Friday, October 2, 2009

शिक्षकों के लिए शुरू होंगे शॉर्टटर्म कोर्स

स्कूलों में बच्चों के शैक्षिक स्तर में गुणवत्ता सुधार के लिए अब हिन्दी और अंग्रेजी के शॉर्टटर्म बेसिक कोर्स शुरू किए जाएंगे। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक एस.एस.बिस्सा ने बुधवार को जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की एक दर्जन स्कूलों का जमीनी निरीक्षण करने के बाद यह निर्णय लिया है। इस दौरान बिस्सा ने स्वयं बच्चों की क्लास भी ली।

उनसे सवाल-जवाब किए। बच्चों को संस्कृत पढ़ाई तथा उन्हें श्लोक याद करने के नुस्खे बताए। उन्होंने बच्चों और शिक्षकों के शैक्षिक स्तर की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान पता चला कि बच्चों का भाषायी ज्ञान काफी कमजोर है। उन्हें हिन्दी और अंग्रेजी का बेसिक ज्ञान भी नहीं है। शिक्षा में गुणवत्ता का स्तर काफी कमजोर मिला है।

सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम कमजोर रहने का यह मूल कारण माना गया है। शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए शिक्षकों के 50-50 के ग्रुप बनाकर शॉर्टटर्म बेसिक कोर्स चलाने का निर्णय लिया गया है। निदेशालय में इसकी रूपरेखा तैयार की जाएगी। निरीक्षण के दौरान निदेशक ने दस्तावेज और आय-व्यय के ब्योरे का मिलान किया।

छात्र-अध्यापक अनुपात में पदों का आबंटन, कार्मिकों की उपस्थिति एवं मिड-डे-मील की स्थिति की जानकारी ली। शहरी क्षेत्र की स्कूलों की स्थिति अधिक दयनीय मिली है। मूलभूत सुविधाओं का नितांत अभाव नजर आया। स्कूलों में बिजली व पानी के कनेक्शन ही नहीं है, जबकि शहर के निकट ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलों की स्थिति अपेक्षाकृत अधिक अच्छी मिली है।

बिस्सा ने बताया कि शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलों में बच्चों का शैक्षिक स्तर काफी ठीक है। शहर की स्कूलों में बच्चे कम और शिक्षक अधिक होने के बाद भी पढ़ाई नहीं हो रही है, जबकि गांवों की स्कूलों में शिक्षक कम और बच्चे अधिक होने के बाद भी पढ़ाई अपेक्षाकृत ठीक है। निरीक्षण के दौरान सहायक निदेशक अरुण शर्मा भी उनके साथ थे।