Tuesday, March 31, 2009

विडियो गेम्स खेलने का अच्छा असर

अगर आपका बच्चा सेलफोन का इस्तेमाल करता है या विडियो गेम्स खेलता है तो इससे उसकी पढ़ाई पर असर नहीं पड़ेगा। क्या चौंक गए? स्पेन में हुई एक स्टडी बताती है कि 12 साल तक के बच्चों की पढ़ाई पर सेलफोन के इस्तेमाल से कोई फर्क नहीं पड़ता। हालांकि रिसर्चरों ने विडियो गेम्स खेलने और कमतर ग्रेड पाने में संबंध पाया है, लेकिन यह भी देखा गया कि विडियो गेम्स खेलने से मैथ्स सीखने की क्षमता पर फर्क नहीं पड़ता। बच्चे देख-देखकर भी कुछ ऐसी स्किल सीखते हैं, जिन्हें साइंस, टेक्नॉलजी, मैथ्स, इंजीनियरिंग आदि के लिए 'ट्रेनिंग' के तौर पर माना जाता है। इन स्किल्स को सीखने में विडियो गेम्स खेलने का अच्छा असर पड़ता है। इस स्टडी से जुड़ीं मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी की साइकॉलजी की प्रोफेसर लिंडा जैकसन कहती हैं, आज ज्यादातर पैरंट्स अपने बच्चों को इन्हीं क्षेत्रों में आगे बढ़ते देखना चाहते हैं। सर्वे में पाया गया कि लड़कियों की रुचि सेलफोन में ज्यादा है, जबकि लड़कों की विडियो गेम में। तीन साल तक चली यह स्टडी इंटरनैशनल असोसिएशन फॉर डिवेलपमेंट ऑफ द इन्फर्मेशन ससायटी ने प्रकाशित की है। गेम्स में हो फाइट, तो नजर रहेगी ब्राइट विडियो गेम्स सिर्फ बच्चों ही नहीं, बड़ों के लिए भी काम की चीज हैं। एक नई स्टडी में बताया गया है कि मारधाड़ वाले विडियो गेम्स खेलने से आंख की एक खास क्षमता बढ़ती है। खास तौर पर विरोधी को मारने वाले गेम्स खेलने से प्रकाश और अंधकार के बदलावों को देखने की क्षमता का विकास होता है। रिसर्चरों का कहना है कि आंखों के लिए यह क्षमता जरूरी है, क्योंकि कुछ हालात में इससे नजर तेज होती है। मसलन, रात में सड़क पर रोशनी कम हो और आप ड्राइविंग कर रहे हों तो यही क्षमता आपके बहुत काम आती है। सामान्य हालात में यह क्षमता उम्र के साथ घटती जाती है। ब्रिटिश अखबार 'डेली टेलिग्राफ' में छपी खबर के अनुसार, न्यू यॉर्क की रॉचिस्टर यूनिवर्सिटी, गोल्डशेल्गर आई रिसर्च इंस्टिट्यूट और तेल अवीव यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने अपनी स्टडी के बाद यह जानकारी दी है। इस स्टडी को 'नेचर न्यूरोसाइंस' पत्रिका में छापा गया है। स्टडी में एक आयु वर्ग के विडियो गेम्स के अनुभवी खिलाडि़यों की इस तरह के गेम्स न खेलने वालों के समूहों से तुलना की गई। इसमें ऐक्शन गेम्स खेलने वाले वॉलंटियर्स की देखने की क्षमता में 43 से 58 फीसदी सुधार पाया गया। हाथ और आंख के ज्यादा इस्तेमाल न होने वाले गेम्स खेलने वालों में कोई बेहतरी नहीं नजर आई।

महत्वकांक्षी होती हैं कामकाजी महिलाएं

नई पीढ़ी की कामकाजी महिलाएं पुरूषों की तुलना में ज्यादा महत्वकांक्षी होती हैं। आजकल महिलाएं अपना परिवार चलाने के लिए पुरूषों के साथ काम तो करती ही हैं, साथ ही 26 प्रतिशत महिलाएं अपने पति से ज्यादा कमाती हैं। इसका खुलासा ‘यूएस नेशनल स्टडी ऑफ चेंजिंग वर्कफोर्स’ नामक रिपोर्ट में ‘फेमेली एंड वर्क इंस्टीट्यूट’ के द्वारा किया गया।‘यूएस नेशनल स्टडी ऑफ वर्कफोर्स’ के यह अध्ययन रोजगार और परिवार, पुरूष और महिलाओं की घरेलू और कार्य स्थल के प्रति नजरिए पर केंद्रित था, साथ ही अन्य‍ कार्य और जीवन से जुड़े कई मुद्दों पर आधारित थे। इस तरह का अध्ययन सन 1977 में टेलीफोन के जरिए किया गया था, जिसमें भी इसी तरह के कई छोटे-छोटे मुद्दों को आधार बनाया गया था।

Sunday, March 29, 2009

बेटी को तहखाने में कैद कर लगातार 24 साल तक बलात्कार

कोलंबिया की एक महिला ने अपने पिता पर पिछले 20 साल से रेप करने का आरोप लगाया और दावा किया कि इससे उसे 8 बच्चे हुए हैं। कोलंबिया के दक्षिण-पश्चिम शहर तोलिमा में रहने वाले बलात्कारी पिता आर्सेदियो अल्वारेज (58 साल) की बेटी 32 वर्षीय अल्बा अल्वारेज के बारे में कहा गया है कि अर्सेदियो ने जब अल्बा की बेटियों के साथ भी दुष्कर्म करने का प्रयास शुरू किया तो उसने अपने पिता की शिकायत की। अल्बा ने टीवी पर जब ऑस्ट्रिया के रेपस्टि बाप फ्रित्जल के हाथों एलिसाबेथ की कहानी देखी-सुनी तो उसे लगा कि उसके साथ भी गलत हो रहा है और उसे भी अपने बाप के खिलाफ शिकायत करनी चाहिए।
आरोपी को शनिवार को पकड़ लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। वैसे, उसने खुद को निर्दोष बताया है। 35 वर्षीय अल्बा ने कहा कि जब उसकी मां का निधन हुआ, उस समय वह महज 5 साल की थी। मगर तभी से उसके पिता ने उसके साथ मुंह काला करना शुरू कर दिया था। वह 14 बार गर्भवती हुई, हालांकि 6 बार उसका गर्भपात हो गया। बाकी 8 बच्चे एक साल से लेकर 19 साल के हैं। फ्रित्जल ने अपनी ही बेटी को तहखाने में कैद कर लगातार 24 साल तक बलात्कार किया जिसके परिणामस्वरूप 7 बच्चे हुए। फ्रित्जल को अदालत ने उम्रकैद की सजा दी है।

बिना आईएमईआई नम्बर वाले बंद होंगे चाइनीज मोबाइल

सेलुलर सर्विस देने वाली कंपनियों ने अपने ग्राहकों से कहा है कि अगर वे इस तरह के फोन इस्तेमाल करते हैं, तो उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा। 15 अंकों वाला आईएमईआई नंबर हर फोन की खास पहचान होता है, लेकिन कई चाइनीज फोन बिना इस नंबर के हैं। ऐसे फोन से होने वाली कॉल को ट्रेस करना मुश्किल होता है और सरकार को डर है कि इससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। टेलिकॉम डिपार्टमंट ने सभी ऑपरेटरों से कहा था कि बिना इस नंबर वाले फोन के कनेक्शन काट दिए जाएं। इसके लिए उन्हें 31 मार्च तक की डेडलाइन दी गई है। कंपनियों को 15 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। ऐसा न करने पर कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि, सरकार पहले भी यह डेडलाइन आगे बढ़ा चुकी है, ऐसे में देखना होगा कि पहली अप्रैल के बाद वह कितनी सख्ती करती है। सूत्रों के मुताबिक एक प्रमुख सेलुलर सर्विस कंपनी ने अपने ग्राहकों को इस बारे में एसएमएस भेज कर जानकारी देना शुरू कर दिया है। इसमें ग्राहकों से आग्रह किया गया है कि सेवाएं पाते रहने के लिए वे पहली अप्रैल से वैध मोबाइल हैंडसेट इस्तेमाल करना शुरू कर दें। डॉट ने सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों से कहा है कि वे अपने नेटवर्क को इक्विपमंट आइडेंटिटी रजिस्टर से लैस करें, ताकि जब भी किसी फोन से कॉल की जाए, उसका आईएमईआई नंबर ट्रेस किया जा सके। सरकार की इस सख्ती से मोबाइल कंपनियां खुश हैं, क्योंकि चाइनीज माल ने उनके बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है। इंडियन सेलुलर असोसिएशन के प्रेजिडंट पंकज महिंद्रू के मुताबिक बिना आईएमईआई के फोन उसी तरह है जैसे बिना नंबर की गाड़ी। इनके इम्पोर्ट पर भी पाबंदी लगनी चाहिए, मोबाइल इंडस्ट्री सरकार के साथ है। नोकिया इंडिया के डाइरेक्टर (कॉर्परेट अफेयर) अंबरीश बकाया के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती होने के अलावा ये फोन सेफ्टी स्टैंडर्ड पर भी खरे नहीं उतरते हैं, इस बारे में ग्राहकों को जागरूक किए जाने की जरूरत है। जानकारों के मुताबिक देशभर में बिना आईएमईआई नंबर के करीब एक करोड़ से डेढ़ करोड़ तक फोन इस्तेमाल हो रहे हैं। देशभर में 35 करोड़ मोबाइल यूजर हैं। सेलुलर सर्विस कंपनियां एक झटके में इतने सारे ग्राहक गंवाने का रिस्क नहीं लेना चाहती। उनकी इस दिक्कत को देखते हुए सरकार ऐसे कनेक्शन कट करने के लिए डेडलाइन पहले भी कई बार आगे बढ़ा चुकी है। इससे पहले 6 जनवरी की डेडलाइन थी। सूत्रों के मुताबिक बाजार में इस तरह के सॉफ्टवेयर भी डिवेलप किए जा रहे हैं जिनसे फेक फोन पर आईएमईआई नंबर लाया जा सकता है, लेकिन इनकी विश्वसनीयता पर अभी सवाल बने हुए हैं।

Saturday, March 28, 2009

किशोरी के साथ गैंग रेप

सूरत में 10 दिनों के अंतराल में बलात्कार की दूसरी घटना प्रकाश में आई है। 11 वर्षीय नाबालिक लड़की का अपहरण कर तीन लड़को ने मुंह काला किया
सूरत के पाल रोड पर स्थित तक्षशिला अपार्टमेंट में रहने वाले उंजल सिंह नेपाली के दो बच्चे शनिवार दोपहर घर से बाहर खेल रहे थे, तभी अचानक ऑटो रिक्शा से सवार तीन युवक आए और दोनों को उठा ले गए। इन दरिंदों ने लड़की के भाई को थोड़ी दूर पर चलती गाड़ी से फेंक दिया, जो अस्पताल में भर्ती है। लेकिन शहर से कुछ दूर पर लड़की को ले जाकर उसके मुंह में पट्टी बांधकर तीनों ने बारी-बारी से रेप किया। लड़की की हालत नाजुक बनी हुई है।
पीड़ित लड़की के पिता उंजल सिंह नेपाली जो कि एक गार्ड का काम करते हैं, ने पुलिस को बताया कि उनकी लड़की और बड़ा लड़का घर के बाहर खेल रहे थे, तभी तीन लोग आए और उन्हें जबरन उठा ले गए। लड़के को तो थोड़ी दूर पर ही फेंक दिया लेकिन लड़की को जंहागीरापुरा-डांडी रोड़ पर टिंबर मार्ट के नजदीक ले गए और वहां पर उसके साथ मुंह काला किए। लड़की को खून से लथपथ अवस्था में वहां पाया गया।
पुलिस के अनुसार, हम मामले की छानबीन कर रहे हैं, आरोपियों की धरपकड़ के लिए हमने अभियान चला रखा है और जल्द ही इस गैंग रेप में शामिल सभी आरोपी हमारे शिकंजे में होंगे। पुलिस ने बताया कि लड़की को शनिवार के दिन करीब दिन के दो बजे टिंबर मार्ट इलाके में पाया गया। उस समय लड़की को ब्लीडिंग हो रही थी जिसके बाद उसे आनन-फानन में पास के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
19 मार्च को भी नाबालिग के साथ रेप
जानकारी के मुताबिक ठीक इसी तरह की घटना 19 मार्च के दिन इसी इलाके में 9 साल की नाबालिक लड़की को उसके ही पड़ोसी ने मात्र 10 रूपए का लालच देकर बलात्कार किया। यहां पर भी लड़की की हालत गंभीर बनी हुई है।

टेलीपैथी ने बचाई जान

जुड़वां भाई-बहनों बीच कई बातें एक जैसी होती हैं। उनका चेहरा, व्यवहार काफी हद तक एक-दूसरे से मिलता-जुलता है लेकिन टेलीपैथी के जरिए एक-दूसरे के मन की बात को समझ लेना सारे जुड़वां में सामान्य नहीं है। ऐसी ही एक अनोखी घटना घटी विगन के अर्थटन में जब एक बहन ने अपनी जुड़वां बहन की जान टेलीपैथी के जरिए बचाई। उसके सिक्‍स्थ सेंस ने उसे बहन के खतरे में होने के संकेत दे दिए थे।
कैसे बची जान
जेमा हॉगटन (15) के सिक्‍स्थ सेंस ने उसे आगाह किया कि उसकी जुड़वां बहन लीने की जान खतरे में है। वह बाथरूम की ओर भागी, जहां लीने बाथ टब में उलटी लेटी हुई थी, पहले तो जेमा को लगा कि लीने अपने बालों को धो रही है या मजाक कर रही है, लेकिन उसने जैसे ही उसे उठाया उसका शरीर नीला पड़ चुका था और वह अजीबोगरीब आवाजें निकाल रही थी। जेमा ने सबसे पहले उसका प्राथमिक उपचार किया और तुरंत अस्पताल पहुंचाया। पैरामेडिक स्टीव पीयर्सन का कहना है कि यदि जेमा समय पर अपनी बहन की मदद करने नहीं पहुंचती तो उसकी मौत तय थी।
और भी हैं मामले
जेमा और लीने के अलावा दुनिया में कई ऐसे जुड़वां हैं, जिन्होंने टेलीपैथी की सच्चाई को स्वीकार किया है। उनमें सिंगर रॉबिन गिस भी शामिल हैं। उन्होंने माना कि उनके साथ भी एक बार ऐसा वाकया हो चुका है। एक बार बाइक दुर्घटना में बुरी तरह घायल होने पर उनके भाई ने उनकी जान बचाई थी और इस दुर्घटना के होने से पहले ही उनके भाई को इसका आभास हो गया था।

चुनावी दौर में मीडिया भी चला कमाई की ओर

सभी छोटे-बड़े मीडिया हाउसों ने लोकसभा चुनाव कवर करने के लिए रणनीति बना ली है। सबका लक्ष्य एक है- ज्यादा से ज्यादा पैसा उगाहो। चुनाव मीडिया के लिए रेवेन्यू जनरेशन का सबसे बड़ा पर्व बन चुका है। चुनाव आयोग ने चुनाव खर्च को लेकर जो बंदिशें प्रत्याशियों पर लगायी हैं, उसका तोड़ प्रत्याशियों व मीडिया प्रबंधकों ने मिल कर निकाल लिया है। अखबारों में अब प्रत्याशियों का विज्ञापन नहीं छपता, क्योंकि इस विज्ञापन का खर्च प्रत्याशी के चुनाव खर्च में जोड़ दिया जाता है। प्रत्याशी चुनावी खर्च कम रखने के लिए पत्रकारों व मीडिया हाउसों को मोटी रकम देकर विज्ञापन की जगह अखबारों के चुनाव पेज पर पॉजिटिव खबरें छपवाते हैं। कांटे के मुकाबले की एनालिसिस कराते हैं। इन खबरों में प्रत्याशी को मजबूती से लड़ते हुए बताया जाता है। उनके पक्ष में जगह-जगह भीड़ उमड़ने की बात कही जाती है। प्रत्याशी के भाषण को जनसभा की तसवीर के साथ छापा जाता है। जो प्रत्याशी लाखों रुपये नहीं खर्च कर पाते, वो चाहे लाख योग्य और जेनुइन कैंडीडेट हों, उन्हें अखबार के ‘इलेक्शन स्पेशल’ पेज पर सिंगल कालम तक जगह नहीं दी जाती। इस कारण कई ईमानदार प्रत्याशी मंच से ही पत्रकारों को दलाल और बिका हुआ कहने में गुरेज नहीं करते। ऐसा वाकया मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में घटित हो चुका है। प्रत्याशियों से ज्यादा से ज्यादा पैसा ऐंठने के लिए मीडिया हाउसों के प्रबंधकों ने न्यूज हैंडल करने वाले वरिष्ठों को तगड़ा टारगेट सौंप दिया है। हरियाणा के एक बड़े अखबार के ब्यूरो चीफ़ ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें एक छोटे से जिले से लोकसभा चुनाव के दौरान 20 लाख रुपये निकालने का टारगेट दिया गया है। इस टारगेट को पूरा करने के लिए वे सभी दलों के प्रत्याशियों के हाथ-पांव जोड़ रहे हैं। इन प्रत्याशियों से पेड न्यूज की डील हुई है। इनसे लाखों रुपये लेकर चुनाव भर अखबार के चुनावी पेज पर पक्ष में खबरें प्रकाशित की जायेंगी। खबरों में किसी भी प्रत्याशी की सीधे हारता या जीतता नहीं दिखाना है। सभी प्रत्याशियों का टेंपो हाई रखना है, ताकि सभी से लाख- दो लाख रुपये वसूला जा सके। आप जब प्रत्याशियों से खबरों के नाम पर पैसे मांगेंगे, तो उनके खिलाफ़ चुनाव में ही नहीं, बल्कि चुनाव के बाद भी खबर लिखने में कलम कांपेंगी। उत्तराखंड के हल्द्वानी जिले का एक रिपोर्टर प्रबंधन के दबाव से परेशान है। उसका कहना है कि चुनाव में हर प्रत्याशी से ज्यादा से ज्यादा पैसा निकालने के प्रबंधन के दबाव से उसका सारा व प्रत्याशियों से पेड न्यूज के लिए डील करने में बीतता है। खबर के नाम पर केवल प्रेस रिलीज और इवेंट को ही भेजा जा रहा है। ऐसे माहौल में अखबारों से जन सरोकारवाली पत्रकारिता की उम्मीद करना बेमानी है। परफ़ारमेंस का पैमाना बड़ी खबर ब्रेक करना नहीं रह गया है। जो सबसे ज्यादा रेवेन्यू प्रबंधन को दिलायेगा, वही प्रबंधन की आंख का तारा बनेगा। एक अन्य अखबार के राष्ट्रीय ब्यूरो में कार्यरत एक वरिष्ठ पत्रकार का कहना है कि चुनाव के वक्त उन लोगों को अलग-अलग पार्टियों के बड़े-बड़े नेताओं के साथ लगा दिया गया है। इन नेताओं से प्रबंधन की मोटी डील पहले ही हो चुकी है। इसके एवज में नेताओं को परमानेंट तौर पर एक नेशनल रिपोर्टर सुपुर्द कर दिया गया है, ताकि वे जहां भी जायें और जो भी बोलें, उसकी खबर अखबार में नियमित तौर पर चुनावी पेज पर प्रकाशित की जाये। ज्यादातर रिपोर्टर इस चुनावी महासमर में विज्ञापन के दबाव से जूझ रहे हैं। विज्ञापन विभाग का काम भी इनके सिर आ जाने से ये डबल दबाव में हैं। सूत्रों का कहना है कि कई रिपोर्टर सहर्ष विज्ञापन बटोरेने के काम में लगे हुए हैं, क्योंकि प्रबंधन विज्ञापन में इन्हें भी 15 से लेकर 30 फ़ीसदी तक कमीशन देता है। कई रिपोर्टर तो लोकसभा चुनाव के दौरान कमीशन के प में इतनी रकम कमा लेने की आस लगाये हैं, ताकि वे चारपहिया गाड़ी खरीद सकें। एक बड़़े अखबार में यूपी मार्केट के रेवेन्यू को हैंडल कर रहे एक वरिष्ठ प्रबंधक का कहना है कि पत्रकार आम तौर पर चुनाव के दिनों में नेताओं से पर्सनली ओबलाइज हो जाया करते हैं, लेकिन इसका लाभ मीडिया हाउस को नहीं मिलता। इसीलिए प्रबंधन ने पत्रकारों के लिए नियम बना दिया है कि विज्ञापन लाओ और तगड़ा कमीशन पाओ। इससे पत्रकारों की नंबर दो की कमाई को नंबर एक में बदल दिया जा रहा है। इससे पत्रकार और प्रबंधन दोनों को फ़ायदा है। इसे कैसे गलत कहा जा सकता है? उनसे जब पूछा गया कि आप सभी पत्रकारों को चोर समझते हैं, तो उनका कहना था कि आजकल ज्यादातर रिपोर्टर फ़ील्ड से अपने लिए ज्यादा से ज्यादा फ़ायदा जुटाते की फ़िराक में रहते हैं, कोई इसे स्वीकार कर लेता है और कोई इसे नहीं स्वीकारता। अगर पत्रकारों को रेवेन्यू जनरेशन से सीधा जोड़ दिया जा रहा है, तो पत्रकारों को नंबर एक में कमाने का अतिरि मौका मिल जाता है। यह तरीका सही है। रिपोर्टर अगर रेवेन्यू जनरेशन में जुट जायेगा, तो पत्रकारिता के सिद्धांतों का क्या होगा? इस सवाल पर प्रबंधक महोदय कहते हैं- पत्रकारिता के सिद्धांत की बातें किताबी होती हैं। कोई भी इसका पालन नहीं करता, केवल पब्लिक मंच से इस पर भाषण दिया जाता है और पत्रकारिता के छात्रों को उपदेश पढ़ाया जाता है। आज जब मार्केट इकोनामी पूरे उफ़ान पर है, हर आदमी अपने लिए ज्यादा से ज्यादा लाभ और सुविधाएं चाहता है। और यह चाहना गलत भी नहीं है। पत्रकारों के साथ दिक्कत यही है कि वे डबल स्टैंडर्ड रखते हैं। कहते कुछ और हैं और करते कुछ और। एक अखबार के जनरल डेस्क पर कार्य कर रहे वरिष्ठ पत्रकार का कहना है कि चुनाव पेज पर कौन सी खबरें पेड हैं और कौन सी नहीं, इसकी पहचान के लिए पेड खबरों पर ‘चुनाव समाचार’ या ‘चुनावी हालचाल’ का क्रॉसर लगा दिया जाता है, ताकि प्रबंधन और विज्ञापन विभाग को पता रहे कि इन खबरों के एवज में पैसा मिल चुका है। िपट्र जैसा हाल चैनलों का भी है। न्यूज चैनलों ने चुनाव विेषण और चुनावी खबरों के प्रसारण के लिए जिले-जिले के िस्ट्रगरों और राज्यों के ब्यूरो चीफ़ों को ज्यादा से ज्यादा विज्ञापन लाने के निर्देश दे दिये हैं। स्टेट ब्यूरो के हेड को अलग से निर्देश दिया गया है कि वे चुनाव के जरिये अधिकतम रेवेन्यू जनरेट करने की योजना बनायें। सूत्रों का कहना है कि कई टीवी न्यूज चैनल ओपिनियन पोल के एवज में राष्ट्रीय पार्टियों से मोटी डील कर चुके हैं। लोकतंत्र का यह महापर्व भले ही देश के भविष्य के दशा-दिशा को तय करनेवाला होता है। पर इस महापर्व की आड़ में चौथा खंभा जिस तरह अपने बुनियादी दायित्वों को भुला कर पूरी तरह खाऊ-कमाऊ संस्कृति में लिप्त है, उसे लोकतंत्र और पत्रकारिता दोनों के लिए शुभ नहीं कहा जा सकता। prabhat khabar

बोल्ड है तो यह नहीं की न्यूड हो जाए

लिजा रे अपने ऐक्टिंग टैलंट से ज्यादा हॉट अंदाज के लिए पॉप्युलर रही हैं। हाल ही में लिजा का एक धमाका सामने आया है , जो वह भारतीय फिल्मों में एंट्री करने से पहले ही कर चुकी थीं। बहुत कम लोग जानते हैं कि लिजा एक ब्रिटिश फिल्म ' किल किल फास्टर फास्टर ' में काम कर चुकी हैं। यह फिल्म जॉन रोज के नॉवेल ' किल किल फास्टर फास्टर ' पर बेस्ड है ,
जिसमें काफी गर्मागर्म सीन हैं। जिसमें वह पूरी तरह न्यूड नजर आ रही हैं। फिल्म की डीवीडी मार्किट में आ गई है। इसे देखकर लिजा के चाहने वाले हैरान हैं और उन्हें विश्वास नहीं हो पा रहा है कि वह ऐसा भी कर सकती हैं। फिल्म देखने वाले कई लोगों ने भी यह माना है कि लिजा ने फिल्म में जो सेक्स सीन्स दिए हैं , वह काफी बोल्ड हैं जैसे किसी पोर्न फिल्म में होते हैं। लोगों ने तो लिजा की तुलना पोर्न स्टार तक से की और कहा कि यह सीन्स देखकर उन्हें काफी हैरानी हुई है। अपनी बोल्डनेस को लेकर लिजा पहले भी काफी चर्चित रही हैं। पहली बार वह उस समय चर्चा में आई थीं , जब करन कपूर के साथ उनका ऐड आया था। लिजा ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1994 में आई तमिल फिल्म ' नेताजी ' से की थी। इसमें उन्होंने शरथ कुमार के अपोजिट काम किया था और उनकी भूमिका काफी छोटी थी। इसके बाद 1996 में वह नुसरत फतेह अली खान के पॉप्युलर सॉन्ग ' आफरीं आफरीं .... ' में के विडियो में आई थीं। इस विडियो से उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली थी। बॉलिवुड में उनका करियर 2001 की फिल्म कसूर से शुरू हुआ था जिसमें उन्होंने आफताब शिवदासानी के साथ लीड रोल किया था। फिल्म में आफताब के साथ उनके किसिंग सीन की काफी चर्चा भी हुई थी। लिजा ने दीपा मेहता कि फिल्मों हॉलिवुड - बॉलिवुड और वॉटर में भी काम किया है। किल किल फास्टर फास्टर में उनके सेक्स सीन्स के बारे में पूछने के लिए लिजा से कॉन्ट्रैक्ट करने की कोशिश की गई , लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो सकीं।

फ्रेंडशिप क्लब चला कर लाखों रुपए ऐंठे

एक फर्जी फ्रेंडशिप क्लब के नौ सदस्यों को क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। इनमें गिरोह का मास्टरमाइंड करतार नगर निवासी राजीव शर्मा (24), उसका चचेरा भाई पंकज शर्मा (21) और सात अन्य युवतियां शामिल हैं। 19 से 25 साल उम्र की ये युवतियां टेली कॉलर बनकर लोगों को अपने जाल में फंसाती थीं। पुलिस ने इनके पास से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लिए गए आठ टेलिफोन और कई बैंक अकाउंट्स की डिटेल्स भी जब्त की हैं। जांच से पता चला है कि इनके अकाउंट में हर महीने करीब 15 लाख रुपये जमा होते थे। अडिशनल कमिश्नर (क्राइम ब्रांच) सत्येंद्र गर्ग के मुताबिक, राजीव स्कूल ड्रॉप आउट है। पहले उसने आजादपुर इलाके में एक ऑफिस किराये पर लेकर सात महीने तक यह रैकिट चलाया। पिछले पांच महीनों से वह मुखर्जी नगर इलाके में बतरा सिनेमा के पास स्थित एक दोमंजिला इमारत के सेकंड फ्लोर पर एसजी इंटरनैशनल फ्रेंडशिप क्लब के नाम से अपना क्लब चला रहा था। ऑफिस का किराया 18,000 रुपये प्रति माह था। क्लब से जुड़ी लड़कियों को वह 5,000 रुपये महीने की सैलरी देता था, लेकिन अगर कोई लड़की अच्छा परफॉर्मन्स करके मेंबर्स की संख्या में इजाफा करती थी, तो उसे अलग से कमिशन भी दिया जाता था। पंकज इस रैकिट को चलाने में राजीव की मदद करता था। ये लोग अखबारों में विज्ञापन देकर लोगों को फंसाते थे। उन्होंने क्लब के मेंबर्स की अलग-अलग कैटिगरी भी बना रखी थी और उनसे उसी हिसाब से चार्ज लिया जाता था। पहली यानी लोअर कैटिगरी उन मेंबर्स की थी, जो घरेलू महिलाओं और कॉलिज की लड़कियों को फोन फ्रेंड बनाने के इच्छुक होते थे। उनकी मेंबरशिप फीस 2,000 रुपये महीना थी। दूसरी यानी मिडल कैटिगरी उन मेंबर्स की थी, जो प्रफेशनल महिलाओं जैसे डॉक्टर, एंजीनियर, टीचर आदि को दोस्त बनाना चाहते थे। उनकी मेंबरशिप फीस 7,000 रुपये महीना थी। तीसरी और सबसे अपर कैटिगरी थी उन ग्राहकों की, जो एयर होस्टेस और मॉडल्स को दोस्त बनाने के ख्वाहिशमंद थे। इनसे हर महीने 15,000 रुपये की फीस ली जाती थी। संपर्क के लिए विज्ञापन के साथ एक फोन नंबर दिया जाता था। जब कोई शख्स मेंबरशिप फीस भरकर मेंबर बन जाता था, तो पहले कुछ दिन तक लड़कियां उससे फोन पर बात करके उससे और ज्यादा पैसे ऐंठने की कोशिश करती थीं, लेकिन जब ग्राहक लड़कियों से मिलने की जिद करता था या और रकम देने से इनकार कर देता था, तो उससे संपर्क बंद कर दिया जाता था। अलग-अलग कैटिगरी के ग्राहकों से बात करने के लिए लड़कियों को अलग-अलग तरह की ट्रेनिंग भी दी जाती थी।

हिन्दुओं को दरकिनार करने के लिए साजिश : बाल ठाकरे

शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने कहा कि हिन्दुओं को दरकिनार करने के लिए साजिश रची जा रही है। उन्होंने समुदाय के लोगों से कहा कि वे लोकसभा चुनावों के बाद दिल्ली के लाल किले पर केसरिया ध्वज लहराने के लिए अपनी एकजुटता दिखाएं। शिव सेना के मुख पत्र 'सामना' में ठाकरे के हवाले से कहा गया है हिंदुओं को दरकिनार करने और उन्हें खत्म करने के लिए साजिश रची जा रही है। इस चुनाव में हिंदुओं को लाल किले पर केसरिया ध्वज लहराने के लिए एकजुटता दिखानी चाहिए। महाराष्ट्र की 48 में से 22 सीटों पर चुनाव लड़ रही पार्टी के मुखिया ने कहा अगर बीजेपी के वरुण गांधी ने हिन्दुओं के हित में उत्तेजनात्मक तरीके से कोई बात सिर्फ कही तो तथाकथित धर्मनिरपेक्ष तत्वों ने उन्हें चुनाव से हटाने की मांग तक कर डाली। मालेगांव विस्फोट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बारे में ठाकरे ने आरोप लगाया कि उन्हें भोजन में 'कीड़े' खाने को दिए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कसब और उसके 'हरे गिरोह' को अलग कर दिया गया है। मालेगांव विस्फोट के आरोपियों को सिर्फ इसलिए निशाना बना रहे हैं क्योंकि वे हिंदू हैं। ठाकरे ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस हिंदुओं को परे धकेलकर देश में इस्लामिक कानून लाना चाहती है। उन्होंने कहा जब चुनाव में मुस्लिम, ईसाई और अन्य धर्म अपने हितों को देखते हैं, तो ऐसे हिंदुओं को क्यों नहीं करना चाहिए।

Friday, March 27, 2009

भारी पड सकती है भैरो सिंह शेखावत की नाराजगी

करीब पांच दशक तक प्रदेश की राजनीति के धुरी रहे पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत की नाराजगी लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए भारी साबित हो सकती है। पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी की राज्य में जड़ जमाने वाले शेखावत को इन दिनों भाजपा ने बिल्कुल नजरंदाज कर रखा है। उपराष्ट्रपति पद से रिटायर होने के बाद फिर से सक्रिय राजनीति में लौटने की इच्छा दबाने के बाद अब भाजपा नेतृत्व ने लोस चुनाव में उम्मीदवार तय करते समय भी सलाह नहीं ली। यही नहीं शेखावत के खास माने जाने वाले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को भी सिटिंग सांसद होने के बावजूद टिकट से मेहरूम रहना पड़ा। मेघवाल सार्वजनिक रूप से शेखावत को अपना भगवान बताते रहे हैं। जगदीश प्रसाद माथुर और भानू कुमार शास्त्री ने साथ मिलकर जनसंघ की स्थापना कर शेखावत ने राज्य के मतदाताओं के समक्ष गैर कांग्रेसी विकल्प पेश किया। कांग्रेस के खिलाफ सशक्त विपक्षी देने वाले शेखावत पांच दशक से भी अधिक अपने सक्रिय राजनीतिक जीवन में केवल एक बार राज्य विधानसभा से बाहर रहे और उस दौरान भाजपा आलाकमान ने उन्हें मध्यप्रदेश से राज्यसभा का सदस्य बनाया। हर बार निर्वाचन क्षेत्र बदलने वाले शेखावत ने हमेशा दो विस क्षेत्रों से चुनाव लड़ा और तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। वर्तमान में भाजपा में राजनीति कर रहे लगभग सभी नेता शेखावत के ही तैयार किए हुए माने जाते है, लेकिन अब यही नेता शेखावत को दरकिनार करने में जुटे हैं। उपराष्ट्रपति बनने के बाद से ही राज्य में भाजपा का एक वर्ग शेखावत को राजनीतिक रूप से कमजोर करने में जुट गया। पिछले छह-सात साल से मजबूत हुए इस वर्ग का ही दबाव रहा कि राज्य की राजनीति में फिर से सक्रिय होने का ऐलान शेखावत को वापस लेना पड़ा। इस गुट के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर ने पिछले कुछ सालों में शेखावत के समर्थकों को भी नुकसान पहुंचाना शुरू किया। अब हालात यहां तक आ गए कि शेखावत के काफी चाहने के बावजूद राज्य का नेतृत्व लोस चुनाव के उम्मीदवारों के चयन में उनकी राय भी नहीं ली गई। खुद को शेखावत का हनुमान कहने वाले कैलाश मेघवाल तक का टिकट काट दिया गया। हालांकि वसुंधरा राजे को राज्य की राजनीति में सक्रिय शेखावत ने किया।

सरकार रोजगार कार्यालय को बंद करे : ऐशोचेम

ऐसोचैम ने देश भर में खुले रोजगार कार्यालयों को इनके मकसद में नाकाम बताते हुए इन्हें बंद करने की सलाह दी है। ऐसोचैम की ओर से आज खुलासा किया गया कि सरकार द्वारा 21 राज्यों में खोले गए रोजगार कार्यालय पर्याप्त संख्या में लोगों को नौकरी दिलाने में नाकाम रहे हैं। संस्था की अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार देश भर में खोले गए 968 रोजगार कार्यालयों में से औसतन प्रत्येक कार्यालय सौ से अधिक लोगों को भी नौकरी नहीं दिला पाए। बाजार में नौकरियों के मामले में उछाल की स्थिति में भी यह कार्यालय पिछले पांच सालों में रोजगार दिला पाने में नाकाम रहे। इतना ही नहीं राजधानी दिल्ली में भी वर्ष 2006 में एक व्यक्ति को नौकरी दिलाने का खर्च 80 हजार रुपए रहा। दिल्ली के श्रमशक्ति एवं रोजगार विभाग ने वर्ष 2005 में 57 लाख रुपए खर्च कर महज 70 लोगों को नौकरी दिला पाई। ‘नई सहत्राब्दी में रोजगार कार्यालयों की उपयोगिता’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में सरकार से रोजगार एक्सचेंज अधिनियम में संशोधन कर निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के सहयोग से दोनों क्षेत्रों में रोजगार की समन्वित मांग एवं पूर्ति की जरूरतों के मुताबिक नई व्यवस्था गठित करने का अनुरोध किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के 37 रोजगार कार्यालयों में से प्रत्येक कार्यालय महज चार लोगों को नौकरी दिला पाए। इसके अलावा असम के 52 कार्यालयों में से प्रत्येक कार्यालय सात लोगों को, उत्तर प्रदेश के 90 में से प्रत्येक कार्यालय 37, आंध्र प्रदेश के 31 में से प्रत्येक कार्यालय 42 और कर्नाटक के 37 में से प्रत्येक कार्यालय 45 लोगों को नौकरी दिला पाए। इस पर अपनी प्रतिक्रिया में ऐसोचैम के महासचिव डी.एस.रावत ने कहा कि इस तरह की नाकारा संस्थाओं से बंद करना ही बेहतर है और इनकी जगह निजी क्षेत्र के सहयोग के साथ नई व्यवस्था बनाई जानी चाहिए।

बेटों की लड़ाई में मां ने जान गंवाई

जौनपुर गांव में खेती की जमीन बंटवारे को लेकर दो भाइयों के बीच हुई मारामारी में बीचबचाव करने गई 70 वर्षीय मां को अपनी जान गंवानी पड़ी। शांतिनगर पुलिस ने हत्यारे बेटे सहित दो लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। उत्तर प्रदेश के जौनपुर निवासी नसीर अहमद अंसारी अपने दो भाइयों जहीरहसन उर्फ मदन अंसारी एवं इरफान अंसारी के साथ भिवंडी के नागांव तालाब के पास किदवईनगर इलाके में रहता है। तीनों भाई अलग-अलग रहकर पावरलूम मजदूरी करते हैं। अपने मूल गांव शेख हसरतपुर में खेती की जमीन बंटवारे को लेकर नसीर अहमद अंसारी एवं जहीर हसन अंसारी में विवाद होता रहता था। उस दिन भी जहीर हसन अपने दोस्त मुख्तार अंसारी के साथ अपने भाई नसीर से इसी बात पर झगड़ा कर रहा था, उसी समय इरफान अंसारी के साथ उनकी मां दिल बहार अंसारी (70) आ गई। वह नसीर की तरफ से बीचबचाव करने लगी। मां के बीचबचाव करने से नाराज जहीर ने लाठी से मां के सर पर वार कर दिया। जिसके कारण वह गिर गई और तड़प-तड़प कर उसकी मौत हो गई। नसीर की सूचना पर शांतिनगर पुलिस ने जहीर और मुख्तार के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। दोनों फरार हैं।

Thursday, March 26, 2009

पूजा के लिए नारी वेष धरते हैं पुरूष

केरल में प्रति वर्ष एक मंदिर में कुछ इस तरह का पर्व मनाया जाता है, जब पुरुष श्रद्धालु, स्त्री की वेशभूषा धारण कर हाथों में दीपक लिए पूजा के लिए कतार में खड़े रहते हैं।चावारा में स्थित कोट्टनकुलंगारा देवी मंदिर में 19 दिवसीय इस पर्व का गुरुवार को समापन हो जाएगा। पिछले दो दिनों से देखा जा रहा है कि साड़ियों, चुड़ीदार व स्कर्ट में हजारों लोग मंदिर में पूजा करने पहुंच रहे हैं। मंदिर समिति के एक सदस्य चंद्रमोहन ने कहा कि मंदिर में इस त्योहार में हिस्सा लेने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में हर वर्ष बढ़ोतरी हो रही है। चंद्रमोहन ने कहा, “मंगलवार की रात मंदिर की ओर से महिला वेषधारी लगभग 4,000 पुरुषों को कूपन दिए गए थे। बुधवार की रात इस संख्या में बढ़ोतरी होने की सम्भावना है।” इस त्योहार की शुरुआत के पीछे कई कहानियां हैं। लेकिन सबसे लोकप्रिय कहानी लड़कों के एक समूह को लेकर है। यह लड़के गायें चराते थे और लड़कियों का वेष धारण करते थे। वे सभी एक पत्थर पर फूल और नारियल से बना कोट्टन नामक एक व्यंजन चढ़ाते थे। कहानी में बताया जाता है कि एक बार एक लड़के के सामने देवी प्रकट हुईं और उस स्थान पर मंदिर बन गया। उसी समय से पुरुषों द्वारा नारी वेष धारण कर उस मंदिर में पूजा करने की परम्परा शुरू हो गई। JOSH

ट्यूशन फीस भरने के लिए वर्जिनिटी बेचने का सहारा

एक और टीनएज गर्ल ने अपनी वर्जिनिटी बेचने की ऑनलाइन पेशकश की है। एलिना पर्सिया अपनी ट्यूशन फीस भरने के लिए वर्जिनिटी बेचने का सहारा लिया है। एलिना पर्सिया रोमानिया की रहने वाली हैं। उन्होंने जर्मनी की एक वेबसाइट पर एक ऐड दिया है कि वह अपनी वजिर्निटी खोने के बदले 50 हजार पाउंड (3 7 लाख रुपए ) जुटाना चाहती हैं। उनका कहना है कि वह अपनी कॉलिज की पढ़ाई के लिए ऐसा करना चाहती हैं। पर्सिया ने इसी हफ्ते के अंत तक का समय दिया है। अभी तक 7 हजार पाउंड ( करीब 5 लाख रुपए ) की ऑनलाइन बोली लग चुकी है। यानी तीन दिन और बचे हैं। पर्सिया की चाहत है कि वह जीवन में जब पहली बार सेक्स करें तो वह स्पेशल हो। अगर वह शख्स दिलदार निकले तो वह उससे शादी करने का भी सपना संजोए हुए हैं। उन्होंने एक खास पेशकश भी की है कि वह बिना किसी प्रोटेक्शन के भी सेक्स करने के लिए तैयार हैं , लेकिन इसके लिए बोली लगाने वाले को यह साबित करना होगा कि उसे किसी तरह की बीमारी या इंफेक्शन नहीं है। पर्सिया ने कहा है कि सबसे ज्यादा बोली लगाने वाला उसके साथ वीकएंड में पूरी मस्ती कर सकता है। वह उसे लेकर कहीं टूर पर जा सकता है और किसी होटेल में ठहर सकता है। लेकिन बिल उसे ही चुकाने होंगे। लेकिन पढ़ाई के लिए वर्जिनिटी बेचने की बात पर पर्सिया के होमटाउन कराकल के उसके एक स्कूल टीचर का कहना है कि हाई स्कूल में दो साल पढ़ने के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी थी। मैं नहीं समझता कि वह अभी तक वर्जिन हैं। वह बस इस बहाने मशहूर होना चाहती हैं।

पिता की गर्भवती मंगेतर को मारने का आरोप

अमेरिका में इन दिनों एक सनसनीखेज जुडिशल मामले को लेकर एक बहस छिड़ी हुई है। एक अमेरिकी कोर्ट में ग्यारह साल के एक लड़के पर वयस्कों की अदालत में मुकदमा चलाया जा रहा है और अपने पिता की गर्भवती मंगेतर को मारने के आरोप में इस बच्चे को अमेरिकी कानून के मुताबिक उम्रकैद की सज़ा हो सकती है। वहां की अदालत के अनुसार जॉर्डन ब्राउन की हरकत ऐसी नहीं है कि उस पर बच्चों की अदालत में मुकदमा चलाया जाए। वैसे बच्चे के वकील कोशिश कर रहे हैं कि यह मामला बच्चों की अदालत में जाए। जॉर्डन ने पिछले महीने अपने पिता की गर्भवती मंगेतर केंजी हॉक (26) के सिर में गोली मार कर हत्या कर दी थी। उसने केंजी की हत्या उस वक्त की जब वह सो रही थी। उसने केंजी के सिर के पीछे शॉटगन को कंबल में लपेट कर गोली चला दी थी। केंजी नौ महीने की गर्भवती थी। उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई। इससे पहले उसकी सात और चार साल की दो बेटियां हैं। ये सभी जॉर्डन और उसके पिता क्रिस ब्राउन के साथ उनके घर पर ही रहते थे। केंजी की हत्या कर जॉर्डन घर से भाग कर अपनी स्कूल बस पकड़ने चला गया। उसके रिश्तेदारों का कहना है कि जॉर्डन को केंजी और उसके बच्चे पसंद नहीं थे।

Wednesday, March 25, 2009

हमलो की चेतावनी के बाद पाक में सुरक्षा तेज

पाकिस्तानी खुफिया एजंसियों ने प्रमुख शहरों पर आतंकवादी हमलों की चेतावनी दी है। इसके बाद देश भर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। चेतावनी में कहा है कि तालिबान के नेता बैतुल्ला मेहसूद ने इन हमलों के लिए 20 विदेशी आतंकवादी भेजे हैं। इनमें अधिकतर उजबेक हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इनके निशाने पर इस्लामाबाद, लाहौर, रावलपिंडी समेत बाकी बडे़ शहर हो सकते हैं। कड़ी सतर्कता बरतते हुए पुलिस ने 36 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है।

Tuesday, March 24, 2009

एचआईवी पॉजिटिव पेशंट्स मौत के नजदीक

फरीदाबाद शहर में एचआईवी पॉजिटिव रोगियों की संख्या तेजी बढ़ रही है। पहली तिमाही में ही शहर में 28 मामले प्रकाश में आए हैं। इन मरीजों में 5 महिलाएं हैं। मामलों के बढ़ते ग्राफ ने विभागीय अधिकारियों को टेंशन में डाल दिया है। बीके के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. ए. एस. अहलावत का कहना है कि जागरुकता पर अब ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होगी। ज्यादा से ज्यादा एचआईवी अवेयरनस प्रोग्रैम किए जाएंगे। स्टाफ और बजट की कमी के चलते ये कई बार रेग्युलर नहीं हो पाते और हर वर्ग तक नहीं पहुंच पाते। इंटीग्रेटिड काउंसलिंग ऐंड टेस्टिंग सेंटर (आईसीटीसी) के मुताबिक जनवरी में एचआईवी के 9 मामले कंफर्म हुए। फरवरी में 11 और मार्च में अब तक 8 मामले कंफर्म हो चुके हैं। काफी सैंपल अभी टेस्टिंग के लिए लगाए हुए हैं। संभावना है कि फरवरी से ज्यादा केस मार्च में हो सकते हैं। इस साल एचआईवी मामले एक के बाद एक सामने आ रहे हैं। ज्यादातर का ऐज ग्रुप 21-30 के बीच है। कुछ फैक्ट्री में काम करते हैं, तो कुछ अच्छी फर्म से जुड़े हैं। कुछ का अपना काम भी है, जबकि महिलाएं हाउस वाइफ हैं। अपने पति से मिले इस जानलेवा इंफेक्शन के साथ जिंदगी जीने के लिए संघर्ष कर रही हैं। इन 26 पेशंट्स में से कुछ अपनी मौत के नजदीक भी हैं। इस महीने कंफर्म हुए आठ मामलों का फॉलोअप किया जा रहा है। सभी पेशंट्स के फैमिली मेंबर्स का एचआईवी टेस्ट किया जा रहा है। ताकि फैमिली का कोई अन्य सदस्य इस बीमारी का शिकार है, तो उसे गाइड किया जा सके। विभागीय अधिकारी परेशान हैं कि कैसे अवेयरनस का ग्राफ बढ़ाया जाए। हालांकि हेल्पलाइन नंबर भी काउंसिलरों के पास है, लेकिन इसका बहुत ज्यादा फायदा नहीं दिख रहा। काउंसिलरों का कहना है कि हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने वाले लोग बहुत कम हैं, जबकि बीके में आईसीटीसी सेंटर पर लोग ज्यादा आते हैं। NBT

तिरंग के अपमान को लेकर आडवानी के खिलाफ याचिका

तिरंगे के कथित अपमान को लेकर बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दर्ज कराई गई है। याचिका में कहा गया कि बीजेपी के चुनाव अभियान वाली सीडी में राष्ट्रीय झंडे का 'अपमान' किया गया। याचिकाकर्ता आनंद उपाध्याय युवा कांग्रेस लीगल सेल के सदस्य हैं। बीजेपी युवा मोर्चा ने नागपुर में इसी महीने यह सीडी लॉन्च की थी। श्री उपाध्याय ने आरोप लगाया कि सीडी में आडवाणी को दूसरा सरदार पटेल बताया गया है। सीडी में लाल किले की इमिज है जिस पर तिरंगा लहरा रहा है, परंतु तिरंगे में अशोक चक्र नहीं है। इस बारे में हमने यहां पुलिस और निर्वाचन आयोग से संपर्क किया क्योंकि यह राष्ट्रीय झंडे के अपमान का मामला है, परंतु कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद हमने हाईकोर्ट में याचिका दर्ज कराई जिसमें आडवाणी और बीजेपी युवा मोर्चा के नेता अमित ठक्कर के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि याचिका कांग्रेस पार्टी की ओर से दायर नहीं की गई है। इस याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह होगी।

नींद में हो जाती है उसे अजीब और गंदी बीमारी

शराब परोसने वाली एक ब्रिटिश महिला हाइली बैटी को एक अजीब सी बीमारी है। दरअसल नींद में वह सेक्स चाहती हैं। हाइली की इस डिमांड से उसके बॉयफ्रेंड बेहद परेशान हैं, क्योंकि वह उन्हें सेक्स के लिए तबतक परेशान करती है जबतक कि वह पूरी तरह से थक न जाए। ...और उनकी इन्हीं आदतों की वजह से कोई भी बॉयफ्रेंड उनके साथ टिक नहीं सकता।
हालांकि, आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि वह सेक्स के दौरान बस सोती रहती है और सुबह उठने पर उसे कुछ भी याद नहीं रहता। ' न्यूज़ ऑफ द वर्ल्ड ' को दिए अपने बयान में हाइली ने बताया, ' मैं रात में तीन से चार बार सेक्स कर सकती हूं, बशर्ते लड़कों में ऐसा करने की क्षमता हो। लेकिन, सुबह उठकर मुझे इस बारे में कुछ पता नहीं होता। ' वह अपने इस बिहेवियर को बारे में इतना ज़रूर बताती हैं कि वह किसी मेडिकल प्रॉब्लम से गुज़र रहीं हैं।
ऐक्टर ब्रूस विलिस ने दूसरी शादी कर ली है। उनकी पब्लिसिटी एजंसी का कहना है कि 54 साल के ऐक्टर विलिस ने 30 वर्षीय ब्रिटिश लॉन्ज़री मॉडल एमा हेमिंग से शादी कर ली और इस शादी के लिए उन्होंने अपने घर में ही एक छोटी सी पार्टी का आयोजन किया था। वे दोनों एक कॉमन फ्रेंड्स के जरिए एक साल पहले एक-दूसरे से मिले थे।
हेमिंग की यह पहली शादी है। विलिस की इस शादी में पहुंचने वाले गेस्ट में उनकी तीन बेटियां भी थीं, जो उनकी पहली पत्नी डैमी मोर से हैं। इनके अलावा इस खास मौके पर मोर और उनके हज़्बन्ड ऐस्टन कूचर भी पहुंचे थे। खबर मिली है कि मडोना ने कथित तौर पर अपने लवर जीसस लूज़ को अपने सामने फोन अटेंड करने से मना कर दिया है। सूत्र के मुताबिक, 50 साल की सिंगर मडोना की 22 साल के ब्राज़ीलियन मॉडल के साथ तब काफी बहस हो गई, जब वे एक ही कमरे में थे और जीस़स ने कोई फोन अटेंड किया था। इस घटना के बाद साथ रहने के दौरान जीस़स पर कोई भी फोन उठाने की कड़ी पाबंदी है, जब तक कि कोई बहुत ज़रूरी कॉल न हो तो।

मंदी की मार से बचने के लिए हर्ज नहीं कपडे उतारने से

एक हफ्ते में 2000 डॉलर कमाना बड़ी बात है। रेबेका ब्राउन को इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ती थी। एक नैशनल रेस्ट्रॉन्ट में बारटेंडर और ट्रेनर के तौर पर काम करके वह जिस हफ्ते इतनी कमाई कर लेती थीं, उसे बहुत अच्छा हफ्ता कहती थीं। अब वह इतना सिर्फ एक रात में कमा लेती हैं। शिकागो के 'पिंक मंकी जेंटलमन्स क्लब' में डांस करके एक रात में आराम से इतना पैसा कमा लेती हैं। मंदी की मार ऐसी है कि अमेरिका में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं डांसिंग, स्ट्रिपिंग, पोर्न फिल्मों में काम और हसलर जैसी मैग्जीन में टॉपलेस फोटो देने जैसी जॉब्स की ओर जा रही हैं। पोर्न एंटरटेनमंट इडंस्ट्री के लोगों का कहना है कि इस वक्त उनके पास महिलाओं के ऐप्लिकेशंस का ढेर लगा हुआ है। रेबेका जैसी हजारों महिलाएं जल्दी पैसा कमाना चाहती हैं और उन्हें यह रास्ता नजर आ रहा है। इनमें से बहुतों के पास कॉलेज की डिग्रियां हैं और मंदी से पहले ये अच्छी नौकरियां कर रही थीं। न्यू यॉर्क के 'सिनसिटी जेंटलमन्स क्लब' के जनरल मैनेजर गस पौलोस कहते हैं कि आजकल बहुत सी खूबसूरत महिलाएं हैं जो और भी कई काम करने के लिए तैयार हैं। उन्हें हाल ही में एक जॉब के लिए एक ही दिन में 85 रेस्पॉन्स मिले। सूत्र बताते हैं कि अलग-अलग क्लबों में 20 से 30 महिलाएं रोजाना ऐप्लिकेशंस भेज रही हैं। इनमें से कुछ महिलाओं के लिए डांसिंग अपने कॉलेज के लोन या बाकी छोटेमोटे खर्च पूरे करने का एक जरिया है। लेकिन काफी महिलाओं को लगता है कि उन्हें सही जगह मिल गई है, जिसकी उन्हें तलाश थी। न्यू यॉर्क और मियामी में 'रिक्स कैबरे क्लब' की डांसर्स एक से तीन लाख डॉलर सालाना कमा रही हैं।

Monday, March 23, 2009

कसाब की न्यायिक हिरासत की अवधि 30 मार्च तक

मुंबई की स्पेशल सेशन कोर्ट ने सोमवार को मोहम्मद अजमल आमिर कसाब की न्यायिक हिरासत की अवधि 30 मार्च तक के लिए बढ़ा दी। मुंबई हमलों में शामिल वह एकमात्र आतंकवादी है जिसे जिंदा गिरफ्तार किया गया था। कसब को विडियो कॉन्फ्रंसिंग के जरिए स्पेशल जज एम. एल. तहलियानी के सामने 30 मार्च को पेश किया जाएगा। जब अदालत कसाब के लिए राज्य कानूनी सहायता प्रकोष्ठ से वकील नियुक्त करने के प्रावधानों का परीक्षण करेगी। अदालत ने कहा कि कसाब एक विदेशी नागरिक है इसलिए उसे यह देखना होगा कि क्या विदेशी नागरिक के लिए अलग प्रावधान है। अदालत 30 मार्च को अभियोजन पक्ष द्वारा पिछले हफ्ते दिए गए उस आवेदन पर भी विचार करेगी जिसमें उसने मुकदमे की सुनवाई 13 अप्रैल तक स्थगित करने की मांग की गई है।

नैनो के लिए सेलेक्शन रैंडमली

नैनो शुरू में 1 लाख लोगों को बेची जाएगी , जिनका सेलेक्शन रैंडमली किया जाएगा। इस कार की बुकिंग 9 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच होगी। नैनो की डिलिवरी जुलाई के शुरू से होने लगेगी। नैनो के लिए शुरुआती बुकिंग अमाउंट 2999 रुपये है। बाजार में जितनी नैनो कारें आएंगी , उनमें से आधी कारें नैनो का बेसिक मॉडल होंगी। देश भर के शोरूम में टाटा की नैनो के आने से न केवल आम लोगों का लंबा इंतजार खत्म होगा , बल्कि उद्योग जगत को कई नई मार्केटिंग तरकीबों से भी रूबरू होने का मौका मिलेगा। इंजीनियरिंग , डिजाइन और प्रोडक्शन प्रक्रियाओं में कई सफल प्रयोगों की गवाह रही नैनो ने मीडिया के सस्ते और नए तरीके से इस्तेमाल की मार्केटिंग रणनीति बनाई है। नैनो की मार्केटिंग स्ट्रैटेजी की जानकारी रखने वालों ने बताया कि लोगों तक लखटकिया कार की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए टाटा मोटर्स की टीम नैनो न केवल देश भर में फैले अपने डीलर नेटवर्क का सहारा लेगी , बल्कि वेस्टसाइड और क्रोमा जैसे पारंपरिक रीटेल आउटलेट का भी उपयोग करेगी। वेस्टसाइड एक लाइफस्टाइल रीटेल ब्रांड है और क्रोमा एक इलेक्ट्रॉनिक मेगा स्टोर है। दोनो टाटा ग्रुप के तहत आते हैं। वेस्टसाइड और क्रोमा आउटलेट पर नैनो को लोगों के देखने के लिए रखा जाएगा और यहीं इसके लिए बुकिंग भी कराई जा सकेगी। इन जगहों पर बेसबॉल कैप , टी - शर्ट और चाबियों की रिंग जैसे नैनो के तमाम मर्केंडाइज उपलब्ध होंगे। अपनी वेंडर पार्टनरशिप प्रोडक्शन रणनीति को आगे बढ़ाते हुए टाटा मोटर्स ने नैनो ब्रांड के प्रमोशन के लिए कई साझेदार पीएसयू बैंक से भी मदद लेने की तैयारी की है। ये पीएसयू फाइनेंसर टाटा मोटर्स के साथ मिलकर और अपने दम पर भी नैनो ब्रांड का साझा प्रमोशन करेंगे। नैनो की मार्केटिंग रणनीति के तहत पारंपरिक मीडिया को गैर पारंपरिक तरीके से इस्तेमाल किया जाएगा। दूसरी छोटी कारों की तरह नैनो विज्ञापन पर बहुत खर्च नहीं करने जा रही। इसके लिए कोई टेलीविजन पर कोई विज्ञापन नहीं दिया जाएगा और प्रिंट , रेडियो और दूसरे मीडिया माध्यमों , खास तौर पर इंटरनेट का इस्तेमाल भी बिलकुल नए तरीके से किया जाएगा। टाटा की टीम अखबारों में नैनो समाचार , रेडियो पर नैनो ब्रेक , टीवी पर टिकर या मैसेज के तौर पर , ऑनलाइन नैनो गेम , इंटरनेट पर नैनो चैटरूम , प्रमुख वेबसाइटों पर पॉप अप और फेसबुक , ऑर्कुट तथा ब्लॉगस्पेस पर नैनो वार्तालाप के जरिए छाने की तैयारी कर रही है। स्ट्रैटेजी से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया , ' विज्ञापन काफी सस्ते और अनूठे होंगे ताकि नैनो को '' छोटा , प्यारा और संक्षिप्त '' का पर्यायवाची बना दिया जाए। कुल मिला कर आइडिया यह है कि नैनो को लोगों की आम बोलचाल का हिस्सा बना दिया जाए। यह पूरी तरह एक मौखिक अभियान है। '

गीता ज्ञान का अध्ययन करे वरूण : प्रियंका

अपने चचेरे भाई वरुण गांधी के पीलीभीत में दिए भड़काऊ भाषण से आहत प्रियंका गांधी ने उन्हें सलाह दी है कि वह गीता को ठीक से पढ़ें और उसे समझने की कोशिश करें। प्रियंका ने कहा कि एक समुदाय विशेष के विरोध में दिया गया वरुण गांधी का भड़काऊ भाषण गांधी-नेहरू परिवार के सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने कहा, 'वरुण का भाषण गांधी परिवार के उसूलों और उन परंपराओं के खिलाफ है, जिनपर आज तक गांधी-नेहरू परिवार चलता रहा है।
यह भाषण उन सिद्धांतों के खिलाफ भी है, जिनके लिए गांधी-नेहरू परिवार जीता-मरता रहा है। टीवी पर वरुण का ऐसा भाषण देखकर मुझे दुख हुआ, पर मैं क्या कह सकती हूं।' वरुण के भड़काऊ बयान से आहत प्रियंका ने कहा, 'मैं उन्हें सलाह दूंगी कि वह गीता पढ़ें और उसे समझने की कोशिश करें।' गौरतलब है कि वरुण गांधी ने कुछ दिन पहले पीलीभीत की एक चुनावी सभा में कहा था, 'जो लोग यह समझते हैं कि हिंदू कमजोर हैं। उन्हें करारा जवाब दिया जाएगा।' उन्होंने कहा था, 'जो हाथ हिंदुओं पर उठेगा उसे मैं काट डालूंगा।' इस मामले पर काफी बवाल मचा और चुनाव आयोग ने वरुण को दोषी ठहराया और उन पर आपराधिक मामला दर्ज कराया है। चुनाव आयोग ने बीजेपी से कहा था कि वह वरुण को पीलीभीत से चुनाव मैदान में न उतारे। पर बीजेपी ने चुनाव आयोग के सुझाव को दरकिनार करते हुए वरुण को पीलीभीत से चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है।

Sunday, March 22, 2009

जेडी गुडी दम तोड़ा

कैंसर से जिंदगी की लड़ाई लड़ रही रिऐलिटी टीवी स्टार जेडी गुडी हार गईं। उनके प्रवक्ता मैक्स क्लिफर्ड के मुताबिक सात महीने से सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित गुडी ने रविवार तड़के एसिक्स में अपने घर में दम तोड़ा। ब्रिटेन के टीवी रिऐलिटी शो 'बिग ब्रदर' से मशहूर हुईं गुडी को सर्वाइकल कैंसर होने के बार में अगस्त में ही पता चला था। लंदन के रॉयल मार्सडन हॉस्पिटल में सर्जरी और कीमोथेरेपी के बावजूद बीमारी उनके शरीर के कई हिस्सों में फैल गई थी। डॉक्टरों ने उन्हें उसी समय बता दिया था कि उनकी जिंदगी के कुछ ही महीने बचे हैं। इसके बाद गुडी ने हॉस्पिटल के बजाय घर में अपने बच्चों के साथ रहने का फैसला किया था और उसी के तहत 22 फरवरी को उन्होंने अपने बॉयफ्रेंड जैक ट्वीड से शादी कर ली थी। उन्होंने अपनी शादी के समारोह का अधिकार ओके मैगज़ीन को सात लाख पाउंड में बेचा था, जबकि लिविंग टीवी ने एक लाख पाउंड में शादी पर शो दिखाने का अधिकार ख़रीदा था। गुडी का कहना था कि शादी समारोह के अधिकार बेचने से मिले पैसे उनके दो बेटों-पांच वर्षीय बॉबी और चार वर्षीय फ्रेडी के बेहतर भविष्य के लिए काम आएंगे। NBT

स्टंट की नकल करते वक्त एक 12 साल के बच्चे की मौत

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से सटे हावड़ा में शनिवार को टीवी पर दिखाए जाने वाले स्टंट की नकल करते वक्त एक 12 साल के बच्चे की मौत हो गई। रिश्तेदारों का कहना है कि हावड़ा के शिवपुर इलाके में रहने वाला विशाल हेला शनिवार को अपने गर्दन और पैरों में रस्सी लपेटकर टीवी पर दिखाए जाने वाले करतब की नकल कर रहा था। लेकिन रस्सी उसकी गर्दन में बुरी तरह उलझ गई और इसी कारण उसकी मौत हो गई। मृतक के चाचा मानिक हेला ने बताया कि रस्सी विशाल के गले को पूरी कसकर उलझ चुकी थी। हम उसकी चीख सुनकर मदद के लिए भागे। उसे तत्काल हावड़ा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उसकी हालत बिगड़ती चली गई। डॉक्टरों की भरपूर कोशिश के बावजूद दोपहर तक उसकी मौत हो गई।

Saturday, March 21, 2009

जज पर चप्पल फेंकी थी, तीन महीने जेल

सुप्रीम कोर्ट के एक जज पर चप्पल फेंकने पर अदालत ने मुंबई के विवादास्पद बॉस स्कूल ऑफ म्यूजिक की तीन महिला सदस्यों को तीन महीने कैद की सजा सुनाई। लेकिन इसके तुरंत बाद महिलाओं को बचाव का मौका देने के इरादे से आदेश को बदल दिया। इस केस को चीफ जस्टिस को रेफर कर दिया गया है इसलिए तीनों महिलाएं फिलहाल कस्टडी में ही रहेंगी। जब जस्टिस अरिजीत पसायत जस्टिस ए. के. गांगुली के साथ सुनवाई कर रहे थे, तभी पवित्र मुरली, सरिता पारीख और एनेटे कोटियान में से एक महिला ने जस्टिस पसायत पर चप्पल फेंकी थी।

चुनाव बहिष्कार करने वाले नकली गांधी हवालात में

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सरीखा चोला पहनकर चुनाव बहिष्कार की अपील करने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। महेश चतुर्वेदी नाम के इस व्यक्ति को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह गांधीजी का रूप धर कलेक्ट्रेट में प्रवेश कर रहा था। आरोप है कि चतुर्वेदी ने सिटी के विभिन्न हिस्सों में अपने कलर पोस्टर छपवा कर चिपकवा दिए थे। इसके बाद से प्रशासन उसकी तलाश कर रहा था।

Friday, March 20, 2009

अपनो के हाथो ही बेसहारा है राजस्थानी भाषा

राजसमंद। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के अग्रिम संगठन राजस्थानी चिंतन परिषद मोटयार परिषद, महिला परिषद आदि कई संगठन राजस्थान दिवस पर राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता नहीं मिलने पर रोष व्यक्त किया है। संगठन के पदाधिकारियों के अनुसार प्रदेश की मातृभाषा विश्व में अपनी अनूठी पहचान बनाई है वहीं देश के राजनेता राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता के प्रति गंभीर नहीं है।
हर वर्ष प्रदेश में 30 मार्च को राजस्थान दिवस बडे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। 30 मार्च 1949 को सरदार वल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में इस प्रदेश की रियासतों का एकीकरण किया गया। आजादी से पूर्व यह प्रदेश राजपूताना कहलाता था। मेवाड, मारवाड, वागड, शेखावटी, हाडौती, ढूंढार नाम से इस प्रदेश में कई छोटी बड़ी रियासते थी एवं इनकी राजभाषा राजस्थानी थी एवं सभी रियासतों में जो बोलियां बोली जाती उनकों एक मानकर राजस्थानी भाषा के नाम से मान्यता लेनी थी किंतु एकीकरण के समय इस बात पर किसी का ध्यान नहीं गया। आजादी के बाद 60 वर्ष बीत चुके है। राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए सक्रिय संगठनों ने भी समय-समपर अपनी बात सत्ताधीशों के समक्ष रखी लेकिन अब तक वहीं ढाक के तीन पात है।

राजस्थान के राजसमन्द जिला जो महाराणा प्रताप की कर्मस्थली हल्दीघाटी और मेराथन ऑफ मेवाड दिवेर का साक्षी है और भारत की आजादी के दौर में यहां के स्वतंत्रता सैनानियों ने अपनी ओर से कोई कसर नहीं रखी। इसी भूमि पर राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता के लिए गठित संगठन चिंतन परिषद अपनी महत्ती भूमिका का निर्वाह कर रहा है। चिंतन परिषद के राजेन्द्र सिंह चारण के अनुसार जब प्रदेश की सभी रियासतों को मिला कर राजस्थान का नव निर्माण हो सकता है तो तो प्रदेश की सभी भाषा को मिलाकर राजभाषा की मान्यता क्यो नहीं मिल सकती।
राजस्थानी विश्व की समृद्धतम भाषाओं में से एक है। इसका 25 सौ वर्ष पुराना इतिहास है। इसमें लिखित लाखों हस्तलिखित ग्रंथ संग्रहालयों में पडे है। राजस्थानी लिपि मुडिया से ही हमारी राष्ट्रीय लिपि देवनागरी बनी। गुजराती की वर्तमान लिपि, पंजाबी की गुरुमुखी लिपि, राजस्थानी लिपि मुडिया की देन है। राजस्थानी लिपि मुडिया के अन्य नाम मोडी, वाणियावटी एवं महाजनी है। पाकिस्तान में जो राजस्थानी व्याकरण चलती है उसका नाम राजस्थानी कायदों है। अमेरिका की लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस ने राजस्थानी को विश्व की समृद्धतम सात भाषाओं में से एक मानकर राजस्थानी कवि कन्हैयालाल सेठिया की रचना की ऑडियो-वीडियो कैसेट तैयार कर संग्रहालय में रखी है। इसी कारण वर्तमान में राष्ट्रपति ओबामा ने भी सरकारी नौकरियों में इसे मान्यता दे डाली जिस पर चिंतन परिषद ने भी शुभकामनाएं प्रेषित की।
राजस्थानी के कई तरह के शब्द कोष है। पदम श्री सीताराम लालस का सबबे बडा राजस्थानी शब्द कोष है जिसमें दो लाख पचास हजार शब्द है। राजस्थानी की मेवाडी, वागडी, मालवी, मारवाडी, ढूंढाडी, हाडौती, मेवाती, ब्रज, खानाबदोश बोलियां इसके अंग है। डिंगल एवं पिंगल इसकी प्राचीन शास्त्रीय कविता की शैलियां है। विश्व की किसी भी भाषा में एक छंद के 120 भेद नहीं है।
पहली बार सरकार ने किया प्रयास : राजस्थान विधानसभा में 25 अगस्त 2005 को संकल्प प्रस्ताव पास करके केन्द्र के पास राजस्थानी की संवैधानिक मान्यता के लिए भेजा। तब राजस्थान के करोडो लोगों को इस बात की उम्मीद जगी कि इस बार राजस्थान संविधान की आठवीं अनुसूची में जुड जाएगा लेकिन कतिपय राजनेताओं के बयानों ने न केवल राजस्थान के करोडो लोगों का दिल तोडा अपितु राजस्थानी के पुरानी इतिहास पर भी पानी फेर दिया।

भाषा नहीं तो जड नहीं : गौरवशाली इतिहास वाली भाषा राजस्थानी को मान्यता नहीं देना प्रदेशवासियों को अपनी जडो से काटना है। राजस्थान के 12 करोड लोगों का अपमान है। हमारे जनप्रतिनिधि हमारी भाषा में अन्य प्रांतो की तरह शपथ नहीं ले सकते है। यह जनतंत्र का हनन है। संविधान की त्रिभाषा सूत्र का हनन है। राजस्थान की जनता का र्धेय भाषा के नाम से बना हुआ है और अधिक उपेक्षा होने पर उग्र आंदोलन की संभावना बनती है।

राजसमन्द जिले ने निभाई भूमिका : राजसमन्द जिले में विगत वर्षो से कार्यरत चिंतन परिषद, मोटयार परिषद, महिला परिषद ने सक्रियता दिखाते हुए विधायक, सांसद, पार्टी जिलाध्यक्षों को समय-समय पर अवगत कराया है। यहां तक की राजनैतिक पार्टियों के पदाधिकारियों को चुनाव सामग्री भाषण सभी मातृभाषा में देने के लिए प्रेरित किया
संगठन की मांगे : राजस्थानी को कक्षा एक से दस तक अनिवार्य विषय के रूप में प्रारंभ किया जावे। संवैधानिक मान्यता के लिए जनप्रतिनिधि दबाव बनाए, विश्वविद्यालयों में राजस्थानी विभाग खोले, राजस्थानी फिल्म मनोरंजन कर मुक्त हो, राजस्थान लोक सेवा आयोग में समस्त परीक्षा में एक प्रश्न पत्र प्रारंभ किया जावे। अन्य प्रदेशों में जाने वाली रोडवेज बसो पर पधारो म्हारा देश लिखा जाए, राजस्थान दिवस एवं प्रमुख उत्सवों पर प्रदेश के कलाकारो, साहित्यकारों एवं कवियों को आमंत्रित कियाा जावे।

21 बंदुकों की सलामी के साथ ऋषभदेव के जन्मोत्सव मेला

भगवान ऋषभदेव के जन्मोत्सव मेले के तहत गुरुवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु जमा हुए। चैत्र कृष्णा अष्टमी को तड़के गजर बजने व 21 बंदुकों की सलामी के साथ मेला शुरू हुआ, जो शाम तक परवान पर रहा।
सुबह 6 बजे गजर बजने के साथ 21 बंदुकों की सलामी और धुलैव बैंड की धुन पर बिखरे भक्ति गीतों के बीच ‘आलकी रे पालकी, जय केशरिया लाल की’ जयकारे के साथ मंदिर के पट खुले। इसी के साथ केसरियाजी जन्मोत्सव मेला शुरू हुआ। दिनभर विविध अनुष्ठान चले। लोगों ने दर्शन-पूजन के साथ मेला परिसर में लगी दुकानों में जमकर खरीदारी की। इस बार घरेलू उपयोग, श्रंगार प्रसाधन और खाद्य सामग्री की खूब बिक्री हुई।
आसपास के गांवों से बुधवार शाम ही लोग पहुंचना शुरू हो गए थे, जो सुबह कुंवारिया नदी, पगल्याजी बावड़ी, सूरजकुंड आदि स्थानों पर नहाकर पारंपरिक वेष में पूजा करने पहुंचे। मंदिर जलघड़ी के अनुसार सात बजकर बीस मिनट पर जलाभिषेक, उसके बाद दुग्धाभिषेक, केसर पूजा और आरती हुई। दोपहर तक पूजा-अर्चना का दौर चलता रहा। इस बीच दोपहर 12 से डेढ़ बजे तक मुख्य शिखर पर ध्वजा धराई गई।
शाम चार बजे निज मंदिर से रजत रथ में विराजित भगवान ऋषभदेव की शोभायात्रा शुरू हुई। जैसे ही रथ आगे बढ़ा पूरा परिसर धुलेवा धणी, कालिया बावसी, केसरियालाल के जयकारों से गूंज उठा। इंद्रध्वज व पुतलियों से सजी गाड़ी को बैलों ने खींचा। धुलेव का बैंड अपने अंदाज में स्वर लहरियां बिखेरता चल रहा था। पीछे धुलेव के जवान बंदुके लिए थे। सजे-धजे अश्व भी छुनछुनाते घुंघरुओं की गमक के साथ आगे बढ़े। बिलख पाल के भक्त व श्रद्धालु भजन गाते चल रहे थे। अंत में चांदी के सजेधजे रथ में भगवान ऋषभदेव सुशोभित थे। यात्रा ऋषभ चौक, जोहरी बाजार, सदर बाजार, नेहरू बाजार, पाटूना चौक, हॉस्पिटल रोड होते हुए पगल्याजी पहुंची। यहां ऋषभदेव की पूजा अर्चना कर आरती की। वापसी में आजाद नीम के नीचे पहुंचने पर भगवान की आरती की गई। इसके बाद निज मंदिर पहुंचने पर मंदिर में गुलाल धारण करा मंगल आरती की। मध्य रात्रि के बाद फिर मंदिर खोला गया। जन्म कल्याणक की आरती की बोलियां लगी, जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

भारतीय बच्चो से मुकाबला के लिए लेवल सुधारे : ओबामा

अमेरिका के राष्ट्रपति बाराक ओबामा ने अमेरिकी बच्चों से कहा है कि उन्हें इंडियन और चाइनीज बच्चों से मुकाबला करना है, तो अपनी पढ़ाई-लिखाई का लेवल सुधारना होगा। औसत दर्जे की एजुकेशन से वह ऐसा नहीं कर पाएंगे। कैलिफॉर्निया के कोस्टा मेसा टाउन हॉल में स्थानीय लोगों से बातचीत में ओबामा ने कहा कि इसके लिए जरूरी नहीं कि टेस्ट बेहद हाई-लेवल के हों, बल्कि जरूरत इस बात की है कि छात्रों की परफॉर्मेंस को निखारने के लिए उपयुक्त और मजबूत उपाय किए जाएं। ओबामा को लगता है कि ऐसे वक्त में जब भारतीय और चीनी छात्रों ने दुनिया भर में अपनी परफॉर्मेंस के बल पर झंडे गाड़े हुए हैं, अमेरिकी बच्चों को औसत दर्जे से ऊपर उठना ही होगा। ओबामा ने अपने चुनाव अभियान के दौरान भी शिक्षा पर काफी जोर दिया था। ओबामा का कहना था कि शिक्षा का लेवल उठाने के लिए हमें कई स्तरों पर सुधार की जरूरत है, तभी अमेरिकी बच्चे मुकाबले में टिकने का माद्दा रख पाएंगे। बच्चों को नसीहत देने के साथ-साथ ओबामा ने उनके पैरंट्स का रोल इसमें सबसे ज्यादा जरूरी बताया। उनका कहना था कि बच्चों की अच्छी परफॉर्मेंस के लिए पैरंट्स सारा बोझ टीचरों पर डालकर पल्ला झाड़ लेते हैं, जो गलत है। उन्होंने पैरंट्स से मुखातिब होकर कहा कि भले ही बच्चे का टीचर कितना ही अच्छा क्यों न हो, अगर आप लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि आपके बच्चे ने होमवर्क किया या नहीं, उन्हें पढ़ाते नहीं, उन्हें जागरूक नहीं रखते तो आप अपने बच्चे के भविष्य के साथ खेल रहे हैं।

बेटे के लिए सेक्स पार्टनर

एक ब्रिटिश महिला अपने गोद लिए बेटे के लिए सेक्स पार्टनर खोजने में जुटी है। लूसी बैक्सटर नाम की इस महिला का 21 वर्षीय बेटा डाउंस सिड्रोम नाम की बिमारी से पीड़ित है। लूसी बैक्सटर ने अपील की है कि कोई महिला उनके बेटे के साथ सेक्स संबंध बनाए ताकि वह कुंआरा न रह जाए। लूसी बैक्सटर डाउंस सिंड्रोम से पीड़ित लोगों के समान अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। वह चाहती हैं कि उनका बेटा ओटो - जो खुद डाउंस सिंड्रोम से पीड़ित है - जिंदगी के सारे मजे करे। बेटे की खुशी के लिए बैक्सटर किसी वेश्या को पैसे देने के लिए भी तैयार हैं। मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक लूसी बैक्सटर ने इंटरनेट पर एक वेबपेज बनाया है और अपने बेटे के साथ संबंध बनाने की अपील की है।
लूसी बैक्सटर के तीन और बेटे ( गोद लिए ) हैं और वह चैरिटी संस्था मैनकैप के लिए काम करती हैं। बैक्सटर का कहना है कि , ' मैं चाहती हूं मेरे बेटे प्यार करें और सेक्स का आनंद लें। मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी यदि ओटो ऐम्सटर्डैम के किसी वेश्यालय में जाता है। मुझे लगता है समाज को डाउंस सिंड्रोम के बारे में समझने की जरूरत है। इससे पीड़ित लोगों को अलग - थलग रखना कहां तक जायज है जबकि इनमें भी वैसी ही भावनाएं और इच्छाएं होती हैं जैसी सामान्य लोगों में। ' उन्होंने कहा कि , ' ओटो की भी आकांक्षाएं औरों की तरह हैं। यदि उसकी गर्लफ्रेंड नहीं होगी तो मुझे बहुत बुरा लगेगा क्योंकि मैंने हमेशा उससे कहा है कि वह सब लोगों की तरह ही है। इसलिए मैं काफी कोशिश कर रही हूं कि उसे एक पार्टनर मिले। मैंने ओटो की परवरिश ऐसे की है कि वह अपने को हीन न समझे। उसकी उम्र के सारे लड़के सेक्स कर रहे हैं ... तो ओटो क्यों नहीं ? मुझे बहुत खुशी होगी यदि वह किसी लड़की को घर लाए। ' 21 वर्षीय ओटो ऐक्टर बनना चाहता है और ' मैकबेथ ' और ' द कैंटरबरी टेल्स ' जैसे नाटकों में काम कर चुका है। ओटो के अलावा लूसी बैक्सटर के तीन और गोद लिए बेटे हैं - जेम्स ( 25), टाइटस (14) और रफाएल (7) । क्या होता है डाउंस सिंड्रोम : डाउंस सिंड्रोम या ट्राइसोमी 21 क्रोमोसोम्स ( गुणसूत्र ) की गड़बड़ी से होने वाली बीमारी है। ऐसे लोगों में एक जोड़ी क्रोमोसोम्स ज्यादा होते हैं जिसकी वजह से इससे पीड़ित लोगों को शरीर बनावट औरों से अलग हो सकती है। ऐसे लोगों का मानसिक विकास भी सामान्य लोगों जैसा नहीं होता। डाउंस सिंड्रोम का पता ब्रिटिश डॉक्टर जॉन लैंगडन डाउन ने 1866 में लगाया था। आम तौर पर प्रति 800-1000 लोगों में से एक व्यक्ति डाउंस सिंड्रोम से पीड़ित होता है।

Thursday, March 19, 2009

माहौल खराब कर रहे पाकिस्तान में मदरसे

धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़े एक अमेरिकी आयोग ने पाकिस्तान के चरमपंथी संगठनों के साथ आईएसआई के संबंधों पर गहरी चिंता जताई है। आयोग का कहना है कि पाकिस्तान में कई मदरसे वहां का माहौल खराब कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी समिति की अध्यक्ष फेलिस. डि. गेयर ने कहा कि पाकिस्तान में इस्लामिक कट्टरपंथियों की संख्या में बिना रोक-टोक बढ़ावा हो रहा है। इन संगठनों के सदस्य पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर होने वाली हिंसा में हिस्सा लेते हैं। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले आतंकवादी घटनाओं में भी हिस्सा लेते हैं। इन कट्टरपंथियों का संबंध पाकिस्तानी सेना, खास तौर पर आईएसआई के साथ है। पाकिस्तान के इस्लामी स्कूल या मदरसों की कथित भूमिका को लेकर आयोग काफी गंभीर है। इससे धार्मिक स्वतंत्रता के हनन होने की आशंका ज्यादा होती है। फेलिस ने कहा कि विचार, अंतरात्मा और धार्मिक स्वतंत्रता व समानता के मामले में महिलाओं के समान अधिकारों पर बंदिश सहित धर्म आधारित असहिष्णुता, चरमपंथ और हिंसा गंभीर चिंता का विषय है। एक टॉप अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा है कि पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में आतंकवादियों के छिपने के सुरक्षित स्थानों को तुरंत नष्ट करने की जरूरत है। इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए यह बहुत जरूरी है। अफगानिस्तान में अमेरिकी कमांडर जनरल डेविड मैक कियरनैन ने कहा कि जब तक आतंकवादी खुलेआम घूमते रहेंगे, पाकिस्तान समेत पूरे इलाके में स्थिरता का माहौल नहीं बन सकेगा। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अमेरिकी मुहिम सफल नहीं होती तो, अल कायदा जैसे संगठन दुनियाभर में अपनी गतिविधियों को बेखौफ अंजाम देंगे। NBT

धंधे में बरकत के लिए बेटी से बलात्कार की हरकत कर डाली

मुंबई में 60 साल के एक व्यापारी को अपनी बेटी के साथ सालों तक बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसकी पत्नी को भी अरेस्ट कर लिया गया है, क्योंकि इस जुर्म में उसकी सहमति थी। कहा जा रहा है कि ऐसा उन्होंने एक तांत्रिक के कहने पर किया। यह व्यापारी मूलत: गुजरात का है। वह मीरा-भायंदर रोड पर गोल्डन नेस्ट के फेज-1 में रहता है। उसकी अंधेरी में गाड़ियों के लिए रेडियम प्लेट बनाने की एक फैक्ट्री है। इस परिवार की हसमुख राठौड़ नामक एक तांत्रिक से 20 साल से भी ज्यादा समय से जान-पहचान थी। इस तांत्रिक ने जुलाई, 2000 में व्यापारी परिवार से कहा कि अगर बाप अपनी बेटी से सेक्स संबंध बनाए तो परिवार की तरक्की होगी। तब व्यापारी ने अपनी 12 वर्षीय बेटी से रेप किया। यह सिलसिला पिछले 9 साल से चला आ रहा था। बेटी खामोशी से इस जुल्म को सह रही थी। पुलिस ने कहा कि बाद में तांत्रिक ने भी व्यापारी की बेटी से रेप करना शुरू कर दिया और वह भी उसकी मां की मौजूदगी में। अंधेरी में ही रहने वाले राठौड़ को भी पुलिस ने कस्टडी में ले लिया है। पिछले साल नवंबर में राठौड़ ने व्यापारी से कहा कि अब वह छोटी बेटी (15 साल)से भी यौन संबंध बनाए और उसने उसकी सलाह पर अमल करने की कोशिश की। इससे बड़ी बेटी का धैर्य जवाब दे गया और उसने अपने मामा और नानी को पिता की करतूत बताई। तब उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। सीनियर इंस्पेक्टर मुकुंद महाजन ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। व्यापारी, उसकी पत्नी और तांत्रिक को आज अदालत में पेश किया जाएगा।

डकैतों ने 12 को जिंदा जला दिया

सतना से लगभग 110 किलोमीटर दूर मझगवां थाना क्षेत्र के बिछियन गांव में डकैतों ने गुरुवार तड़के एक ही परिवार के लगभग एक दर्जन लोगों को मकान में बंद कर जिंदा जला दिया, जिससे 9 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि 4 अन्य की हालत गंभीर बताई गई है। पुलिस सूत्रों ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि डकैत सुन्दर पटेल गिरोह के लोगों ने एक ही परिवार के लोगों को मकान में बंद कर आग लगा दी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक के.डी. पाराशर घटनास्थल पर पहुंच गए।

Tuesday, March 17, 2009

रंग-अबीर में सोहे प्रभु

राजसमंद जिले में रंग पंचमी का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने एक दूसरे को रंग लगा त्योहार की बधाई दी। महिलाओं ने दाढा बावजी व्रत का उद्यापन किया। इस अवसर पर महिलाओं ने एक दूसरे को कथा सुनाई और घी के साथ रोट वितरित किया । आमेट में रंगपंचमी पर अपने ईष्ट आराध्यदेव भगवान जयसिंह श्याम के फागोत्सव मंें गुलाल के बादल छा गए। ठाकुरजी की शोभायात्रा में भाग ले रहे श्रद्धालु रंग व गुलाल से सराबोर थे। फाग में भाग लेने सुबह से ही मंदिर के बाहर एकत्रित होने लगे । ठाकुरजी की रंग-गुलाल से सेवा करने वाले पुजारियों का पूरा शाकद्वीपी समाज भी वहीं जमा हुआ । यहां से ठाकुरजी को फाग के लिए चांदी के विमान में विराजित कर जयकारों के साथ शोभायात्रा के रूप में नगर भ्रमण के लिए ले जाया गया। इसमें ऊंट, घोडे, आमेट ठिकाने का मेघा डम्बर छतर, राजचिन्ह भी शामिल था। श्रद्धालु नाचते-गाते व रंग-गुलाल उडाते चल रहे थे। शोभायात्रा नगर भ्रमण के बाद नृसिंहद्वारा में पहंुची। जहां ठाकुरजी ने कुछ समय विश्राम किया और भक्तों ने गेर खेली। बाद में होलीथान, लक्ष्मीबाजार होते हुए वापस ठाकुरजी निज मंदिर पहंुचे। केलवाडा में रंगपंचमी पर्व हर्ष से मनाया गया। माहेश्वरी समाज की ओर से परमहंस धाम से रामद्वारा तक फूलडोल निकाली गई। जिसमें श्रद्धालु रंग खेलते व गुलाल उडाते नगर के प्रमुख मार्गो से होकर रामद्वारा पहंुचे जहां आरती की गई। कस्बे के प्रमुख बाजार सुबह बंद रहे और दोपहर तीन बजे खुले। पीपली आचार्यान कस्बे के भगवान केशवराय मंदिर में रविवार को फूलडोल महोत्सव मनाया गया। चार बजे बाद बडी संख्या में एकत्रित स्त्री-पुरूषों व बच्चों ने भगवान से गुलाल, अबीर से होली खेली। रिछेड में सुबह से ही लोग एक-दूसरे पर गुलाल उडाते रहे तथा ढोल बाजे के साथ पूरे गांव में भ्रमण किया बाद में हनुमान मंदिर में भजन संध्या हुई व प्रसाद बांटा गया।

चुनाव में जीत गए तो बनाएंगे लव पार्क

लव गुरु मटुकनाथ चौधरी फिर सुर्खियों में है, लेकिन वजह अलग है। प्रोफेसर साहब लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
वह बतौर आजाद उम्मीदवार पटना से किस्मत आजमाएंगे। बाकी उम्मीदवार जहां विकास का नारा दे रहे हैं वहीं लव गुरु प्यार का नारा दे रहे हैं। जसपाल भट्टी की तरह उनका भी एजेंडा अलग है। कह रहे हैं कि संसद में पहुंच गए तो प्रेमियों के लिए काम करेंगे। पटना में बड़ा लवर्स पार्क बनवाएंगे। लोग खुल कर प्यार का इजहार कर सकेंगे। गुरु की दूसरी पत्नी जूली उनका भरपूर साथ निभा रही हैं। वह मानती हैं कि सिर्फ प्यार ही आज के राजनीतिक वातावरण को बदल सकता है। लव गुरु वोट भी दिल छाप पर मांगना चाहते हैं। वह चुनाव आयोग से गुजारिश करेंगे कि उन्हें यही निशान दिया जाए।

शराब के नशे में था दोस्तों ने शरीर में घुसेडी टार्च

ठाणे के सिविल सर्जन डॉ. दिलीप बी. पगारे व उनकी टीम ने चांद बादशाह अब्दुल शेख (30) नामक इस युवक के पेट
का सफल ऑपरेशन कर 17 सेंटीमीटर लंबा और 4 सेंटीमीटर चौड़ा लाल रंग का टॉर्च निकाला। यह टॉर्च चांद के दोस्त ने 4 दिन पहले बदलापुर में जबरन उसके शरीर घुसेड़ दी थी, जब वह अपनी शादी की सालगिरह पर शराब के नशे में धुत था। पिछले 4 दिनों से चांद जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था और उसे नित्यकर्म में भी बाधा पहुंच रही थी।

दोस्त का मांस खाने वाली महिला गिरफ्तार

रूस के साइबेरिया क्षेत्र में एक महिला को अपनी एक दोस्त की हत्या करने तथा उसकी लाश के मांस को खाने के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। रूस की जांच समिति के एक अधिकारी ब्लादमीर सलोवरोव ने कहा, 'जांचकर्ताओं के पास इस बात की सूचना है कि महिला ने अपनी मृत दोस्त की लाश के टुकड़े को पकाकर खाया।' उन्होंने यह भी बताया कि महिला ने कुल्हाड़ी से अपनी दोस्त की हत्या कर दी तथा उसके शरीर के जिन हिस्सों को वह नहीं खा सकी उसे पास के कूड़ेदान में फेंक दिया। सलोवरोव ने बताया कि महिला ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है।

आरएसएस भी आया मुसलमानों के पक्ष में

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने यूपीए सरकार से मांग की है कि वक्फ बोर्डों में परमानंट अधिकारियो की नियुक्ति की जाए और इमामों व मुअज्जिनों की तनख्वाह बढ़ाई जाए। माना जा रहा है कि इस मांग के पीछे संघ की मंशा अपनी इमेज सुधारने की है। ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ इमाम्स को लिखे पत्र में आरएसएस प्रमुख के. सुदर्शन ने कहा कि सरकार ने वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमणों की जांच के लिए एक संसदीय कमिटी बनाई थी। कमिटी की सिफारिशों को सरकार को तुरंत लागू करना चाहिए और राज्यों को भी ऐसा करने के लिए कहना चाहिए। आम चुनाव से ठीक पहले आरएसएस की यह मांग इसलिए भी अहम है क्योंकि कुल वोटरों में मुसलमानों की संख्या अच्छी-खासी है और वह किसी भी दल के समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं।

Monday, March 16, 2009

आइंस्टीन से भी होशियार है 6 साल का प्रणव

अमेरिका में छह साल का एक बच्चा चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी उम्र में उसकी आईक्यू अल्बर्ट आइंस्टीन से भी ज्यादा है। भारतीय मूल के प्रणव वीरा का आईक्यू टेस्ट 176 रहा, जबकि अल्बर्ट आइंस्टीन का आईक्यू 160 माना जाता है। प्रणव की याद्दाश्त गजब की है। उसे तमाम अमेरिकी राष्ट्रपतियों के नाम क्रम से याद हैं। वह ऐल्फाबेट भी उल्टी तरफ से धाराप्रवाह बोल सकता है। प्रणव 2000 पहले की तारीख और दिन बता सकता है। वीडियो गेम का दीवाना प्रणव बाहर भी खेलने जाता है। उसके पिता प्रसाद वीरा ने बताया कि जब प्रणव चार साढ़े चार साल का था, तभी से अक्षरों से खेला करता था। उसे सभी रंगों की अच्छी पहचान थी। वह वैसे रंग भी पहचान जाता था, जो वे लोग नहीं पहचान पाते थे। मां सुचित्रा वीरा का कहना है कि उसे हर तरह के ऐल्फाबेट से प्यार है। वह अलग-अलग रंग, आकार और प्रकार के ऐल्फाबेट जमा भी करता है। तीन महीने पहले शिकागो के हाइड पार्क में आयोजित पावर्स एजुकेशनल सर्विस के आइक्यू टेस्ट में प्रणव के माता-पिता उसे लेकर गए थे। उसके पिता ने बताया कि उन्हें यह देख कर हैरानी हुई कि छह साल की उम्र में उसने 176 अंक प्राप्त किए। प्रणव की स्कूल टीचर मर्सी टेलर उसे अमेजिंग चाइल्ड कह कर पुकारती हैं। रिसेस पीरियड में वह मंकी बार पर खेलना ज्यादा पसंद करता है।

अंडरवेअर में नाचा मंत्री

मेलबर्न।। ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स के पुलिस मिनिस्टर को पार्लमंट के ऑफिस पार्टी में अंडरवेअर में नाचना मंहगा पड़ा। उन्हें इस कारण अपने पद से हाथ धोना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स राज्य के पुलिस मंत्री मैट ब्राउन का इस्तीफा वहां की सरकार ने मंजूर कर लिया है। इस्तीफा देने के बाद ब्राउन ने कहा, 'मैं भी इंसान हूं और मुझसे गलती हो गई।' पर ब्राउन ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि उन्होंने इस पार्टी के दौरान किसी महिला एमपी के साथ अशोभनीय व्यवहार किया था। बकौल ब्राउन, 'महिला एमपी के साथ अशोभनीय व्यवहार का आरोप सरासर गलत है। पार्टी के दौरान मैंने किसी महिला के साथ कुछ भी गलत नहीं किया।' कुछ दिन पहले एक ऑस्ट्रेलियन अखबार में एक खबर छपी थी। इस खबर में कहा गया था कि उस पार्टी के दौरान मैट ब्राउन पर नशा का रंग इतना चढ़ गया कि वह अंडरवेअर पर हो गए और डांस करने लगे। यही नहीं ब्राउन कुछ ज्यादा ही क्रेजी हो गए और एक महिला एमपी से अशोभनीय व्यवहार करने लगे।

बुलेटप्रूफ़ परिधान

भारत में अब एक ख़ास किस्म का परिधान आने वाला है जो बुलेटप्रूफ़ तो ही है साथ ही में डिज़ाइनर भी है यानी एक ऐसा लिबास जो आपकी सुरक्षा तो करेगा ही लेकिन साथ ही अच्छा दिखने में आपकी मदद भी करेगा। इसे कोलंबिया के मिगुएल काबालेरो ने डिज़ाइन किया है जिन्होंने डिज़ाइनिंग का काम 16 साल पहले शुरु किया था। काम शुरु करने के बाद उनके ये कपड़े लातिन अमरीका के नेताओं और बिज़नेस जगत से जुड़े ऐसे लोगों के बीच ख़ासे हिट रहे जिन्हें जान का ख़तरा था। मिगुएल इनदिनों अपने नए क्लेक्शन के सिलसिले में दिल्ली में हैं। उन्होंने बीबीसी को बताया, "हमारे डिज़ाइन इस्तेमाल करने वालों में वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज़ और हॉलीवुड अभिनेता स्टीवन सीगाल शामिल हैं।" ऐसे रिपोर्टें भी आई हैं कि शपथ ग्रहण समारोह के दौरान बराक ओबामा ने मिगुएल का डिज़ाइन किया हुआ सूट पहना था लेकिन मिगुएल इस पर कुछ ख़ास कहने को तैयार नहीं है। वे कहते हैं- ये सब चुपचाप होता है, इट्स ऑल अबाउट बींग डिस्क्रीट।
भारत में उनके डिज़ाइनर रेंज का नाम है डिस्क्रीट इनर्स। उनके कपड़ों में शामिल है चमड़े के जैकेट, इतालवी बिज़नेस सूट और पोलो शर्ट। लेकिन भारतीयों के लिए वे ख़ास स्थानीय अंदाज़ में कपड़े डिज़ाइन करके लाए हैं- कुर्ता पजामा और नेहरू जैकेट। यानी उन भारी भरकम बुलेटप्रूफ़ जैकेटों और कपड़ों से बिल्कुल अलग जो पुलिसकर्मी, सैनिक और ख़तरनाक इलाक़े में काम कर रहे नेता और पत्रकार दुनिया भर में पहनते हैं। ऐसे पारंपरिक कपड़ों में केवलर प्लेट लगी होती है जिनका वज़न सात किलोग्राम तक हो सकता है जिससे पहनने वाले असहज महसूस करता है। और ज़ाहिर है स्टाइलिश तो बिल्कुल भी नहीं। मिगुएल काबालेरो ये बताने को तैयार नहीं हैं उन्होंने किस सामग्री का इस्तेमाल करके बुलेटप्रूफ़ डिज़ाइनर कपड़े तैयार किए हैं लेकिन वे इतना ज़रूर बताते हैं कि इन कपड़ों का कई तरह के बैलिस्किट हथियारों के सामने परीक्षण किया गया है जिसमें रिवॉल्वर से लेकर सबमशीन गन तक शामिल है। भारत में कुछ हफ़्ते बाद ही आम चुनाव होने वाले हैं और मिगुएल मानते हैं कि भारतीय बाज़ार में उतरने का उनका फ़ैसला सही समय पर लिया गया है। वे बताते हैं कि कई भारतीय राजनेताओं ने उनके डिज़ाइनर कपड़े ख़रीदने के लिए बात की है हालांकि वे नाम बताने को तैयार नहीं है। वे कहते हैं," सब कुछ दबे स्वर में होता है। इसलिए आप ऑनलाइन ऑर्डर नहीं कर सकते या फिर किसी भी दुकान पर जाकर नहीं खरीद सकते। संभावित ख़रीददारों से सीधे संपर्क किया जाता है और उनकी पहचान गुप्त रखी जाती है।"

Sunday, March 15, 2009

आयोग की आंखों में धूल झोंकने की तैयारी

मंदी के इस दौर में कौन कह सकता है कि बाजार में पैसे की रेल-पेल नहीं है । कम से कम लोकसभा चुनाव तो यह मौका लेकर आ ही रहा है। अकेली दिल्ली में ही चुनाव के नाम पर कम से कम 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे। चुनाव आयोग ने भले ही तय कर दिया हो कि कोई उम्मीदवार 25 लाख रुपये से अधिक खर्च नहीं कर सकता, लेकिन उम्मीदवारों ने हमेशा की तरह इस बार भी चुनाव आयोग की आंखों में धूल झोंकने की तैयारी कर ली है। दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के चुनाव कराने पर ही चुनाव आयोग 20 करोड़ रुपये खर्च करेगा। यह राशि ईवीएम मशीनों के इंतजाम से लेकर, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और अन्य इंतजामों पर खर्च होगी। दूसरी तरफ उम्मीदवारों का खर्च तो इससे कई गुना अधिक होने वाला है। रामवीर सिंह बिधूड़ी मानते हैं कि अब चुनाव काफी महंगा हो गया है। ऐसे क्षेत्र भी हैं जहां वोटर को पैसा और शराब दोनों ही उपलब्ध कराने पड़ते हैं। ऐसे में करोड़ों की आवश्यकता तो पड़ती ही है। यह अनुमान है कि राजधानी की एक सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ने का खर्चा दो से तीन करोड़ रुपये तो आएगा ही। यह राशि उन गंभीर उम्मीदवारों के लिए है, जो वास्तव में चुनाव जीतने के लिए मैदान में उतर रहे हैं। कांग्रेस, बीजेपी और यहां तक कि बीएसपी के भी जो उम्मीदवार चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, उन्होंने अपना बजट पहले से ही तैयार कर लिया है। कई बार चुनाव लड़ चुके और संसद तक पहुंच चुके नेताओं ने साफ कर दिया है कि भले ही चुनाव आयोग के पास खर्चे का ब्यौरा जमा कराने की अनिवार्यता हो और चुनाव आयोग भी वीडियोग्राफी का सहारा ले चुका हो, करोड़ों के खर्च पर रोक लगाना संभव नहीं है। उदाहरण के लिए पोलिंग के दिन ही कम से कम एक करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं। हालांकि अभी पोलिंग बूथ की लिस्ट नहीं आई लेकिन यदि किसी क्षेत्र में 1,500 पोलिंग बूथ हैं तो हर बूथ पर पार्टी के कम से कम 10 सदस्य रखने ही पड़ते हैं। इनमें पोलिंग एजेंट भी होते हैं और बाहर बैठकर वोटरों की पचीर् बनाने वाले भी। इसके अलावा बूथ मैनेजमेंट के तहत घर से वोटर को लाने का जिम्मा भी होता है। अगर प्रति वर्कर 200 रुपये भी खर्च आए तो 30 लाख रुपये का भुगतान तो इन वर्करों को ही करना पड़ता है। इसके अलावा उनके खाने-पीने का प्रबंध, गाड़ियां, प्रचार सामग्री और फर्नीचर पर करीब 70 लाख का खर्च आएगा। एक निवर्तमान सांसद मानते हैं कि चुनाव के दौरान पेड वर्कर रखना एक मजबूरी होती है। इन वर्करों को मेहनताना तो देना ही पड़ता है, शाम को शराब पर भी काफी पैसे खर्च होते हैं। साथ ही चुनाव प्रचार के दौरान भले ही तीन गाड़ियों की इजाजत हो लेकिन वास्तव में गाड़ियों की संख्या सैकड़ों में होती है। कई वर्कर सिर्फ पेट्रॉल के खर्चे से ही गुजारा चला लेते हैं। चुनाव प्रचार शुरू होने से करीब एक महीने तक मुख्य कार्यालय में वर्करों के लिए लगातार खाने की व्यवस्था की जाती है। हालांकि पोस्टर, बैनर पर रोक है, लेकिन कार्यालय के भीतर तो इन्हें लगाया ही जाता है। चुनाव प्रचार के नए तरीकों जैसे नुक्कड़ नाटक मंडलियां, केबल टीवी, एफएम, मोबाइल, एसएमएस आदि का खर्चा भी लाखों में बैठने लगा है। नेता यह भी मानते हैं कि चुनाव आयोग की सख्ती के बाद अब प्रचार का खर्चा कुछ कम तो हुआ है लेकिन कुल मिलाकर करोड़ों के इस खचेर् को सिर्फ 25 लाख रुपये में बदलना कोई मुश्किल काम नहीं होता। यह सिर्फ एक कागजी कार्रवाई को पूरा करने के समान होता है। NBT

भारतीय मूल की कनाडाई सांसद की सेक्सी डीवीडी

मैक्सिम मैगजीन द्वारा दुनिया की तीसरी सबसे सेक्सी पॉलिटिशन करार दी गईं भारतीय मूल की कनाडाई सांसद रूबी धल्ला फिर चर्चा में हैं। ब्रांप्टन-स्प्रिंगडेल से सांसद 35 साल की धल्ला 2003 में बनी 'क्यों किस लिए' फिल्म की डीवीडी पर रोक लगाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं। इस फिल्म में प्रड्यूसर और अन्य कलाकारों के साथ धल्ला के कुछ आपत्तिजनक सीन हैं। पूर्व ऐक्ट्रिक धल्ला के राजनीति में आने से पहले यह फिल्म बनी थी। धल्ला का कहना है कि मेरी इमेज खराब करने के लिए दृश्यों और पोस्टरों से छेड़छाड़ की गई है। इसमें चेहरा मेरा है और बदन किसी और का। फिल्म टरॉन्टो में हुए सुखविंदर ढिल्लो हत्याकांड पर आधारित है। इसमें एक महिला ने बीमा की रकम हड़पने के लिए पति की हत्या कर दी थी। फिल्म का प्रदर्शन कनाडा और भारत में किया गया था। पर अब प्रड्यूसर उसकी डीवीडी जारी करना चाहता है।

राजनीति में सेना की भूमिका को खत्म किया जाएगा

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल (एन)के प्रमुख नवाज़ शरीफ को इस्लामाबाद लॉन्ग मा र्च से एक दिन पहले तीन दिन के लिए घर में नजरबंद कर दिया गया है। पाकिस्तान सरकार की पहल को नवाज़ शरीफ की ओर से ठुकराए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है। नवाज़ शरीफ के अलावा उनके भाई शहबाज़ शरीफ और पार्टी के अन्य नेताओं को हिरासत में लेने के आदेश दिए गए हैं। स्थानीय समाचार चैनल ने खबर दी है कि पूर्व क्रिकेटर और तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान के और जमात-ए-इस्लामी प्रमुख काजी हुसैन अहमद को भी नजरबंद किया गया है। चैनल ने सूत्रों ने हवाले से बताया है कि इन नेताओं को नजरबंदी के बारे में सूचित कर दिया गया है और इनके घरों के बाहर बड़ी तादाद में पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। उधर, पीएमएल (एन) के प्रवक्ता अहसान इकबाल ने शरीफ को नजरबंद किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा, 'सैकड़ों की संख्या में पुलिसकमिर्यों ने शरीफ के आवास को घेर रखा है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अलोकतांत्रिक है लेकिन इससे हमारा दृढ़ संकल्प नहीं डगमगाएगा।' इसके पहले पाकिस्तान में चल रहे राजनीतिक संकट को सुलझाने के लिए सरकार ने पहल करते हुए कहा था कि वह सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की समीक्षा के लिए अपील करेगी, जिसमें नवाज शरीफ और शाहबाज़ शरीफ के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई थी।नवाज़ शरीफ की पार्टी पीएमएल (एन)ने सरकार की पहल को ठुकरा दिया था। नवाज़ शरीफ ने शनिवार को एक रैली में कहा था,' सरकार मुझे गिरफ्तार करे, नज़रबंद करे, पाबंदियां लगाए, ये लॉन्ग मार्च नहीं रुकेगा और अंजाम तक पहुच कर रहेगा।' इस्लामाबाद में लॉन्ग मार्च सोमवार को होनेवाला है। शनिवार को राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी के प्रवक्ता फरतुल्लाह बाबर ने एक बयान में कहा था कि पाकिस्तान सरकार शरीफ बंधुओं पर प्रतिबंध के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करेगी। बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री यूसुफ रज़ा गीलानी और ज़रदारी के बीच बैठक में ये फैसला हुआ। ज़रदारी और प्रधानमंत्री गीलानी के बीच इस बात पर भी सहमति हुई कि परवेज़ मुशर्रफ के शासनकाल के दौरान बर्खास्त किए गए जजों की बहाली का मामला 'लोकतंत्र के चार्टर' के तहत हल किया जाएगा। गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ज़रदारी की पत्नी बेनज़ीर भुट्टो और नवाज़ शरीफ ने 2006 में इस चार्टर पर हस्ताक्षर किया था। दोनों नेताओं ने यह वादा किया था कि देश में लोकतंत्र बहाल किया जाएगा, टकराव से बचने की कोशिश होगी और राजनीति में सेना की भूमिका को खत्म किया जाएगा।

Friday, March 13, 2009

पसंद आया फोटोग्राफर तो दूल्हा जाए भाड में

मंगलोर में होने वाली शादी की कहानी में एक मज़ेदार ट्विस्ट नज़र आया। दुलहन ने दुल्हे के गले में वरमाला डालने से इनकार कर दिया। अगर बात यहीं खत्म हो जाती तो शायद इसमें कोई ट्विस्ट नहीं होता , घटना कुछ ऐसी घटी कि दुलहन ने उसी शादी में फोटोग्राफ खींचने आए एक फोटोग्राफर के गले में जयमाला डाल दी। मंगलोर के करीब 30 किलोमीटर दूर बीसी रोड पर रंगोली हॉल में श्रीनिवास और भव्या की शादी होने जा रही थी। पर , जैसे ही वरमाला एक-दूसरे के गले में डालने का वक्त आया तो श्रीनिवास के गले में माला डालने के बदले भव्या ने वहां मौजूद फोटोग्राफर पृथेश पुजारी के गले में माला डाल दी।
हालांकि मौके की नज़ाकत को भांपते हुए पृथेश वहां से खिसकने की कोशिश करने लगा , लेकिन वहां मौजूद लोगों ने उसे जाने नहीं दिया। भव्या ने सबके सामने मांग रख दी कि अगर वह शादी करेगी तो इसी फोटोग्राफर से करेगी।
लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई। फोटोग्राफर पृथेश ने इस शादी से इनकार कर दिया और कहा कि वे दोनों सिर्फ दोस्त हैं और वह शादी नहीं करना चाहता। लेकिन वहीं दूसरी ओर , शादी करने आए दुल्हे के परिवार वालों की हालत अजीब हो गई। एक तो शादी भी नहीं हुई और लड़के वालों की अच्छी खासी बदनामी भी हो गई। मामला उलझता देख तीनों पार्टी कॉम्प्रमाइज़ के लिए पुलिस स्टेशन पहुंचीं।
पुलिस स्टेशन में भव्या ने दावा किया कि फोटोग्राफर भी उससे प्यार करता है और वह सिर्फ उसी से शादी करेगी। भव्या ने पुलिस के सामने यह भी बताया कि वह दोनों काफी समय से एक-दूसरे के साथ हैं और उन्होंने काफी समय साथ गुज़ारा है। बाद में बंटवाल पुलिस स्टेशन के सूत्रों ने बताया कि पृथेश आखिरकार भव्या से शादी के लिए तैयार हो गया।
उन्होंने पुलिस स्टेशन के पास मौजूद तकरीबन 150 लोगों के सामने एक-दूसरे को स्वीकार किया और फिर करीब रात 8 : 30 बजे एक मंदिर में जाकर उन्होंने आधिकारिक तौर पर शादी कर ली। श्रीनिवास , जिनकी पहले भव्या से शादी होनेवाली थी अब वह उस खर्च के हर्जाने का डिमांड कर रहे हैं जो उनकी फैमिली वालों ने शादी की तैयारियों पर किया था। भव्या की शादी के साथ ही उसके भाई की शादी भी उसी दिन होनी थी। हालांकि उनकी शादी बिना किसी रुकावट के संपन्न हुई। दरअसल उसके भाई के ससुराल पक्ष ने यह ज़ोर दिया कि भव्या की शादी में आए इस कन्फ्यूज़न की वजह से इनलोगों की शादी में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। NBT

पत्नी को मालूम था कि पति ने न्यूड फोटो खींची

जिस असिस्टेंट वाइस प्रेज़िडंट समीर परीजा को मुम्बई की एक एमबीबीएस डॉ क्टर की न्यूड फोटो खींचने के मामले में पिछले दिनों गिरफ्तार किया गया था, उसने न्यूड फोटो के बारे में अपनी पत्नी को भी बताया हुआ था। यही वजह है कि जब समीर को पकड़ने के लिए सीनियर इंस्पेक्टर मुकुंद पवार के नेतृत्व में मुम्बई साइबर सेल के अधिकारी बेंगलुरु गए थे, तो पत्नी को समीर की गिरफ्तारी पर हैरानी नहीं हुआ थी। समीर ने मुम्बई की लेडी डॉक्टर के अप्रैल, 2008 में पुणे के एक होटल में न्यूड फोटो खींचे थे, पर साइबर सेल के एक अधिकारी के अनुसार समीर ने न्यूड फोटो वाली बात अपनी पत्नी को दिसंबर, 2008 में बताई थी और पत्नी से कहा था कि हां, उससे बहुत बड़ी गलती हो गई। इस पर पत्नी ने समीर से पूछा कि क्या उसने लेडी डॉक्टर के साथ सेक्स भी किया था? समीर ने जब जवाब में ना कहा, तो पत्नी ने समीर को माफ कर दिया था। समीर ने साइबर सेल के अधिकारियों को बताया कि उसने लेडी डॉक्टर के साथ सिर्फ फन के लिए चैटिंग की थी, उसे इस बात का अंदाज नहीं था कि मामला इतना आगे बढ़ जाएगा कि लेडी डॉक्टर उससे शादी करने के लिए पीछे ही पड़ जाएगी। समीर के अनुसार, उसने बाद में इस लेडी डॉक्टर को नजरअंदाज करने के लिए उससे यह तक झूठ बोला था कि वह फिलहाल टोक्यो में डेढ़ साल तक वर्ल्ड बैंक के किसी प्रोजेक्ट में बिजी है, इसलिए फिलहाल वह शादी नहीं कर सकता। पर जब लेडी डॉक्टर नहीं मानी और समीर से उसका और प्रोफाइल मांगने लगी, तो समीर ने इस लेडी डॉक्टर से पुणे में उसके 'दोस्त' से मिलने को कहा था। यह दोस्त कोई और नहीं, खुद समीर ही था, जिसका अंदाज लेडी डॉक्टर को नहीं था। समीर के अनुसार उसने भी इस बात की कल्पना ही नहीं की थी कि लेडी डॉक्टर उससे मिलने पुणे तक आ जाएगी, लेकिन जब लेडी डॉक्टर पुणे तक आ ही गई, तो समीर का मन डोल गया और बाद में उसने इस लेडी डॉक्टर के लिए पुणे के एक पांच सितारा होटल में कमरा बुक कराकर वहां उसकी शराब में नींद की गोली मिला दी थी और फिर उसकी न्यूड फोटो खींच ली थी। समीर पुणे में जिस कंपनी में काम करता था, उसकी सालाना तनख्वाह साढे़ 17 लाख रुपए थी, पर साइबर सेल सूत्रों के अनुसार मंदी की वजह से जनवरी, 2009 में समीर की नौकरी चली गई थी। इसकी वजह से उसने पुणे छोड़ दिया था और परिवार के साथ बंगलूर शिफ्ट हो गया था, जहां उसका अपना घर है। गिरफ्तारी से पहले तक वह बंगलुरु में नौकरी की तलाश कर रहा था। समीर की शादी करीब 10 साल पहले हुई थी। उनकी पत्नी पंजाबी है। दोनों ने एक बच्ची को गोद लिया हुआ है।

उम्मीदवारों का चुनाव रद्द हो सकता है साड़ियां और शर्ट बांटी तो

उम्मीदवार अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी टोपी पहना सकते हैं। पार्टी चह्न वाले स्कार्फ भी दे सकते हैं। लेकिन साड़ियां और शर्ट बांटी जाती हैं, तो उम्मीदवारों का चुनाव रद्द हो सकता है। होली मिलन समारोह में सौ-सौ के नोट बांटने की कथित घटना से आयोग चुनाव आचार संहिता को लेकर और भी अधिक सतर्क हो गया है। उम्मीदवार अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को टोपियां और स्कार्फ बांटते हैं तो उसके खर्चे का बाकायदा रेकॉर्ड देना होगा। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो इसे वोटरों को रिश्वत देना माना जाएगा। आयोग सूत्रों का कहना है कि पाटीर् उम्मीदवारों की तरफ से अगर कार्यकर्ताओं को साड़ियां और शर्ट बांटी जाती हैं, तो इसे प्रलोभन की कैटिगरी में रखा जाएगा। जैसे कि वोटरों को रिश्वत दी गई हो। लिहाजा उम्मीदवार का यह कदम आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा। इसी तरह यदि मोटर वाहनों की स्टेपनी पर पार्टी चिह्न वाले कवर लगाए जाते हैं, तो इसे भी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना
जाएगा। सूत्रों का कहना है कि वाहन चालकों को पार्टी की ओर से या उम्मीदवार द्वारा स्टेपनी कवर बांटना प्रलोभन के दायरे में आता है। ऐसे किसी भी तरह के वितरण की शिकायत डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट से की जा सकती है। उम्मीदवार व राजनीतिक पार्टियां आसमान से प्रचार के पर्चे गिरा सकते हैं । लेकिन जिस उम्मीदवार के पक्ष में ये हैंड बिल या पर्चे गिराए जाते हैं, उस उम्मीदवार को इस प्रचार के खर्च का पूरा ब्यौरा आयोग को देना होगा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि सभी तरह से प्रचार पोस्टरों, हैंड बिलों या पर्चों पर प्रिंटर और पब्लिशर का पता छपा होना अनिवार्य है। यदि किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में बांटे जा रहे पोस्टरों पर प्रिंटर व प्रकाशक का पता नहीं लिखा है, तो उसे जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन माना जाएगा। सूत्रों का कहना है कि जुलूस के दौरान वाहनों पर झंडे बैनर और पोस्टर लगाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इन प्रचार सामग्रियों को वाहनों पर चिपकाना या लटकाना मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं और स्थानीय नियमों के अनुकूल होना अनिवार्य है। पता चला है कि आयोग ने प्रचार सामग्री तैयार करने में प्लास्टिक शीट के इस्तेमाल पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। न ही इसे आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में लाया गया है। राजनीतिक दलों से अपील की गई है कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जागरूकता प्रदर्शित करते हुए बैनर और पोस्टरों के लिए प्लास्टिक या फिर पॉलिथीन मटीरियल का उपयोग न करें। कोई भी उम्मीदवार या उसके समर्थक व पार्टी कार्यकर्ता किसी की निजी संपत्ति या मकान पर पार्टी झंडा, होर्डिन्ग, पोस्टर व बैनर नहीं लगा सकते। यदि कोई उम्मीदवार ऐसा करना चाहता है तो उसे पहले संपत्ति के मालिक से लिखित अनुमति लेनी होगी। उस अनुमति की कॉपी तीन दिन के अंदर रिटर्निन्ग ऑफिसर या फिर तैनात संबद्ध अधिकारी को देनी होगी। उसके बाद ही किसी निजी प्रॉपर्टी पर बैनर व पोस्टर लगाए जा सकेंगे। यदि उम्मीदवार व उसके समर्थक बिना अनुमति के पोस्टर चिपकाते हैं या बैनर लगाते हैं तो नियमों के तहत उम्मीदवार के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। NBT

चिकचिक करने वाली बीवी बिकाऊ

एक ब्रिटिश व्यक्ति अपनी पत्नी से इतना परेशान आ गया कि उसने पत्नी को बेचने के लिए विज्ञापन दे दि या। हैरानी की बात यह है कि जब से उसने अपनी पत्नी की सेल का ऐड दिया है उसके पास ऑफर्स की भरमार लग गई है। ब्रिटेन के 38 साल के गैरी बेट्स ने पत्नी को बेचने के लिए जो ऐड दिया है वह इस प्रकार है - चिकचिक करने वाली, नो टैक्स, कोई सर्टिफिकट नहीं, हाई मेनटिनंस, जंग लगी बीवी बिकाऊ है। गौरतलब है कि अक्सर इस तरह के विज्ञापन पुरानी गाड़ियों और पुराने घरेलू सामान को बेचने के लिए दिए जाते हैं। इंग्लैंड के दक्षिण-पश्चिम इलाके ग्लोस्टरशेयर के रहने वाले बेट्स एक बिल्डर हैं। पत्नी की सेल का ऐड देने के बारे में बेट्स का कहना है कि मेरी बीवी मुझे बात-बात पर बहुत परेशान कर रही थी। हर समय टीवी पर बकवास कार्यक्रम देखकर समय बर्बाद करती रहती थी जबकि मेरा एक छोटा सा काम करने में हमेशा चिकचिक करती थी। इसलिए उसकी हरकतों से परेशान आकर मैंने तय किया कि इससे छुटकारा पाने के लिए ऐड दे दिया जाए। गौरतलब है कि बेट्स और डोना की शादी एक साल पहले ही हुई है। बेट्स ने अपनी 40 साल की पत्नी डोना विज्ञापन मजाक मजाक में एक मैगजीन के फ्री टु कॉन्टैक्ट सेक्शन में दिया था, लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनकी पत्नी को खरीदने के लिए लोग इतनी रुचि दिखाएंगे। बेट्स ने कहा- मुझे इस बात का अंदाजा नहीं था कि ऐड देखकर लोग मुझे कॉन्टैक्ट करेंगे, लेकिन करीब 9-10 लोगों ने मुझसे पत्नी के बारे में बात की। लोग फोन पर मुझसे पूछ रहे हैं कि क्या मेरी बीवी अभी भी उपलब्ध है। शुरुआत में इस ऐड को लेकर पति पत्नी के बीच कहासुनी भी हुई लेकिन बेट्स का कहना है कि अब उनकी बीवी भी समझ गई हैं कि उन्हें समझाने के लिए बेट्स ने ऐसा किया था। डोना का कहना है कि ऐसा नहीं है कि मैं बेट्स को बिना वजह परेशान कर रही थी। हमारी नई-नई शादी हुई है और बेट्स मेरी बात नहीं सुनते थे बस इसलिए मैं इनकी बातों को इग्नोर करती थी। NBT

बिगड़ते माहौल से भारत की मुश्किलें बढ़ीं

पाकिस्तान के बिगड़ते सियासी माहौल ने भारत के लिए गंभीर चिंता पैदा कर दी है। इस चिंता की गूंज गुरुवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमिटी की बैठक में सुनाई दी। ऑपरेशन के बाद काम पर वापस लौटे पीएम मनमोहन सिंह की सदारत में हुई इस बैठक में हालांकि भारत ने पाक के घरेलू मामले में न पड़ने की सावधानी बरती, लेकिन बाद में दिए गए बयानों से जाहिर था कि वहां के घटनाक्रम ने भारत की सुरक्षा चिंताएं बढ़ा दी हैं। भारत का मानना है कि यह अस्थिरता आतंकवादी तत्वों का हौसला बढ़ाने वाली साबित होगी। इस बीच पाकिस्तान में सियासी टेम्परेचर खतरनाक हदों को छू रहा है। आसिफ अली जरदारी की सरकार से बुरी तरह खफा नवाज शरीफ वकीलों के आंदोलन को मदद दे रहे हैं। गुरुवार को देश भर के शहरों से वकीलों ने अपनी लंबा कूच जारी रखा, जो 16 मार्च को संसद पर प्रदर्शन तक जारी रहेगा। वकील सुप्रीम कोर्ट के बर्खास्त चीफ जस्टिस इफ्तिखार चौधरी की बहाली की पुरानी मांग दोहरा रहे हैं, जबकि नवाज इस आंदोलन को जरदारी के खिलाफ अपनी जंग में बदल देना चाहते हैं। इस दौरान पाक में दो चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। एक यह कि सियासी हंगामे से खफा सेनाध्यक्ष परवेज कयानी ने प्राइम मिनिस्टर गिलानी के साथ एक डील की है, जिसके तहत नवाज को शांत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने की कोशिश होगी। इस फैसले ने नवाज और उनके भाई शाहबाज को चुनाव के अयोग्य ठहरा कर मौजूदा टकराव की शुरुआत की थी। इस डील के तहत जस्टिस चौधरी की बहाली का रास्ता भी निकाला जा सकता है। लेकिन यह साफ नहीं है कि इस किस्से में जरदारी का रोल क्या है। दूसरी चर्चा यह थी कि अमेरिका जरदारी और नवाज के बीच सुलह की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान का यह संकट आने वाले दिनों में और भी उग्र होगा, जब नवाज और वकीलों का आंदोलन आगे बढ़ेगा। अगर इसे शांत नहीं किया गया, तो यह आशंका मजबूत हो जाएगी कि सेना नेताओं से सत्ता छीन सकती है। यह उथल-पुथल अपने साथ कई बुरी घटनाओं का सिलसिला लाएगी। इसलिए नई दिल्ली में कैबिनेट कमिटी की बैठक के बाद विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा, पाक में शांति और स्थिरता रहने से ही वहां की सरकार उन तत्वों का सामना कर सकेगी, जो वहां मौजूद ढांचे का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए कर रहे हैं। पाकिस्तान एक अहम पड़ोसी है और भारत उम्मीद करता है कि वहां की लीडरशिप सभी मामलों का हल अपने हितों के मद्देनजर शांति से कर लेगी।

हौसले से मौत भी हारी

होली खेलने में मग्न छह साल का मेहुल छत से सीधे लोहे की छड़ पर गिरा और छड़ उसके पेट को चीरती हुई आर-पार निकल गई लेकिन डॉक्टरों ने उसे ज़िंदा बचा लिया। ये वाकया है झारखंड के हजारीबाग ज़िले का। होली में रंग उड़ेलने के क्रम में मेहुल बुधवार सुबह दूसरी मंजिल की छत से नीचे गिर गयाय। इस दौरान जंग लगी तीन फुट लंबी एक छड़ उसके पेट को चीरती हुई आरपार हो गई। लेकिन मेहुल इसके बाद भी बातचीत कर रहा था। ये देख स्थानीय लोगों में उसके बचने की उम्मीद जागी और उसे तुरंत राँची लाया गया जो हजारीबाग से लगभग सौ किलोमीटर दूर है। राँच मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लगभग तीन घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने छड़ को निकाल दिया और अब वह ठीक है। डॉक्टरों का कहना है कि एक हफ़्ते के भीतर मेहुल बिल्कुल स्वस्थ हो जाएगा। पिछले वर्ष दिल्ली में सुप्रतिम दत्त नामक एक 23 वर्षीय युवक के सीने को बेधती हुई पाँच फुट लंबी और दो इंच चौड़ी छड़ आर-पार हो गई थी। तब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स के डॉक्टरों ने तकरीबन साढ़े सात घंटे के ऑपरेशन के बाद उन्हें जीवनदान दिया था। BBC

Monday, March 9, 2009

'बम' और 'गोली' से होली!

इस बार की होली कुछ अनोखी होगी। पिचकारियों से निकलने वाली फुहार गोली के रूप में होगी। ग्रेटर नोएडा में बिग बैंग, एके-47, सुपर-सूटर, माउजर, पिस्टल के हथियारों की शेप में पिचकारियां बिक रही हैं। कुछ पर बॉलिवुड और हॉलिवुड के स्टार ओबामा, अमिताभ बच्चन, आमिर खान, शाहरुख खान के मुखौटे और पिचकारियों के स्टीकर लगे हैं। ये संगीत सुनाकर भी मनोरंजन करेगी। बरसाने की होली के हर्बल कलर का चलन बेशक बढ़ रहा है, लेकिन केमिकल कलर का क्रेज भी कम नहीं हो रहा। इनमें सूखे रंग, स्प्रे, स्नो स्प्रे, अबीर-गुलाल, सिल्वर और गोल्डन कलर उपलब्ध हैं। इन कलरों में टू इन वन, कूल कलर लगाने से ठंडा-ठंडा फील होगा। टू इन वन कलरों में एक तरफ से लाल रंग की बौछार होगी तो दूसरी तरु अन्य कलर निकलेंगे। ग्रेटर नोएडा में कलर बेचने वाले दुकानदार रोहित का कहना है कि हर्बल रंगों से होली पर त्वचा को नुकसान नहीं होगा। कुछ कलर बहुत महंगे हैं। वॉटर बम होली के खास प्रॉडक्ट्स में से हैं। जब इन रंगों को किसी पर फेंकेंगे तो ये एक दम सामने वाले को भिगो देंगे। एक बार यूज करने के बाद दोबारा इन्हें रंग डालकर यूज किया जा सकेगा। इनकी कीमत 5 रुपये से लेकर 20 रुपये तक है। पिचकारियों में पानी की जगह इस बार गोलियां भरी जाएंगी जो शरीर से टकराने के बाद रंगों का इंद्रधनुष बनाएंगी। 2 से लेकर 15 रुपये में ये मिल रही हैं। प्रेशर गन में एक साथ ढेर सारा रंग और पानी भरा जा सकता है। यह 50 रुपये से लेकर 200 रुपये तक में मिल रही है। फ्लोरोमेंट से निकले रंग ऐसे बरसेंगे कि दिन से लेकर रात तक होली की फिजा महकती रहेगी। ये 135 रुपये से 250 रुपये तक में बेचे जा रहे हैं। NBT

ग्रैजुएट पर चेन स्नैचर

वह किराये के फ्लैट में पत्नी और बच्चे के साथ रह रहा था। घर भी भरा-पूरा दिखता था। ड्रॉइंग रूम में महंगा सोफा, एंटीक पीसऔर अन्य साजोसामान थे। डबल बेड, फ्रिज, टीवी, एसी...किसी चीज की कमी नहीं थी। जहांगीरपुरी का शैलेंद्र (27) डीयू से ग्रैजुएट था और ऐशोआराम की जिंदगी चाहता था, सो उसने साहिबाबाद के शालीमार गार्डन इलाके में किराये का फ्लैट लिया था। लेकिन शौक पूरे करने के लिए उसने ऐसा पेशा चुना, जिसने उसके अपने भविष्य और परिवार को अंधकार में धकेल दिया। वह चेन स्नैचरों के एक गिरोह का लीडर बन चुका था। इस काम में उसका साथ देता था सब्जी मंडी निवासी अमन (25)। वह भी शालीमार गार्डन के एक फ्लैट में अकेले रहता था। क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने शैलेंद्र और अमन को गिरफ्तार कर लिया है। अडिशनल कमिश्नर सत्येंद्र गर्ग के मुताबिक शैलेंद्र और अमन चोरी की पल्सर बाइक पर सवार होकर सड़कों पर निकलते थे और फिर स्नैचिंग की वारदात करते थे। शैलेंद्र का काम बाइक चलाने और टारगिट को तलाशने का होता था, जबकि अमन बाइक पर पीछे बैठता था और चेन झपटता था। बाद में शैलेंद्र शाहदरा निवासी जूलर अमित वर्मा (28) को चेन बेच देता था। अमित की ओल्ड सीलमपुर में अपनी दुकान है। चेन बेचने के बाद मिले पैसों को शैलेंद्र और अमन आपस में बांट लेते थे। इस पैसे से वे हर वो सामान खरीदते थे, जिससे उनकी जिंदगी शानोशौकत से गुजर सके। यह गिरोह पिछले 6 महीने से सक्रिय था और ज्यादातर रोहिणी, प्रशांत विहार, सरस्वती विहार, मौर्या एनक्लेव, शालीमार बाग, अशोक विहार, रूप नगर, मॉडल टाउन और गाजियाबाद में वारदात करता था। शैलेंद्र ने 6 महीने पहले अमित को पहली बार यह कहकर एक चेन बेची थी कि अमन की मां बहुत बीमार हैं और उनके इलाज और दवाओं के लिए पैसों का इंतजाम करना है। बाद में अमित को पता चल गया कि वे स्नैचर हैं। पहले तो अमित इन्हें चेन के बहुत कम दाम देता था, लेकिन 2 महीने पहले जब इन्होंने अमित को धमकी दी कि अगर उसने ज्यादा पैसे नहीं दिए, तो वे किसी और को चेन बेच देंगे। इस धमकी के बाद अमित इन्हें ज्यादा दाम देने लगा। पुलिस ने सबसे पहले अमन और शैलेंद्र को सीमापुरी बस डिपो के पास से गिरफ्तार किया। बाद में उनकी निशानदेही पर अमित को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इनके पास से सोने की 4 चेन और चोरी की दो पल्सर बाइक भी जब्त की गई हैं। इन्होंने बाइक सिविल लाइंस और आनंद पर्वत इलाकों से चुराई थीं। इन दिनों ये लोग एक करिज्मा बाइक चुराने के मूड में थे। पुलिस का दावा है कि इनकी गिरफ्तारी से चोरी और स्नैचिंग के 16 मामले सुलझ गए हैं। वैसे, पुलिस को आशंका है कि इन्होंने इससे कहीं ज्यादा वारदात की हैं। पुलिस इस बारे में इनसे पूछताछ कर रही है।NBT

पुरुष सेक्स वर्कर को 6 साल की जेल

जर्मनी की सबसे अमीर महिला को ब्लैकमेल करने के आरोप में एक जिगोलो यानी पुरुष सेक्स वर्कर को 6 साल की जेल की सजा दी गई है। हे्ल्ग सगराबी नाम के इस जिगोलो ने बीएमडबल्यू की वारिस 46 साल की सुसेन क्लैटन को ब्लैक मेल किया। इसने धमकी दी थी कि उसे पैसे नहीं मिले तो वह चोरी से रिकॉर्ड किए गए विडियोटेप सार्वजनिक कर देगा। सुसेन मैरिड हैं और उनसे लाखों मिलियन डॉलर की मांग की गई थी। सोमवार को हेल्ग ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। 44 साल के हेल्ग ने माना कि क्लैटन ने उसे 9 मिलियन डॉलर दिए थे। ये पैसे उसने किसी लड़की के इलाज के नाम पर ऐंठे थे। म्यूनिख की एक कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए 6 साल कैद की सजा सुनाई। हेल्ग ने कई अमीर महिलाओं को अपने जाल में फंसाकर लाखों रुपये ऐंठे थे। उसने भरी अदालत में उन सभी महिलाओं से माफी मांगी। वकीलों के मुताबिक हेल्ग क्लैटन से ऑस्ट्रिया की एक स्पा में 2007 में मिला था। क्लैटन बीएमडबल्यू में 12.5 फीसदी की हिस्सेदार हैं। अपनी गवाही में क्लैटन ने माना कि हेल्ग बहुत चार्मिन्ग लेकिन बहुत उदास नजर आया था। इस बात ने मेरे भीतर एक भावना जगा दी कि हम दोनों में बहुत कुछ एक जैसा है। हेल्ग अमीर महिलाओं से अलग - अलग तरह के झूठ बोलता था। उसने पूरे यूरोप में कई महिलाओं को फंसाया। इनमें 83 साल की काउंटेस वेरेना भी शामिल हैं , जो उस वक्त उससे 50 साल बड़ी थीं। उसने बताया था कि मैं संकटग्रस्त इलाकों में स्विजरलैंड का प्रतिनिधि हूं। इस बहाने वह कभी भी गायब हो जाता था। 2001 में काउंटेस ने उस पर मुकदमा भी किया था , लेकिन उनकी मौत हो गई।

चुनावों में वोटों के ठेकेदारों की बाढ़

लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही जातियों और थोक वोटों के ठेकेदारों की बाढ़ सी आ गई है। फरीदाबाद लोकसभा इलाके में पिछले दो दशकों से ऐसे संगठनों की संख्या चुनाव के दिनों में बेतहाशा बढ़ जाती है। जानकारों का कहना है कि फरीदाबाद में चुनावों में वोटों की जमकर खरीदफरोख्त होती है।लोकसभा हो या विधानसभा चुनाव बड़ी पार्टियां अमीर प्रत्याशियों पर दांव लगाती हैं। सूत्रों का कहना है कि वोट को नोट से अपने पक्ष में लाने का खेल खुलकर खेला जा रहा है। सेक्टर-21 निवासी जय दीप सिंह ने बताया कि उनके इलाके में हर रोज नए-नए नेता पैदा हो रहे हैं। हर नेता अपने आप को किसी न किसी उम्मीदवार का खास चहेता बताकर बड़ी-बड़ी बातें करता है। जय दीप सिंह ऐसे नेता उम्मीदवार अपने घर चाय पर बुलाकर आसपास के वोटों पर अपना प्रभाव साबित करके प्रत्याशी से कुछ रकम ऐंठना चाहते हैं। सेक्टर-28 के निवासी भूपेंद्र मलिक ने कहा है कि चुनाव में सामने आने वाले मौसमी नेता सिर्फ उन उम्मीदवारों का दामन थामते हैं, जिनके जीतने की संभावना होती है। ताकि चुनाव के बाद नेताजी को दावे के साथ कहा जा सके कि वोटों का मिलना उसकी सक्रियता का परिणाम है। मेवला महाराजपुर के सुबोध चपराना ने कहा कि मतदाता चकाचौंध से प्रभावित होने लगे हैं। अधिकतर लोग उसी उम्मीदवार को मजबूत मानते हैं जिस के पास पैसा होता है। गाड़ियों का लंबा चौड़ा काफिला होता है। फरीदाबाद में पिछले दो दशक से धनबल वाले बड़ी पार्टियों के उम्मीदवार बनकर मैदान में उतर रहे हैं। इस कारण चुनाव के समय सैकड़ों बरसाती नेता कमाई के लिए सामने आ जाते हैं। छुटभइया नेता धन बल वाले लोगों को राजनीति में सक्रिय होने और चुनाव लड़ने के लिए काफी पहले से तैयार करने लगते हैं। उनका सीधा गणित रहता है कि जब धन खर्च करने वाला चुनाव लड़ेगा तभी उनकी चांदी कटेगी। NBT

मदरसा गैंग रेप के सभी पांच आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी

उत्तर प्रदेश में दो साल पहले हुए मदरसा गैंग रेप केस के सभी पांच आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। अडिशनल सेशन जज ब्रिजेश कुमार मिश्रा ने पीड़ित लड़कियों द्वारा आरोपियों को पहचान नहीं पाने के बाद सबूतों के अभाव में आरोपियों को बरी कर दिया। शहर के करेली इलाके के दो नाबालिग लड़कियों को एक मदरसे से निकालकर 17 जनवरी 2007 को गैंग रेप किया गया था। पुलिस ने मदरसे के मैनेजर की शिकायत पर पहले अपहरण और छेड़छाड़का मामला दर्ज किया था। इस वारदात और पुलिसिया कार्रवाई को लेकर लोगों का गुस्सा भड़क उठा और कांग्रेस व बीएसपी ने आरोप लगाया कि आरोपियों को बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके बाद इस मामले की नये सिरे से जांच की गयी और इसी दौरान मायावती ने सत्ता संभाल ली। उसके बाद रेप केस दर्ज किया गया था। NBT

गाने की आवाज तेज होने से भाई की हत्या

घर में शुरू सी. डी. प्लेयर के गाने की आवाज को लेकर दो सगे भाईयों के बीच इस कदर झगड़ा हुआ की एक भाई को अपनी जान गंवानी पड़ी। घटना के बाद से हत्यारा भाई फरार हो गया है। एक कंस्ट्रक्शन फर्म में काम करनेवाले संतोष जाधव व सदानंद जाधव नामक दोनों सगे भाई ठाणे जिले के विरार पश्चिम में रहते थे। गत बुधवार को सदानंद ने नया सी. डी. प्लेयर खरीदा। सदानंद सी. डी. प्लेयर में जोरों पर गाना सुनता था। गाने की आवाज तेज होने की बात को लेकर दोनों भाईयों के बीच कई बार कहासुनी हो गई थी। शनिवार को दोनों भाईयों की छुट्टी थी और वे घर में ही थी। दोपहर के खाने के बाद संतोष सोने गया तो सदानंद ने सी. डी. प्लेयर पर गाना लगा दिया। गाने की आवाज तेज होने के चलते गुस्साया भाई संतोष रसोई में रखे चाकू से वार कर दिया। परिणामस्वरूप गंभीर जख्मी सदानंद की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। पड़ोसियों को घटनास्थल पर देख हत्यारा भाई संतोष जाधव भाग खड़ा हुआ। विरार पुलिस ने संतोष के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है।

Sunday, March 8, 2009

शोषण से अब तक उन्हें निजात नहीं मिल

महिलाएं भले ही विभिन्न क्षेत्रों में बुलंदियां छू रही हों, लेकिन शोषण से अब तक उन्हें निजात नहीं मिल पाई है। कोर्ट में चल रहे सैकड़ों केस इसके गवाह हैं। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो कोर्ट में दहेज उत्पीड़न और बलात्कार के करीब 550 केस पेंडिंग हैं। चाहे राजनीति हो या सिविल सर्विस या कोई और क्षेत्र, महिलाएं पुरुषों से पीछे नहीं हैं। अब वे अपने खिलाफ होने वाले उत्पीड़न के खिलाफ आवाज भी उठाती हैं। इसके बावजूद उनका उत्पीड़न कम नहीं हो रहा है। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दहेज उत्पीड़न के 205 और बलात्कार के 347 केस पेंडिंग हैं। जनवरी 2009 में कोर्ट ने दहेज हत्या के तीन मुकदमों की सुनवाई की। इनमें एक मुकदमे में 3 लोगों को सजा सुनाई गई और एक मुकदमे में 4 लोगों को बरी कर दिया। बलात्कार के पांच केस निपटाए गए। इसी तरह कोर्ट से कई महिलाओं को न्याय तो मिला है, लेकिन अब भी सैकड़ों महिलाएं ऐसी हैं जो उत्पीड़न के खिलाफ आवाज नहीं उठा पा रही हैं। वकील गीता शर्मा ने कहा कि महिलाओं का उत्पीड़न सदियों से होता आ रहा है। पहले शिक्षा का अभाव था, अब वे शिक्षित हुई हैं और उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने लगी हैं। सरकार और सामाजिक संस्थाएं भी महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाकर उनका सहयोग करती हैं। वकील रीना रानी का कहना है कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि महिलाओं ने पिछले तीन दशकों में काफी तरक्की की है। महिलाओं की सामाजिक स्वतंत्रता बढ़ी है। स्वतंत्रता मिलने का कुछ महिलाएं दुरुपयोग भी करती हैं, जिसकी वजह से परिवार टूटने लगे हैं। महिलाओं का चाहिए कि वे शिक्षित होने का परिचय टूटते परिवार को जोड़कर दें। NBT

सामाजिक और आर्थिक बराबरी का दिन वुमंस डे

आज की सशक्त महिलाओं की बात करें, तो शिल्पा शेट्टी का नाम इनमें जरूर आएगा। वैसे, वह अपने विचार रखने के मामले में बेहद बिंदास हैं। इसी के साथ सिलेब्रिटी बिग ब्रदर में तमाम मुश्किलों का सामना करने बाद पाई सफलता ने उनका कद कई फीट बढ़ा दिया। ऐक्ट्रिस व प्रोड्यूसर शिल्पा अब एक क्रिकेट टीम की ऑनर भी हैं। शिल्पा वुमंस डे के बारे में कहती हम एक ही दिन वुमंस डे क्यों मनाते हैं? हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हम महिलाएं हैं और हर दिन को महिला दिवस के तौर पर मनाना चाहिए। वैसे, महिलाओं के लिए यह सामाजिक और आर्थिक बराबरी का दिन है। आखिर, हमें भी अपनी तरह जीने का अधिकार होना चाहिए। जिंदगी में हमारा उद्देश्य आगे बढ़ने का होना चाहिए। वो दिन चले गए, जब महिलाओं अपनी जिंदगी गुजारने के लिए
पुरुषों के सहारे की जरूरत होती थी। मैं महिलाओं को यही सलाह देना चाहूंगी कि वे खुद को किसी पॉइंट पर कमजोर महसूस न करें। साथ ही, महिला होने की वजह से हमें किसी का गलत फायदा भी नहीं उठाना चाहिए। हर महिला को खुद को सही तरीके से कैरी करना आना चाहिए और सफलता पाने के लिए खूब मेहनत करनी चाहिए। हर परेशानी को भुलाकर महिलाओं को सही रास्ते पर चलना चाहिए। फिर भगवान जरूर सफलता देंगे। महिला होने के नाते मुझे केयरिंग पुरुष पसंद हैं। पुरुषों के पास इतनी हिम्मत व समझ होनी चाहिए कि वे महिलाओं को उसकी पसंद के फील्ड में आगे बढ़ने दें। पुरुषों को महिलाओं को दबाना नहीं चाहिए और उन्हें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। हालांकि ये बातें महिलाओं पर भी लागू होती हैं। वैसे, महिलाओं पर हावी होने वाले पुरुष मुझे कभी इंप्रेस नहीं कर सकते। पुरुषों को महिलाओं की आजादी छीनने का कोई हक नहीं है। मैंने 'फिर मिलेंगे' जैसी फिल्में की हैं और इनके जरिए मुझे महिलाओं से जुड़े तमाम मुद्दों को जानने का मौका मिला है। वैसे, मैं गर्ल चाइल्ड के लिए कुछ करना चाहती हूं। मेरे पैरंट्स ने हमेशा मुझे बेटे की तरह ट्रीट किया है। अगर दूसरे पैरंट्स भी अपनी बेटियों को ऐसा ही ट्रीटमंट दें, तो वाकई महिलाओं की स्थिति कुछ और ही होगी। मैं अपने देश से प्यार करती हूं और चाहती हूं कि यहां के लोग महिलाओं को सही सम्मान व प्यार दें। बेशक, मैंने शो के मेकर्स को पहले ही यह साफ कर दिया था कि स्क्रीन पर मैं बिकनी नहीं पहनूंगी और ना ही मैं किसी को किस करूंगी। मैं ऐसा कोई काम नहीं करना चाहती, जिससे मेरा नाम खराब हो या मेरी सेल्फ रिस्पेक्ट पर आंच आए। मैं ऐसा कोई काम नहीं करना चाहती थी, जिसे हमारी वैल्यूज स्वीकारती न हों। और यह मैंने कॉन्ट्रैक्ट में लिखवाया भी था। यही वजह है कि अगर अब कोई मुझसे यह कहता है कि वहां मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व नहीं कर रही थी, तो इससे मुझे दुख पहुंचता है। कोई भी व्यक्ति मुझसे यह चीज नहीं छीन सकते। NBT

कपडे उतारने से मना किया तो हो गया दंगा

नॉर्थ क्विंसलैंड के न्यूडिस्ट कॉलनी में हो रही स्विंगर सेक्स पार्टी में अपने कपड़े उतारने से मना करने वाले एक टूरिस्ट पर एक छोटा सा दंगा भड़काने का आरोप है। दरअसल इस पार्टी में मौजूद शख्स की वजह से झड़प , दंगे की नौबत तक बढ़ गई कि बाद में इसे संभालने के लिए पुलिस बुलाई गई। कुरियर मेल की रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने ब्रिसबैन के इस शख्स और उनकी पत्नी से कहा कि चूंकि यह सेक्स पार्टी सिर्फ एडल्ट्स के लिए है , इसलिए यहां कुछ भी हो सकता है। पोर्ट डॉगलस के पास मोसमैन का यह ' द वाइट कोकैटो ' रिज़ॉर्ट गिरते टूरिज़्म फिगर को बेहतर बनाने के लिए इस तरह के स्विंगर्स एंड सेक्स पार्टीज़ को मार्च में आयोजित करता है। इस तरह की स्विंगर्स पार्टी के लिए यह टॉप ग्रुप सेक्स हॉट - स्पॉट रहा है। यह रिज़ॉर्ट पिछले साल इंटरनैशनल हेडलाइन में तब आया , जब इस तरह की पार्टी के आयोजन पर खुद के लगाए बैन को हटाने का इन्होंने खुलासा किया था। रिज़ॉर्ट के मालिक टोनी फॉक्स ने कहा कि इस झड़प की नौबत तब आई , जब चार न्यूड फीमेल गेस्ट्स ने अपने सामने पूरे कपड़े में मौजूद इस शख्स का विरोध करना शुरु किया। न्यूडिस्ट कॉलनी के मैनिजर ने कहा , ' वे महिलाएं उस शख्स के सामने कम्फर्टेबल फील नहीं कर पा रही थीं , इसलिए मैंने उनसे यही कहा कि वह थोड़ा रिस्पेक्ट दिखाते हुए अपने कपड़े उतार लें। मेरे यह कहते ही वह मुझे धमकियां देने लगे , उन्होंने कुछ अपशब्द भी कहे और फिर मैंने उनसे वहां से चले जाने के लिए कहा। फिर इसके बाद पुलिस बुलाई गई। ' NBT

Friday, March 6, 2009

उसकी इंसानियत पर भाई ने फेर दिया शौतानियत का पानी

लाहौर में श्रीलंकाई टीम पर हुए आतंकी हमले में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। श्रीलंकाई टीम की जान बचाने के बाद पाकिस्तान में हीरो बने बस ड्राइवर का भाई एक आतंकवादी था। खास बात यह है कि वह 1995 में कश्मीर में भारतीय फौज के हाथों मारा गया था। ब्रिटेन के एक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। गौरतलब है कि जिस बस में श्रीलंका की टीम जा रही थी, उसे मोहम्मद मेहर खलील चला रहा था। हमले के वक्त बस को वहां से सुरक्षित निकालने के बाद खलील पाकिस्तान में हीरो बन गया। अब पता चला है कि खलील का भाई एक आतंकवादी था। अखबार ने दावा किया है कि उसके रिपोर्टर ने खलील के रिश्तेदार से बात करने के दौरान वहां उसके आतंकी भाई की तस्वीर देखी। इसमें वह केलिनेकोव राइफल और एक रेडियो सेट लिए हुआ था। फोटो पर उर्दू में लिखा हुआ था, 'कश्मीर में शहीद मुजाहिद, जिसकी मौत उधमपुर में 25 अगस्त 1995 को हुई।' उसका कोड नेम अब्दुलाह बताया गया है। इसकी तस्दीक अखबार के रेकॉर्ड भी करते हैं। इसके मुताबिक 24 अगस्त 1995 को हरकत उल अंसार का एक टेररिस्ट अब्दुल्लाह भारतीय फौज के हाथों मारा गया था। बताया जाता है कि खालिद जमात-ए-इस्लामी पार्टी का सपोर्टर भी है। यह पार्टी पाकिस्तान में शरियत कानून को लागू करने की वकालत करती रही है। खालिद का खुद का भी मानना रहा है कि श्रीलंका की टीम पर हमला करने वाले आतंकी भारत से आए थे। 38 साल का खालिद लाहौर के अपने छोटे से घर में माता-पिता और भाई के साथ रहता है।

चढी जवानी बूढे नू

मुंबई के कोलाबा में एक 29 वर्षीय महिला ने 58 साल के बूढ़े डॉक्टर के खिलाफ रेप करने और उसकी न्यूड तस्वीरें खींचने की शिकायत दर्ज कराई है। महिला का आरोप है कि डॉक्टर ने रेप करने के बाद उसकी नंगी फोटो खींच ली और उन्हें अपने कंप्यूटर में सेव कर लिया। महिला का कहना है कि डॉक्टर इन तस्वीरों को दिखाकर उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए ब्लैकमेल करने लगा। महिला ने यह भी कहा कि डॉक्टर उसे यह लालच दिया कि वह उसकी शादी के लिए लड़का तलाश कर देगा। डॉक्टर की पहचान मनोहर शब्बानी के रूप में हुई है। वह एक स्कीन स्पेशलिस्ट है और मुंबई के कोलाबा में क्लिनिक चलाता है। महिला पहली बार जून 2006 में डॉक्टर के पास इलाज के लिए गई थी और इसी दौरान दोनों दोस्त बन गए। महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि वह अक्सर इलाज के लिए उसके क्लिनिक पर जाती थी और इसी दौरान एक दिन डॉक्टर ने उसे ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिला दिया और उसकी न्यूज तस्वीरें खींच लीं। इसके बाद डॉक्टर उसे ब्लैकमेल करने लगा कि अगर उसने उसके साथ सेक्स नहीं किया तो वह उसकी तस्वीरें मैगजीन और न्यूजपेपर में छपवा देगा। डॉक्टर ने उसे यह भी कहा कि वह उसकी शादी एक अच्छे लड़के से करवा देगा। लेकिन जब डॉक्टर उसकी शादी के लिए कोई अच्छा लड़का नहीं ढूंढ पाया तो दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होने लगा और महिला ने डॉक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा दी। कोलाबा के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर दीपक विश्वासराव ने बताया कि महिला की शिकायत के बाद डॉक्टर शब्बानी का कंप्यूटर और तीन मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा- चूंकि महिला और डॉक्टर के बीच पिछले तीन सालों से संबंध थे इसलिए यह मामला काफी पेचिदा है और वह इसकी गंभीरता से जांच कर रहे हैं।

शिल्पा पर चढा होली का खुमार भांग पिलाएंगी राजस्थान राॅयल्स को

शिल्पा शेट्टी आईपीएल की अपनी टीम राजस्थान रॉयल्स में और रंग भरना चाहती हैं। इसलिए शिल्पा ने होली से पह
ले वाली शाम राजस्थान रॉयल्स के नाम करने का इरादा किया है। शिल्पा रॉयल्स के साथ अपनी पार्टनरशिप को लेकर काफी एक्साइटेड हैं। वह अपनी टीम का हौसला बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं। होली की पूर्व संध्या यानी 10 मार्च को मुंबई के ग्रैंड हयात में वह और राज कुन्द्रा पार्टी का आयोजन कर रहे हैं। शिल्पा ने बताया कि पार्टी होली की पूर्व संध्या पर हो रही है इसलिए इसमें रंगों का इस्तेमाल नहीं होगा। हालांकि हम स्टेज पर रंगों से नहीं खेलेंगे। लेकिन पार्टी में भांग की व्यवस्था होगी। शिल्पा ने कहा कि मैं इस साल कई चीजें लॉन्च कर रही हूं जिसमें मेडी स्पा भी शामिल है। यह आईपीएल का ही हिस्सा होगा। श्रीलंकाई खिलाड़ियों पर हुए हमले पर शिल्पा ने अफसोस जताया और कहा कि पाकिस्तान में काफी दुखद घटना हुई। पिछले साल आईपीएल में सुरक्षा व्यवस्था काफी बेहतर थी। हर खिलाड़ी का अच्छे तरीके से ध्यान रखा गया।

कई बार मौत आई, फिर बच्चे को जन्म दिया

इस खबरपर यकीन करने में आपको कुछ देर लगेगी। इंग्लैंड की एक महिला चेरल क्रिस्प दिल का
दौरा पड़ने के कारण कई मुसीबतों में पड़ी। कई बार तकनीकी रूप से उसे मृत घोषित किया गया, यहां तक कि उसकी याददाश्त भी चली गई। फिर भी उसने एक बेटे को जन्म दिया। चेरल 35 साल की है। पिछले साल 2 दिसंबर को वह अपने पति टेरी केम्प के साथ कुछ शॉपिंग करके लौट रही थीं। तभी उन्हें साउथ लंदन के बेकनहम स्थित अपने घर के पास ही दिल का दौरा पड़ा। टेरी फौरन ही उसे पास ही के अस्पताल ले गये। वहां पार्किन्ग में ही गाड़ी खड़ी करके उन्होंने डॉक्टरों को कॉल किया। चेरल के इलाज के दौरान पता चला कि उनकी एक नस में खून का थक्का जम गया है। उनका ऑपरेशन किया गया। लेकिन इलाज के
दौरान कई बार यह मौका आया कि उन्हें तकनीकी रूप से मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टर कुछ दवाओं का इस्तेमाल इसलिए नहीं कर पाए कि उससे उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता था। पर जैसे ही डॉक्टरों ने खून के थक्के को साफ कर दिया उन्हें आठ दिनों तक कोमा में रख दिया गया। इस बीच कोमा के छठे दिन चेरल ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। इसका नाम एल्बी रखा गया है। डॉक्टर इसे चमत्कार ही मान रहे हैं, क्योंकि ऐसी हालत में या तो बच्चे की जान को खतरा था मां की जान को। लेकिन इसका एक नुकसान यह हुआ कि उनकी याददाश्त चली गई। कोमा टूटने के बाद उन्होंने कहा कौन बच्चा, किसका बच्चा। वह यह भी भूल गईं कि वह प्रेग्नंट थीं। उन्होंने यह भी पूछा कि वह अस्पताल में क्यों हैं। जब उन्हें पूरा घटनाक्रम बताया गया तो वह भी यकीन नहीं कर सकीं। उन्होंने कहा कि यह सब सुनने के बाद मेरा सिर घूमने लगा है। इस कपल को पहले से एक 16 साल का बेटा सैम और 9 साल की बेटी जॉर्जी है। लेकिन अब उनकी याददाश्त धीरे-धीरे लौट रही है। और इनकी जिन्दगी पटरी पर लौटने लगी है।

16वीं सदी के मकबरे में 12 परिवारों का आशियाना

सोलहवीं सदी में बना अतगाह खान का मकबरा वैसे तो एएसआई संरक्षित है। पर फिलहाल यहां सूखते कपड़े चुगली करते हैं यहां गैरकानूनी रूप से बने 12 परिवारों के आशियाने की। मुगल बादशाह अकबर अपनी धाय मां जीजी अंगाह के पति अतगाह खान को पिता समान समझते थे। अतगाह खान का मकबरा इंडियन नैशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट ऐंड कल्चरल हेरिटेज (इन्टैक) द्वारा ए क्लास का हेरिटेज घोषित किया गया है। एक्सर्पट्स के मुताबिक, अकबर काल की कुछ ही इमारतें दिल्ली में बची हैं, 1566-67 में बना यह मकबरा उन्हीं में से एक है। यहां पहुंचने का फिलहाल जो आसान रास्ता है, वह तार पर सूखते कपड़ों के पीछे छिपा रहता है। इसके अलावा निजामुद्दीन दरगाह की ओर का दूसरा रास्ता पतली गली से होकर जाता है, जिसका इस्तेमाल लगभग बंद-सा है। लोहे के एक छोटे से गेट के पीछे जर्जर हालत में खड़ा यह मकबरा आज भी मुगलिया वास्तुकला की शान-ओ-शौकत बयां करता है। जब हमारे रिपोर्टर्स वहां पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि मकबरा का कंपाउंड बच्चों का स्पोर्ट्स ग्राउंड बना हुआ है और नीचे का चैंबर बारह परिवारों का आशियाना। हालांकि मार्बल इनले वर्क वाली बाहर की बनावट काफी ठीकठाक हालत में पाई गई, कई जगहों पर प्लास्टर की परतें जरूर उखड़ गई हैं। नीचे के चैंबर तक पहुंचने के लिए एक पतली गली से होकर गुजरना होता है। वहां रहने वाले वाशिंदों ने अंदर का ढांचा पूरी तरह बदल दिया है। फर्श पर संगमरमर की जगह टाइलें लगा दी गई हैं, तो दीवारों पर बने महराब अलमारी की शक्ल में बदल चुके हैं। बाकी की जगह फर्निचर से ढक गई है। एएसआई के मुताबिक, एक खास स्ट्रेटजी के तहत वहां रह रहे लोगों को कहीं और बसाने की कोशिश की जा रही है। उनके अडि़यल रवैये की वजह से फिलहाल एक भी परिवार वहां से हटाया नहीं जा सका है। लेकिन अब धीरे-धीरे उन्हें बात समझ में आ रही है और वे जगह छोड़ने को तैयार हो गए हैं। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जैसे ही जगह खाली करा ली जाएगी, ढांचे को दोबारा मूल रूप में लाने की कवायद भी शुरू हो जाएगी। अतगाह खान का मकबरा विवादास्पद लाल महल के खंडहरों से कुछ ही दूरी पर स्थित है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इमारत को और अधिक नुकसान न हो, इसके लिए इसे तुरंत खाली कराना जरूरी हो गया था। गौरतलब है कि संरक्षित और गैरसंरक्षित इमारतों से अवैध कब्जा हटाने को लेकर सरकार ने इन दिनों सख्त रवैया अख्तियार कर लिया है। NBT