देहरादून में हुए रणबीर के एनकाउंटर को सीबीआई ने फर्जी करार दिया है। इसके बाद परिवारवाले थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं। अब उन्हें यकीन है कि दोषियों को सजा जरूर मिलेगी। बेटे की मौत को एक महीना गुजरने के बाद भी रणबीर की मां सुदेश की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वह कहती हैं कि मेरे निर्दोष बेटे को मारने वाले पुलिसकर्मियों का भी वैसा ही एनकाउंटर होना चाहिए। उसी दिन मुझे शांति मिलेगी। सुदेश कहती हैं कि अगर उनका बेटा अपराधी होता तो वे खुद उसे पुलिस के पास लेकर जातीं। उन्होंने बताया कि उनके पति खुद सेना से रिटायर हुए हैं। एक फौजी का बेटा अपराधी हो ही नहीं सकता। इंदिरापुरम नीतिखंड में रहने वाले रिटायर्ड सूबेदार रविंद्र सिंह का बेटा रणबीर एमबीए पास था और देहरादून के एक प्राइवट बैंक में जॉब करने गया था। 3 जुलाई को
देहरादून पुलिस ने रविंद्र पाल सिंह को रणबीर के मुठभेड़ में मारे जाने की सूचना दी। पुलिस ने बताया कि रणबीर और उसके साथी एक इंस्पेक्टर की रिवॉल्वर लूटकर चोरी की बाइक पर भाग रहे थे। उन्हें रोकने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी। पुलिस के इस दावे को रणबीर के परिवार वालों ने फर्जी करार दिया था। मामला मीडिया में आने के बाद इसकी सीबीआई जांच बैठाई गई थी। जांच में सीबीआई ने माना कि एनकाउंटर फर्जी था। रणबीर को निकट से गोली मारी गई थी। उसके शरीर पर 12 गोलियों के निशान के अलावा 26 चोटों के निशान भी थे। इनसे लगता है कि रणबीर को मारने से पहले बुरी तरह पीटा गया था।
देहरादून पुलिस ने रविंद्र पाल सिंह को रणबीर के मुठभेड़ में मारे जाने की सूचना दी। पुलिस ने बताया कि रणबीर और उसके साथी एक इंस्पेक्टर की रिवॉल्वर लूटकर चोरी की बाइक पर भाग रहे थे। उन्हें रोकने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी। पुलिस के इस दावे को रणबीर के परिवार वालों ने फर्जी करार दिया था। मामला मीडिया में आने के बाद इसकी सीबीआई जांच बैठाई गई थी। जांच में सीबीआई ने माना कि एनकाउंटर फर्जी था। रणबीर को निकट से गोली मारी गई थी। उसके शरीर पर 12 गोलियों के निशान के अलावा 26 चोटों के निशान भी थे। इनसे लगता है कि रणबीर को मारने से पहले बुरी तरह पीटा गया था।