Monday, July 13, 2009

‘गुमशुदा’ स्वतंत्रता सेनानियों की तलाश

देश भर में चिह्नित एक लाख सत्तर हजार से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों में से एक लाख से ज्यादा सेनानी लंबे समय से गुमशुदा हैं। उनकी गुमशुदगी से केंद्रीय गृह मंत्रालय परेशान है। स्वतंत्रता सेनानियों की पहचान करने और उन्हें पेंशन देने की जिम्मेदारी उसी पर है।
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक लंबे समय तक ये स्वतंत्रता सेनानी पेंशन लेने नहीं पहुंचे तो मंत्रालय को चिंता हुई। अधिकारियों को आशंका है कि यह आंकड़ों में हेराफेरी और रजिस्टरों में सेनानी की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने का मामला तो नहीं है। हाल ही में इस मामले में उच्चस्तरीय समीक्षा के बाद बाबूओं को कार्रवाई का भय सता रहा है।
गुमशुदगी स्वयं मानी
मंत्रालय की स्वतंत्रता सेनानी इकाई के मुताबिक कुल 1.70 लाख सेनानियों को पेंशन के लिए चिह्नित किया गया है। हालांकि इनमें से सिर्फ 55 से 60 हजार सेनानी ही पेंशन ले रहे हैं। उसने बताया कि 2009-10 में पेंशन के लिए पांच सौ करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि का प्रावधान किया गया है।
कौन हैं स्वतंत्रता सेनानी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रानी झांसी रेजीमेंट 1943-45, चौरी चौरा कांड 1922, गदर आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन1942 समेत 40 आंदोलनों में शिरकत करने वाले लोगों को स्वतंत्रता सेनानी माना है। इसके अलावा स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान छह माह की जेल या भूमिगत होने पर भी पेंशन की पात्रता होती है। महिलाओं व अनूसूचित जाति-जनजाति के मामलों में यह समय सीमा तीन माह है। स्वतंत्रता सेनानियों को 6330 से 7330 रुपए मासिक पेंशन दी जाती है। इसके अलावा 79 प्रतिशत महंगाई राहत भी दी जाती है। अविवाहित-बेरोजगार पुत्रियों के मद में 1500 रुपए मासिक के साथ 79 प्रतिशत महंगाई राहत दी जाती है। इसी तरह क्रांतिकारियों के माता-पिता के लिए महंगाई राहत के साथ हजार रुपए प्रति व्यक्ति दिए जाते हैं।
कहां-कितने स्वतंत्रता सेनानी
-मंत्रालय के 2008 के आंकड़ों के अनुसार देश भर में पेंशन योग्य सेनानियों की संख्या 1,70,375 थी।
-आजाद हिंद फौज के 22,468 सैनिकों को भी स्वतंत्रता सेनानी माना गया था।
-लक्षद्वीप, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश ऐसे तीन राज्य हैं, जहां 2008 के अांकड़ों के अनुसार एक भी व्यक्ति स्वतंत्रता सेनानी के रूप में दर्ज हैं। BHASKAR