Wednesday, July 29, 2009

नाप लेने के नाम पर टीचर ने छात्राओं को 'नंगा' किया

मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में एक गुरुजी (टीचर) ने ड्रेस का माप लेने के नाम पर प्राइमरी क्लास की 8 छात्राओं के कपडे़ ही उतरवा दिए। ऐसा करने वाले टीचर को बर्खास्त कर गिरफ्तार कर लिया गया है। जिले के गंजबासौदा विकासखण्ड के जनजाति मजदूरों की बस्ती नूरपुर टपरा में स्थित शिक्षा गारंटी स्कूल (ईजीएस) में तैनात टीचर संजीव शर्मा ने 5वीं की छात्राओं को नई ड्रेस का माप लेने के बहाने कमरे में बुलाया। गुरुजी ने बंद कमरे में एक-एक कर छात्राओं के कपडे़ उतरवाए और हाथ के पंजे से लड़कियों का माप लिया। छात्राओं ने इसकी शिकायत अपने परिजनों
से की तो मामला गरमा गया। गंजबासौदा के एसडीएम ने बुधवार को बताया है कि संजीव शर्मा को बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही उनके खिलाफ त्योंदा थाने में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। एसडीएम ने बताया कि ने बताया है कि संजीव शर्मा के साथ काम करने वाली एक शिक्षिका ने भी पहले शिकायत की थी कि उनकी हरकतें ठीक नहीं हैं।

सोना बेचो और पैसा बनाओ!

कीमतों में आई तेजी ने लोगों में सोने को बेचकर पैसा बनाने का ट्रेंड पैदा किया है और लोग अपने परिवार के पुराने गहने बेचकर जमकर मुनाफा कमा रहे हैं। दरीबा बाजार के रतनचंद ज्वालानाथ जूअलर्स के तरुण गुप्ता बताते हैं, 'ऐसा पहली बार हो रहा है जब लोग गहनों को बेचकर कैश ले जा रहे हैं। इससे पहले जो भी लोग आते थे वे पुराने सोने के बदले में सोने के नए गहने खरीदकर ले जाते थे। हालांकि यह ट्रेंड जनवरी से अप्रैल के दौरान ज्यादा रहा और अब इसमें कमी आ रही है।' जानकारों के मुताबिक जब सोने में 2,000 से 3,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की तेजी आती है तो लोग सोना बेचना शुरू कर देते हैं। चांदनी चौक के कूचामहाजनी के बुलियन मर्चेन्ट एसोसिएशन के प्रेजिडंट श्रीकिशन गोयल के मुताबिक, 'सोना 10,000 से 14,000 के स्तर पर आया तो स्क्रैप की बिक्री में भारी तेजी आई। अब कुछ कमी आई है। लोग भाव बढ़ने के इंतजार में हैं।' गोयल के मुताबिक दिल्ली में 200 से 300 टन सोने की सालाना खपत होती है। जूअलर्स के कारोबारी बताते हैं कि दिल्ली में पहले कोई दुकानदार दिनभर में 100 ग्राम गहने बेचता था तो उसके पास केवल पांच ग्राम पुराना सोना बिक्री को आता था। सोने के भाव में आई तेजी से यह ट्रेंड बदल गया है। गुप्ता बताते हैं, 'जनवरी से अप्रैल के दौरान नए सोने की बिक्री तो गिरकर 10 ग्राम पर आ गई जबकि दुकानदारों के पास बिकने वाले पुराने सोने की मात्रा 100 ग्राम हो गई।' जानकारों के मुताबिक स्क्रैप बिक्री की प्रवृत्ति पहले भी थी लेकिन सोने के 14,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंचने को लोगों ने इसकी बिक्री के जरिए पैसा बनाने का बेहतरीन मौका माना है। बोनांजा ब्रोकरेज के असिस्टेंट वाइस प्रेजिडंट(गोल्ड) विभुरतन धारा के मुताबिक, 'लोगों ने इस बार स्क्रैप गोल्ड की काफी बिक्री की है। ऊंची कीमतें इसकी सबसे बड़ी वजह है। साल 2005-06 के 7,000 रुपये के स्तर से जब सोने के भाव फरवरी 2007 में 10,758 रुपए के स्तर पर पहुंचे थे, उस वक्त भी सोने के स्कैप की घरेलू बिक्री में तेजी आई थी।'

नस्लवाद का शिकार महिला पुलिसकर्मी

लंदन एक ट्रिब्यूनल ने एक सिख महिला पुलिसकर्मी को नस्ली भेदभाव का शिकार पाया है। इस आदेश के बाद महिला को हर्जाने के तौर पर हजारों पाउंड मिलने तय हैं। एक इंप्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल ने पाया कि अमनदीप कौर ग्रेवाल को मेट्रोपॉलिटन पुलिस के साथ ट्रेनिंग के दौरान नस्ली और धार्मिक भेदभाव का सामना करना पड़ा। कौर ने इसके एवज में हर्जाने की मांग की थी। भारतीय मूल की इस महिला का दावा है कि उसकी ट्रेनर लुसिंडा रिग्बी ट्रेनिंग के दौरान उसके साथ जरूरत से ज्यादा सख्ती बरतती थी।

Tuesday, July 21, 2009

डॉ. कलाम के साथ बदसलूकी

भारतीय मिसाइल कार्यक्रम के जनक माने जाने वाले डॉ . कलाम के साथ दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बदसलूकी की गई। पिछले दिनों अमेरिका की एक एयरलाइन कंपनी के कर्मचारियों ने सुरक्षा जांच के नाम पर डॉ . कलाम की जेब में रखा पर्स , उनका मोबाइल ही नहीं बल्कि जूते तक उतरवा लिए। कलाम के साथ यह घटना उस समय हुई जब वह सरकारी यात्रा पर कॉन्टीनेंटल एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या सीओ -083 से न्यू यॉर्क जा रहे थे। वाकया इसी साल 24 अप्रैल का है। इस दौरान डॉ . कलाम के साथ भारत सरकार के एक प्रोटोकॉल अधिकारी कस्टम , सीआईएसएफ , इमीग्रेशन और डायल के अफसर एयरोब्रिज के नजदीक पहुंचे। वहां मौजूद कॉन्टीनेंटल एयरलाइंस के अफसरों ने डॉ . कलाम को सुरक्षा जांच के लिए लाइन में लगने को कहा। प्रोटोकॉल अफसरों ने जांच अधिकारियों को डॉ . कलाम के कद और पद के बारे में सूचित भी किया।
बावजूद इसके अपने देश की सरजमीं पर ही उन्हें एयरलाइंस के जांच अधिकारियों ने सुरक्षा संबंधी जांच में छूट देने से इनकार कर दिया। अधिकारियों ने न केवल डॉ . कलाम का पर्स , मोबाइल स्कैन किया बल्कि उनके जूते तक उतरवा लिए। डॉ . कलाम ने अपनी सादगी का परिचय देते हुए अफसरों की मांग के मुताबिक न केवल जांच से सहयोग किया बल्कि बिना शिकायत विमान में सवार हो गए। एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक , कॉन्टिनेंटल एयरलाइंस ने इंडियन एयरलाइंस की सब्सिडरी कंपनी एएसएल को सुरक्षा जांच की जिम्मेदारी सौंपी हुई है। कलाम की जांच करने वाली टीम के सदस्य का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति को देखने के बाद वह असमंजस में पड़ गए लेकिन मौके पर मौजूद एयरलाइंस के विदेशी अधिकारी ने नो वन इज एग्जेम्टेड ( किसी को छूट नहीं ) कहते हुए जांच के आदेश दिए। इसी एयरलाइंस से जुडे़ एक अन्य अधिकारी ने घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा , कई बार इसी कंपनी के कर्मचारी भारत में प्रशिक्षण के लिए आते हैं और कभी सुरक्षा जांच से नहीं गुजरते हैं , लेकिन यह एयरलाइंस अक्सर भारत के प्रतिष्ठित नागरिकों और राजनयिकों की सुरक्षा जांच के नाम पर बेइज्जत करती आई है। जबकि , कानून के मुताबिक राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्रियों को एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच से छूट मिलती है। लेकिन इस अमेरिकी एयरलाइन कंपनी ने नियमों की धज्जियां उड़ा दीं। इस मामले की गूंज संसद में भी मंगलवार को सुनाई दी। बीजेपी ने राज्यसभा में इस मामले को जोरदार तरीके से उठाते हुए अमेरिकी एयरलाइन की उड़ानों पर रोक लगाने की मांग कर दी। वहीं , समाजवादी पार्टी ( एसपी ) के वरिष्ठ नेता जनेश्वर मिश्र ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि यह मामला महज प्रक्रियागत या खानापूरी नहीं है। बल्कि इसके पीछे काले - गोरे , ऊंचे - नीचे इंसानों की सोच काम कर रही है। उन्होंने गांधी , मंडेला और राम मनोहर लोहिया जैसी हस्तियों का नाम इस सिलसिले में लेते हुए पूरे मामले को एक भारतीय का अपमान करार दिया। उन्होंने कहा कि यह साफ तौर पर रंगभेद का मामला है। बीजेपी के राज्यसभा नेता अरुण जेटली ने भी कहा कि यह महज जांच का मुद्दा नहीं है बल्कि मामले की गंभीरता कहीं आगे तक है। सदन की भावनाओं को भांपते हुए सरकार की ओर से नागरिक उड्डयन मंत्री ( सिविल एविएशन मिनिस्टर ) प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि मैं सदन की भावनाओं का सम्मान करता हूं और इस मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

रेप की शिकार मानसिक विकलांग को मिली मां बनने की इजाजत

सुप्रीम कोर्ट ने मानसिक रूप से विकलांग एक रेप पीड़ित महिला को अपने बच्चे को जन्म देने की इजाजत दे दी है। चीफ जस्टिस के. जी. बालकृष्णन और जस्टिस पी. सदाशिवम की बेंच ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। यह महिला चंडीगढ़ के एक केयर होम में रेप का शिकार हुई थी, जिसके बद यह प्रेगनंट हो गई थी। इसे 19 महीने की प्रेगनंसी है। सामाजिक कार्यकर्ता मांग कर रहे थे कि महिला को बच्चे को जन्म देने की इजाजत न मिले, क्योंकि बच्चे पर गलत असर पड़ेगा। उधर महिला के वकील उसके इजाजत दिए जाने की मांग कर रहे थे। कोर्ट इस महिला को लेकर काफी चिंतित थी, क्योंकि यह महिला अनाथ है और उसे कोई सामाजिक समर्थन प्राप्त नहीं है। कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश दिया है कि इस महिला और उसके बच्चे की देखभाल करे।

Thursday, July 16, 2009

पूरी तनख्वाह चैरिटी में दे देते हैं श्रीधरन

पिछले कई दिन मेट्रो चीफ ई. श्रीधरन के लिए काफी मुश्किल भरे रहे। पिछले रविवार को मेट्रो साइट पर हुए हादसों के बाद तो उन्होंने जाने की तैयारी कर ली थी, लेकिन शीला सरकार ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें अपने पद पर बने रहने के लिए कहा। रविवार को हुए इन हादसों के बाद अपने पहले इंटरव्यू में श्रीधरन ने NBT सहयोगी संवाददाता मेघा सूरी के साथ खुलकर बात की और अपने दिल की बात कही। रविवार को जब आपने इस्तीफा देने का फैसला किया उस वक्त आपके दिमाग में क्या चल रहा था? कई कारण थे जिसके कारण मैंने यह फैसला लिया था। मैं पिछले 11 सालों से मेट्रो प्रोजेक्ट से जुड़ा हूं और हमारा रेकॉर्ड भी काफी अच्छा रहा है। पिछले साल लक्ष्मी नगर में हुए हादसे के बाद हमने सिक्यूरिटी मेजर्स और मॉनिटरिंग बढ़ा दी थी। मैंने इस बात की भी हिदायत दी थी कि अगर जरा भी इस बात का अंदेशा हो कि सुरक्षा के लिहाज से कहीं कोई कमी है तो तुरंत साइट पर काम रोक दिया जाए। लेकिन इस सब के बाबजूद अगर ऐसा हादसा दोबारा होता है तो मुझे इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
भगवान न करे , अगर फिर ऐसा हादसा हो तो क्या आप दोबारा इस्तीफा देंगे। और क्या तो तब यह नहीं कहा जाएगा कि आप जिम्मेदारियों से भाग गए? जब तक मेट्रो का फेज़-2 (कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 तक)पूरा नहीं होता, मैं ऑर्गनाइजेशन को छोड़कर कहीं नहीं जाने वाला, चाहे जो हो जाए। यह मेरी ड्यूटी है, देश के प्रति मेरा उत्तरदायित्व है। मुख्यमंत्री, जयपाल रेड्डी और कई लोगों के मुझे आश्वासन दिया है कि वे मेरे साथ हैं। यहां तक की राहुल गांधी ने भी फोन करके मुझे कहा कि प्लीज मत जाइए, हम आपके साथ हैं। लेकिन आपको क्या लगता है कि रविवार का हादसा क्यों हुआ? मैं भी जानना चाहता हूं कि इसके पीछे क्या कारण हैं। लेकिन एक एंजीनियर होने के नाते मेरा अपना अनुभव यह कहता है कि यह खंभे की डिजाइन की गड़बड़ी के कारण हुआ है। मार्च में इस खंभे में दरार देखी गई थीं और मैंने खुद उसे देखने भी गया था। मैं खुद संतुष्ट नहीं था और इसलिए मैंने एक सेफ्टी टीम को इसकी देखरेख करने के काम में लगाया था, लेकिन उनका निष्कर्ष था कि दरारें ऊपरी हैं। लेकिन तब भी मैं संतुष्ट नहीं था। इसलिए हमने यह फैसला किया है पिलर पर पूरा लोड डालकर टेस्ट किया जाएगा... इसका मतलब है कि आप चाहते थे कि पिलर को गिरा दिया जाए? हां, मैं चाहता था कि उसे उसी वक्त गिरा दिया जाता। लेकिन यह संभव नहीं था क्योंकि एक दूसरा गर्डर को पहले ही ऊपर उठाया जा चुका था और वह पिलर पर रखा जा चुका था। इस गर्डर का भार 450 टन था और पिलर को तब तक नहीं गिराया जा सकता था जब तक गर्डर को उस पर से हटाया न जाए। मेरी टीम ने मुझे कहा कि फिलहाल इस टेस्ट को न किया जाए और कंट्रक्शन पूरा होने और फिनिशिंग के बाद पिलर को टेस्ट कर लिया जाए। और मैंने उनकी सलाह के आगे सिर झुका दिया। और इसी का मुझे अफसोस है। यही कारण है कि मुझे लगा कि यह मेरी नैतिक जिम्मेदारी है। मुझे अपने फैसले पर अड़े रहना चाहिए था और पिलर को उसी वक्त गिरा देना चाहिए था। लेकिन उस वक्त अपने फैसले से पीछे हटना ही मेरी सबसे बड़ी गलती थी। अगर 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स की डेडलाइन नजदीक नहीं होती, तो क्या आपको लगता है कि आप अपने फैसले पर बने रहते और उस पिलर को गिरा देते? नहीं, यह बात नहीं है। हम इस लाइन पर पहले ही अपनी समयसीमा से 5-6 महीने आगे काम कर रहे हैं और अभी हमारे पास काफी समय है। अगर मैं सच में चाहता, तो उस पिलर को नष्ट करवा सकता था। हादसे के बाद लाइन पर काम में देरी होगी? इस साइट पर अब कम से कम तीन महीने की देरी होगी, लेकिन इससे इस पूरी लाइन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि बाकी जगह पर काम चल रहा है।
ऐसी अफवाहे हैं कि जब इस लाइन को बनाने का फैसला किया गया था तब ज्यादातर लोग चाहते थे कि इसे अंडरग्राउंड बनाया जाए। इस हादसे के बाद आपको लगता है कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में मेट्रो अंडरग्राउंड ही हो, फिर चाहे इसकी लागत ज्यादा ही क्यों न हो?
अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट में खतरे और ज्यादा होते हैं। वहीं लागत भी तीन गुना बढ़ जाती है और टाइम भी कहीं ज्यादा लगता है। मुझे लगता है कि जहां भी संभव हो हमें मेट्रो को ऊपर ही बनाना चाहिए।
आपको क्या लगता है ऐसे बड़े प्रोजेक्ट पर काम करने में सबसे बड़ी रुकावटें क्या हैं?
बड़े कॉन्ट्रैक्टर्स की बहुत कमी है, जो इस तरह के प्रोजेक्ट को पूरा कर सकें। कुछ बड़े कॉन्ट्रैक्टर्स जैसे- एल ऐंड टी ( L&T )ऐसे प्रोजेक्ट्स पर काम नहीं करना चाहते जिनकी कीमत 300-400 करोड़ से कम हो। हमारे ज्यादातर टेंडर्स 100-120 करोड़ रुपए के हैं। सरकार ने कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले जिस आखिरी लाइन को अनुमित दी थी वो है- बदरपुर लाइन। लेकिन जब हमने बदरपुर लाइन के 10 स्टेशनों के लिए टेंडर मंगाए तो हमें कोई टेंडर नहीं मिला। तब हमने दोबारा टेंडर निकाला और तब सिर्फ हमें एक टेंडर मिला और वह था- गैमन। हम अपने 2-3 कॉन्ट्रैक्टर्स के काम से संतुष्ट नहीं हैं लेकिन हमारे पास उन्हें बदलने के लिए कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। NBT

पर्यावरणविद डॉ.जी.डी. अग्रवाल 5 अगस्त को करेंगे अनशन

प्रसिद्ध गांधीवादी और पर्यावरणविद् डॉ.जी.डी. अग्रवाल ने लोहारीनाग-पाला परियोजना पर कार्य फिर आरंभ किए जाने के विरोध में पांच अगस्त से आमरण अनशन करने की घोषणा की है, लेकिन उनके अनशन का स्थल अभी तय नहीं है। डा.अग्रवाल के करीबी पर्यावरण कार्यकर्ता पवित्र सिंह ने देहरादून से टेलीफोन पर बताया कि न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए परियोजना स्थल पर दिन-रात काम जारी है। इसका विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं को जिला प्रशासन धमका रहा है। गौरतलब है कि नैनीताल उच्च न्यायालय ने 18मई 2009 के अपने आदेश में केंद्र सरकार को लोहारीनाग-पाला परियोजना के संबंध में स्पष्ट निर्णय लेने या सलाह देने के लिए चार सदस्यीय समिति के गठन का आदेश दिया था। पवित्र सिंह ने बताया कि अनशन स्थल अभी तय नहीं है और समय तथा परिस्थिति के अनुसार डॉ.अग्रवाल खुद इसके बारे में फैसला लेंगे। उन्होंने संकेत दिया कि नई दिल्ली या हरिद्वार में किसी एक स्थान पर डॉ.अग्रवाल आमरण अनशन के लिए बैठेंगे। डा.अग्रवाल ने सरकार के आश्वासनों के बावजूद गंगा के अस्तित्व को खतरे में डालने वाली परियोजनाओं पर निर्माण कार्य जारी रखने से निराश होकर आमरण अनशन पर बैठने का फैसला किया है।

आतंकवाद बड़ा खतरा

मिस्र के शहर शर्म अल शेख में गुटनिरपेक्ष देशों के सम्मेलन में अब से ठीक 30 मिनट बाद भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाक प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसके बाद दोनों देशों ने एक संयुक्त साझा बयान जारी किया है। इस साझा बयान में दोनों देशों ने आतंकवाद को एक बड़ा खतरा बताया है। दोनों देश यह मानतें है कि आतंकवाद दोनों देश के लिए खतरा है और इससे लड़ने के लिए दोनों देश मिलकर काम करेंगे।भारत और पाक के दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच बेहतर माहौल में बातचीत हुई है और दोनों देशों ने माना की संबंधों में सुधार के लिए बातचीत एक बेहतर अवसर है।

Tuesday, July 14, 2009

रेप आरोपी बरी,

बलात्कार के एक मामले में पीड़िता को संदिग्ध चरित्र वाली महिला बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने
एक व्यक्ति को दोषमुक्त करार दिया है, जिसे एक निचली अदालत ने रेप का दोषी ठहराया था। जस्टिस मुकुंदकम शर्मा और जस्टिस बी.एस. चौहान की बेंच ने कहा कि यह एक ऐसी महिला लगती है जो यौन संसर्ग करती रहती थी। उसे अपने आनंद के लिए किसी भी जान-पहचान के शख्स के साथ घुलमिल जाने और खुली गतिविधियां करने में कोई आपत्ति नहीं थी। बेंच ने फैसले में कहा कि इस तरह वह एक संदिग्ध चरित्र वाली महिला दिखाई देती है। बेंच ने अभियोजन पक्ष के इस नजरिए को खारिज कर दिया कि पीड़िता नाबालिग थी।
इससे पहले आरोपी मूसाउद्दीन अहमद उर्फ मूसा को गुवाहाटी में कामरूप की एक सेशन कोर्ट ने बलात्कार का दोषी ठहराया था और 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। मूसा ने गुवाहाटी हाई कोर्ट में अपील की थी। हाई कोर्ट ने भी उसे दोषी करार देने के फैसले पर मुहर लगाई लेकिन सजा घटाकर चार साल कर दी। मूसा ने अपनी याचिका में कहा था कि उसने कोई बलात्कार नहीं किया गया था और यह आपसी सहमति से यौन संबंधों का मामला है। याचिका को स्वीकारते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालतों में पीड़िता से पूछताछ के दौरान जांच एजंसियों के समक्ष दिये गये बयानों में कई तरह के विरोधाभास थे।

प्रिंसिपल 20 सालों से छेड़छाड़ करता रहा

साकीनाका थाने में 39 साल की एक टीचर ने स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया है। दर्ज किए गए मामले में पीड़ित स्कूल टीचर ने आरोप लगाया है कि प्रिंसिपल पिछले 20 सालों से उसके साथ छेड़छाड़ करता रहा है। शिवराम विद्यामंदिर की इस टीचर ने यह आरोप प्रिंसिपल रमाशंकर श्रीवास्तव के खिलाफ लगाया है। अपने बयान में इस टीचर ने कहा है कि आरोपी उसे फोन करके पहले अपने केबिन में बुलाता था फिर उसके साथ अभद्रता करता था। विरोध करने पर वह उसे धमकाते हुए कहता कि अगर उसने ऐसा करने की हिमाकत की तो वह उसे बदनाम कर देगा। गौरतलब है कि एक स्थानीय न्यूज़ चैनल ने इस प्रिंसिपल की विवादित क्लिपिंग्स पहले अपने चैनल पर दिखाई थी जिसके बाद से ही यह प्रिंसिपल फरार बताया जा रहा है। साकीनाका पुलिस फिलहाल कालेज स्टॉफ से बात कर श्रीवास्तव के खिलाफ सबूत इकट्ठा कर रही है। NBT

मास्टर साहब ने बनाया बंधक, करते रहे यौन शोषण

नाबालिग लड़की के कथित यौन शोषण के आरोप में बडवानी स्थित शासकीय महाविद्यालय के एक सहायक प्राध्यापक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार रविवार को सिलावद थाना क्षेत्र के अंतरसभा गांव की 16 वर्षीय लड़की की शिकायत पर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इतिहास पढ़ाने वाले सहायक प्राध्यापक प्यारेलाल डूडवे को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में उसके घर में काम करने वाली महिला को भी गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक अन्य राजेंद्र नामक व्यक्ति की तलाश की जा रही है।
आरोपी प्राध्यापक और उसकी नौकरानी बालीबाई को सोमवार को यहां न्यायिक दंडाधिकारी रेखा दीक्षित की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस किशोरी को बालीबाई और राजेंद्र हाट बाजार ले जाने के बहाने बड़वानी लेकर आए थे और उसे प्राध्यापक को सौंपा गया था।
डूडवे ने कथित रूप से उक्त किशोरी को अपने घर में बंधक बनाकर उसका यौन शोषण किया। दो दिन पहले लड़की को उसके भाइयों ने मुक्त कराया है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रवींद्र कान्हरे ने बताया कि मामले की रिपोर्ट आयुक्त उच्च शिक्षा आयोग को भेज दी गई है। कॉलेज सूत्रों ने बताया कि खरगोन जिले के बड़वाह में शासकीय पद पर पदस्थ डूडवे की पत्नी ने उच्च शिक्षा विभाग को भेजे पत्र में पति को कथित रूप से व्यभिचारी बताते हुए उनका वेतन नहीं निकाले जाने की मांग पूर्व में की है।

एयरहोस्टेस से लेकर पायलट तक नशे में

विमान के उड़ान भरने से ठीक पहले पायलट या परिचालक दल के सदस्यों के नशे में पाए जाने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। पिछले छह माह में इस तरह के करीब एक दर्जन मामलों की रिपोर्ट डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) को भेजी गई है। नशे में धुत्त पाए गए कर्मचारियों में एयरहोस्टेस भी शामिल हैं। सबसे ताजा मामला सोमवार को हैदराबाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सामने आया, जहां मुंबई जाने वाली इंडियन एयरलाइंस की सेवा (आईसी-९४२) का एक फ्लाइट अटेंडेंट नशे में पाया गया।
एक निजी एयरलाइंस के अधिकारी का कहना है कि इस तरह के मामलों में वृद्धि चिंताजनक है। डीजीसीए इस तरह के क्रियाकलापों में लिप्त पाए गए पायलटों व चालक दल के सदस्यों पर लगातार नजर रखता है। उसके अधिकारी अक्सर उड़ान से पहले एयरपोर्ट का औचक निरीक्षण करते हैं। जो भी कर्मचारी नशे में पाया जाता है, उसे तत्काल ड्यूटी से हटा दिया जाता है। उन्हें ट्रेनिंग सेंटर पर दो माह के रिफ्रेशर कोर्सेज के लिए भेजा जाता है। सूत्रों ने बताया कि आमतौर पर त्योहारों के आसपास इस तरह की घटनाएं बढ़ जाती हैं। हालांकि विमानन कंपनियां शराब के प्रयोग को जरा भी बर्दाश्त नहीं करती हैं।

Monday, July 13, 2009

‘गुमशुदा’ स्वतंत्रता सेनानियों की तलाश

देश भर में चिह्नित एक लाख सत्तर हजार से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों में से एक लाख से ज्यादा सेनानी लंबे समय से गुमशुदा हैं। उनकी गुमशुदगी से केंद्रीय गृह मंत्रालय परेशान है। स्वतंत्रता सेनानियों की पहचान करने और उन्हें पेंशन देने की जिम्मेदारी उसी पर है।
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक लंबे समय तक ये स्वतंत्रता सेनानी पेंशन लेने नहीं पहुंचे तो मंत्रालय को चिंता हुई। अधिकारियों को आशंका है कि यह आंकड़ों में हेराफेरी और रजिस्टरों में सेनानी की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने का मामला तो नहीं है। हाल ही में इस मामले में उच्चस्तरीय समीक्षा के बाद बाबूओं को कार्रवाई का भय सता रहा है।
गुमशुदगी स्वयं मानी
मंत्रालय की स्वतंत्रता सेनानी इकाई के मुताबिक कुल 1.70 लाख सेनानियों को पेंशन के लिए चिह्नित किया गया है। हालांकि इनमें से सिर्फ 55 से 60 हजार सेनानी ही पेंशन ले रहे हैं। उसने बताया कि 2009-10 में पेंशन के लिए पांच सौ करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि का प्रावधान किया गया है।
कौन हैं स्वतंत्रता सेनानी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रानी झांसी रेजीमेंट 1943-45, चौरी चौरा कांड 1922, गदर आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन1942 समेत 40 आंदोलनों में शिरकत करने वाले लोगों को स्वतंत्रता सेनानी माना है। इसके अलावा स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान छह माह की जेल या भूमिगत होने पर भी पेंशन की पात्रता होती है। महिलाओं व अनूसूचित जाति-जनजाति के मामलों में यह समय सीमा तीन माह है। स्वतंत्रता सेनानियों को 6330 से 7330 रुपए मासिक पेंशन दी जाती है। इसके अलावा 79 प्रतिशत महंगाई राहत भी दी जाती है। अविवाहित-बेरोजगार पुत्रियों के मद में 1500 रुपए मासिक के साथ 79 प्रतिशत महंगाई राहत दी जाती है। इसी तरह क्रांतिकारियों के माता-पिता के लिए महंगाई राहत के साथ हजार रुपए प्रति व्यक्ति दिए जाते हैं।
कहां-कितने स्वतंत्रता सेनानी
-मंत्रालय के 2008 के आंकड़ों के अनुसार देश भर में पेंशन योग्य सेनानियों की संख्या 1,70,375 थी।
-आजाद हिंद फौज के 22,468 सैनिकों को भी स्वतंत्रता सेनानी माना गया था।
-लक्षद्वीप, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश ऐसे तीन राज्य हैं, जहां 2008 के अांकड़ों के अनुसार एक भी व्यक्ति स्वतंत्रता सेनानी के रूप में दर्ज हैं। BHASKAR

मैं आत्महत्या कर लूंगी: साध्वी प्रज्ञा ठाकुर

2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने
एक सनसनीखेज बयान में कहा है कि वह आत्महत्या कर लेंगी। साध्वी ने इस धमकी के पीछे जो वजह बताई है उसके मुताबिक उनके साथ जेल के अंदर अच्छा बर्ताव नहीं होता है। 11 जुलाई को मीडिया के नाम लिखी चिट्ठी में साध्वी ने कहा है कि जेल के अंदर पुलिस, अस्पताल कर्मियों और जेल अफसरों द्वारा उनके साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार से वह आजिज आ गई हैं। वह आजकल मुंबई के भायखला जेल में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बेहद खराब स्वास्थ्य के बावजूद उन्हें एंबुलेंस के बजाय जेजे अस्पताल पुलिस की जीप में ले जाया गया। साध्वी के वकील नवीन ने आरोप लगाया कि मोहम्मद अजमल कसब जैसे आतंकियों को जहां जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है, वहीं हिंदुत्व की अवधारणा का समर्थन के चलते उन्हें जेल में परेशान किया जा रहा है। साध्वी ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र राज्य एटीएस ने इस मामले में उन्हें फंसाया है। गौरतलब है कि साध्वी ने इससे पहले विशेष मकोका कोर्ट में जेल में उनके साथ हो रहे बुरे बर्ताव का आरोप लगाते हुए दो बार एप्लिकेशन लिखी है, जिसके बाद कोर्ट ने जेल अफसरों को आरोपों की जांच करने को कहा था और साध्वी को जेजे हॉस्पिटल ले जाए जाने का निर्देश दिया था।

चीन कर सकता है भारत पर 2012 तक हमला

एक टॉप डिफेंस एक्सपर्ट ने अनुमान जताया है कि चीन आंतरिक असंतोष, बढ़ती बेरोजगारी और वित्तीय समस्याओं से अपने लोगों का ध्यान बंटाने के लिए भारत पर 2012 तक हमला कर सकता है। उनका मानना है कि ये समस्याएं उस देश पर कम्युनिस्टों की पकड़ को खतरा पैदा कर रही हैं। 'इंडियन डिफेंस रिव्यू' के एडिटर भारत वर्मा ने कहा है कि 2012 से पहले चीन भारत पर हमला करेगा। निराश पेइचिंग के लिए भारत को अंतिम सबक सिखाने के कई कारण हैं जिसके जरिए वह एशिया में इस सदी में चीन की सर्वोच्चता सुनिश्चित करना चाहेगा। उन्होंने कहा कि मंदी ने निर्यात दुकानों को बंद कर दिया है जिससे आंतरिक सामाजिक अशांति पैदा हो रही है जो समाज पर कम्युनिस्टों की पकड़ को गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। वर्मा ने संपादकीय में कहा है कि इस आकलन के अन्य कारणों में बढ़ती बेरोजगारी, अरबों डॉलर मूल्य की पूंजी उड़न छू होने, इसके विदेशी मुद्रा भंडार में कमी और बढ़ता आंतरिक असंतोष है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त चीन की शह पर भारत के खिलाफ काम करने वाले उनके दाहिने हाथ पाकिस्तान की बढ़ती अप्रासंगिकता चीन की बेचैनी को बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा की अफगान-पाक नीति मूलत: पाक-अफगान नीति है जिसने बड़ी चतुराई से चोर के पीछे चोर लगा दिया है। वर्मा ने कहा कि पेइचिंग के साथ अपनी निकटता से पाकिस्तान पहले ही हिला हुआ है, जो सही मायने में गृहयुद्ध में फंसा हुआ है और भारत के खिलाफ अहमियत खो रहा है। उन्होंने कहा कि सबसे खास बात यह है कि अमेरिका और पश्चिम के साथ भारत के बढ़ते तालमेल से चिंतित है। उन्होंने कहा कि चीनी कम्युनिस्टों की ये सभी चिंताएं शांतिवादी भारत के खिलाफ युद्ध से ही हल होती है ताकि बहुआयामी रणनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति की जा सके। चीन ने जहां उत्तर कोरिया को छिपे तौर पर भूमिगत परमाणु परीक्षण और मिसाइल परीक्षण करने की इजाजत दी, वहीं यह दक्षिण चीन सागर में अपनी नौसैनिक मौजूदगी भी बढ़ा रहा है ताकि अलग अलग पड़े द्वीपों के उसके दावे का विरोध करने वालों को डरा सके। उन्होंने कहा कि मंदी प्रभावित चीन के लिए इस समय जापान सहित पश्चिमी हितों के खिलाफ बढ़ना समझदारी नहीं होगी। इसलिए सबसे आकर्षक विकल्प भारत जैसे नरम लक्ष्य पर हमला करना और पूर्वोत्तर में इसकी जमीन को जबरन कब्जा करना है। लेकिन, भारत चीनी खतरे का सामना करने के लिए जमीनी स्तर पर कम तैयार है।

'अमेरिका में पढ़ाया जाना चाहिए दास प्रथा का इतिहास'

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि दासप्रथा अमेरिकी इतिहास का भयानक हिस्सा रहा है और इसे उद्देश्यपूर्ण तरीके से पढ़ाया जाना चाहिए। ओबामा ने दासप्रथा की तुलना हॉलोकास्ट के इतिहास से की। उन्होंने कहा कि दोनों इतिहास के भयावह सच हैं लेकिन इसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इतिहास से मिले सबक को भूलना नहीं चाहिए। रूस, इटली और घाना की यात्रा के बाद ओबामा वॉशिंगटन पहुंचे। उप सहारा अफ्रीका की यह उनकी पहली यात्रा थी।

Saturday, July 4, 2009

इंग्लैंड के न्यू कैसल इलाके का नेकेड ऑफिस

इंग्लैंड के न्यू कैसल इलाके का एक ऑफिस इन दिनों सुर्खियों में है। दरअसल बात भी कुछ ऐसी ही है। मंदी के दौर में जब ऑफिस का काम कुछ कम हुआ, तो डिजाइन एंड मार्केटिंग कंपनी में लोगों ने जो किया वह किसी आश्चर्य से कम नहीं। यहां के स्टाफ ऑफिस पहुंचते ही नंगे हो जाते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करना बेहतर काम करने में फायदेमंद साबित हो रहा है। मंदी की वजह से कंपनी को छह कर्मचारियों का निकालना पड़ा था, इसके बाद उत्पादकता बढ़ाने के लिए कंपनी ने बिजनेस साइकोलॉजिस्ट डेविड टेलर को हायर किया। डेविड ने सबसे पहले नेकेड डे फ्राइडे तय किया। उस दिन पूरा आठ-दस लोगों का स्टाफ ऑफिस में बिना कपड़ों के ही हो गया। डेविड ने कभी भी नेकेड शब्द को इस्तेमाल ही नहीं किया, उन्होंने बस यह कहा कि इससे हम एक साथ और अच्छा काम कर सकते हैं। जैसे ही परिणाम अच्छे मिले तो कंपनी के भविष्य को देखते हुए इसे पूरी तरह से शुरू कर दिया गया। 23 साल की फ्रंट ऑफिस मैनिजर सैम जैक्सन ने कहती हैं अब हम चूंकि एक-दूसरे के सामने बिना कपड़ों के हो गए हैं तो हमारी झिझक खत्म हो गई है और हम पहले से बेहतर काम कर रहे हैं। हम इससे पहले एक-दूसरे के इतने नजदीक कभी नहीं आए थे। सैम ने भी पूरी तरह से कपड़े उतार दिए थे। यह सब होते हुए कई फ्राइडे बीत चुके हैं। स्टाफ का कहना है कि अब उनकी झिझक खत्म हो गई है। वे अपने शरीर को अधिक अच्छी तरह देख पाए हैं और चाहे कोई छोटा हो या बड़ा, सभी को पता चला कि वह कितना खूबसूरत है। स्टाफ के अनुसार इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती यह भी रही कि इस बीच किसी के मन में भी सेक्स की भावना नहीं आई। इस बात की भनक मिलने के बाद वन ऑफ टीवी चैनल ने इसकी फिल्म भी बनाई है और इसे 9 जुलाई को नेकेड ऑफिस के नाम से प्रसारित भी किया जाएगा।

दूल्हा नहीं, दुलहन चढ़ती है घोड़ी

आमतौर पर परंपरा यही है कि दूल्हा घोड़ी पर सवार होकर दुल्हन के घर बारात लेकर पहुंचता है। पर एक गांव ऐसा भी है, जहां इसके ठीक उलट होता है। यानी दुल्हन घोड़ी पर सवार होकर बारात लेकर वर के घर पहुंचती है। यूपी के रायबरेली जिले का जहांगीराबाद गांव इस अनोखी परंपरा का सालों से साक्षी रहा है। यहां दूल्हा दुल्हन के बारात लेकर आने का इंतजार करता है, जब कि दुल्हन पगड़ी पहनकर सफेद घोड़ी पर बैठती है। हाल ही में अपनी बेटी के हाथ पीले करने वाले यहां के निवासी शिवकुमार ने बताया कि यह एक अनूठी परंपरा है जिसे गांव के लोग जातियों के बंधन से ऊपर उठकर निभाते हैं। जब मेरी 21 साल की बेटी मंजू की शादी हुई तो वह सफेद घोड़ी पर बैठकर अपनी बारात के साथ नजदीकी गांव उमराय गई। इसी गांव में दूल्हे का घर है। इस परंपरा पर अटूट श्रद्धा रखने वाले गांव के निवासी यह तो नहीं जानते कि यह परंपरा कब से शुरू हुई पर इनका मानना है कि अगर लड़कियां इस परंपरा को नहीं निभातीं तो उनका शादीशुदा जीवन खतरे में पड़ जाता है। या फिर उन्हें कोई गंभीर बीमारी जकड़ लेती है। यहां की निवासी बिंदाई कहती हैं कि गांव में कई बार ऐसा हुआ कि लड़कियों ने शादी के वक्त इस परंपरा को नहीं निभाया। ऐसे मामलों में या तो पति-पत्नी के रिश्तों में दरार आ गई या फिर लड़की व लड़का दोनों गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गए। इस गांव में दुल्हन जब घोड़ी पर सवार होकर दूल्हे के घर के लिए निकलती है तो पहले उसे यहां के विभिन्न मंदिरों में जाकर दर्शन करना होता है। स्थानीय निवासी पूरन कहते हैं कि लड़की शादी के मौके पर विशेष रूप से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती है। इस गांव की आबादी 3,500 से ज्यादा है और यहां ज्यादातर लोग किसान हैं।

सौ लीटर खून दान कर चुकी हैं ग्रैंड मां

90 साल की मार्गरेट डेल्फिनो, जो अमेरिका के कैलिफोर्निया की रहने वाली हैं। खासियत यह है कि उन पर ब्लड डोनेट करने का एक जुनून-सा सवार रहता है। वह अब तक 25 गैलन (करीब 100 लीटर) खून दान कर चुकी हैं। पिछले गुरुवार को इस दादी अम्मा ने 200वीं बार रक्त दान किया। एक आदमी के शरीर में औसतन जितना खून होता है, वह अब तक उससे 20 गुना खून दे चुकी हैं। वह ऐसा क्यों करती हैं। इसपर उनका जवाब है, 'यह कुछ लोगों के लिए जिंदगी और मौत के बीच का फासला है। मगर हमें और ब्लड डोनर की जरूरत है।' ऐसा नहीं है कि वह अकेले ही ब्लड देकर चली जाती हैं। वह अपने परिवार के सदस्यों को भी साथ लेकर आती हैं। गुरुवार को भी जब वह हाउचिन ब्लड बैंक आईं तो वह अपने साथ अपने भतीजे-भतीजियों और फैमिली के दूसरे लोगों को साथ लेकर आई थीं। उन सबने मार्गरेट के साथ ही ब्लड डोनेट किया। उनकी भतीजी मैरी बैटे ने कहा, 'अगर आप नियमित रूप से ब्लड डोनेट नहीं करते हो तो वह आपको बुलाकर कहेंगी।' भतीजे रैंडी जैल्मिनी ने भी कहा, 'लोगों से मन मुताबिक काम कराने का उनका अपना ही तरीका है।' परिवार के सदस्य उनके आग्रह को टाल नहीं पाते हैं। हाउचिन ब्लड बैंक के चीफ इग्जेक्युटिव ग्रेग गैलियन ने कहा कि कई साल पहले मैडम मार्गरेट को कैंसर हो गया था। इस दौरान पांच साल तक उन्होंने डॉक्टरों की सलाह पर रक्त दान नहीं किया। मगर तब भी उन्हें अपने कैंसर से ज्यादा चिंता इस बात की रहती थी कि वह ब्लड डोनेट नहीं कर पा रही हैं। इसलिए जैसे ही उन्हें पहला मौका हाथ लगा, उन्होंने तुरंत खून दिया। उनका गजब का कमिटमंट है।

गर्लफ्रेंड का अश्लील एमएमएस

पंचकूला के एक सरकारी स्कूल में 12वीं में पढ़ रहे एक लड़के द्वारा उसी के ही स्कूल में 11वीं में पढ़ रही अपनी गर्लफ्रेंड का अश्लील एमएमएस बनाए जाने की चर्चा है। यही नहीं उसने उसकी सीडी भी बनाई। पूरे इलाके में इस एमएमएस और सीडी की खूब चर्चा है। पीड़ित लड़की के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने लड़के को अरेस्ट कर लिया है। पंचकूला जिले के सकेतड़ी गांव का रहने वाला राहुल एक सरकारी स्कूल में पढ़ता है। उसके गांव की एक लड़की भी इसी स्कूल में पढ़ती है। मामले की जांच कर रहे ऑफिसर बलजीत सिंह ने बताया कि गुरुवार शाम को लड़की के परिजनों ने इसकी शिकायत की। 18 साल के राहुल ने कबूल किया है कि उसने एमएमएस बनाया है। उधर, मनसा देवी पुलिस चौकी में राहुल ने बताया कि हम दोनों 29 मई को चंडीगढ़ के सेक्टर-18 स्थित एक होटल में गए थे। इसी दौरान मैंने एमएमएस बनाया था। यह एमएमएस मेरे मोबाइल के डाटा कार्ड में था। मेरे घर पर एक कंप्यूटर है। एक दिन मेरा दोस्त आया और गाना लोड करने को कहा। मैंने कहा, यह कंप्यूटर में नहीं है। अलबत्ता, मेरे मोबाइल के डाटा कार्ड में है। उसने कहा, डाटा कार्ड मुझे दे दो, मैं लोड करके वापस कर दूंगा। वह डाटा कार्ड मुझे दे गया। उसके बाद अब चर्चा फैली है कि एमएमएस और सीडी घूम रही है। मैंने सीडी नहीं बनाई। यह सीडी या तो मेरे दोस्त ने बनाई है या किसी और ने। उधर, लड़की के परिजनों ने बताया कि जब उन्होंने लड़की से पूछा तो उसने बताया कि राहुल ने उसे धमकी दी थी कि अगर किसी को बताया को जान से मार दूंगा।

पत्रकार को लूटने वाले गिरफ्तार

नवी मुम्बई क्राइम ब्रांच ने पिछले हफ्ते सीबीडी बेलापुर में एक मराठी अखबार के सहायक संपादक को लूटने वाले एक गैंग के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। नवी मुम्बई क्राइम ब्रांच के सीनियर इंस्पेक्टर अविनाश धर्माधिकारी ने गिरफ्तार आरोपियों के नाम दीपक दुडाने, अशोक गौडा और मूर्ति गौडा बताए हैं। इन तीनों ने सहायक संपादक को लिफ्ट देकर 26 जून को अपनी गाड़ी में बैठा लिया था। सहायक संपादक को बेलापुर से ठाणे जाना था। बीच रास्ते में तीनों लुटेरों ने पाम बीच के पास सहायक संपादक से कैश, मोबाइल और गले की चेन खींच ली थी। इसी तरह की एक और घटना में कुछ महीने पहले तीनों ने एक साफ्टवेयर इंजीनियर मदन शाह को अपनी गाड़ी में लिफ्ट देकर लूट लिया था। पुलिस के अनुसार इस लूटपाट के लिए इस्तेमाल की गई गाड़ी दीपक की थी।

बापू के आश्रम में काला जादू

आसाराम बापू के आश्रम में दो लड़कों की पिछले साल रहस्यमय तरीके से हुई मौत की जांच कर रहे राज्य सीआईडी (अपराध) ने कहा है कि आश्रम के भीतर काला जादू किया जाता रहा होगा। यह खुलासा आसाराम बापू की गुरुकुल में पढ़ाई कर रहे दीपेश और अभिषेक वाघेला नाम के दो छात्रों की रहस्यमय तरीके से हुई मौत के एक साल बाद किया गया है। गुजरात उच्च न्यायालय में जांच एजेंसी की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि आश्रम के कुछ शिष्य इस बारे में जानते थे और वे इस सूचना को छिपाने की कोशिश कर रहे थे। अदालत में दायर हलफनामे में इस मामले के जांच अधिकारी एच. बी. राजपूत ने कहा कि तीन छात्रों के लाई डिटेक्शन टेस्ट के बाद एजेंसी इस नतीजे पर पहुंची। इन शिष्यों के नाम मिनकेतन पात्र, विकास खेमका और उयर संघानी हैं। जब दोनों छात्रों की रहस्यमय तरीके से मौत हुई तो वे आश्रम में उपस्थित थे। राजपूत ने दोनों मृत लड़कों के पिता की ओर से दाखिल याचिका के जवाब में ये बातें कही हैं। याचिका में लड़कों के पिता ने कहा था कि सीआईडी (अपराध) को दोनों की मौत की वजह के बारे में अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। इसलिए मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जानी चाहिए। इन दोनों लड़कों का शव साबरमती नदी के तट से उनके लापता होने के दो दिन बाद मिला था. मामले की अगली सुनवाई न्यायमूर्ति एच.एन. देवनी 15 जुलाई को करेंगे। सीआईडी :अपराध: ने अब तक दोनों लड़कों की मौत के मामले में किसी व्यक्ति को अभियुक्त के तौर पर नामित नहीं किया है, लेकिन राजपूत ने अपने हलफनामे में सीबीआई जांच की मांग पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सीआईडी मामले में विस्तार से जांच कर रही है।

अनाथ आश्रम की आड़ में जबरन देह व्यापार

राजस्थान के कोटा में अनाथ आश्रम की आड़ में टीनएजर लड़कियों से जबरन देह व्यापार कराने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसका खुलासा किया अहमदाबाद के कालुपुर रेलवे स्टेशन पर बदहवास हालत में मिली 12 साल की लड़की ने। वह कोटा से यहां पहुची थी। लड़की ने बताया कि जब वह कोटा में थी तो दो लोगों ने उसके साथ बलात्कार किया। मेडिकल जांच में भी इसकी पुष्टि हो गई है। अहमदाबाद पुलिस ने आश्रम से जुड़े लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर कोटा पुलिस को भेजने की कार्यवाही शुरू कर दी है। कालुपुर रेलवे स्टेशन पर बदहवास हालत में इस लड़की के मिलने के बाद स्टेशन मास्टर ने स्टेशन पर काम करने वाले एक एनजीओ के लोगों को बुला लिया। एनजीओ के लोगों को लड़की ने बताया कि उसके आश्रम में देह व्यापार चल रहा है और वह भी शिकार बन चुकी है। एनजीओ की पहल पर एलिसब्रिज थाने में मामला दर्ज हो गया है। लड़की ने बताया कि करीब 10 दिन पहले उसे रात को अन्य लड़कियों के साथ किसी जगह ले जाया गया। वहां उन सभी को अलग अलग बने कमरों में भेज दिया गया। पीड़िता ने बताया कि वहां उसके साथ दो युवकों ने बलात्कार किया। लड़की ने जब दर्द की शिकायत की तो उसे आश्रम छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया और एक दूर के रिश्तेदार के साथ ट्रेन में बिठाकर अहमदाबाद भेज दिया। कालुपुर स्टेशन पर खाना लाने का बहाना कर वह युवक उसे अकेला छोड़कर यहां से फरार हो गया। लड़की को फिलहाल एनजीओ की देखरेख में रखा गया है और उसके परिजनों की तलाश की जा रही है।

Thursday, July 2, 2009

यह क्या है?

मंगलवार रात को आसमान के दक्षिणी छोर में चांद जैसी चमकती दिखी। कुछ देर बाद अचानक इसने आकृति बदलना शुरू कर दिया। और देखते-देखते औझल हो गई। प्रस्तुत उसकी तस्वीरे

5 साल के बच्चों से पूछ रहे हैं,'तुम आतंकवादी हो?

नई वीजा प्रणाली के तहत ब्रिटेन के स्कूलों में दाखिले की चाह रखने वाले पांच साल के बच्चों से पूछा जा रहा है कि क्या वे आतंकवादी हैं। स्कूलों में दाखिले के आवेदन में रखे गए इस सवाल पर विवाद भी शुरू हो गया है। समाचारपत्र 'टेलीग्राफ' में गुरुवार को छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूलों में दाखिला पाने की चाह रखने वाले बच्चों से ब्रिटेन में ये सवाल पूछे गए कि क्या वे आतंकवादी हैं या किसी युद्ध-अपराध या जनसंहार में शामिल रहे हैं। ये सवाल गृह मंत्रालय की ओर से पिछले महीने लागू किए गए नए नियम-कायदों के बाद पूछे गए हैं। विदेशी छात्रों की ओर से भरे जाने वाले 57 पन्नों के दस्तावेज में पूछा गया है कि आवेदक कभी किसी माध्यम या किसी उद्देश्य से देश में किसी आतंकी वारदात में शामिल रहे, उसका समर्थन किया या उसे बढ़ावा दिया है? इस दस्तावेज में यह भी पूछा गया है आवेदक ने कभी किसी माध्यम या किसी उद्देश्य से किसी आतंकवादी वारदात को सही ठहराया है या किसी आतंकवादी हिंसा का महिमा-मंडन किया है या कोई ऐसा काम किया है जिससे किसी को आतंकवादी वारदात को अंजाम देने की प्रेरणा मिले? शिक्षाविदों ने चेतावनी दी है कि नए नियम से ब्रिटेन में पढ़ रहे करीब 20,000 विदेशी लोगों के देश से बाहर निकाले जाने का खतरा पैदा हो गया है। उदारवादी डेमोक्रैट्स का कहना है कि ताजा विवाद से एक अच्छे वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में ब्रिटेन की छवि को नुकसान पहुंच सकता है। NBT

गर्भवती महिला से गैंग रेप किया

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में दबंगों ने एक गर्भवती महिला के घर में घुसकर उसके साथ गैंग रेप किया। आला पुलिस अधिकारियों के निर्देश के बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही थी। जिले के मंसूरपुर क्षेत्र के गांव नरा की एक 32 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया है कि गांव के 5 लोगों ने उसके घर में घुसकर उसके साथ गैंग रेप किया। पीड़िता की शिकायत के मुताबिक गांव के कुछ लोगों ने कुछ दिन पहले उसे व उसके पति के पीटा था, जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस से की थी। शिकायत से क्षुब्ध पांच लोग 28 जून की रात उसके घर में घुस गए और सास-ननद को बांधकर बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए। पीड़िता का आरोप है कि शिकायत के बावजूद मंसूरपुर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद उसने बुधवार को एसपी से कार्रवाई के लिए गुहार लगाई।

'आदमी होकर आदमी से प्यार अपराध नहीं'

दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिए अपने एक अहम फैसले में दो व्यस्कों द्वारा आपसी सहमति से बनाए जाने वाले अप्राकृतिक संबंधों को अपराध नहीं माना है। कोर्ट ने कहा कि यदि दोनों की उम्र 18 साल से ऊपर है , तो वे अपनी मर्जी से साथ रह सकते हैं। गौरतलब है कि इस मामले में हाई कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में फैसला सुरक्षित रखा था। आईपीसी की धारा -377 के तहत अप्राकृतिक संबंध बनाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है और दोषी पाए जाने पर उम्रकैद तक हो सकती है।
दिल्ली स्थित नाज फाउंडेशन ने 2001 में हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इस धारा में संशोधन की मांग की थी। अर्जी में कहा गया था कि दो वयस्कों ( होमो अथवा हेट्रो ) के बीच अगर आपसी सहमति से अप्राकृतिक संबंध बनाए जाते हैं , यानी दो लोग अगर होमो सेक्सुअलिटी में संलिप्त हैं तो उनके खिलाफ धारा -377 का केस नहीं बनना चाहिए। हाई कोर्ट ने इस दलील को सही माना और कहा कि दो व्यस्कों पर किसी तरह की पाबंदी लगाना उनके मौलिक अधिकारों का हनन है।