैं। यह किट इस तरह काम करता है कि शारीरिक संबंध बनाने के दौरान इससे रक्त जैसा द्रव निकलता है और पति को भरोसा हो जाता है कि उसकी पत्नी कुंआरी है।
कुंआरेपन की किट की मिस्र में काफी मांग है क्योंकि यहां लड़की का शादी से पहले वर्जिन होना जरूरी माना जाता है और शादी से पहले शारीरिक संबंधों को अवैध समझा जाता है। किट पर हंगामा तब शुरू हुआ जब रेडियो नीदरलैंड्स की एक रिपोर्टर ने इस प्रॉडक्ट के चीनी विज्ञापन का अरबी में अनुवाद किया। इसके बाद से पुरातनपंथियों को आशंका है कि मिस्र की महिलाएं इस किट का इस्तेमाल कर सकती हैं। मिस्र में धार्मिक मामलों की संसदीय समिति के सदस्य शेख सेईद असकर ने कहा कि इस किट से मिस्र की महिलाओं को विवाह पूर्व शारीरिक संबंध बनाने में प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने सरकार से इस प्रॉडक्ट पर रोक लगाने और सामाजिक मूल्यों को बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि, 'अगर सरकार इस किट के आयात की इजाजत देती है तो यह शर्मनाक बात होगी।'