प्रसिद्ध गांधीवादी और पर्यावरणविद् डॉ.जी.डी. अग्रवाल ने लोहारीनाग-पाला परियोजना पर कार्य फिर आरंभ किए जाने के विरोध में पांच अगस्त से आमरण अनशन करने की घोषणा की है, लेकिन उनके अनशन का स्थल अभी तय नहीं है। डा.अग्रवाल के करीबी पर्यावरण कार्यकर्ता पवित्र सिंह ने देहरादून से टेलीफोन पर बताया कि न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए परियोजना स्थल पर दिन-रात काम जारी है। इसका विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं को जिला प्रशासन धमका रहा है। गौरतलब है कि नैनीताल उच्च न्यायालय ने 18मई 2009 के अपने आदेश में केंद्र सरकार को लोहारीनाग-पाला परियोजना के संबंध में स्पष्ट निर्णय लेने या सलाह देने के लिए चार सदस्यीय समिति के गठन का आदेश दिया था। पवित्र सिंह ने बताया कि अनशन स्थल अभी तय नहीं है और समय तथा परिस्थिति के अनुसार डॉ.अग्रवाल खुद इसके बारे में फैसला लेंगे। उन्होंने संकेत दिया कि नई दिल्ली या हरिद्वार में किसी एक स्थान पर डॉ.अग्रवाल आमरण अनशन के लिए बैठेंगे। डा.अग्रवाल ने सरकार के आश्वासनों के बावजूद गंगा के अस्तित्व को खतरे में डालने वाली परियोजनाओं पर निर्माण कार्य जारी रखने से निराश होकर आमरण अनशन पर बैठने का फैसला किया है।