इंगलिश मीडियम की तरह सरकारी स्कूलों में हिन्दी मिडियम के बच्चे भी अब पहली कक्षा से ही अंग्रेजी बोलना सीखने लगेंगे। राज्य की प्रारंभिक शिक्षा में अध्ययनरत बच्चों को आकाशवाणी से प्रसारित होने वाले परस्पर संवाद कार्यक्रम के तहत रेडियो पर अंग्रेजी सिखाई जाएगी। प्रदेश के चार संभागों की प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में एक सितंबर से रेडियो पर अंग्रेजी के पाठ शुरू होंगे।
पहली से चौथी कक्षा तक के बच्चों के लिए 120 लेसन तैयार किए गए हैं। कक्षा के अनुसार निर्धारित दिनों में इनका प्रसारण दोपहर में 12 से 12.30 बजे तक आधे घंटे के लिए आकाशवाणी से किया जाएगा। राज्य के शिक्षा विभाग और बेंगलूर के एज्युकेशन डवलपमेंट सेंटर के तत्वावधान में चलाए जाने वाले इस कार्यक्रम का संचालन राज्य प्रारंभिक शिक्षा परिषद के तहत किया जाएगा।
इसके लिए संभाग मुख्यालयों पर सात और आठ अगस्त को दो दिवसीय संभागीय प्रशिक्षण शिविर रखे गए हैं। बीकानेर में यह शिविर राजकीय गंगा बाल उच्च प्राथमिक विद्यालय में आयोजित किया जाएगा, जिसमें चूरू संभाग के 62 शिक्षक भाग लेंगे। इनमें बीकानेर, झुंझुनूं और श्रीगंगानगर के 14-14, चूरू 11 व नौ शिक्षक हनुमानगढ़ के शामिल हैं।
भरतपुर संभाग मुख्यालय पर आयोजित प्रशिक्षण शिविर में 84, जोधपुर में 73 तथा उदयपुर संभाग के चित्तौड़गढ़ में आयोजित शिविर में 97 शिक्षक भाग लेंगे। इन शिक्षकों को रिसोर्स पर्सन नाम दिया गया है। कार्यक्रम में दक्ष सेवानिवृत्त या सेवारत व्याख्याता इन शिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे, जिन्हें केआरपी नाम दिया गया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने स्कूलों में पहली कक्षा से ही अंग्रेजी अनिवार्य कर दी है।
इसे ध्यान में रखते हुए प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को आकाशवाणी के जरिये अंग्रेजी सिखाने का यह तरीका अपनाया जा रहा है। पिछले वर्ष यह कार्यक्रम प्रदेश के 11 जिलों में शुरू किया गया था। अब इसे प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया जा रहा है।
आकाशवाणी से परस्पर संवाद कार्यक्रम के प्रसारण का समय दोपहर 12 से 12.30 बजे का रहता है। वर्तमान में दोपहर 12 बजे स्कूलों की छुट्टी हो जाती है। एक सितंबर से स्कूलों का समय बदलेगा। इसे ध्यान में रखते हुए यह कोर्स इसी तिथि से शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
आकाशवाणी से प्रसारित होने वाले परस्पर संवाद कार्यक्रम के तहत कक्षा पहली से चौथी तक के बच्चों को अंग्रेजी सिखाई जाएगी। इसके लिए रिसोर्स पर्सन तैयार किए जा रहे हैं। सात और आठ अगस्त को उनका दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर रखा गया है।
प्रारंभिक शिक्षा परिषद ने हमें जयपुर में दो दिन की ट्रेनिंग दी थी। इस प्रकार के कार्यक्रमों से सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से ही बच्चों का बौद्धिक स्तर ऊंचा होगा। - वीरेन्द्र यादव, रिटार्यड व्याख्याता, (केआरपी)
सीखेंगे शब्दों का उच्चरण
परस्पर संवाद कार्यक्रम के तहत पहली से चौथी कक्षा के बच्चों को अंग्रेजी के शब्दों का उच्चरण और अंग्रेजी के वाक्यों को समझना सिखाया जाएगा। इसके लिए ऐसे वरिष्ठ अध्यापकों का चयन किया गया है, जिनकी अंग्रेजी में अच्छी पकड़ है। केआरपी इन शिक्षकों को दो दिन की ट्रेनिंग देंगे। उसके बाद यह शिक्षक अपने-अपने क्षेत्रों में पहुंचकर अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे।
प्रशिक्षण का यह कार्यक्रम 31 अगस्त तक चलेगा। उसके बाद एक सितंबर से रेडियो पर बच्चों को अंग्रेजी सिखाने का काम शुरू हो जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा परिषद ने इसके लिए 120 लेसन तैयार किए हैं। यह लेसन सभी स्कूलों में भेजे जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी का स्तर काफी खराब है। हालात यह है कि बच्चे शुद्ध हिन्दी तक नहीं लिख पाते। उन्हें अंग्रेजी के अक्षरों तक का ज्ञान नहीं है। इस प्रकार के कार्यक्रम से बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पहली से चौथी कक्षा तक के बच्चों के लिए 120 लेसन तैयार किए गए हैं। कक्षा के अनुसार निर्धारित दिनों में इनका प्रसारण दोपहर में 12 से 12.30 बजे तक आधे घंटे के लिए आकाशवाणी से किया जाएगा। राज्य के शिक्षा विभाग और बेंगलूर के एज्युकेशन डवलपमेंट सेंटर के तत्वावधान में चलाए जाने वाले इस कार्यक्रम का संचालन राज्य प्रारंभिक शिक्षा परिषद के तहत किया जाएगा।
इसके लिए संभाग मुख्यालयों पर सात और आठ अगस्त को दो दिवसीय संभागीय प्रशिक्षण शिविर रखे गए हैं। बीकानेर में यह शिविर राजकीय गंगा बाल उच्च प्राथमिक विद्यालय में आयोजित किया जाएगा, जिसमें चूरू संभाग के 62 शिक्षक भाग लेंगे। इनमें बीकानेर, झुंझुनूं और श्रीगंगानगर के 14-14, चूरू 11 व नौ शिक्षक हनुमानगढ़ के शामिल हैं।
भरतपुर संभाग मुख्यालय पर आयोजित प्रशिक्षण शिविर में 84, जोधपुर में 73 तथा उदयपुर संभाग के चित्तौड़गढ़ में आयोजित शिविर में 97 शिक्षक भाग लेंगे। इन शिक्षकों को रिसोर्स पर्सन नाम दिया गया है। कार्यक्रम में दक्ष सेवानिवृत्त या सेवारत व्याख्याता इन शिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे, जिन्हें केआरपी नाम दिया गया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने स्कूलों में पहली कक्षा से ही अंग्रेजी अनिवार्य कर दी है।
इसे ध्यान में रखते हुए प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को आकाशवाणी के जरिये अंग्रेजी सिखाने का यह तरीका अपनाया जा रहा है। पिछले वर्ष यह कार्यक्रम प्रदेश के 11 जिलों में शुरू किया गया था। अब इसे प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया जा रहा है।
आकाशवाणी से परस्पर संवाद कार्यक्रम के प्रसारण का समय दोपहर 12 से 12.30 बजे का रहता है। वर्तमान में दोपहर 12 बजे स्कूलों की छुट्टी हो जाती है। एक सितंबर से स्कूलों का समय बदलेगा। इसे ध्यान में रखते हुए यह कोर्स इसी तिथि से शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
आकाशवाणी से प्रसारित होने वाले परस्पर संवाद कार्यक्रम के तहत कक्षा पहली से चौथी तक के बच्चों को अंग्रेजी सिखाई जाएगी। इसके लिए रिसोर्स पर्सन तैयार किए जा रहे हैं। सात और आठ अगस्त को उनका दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर रखा गया है।
प्रारंभिक शिक्षा परिषद ने हमें जयपुर में दो दिन की ट्रेनिंग दी थी। इस प्रकार के कार्यक्रमों से सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से ही बच्चों का बौद्धिक स्तर ऊंचा होगा। - वीरेन्द्र यादव, रिटार्यड व्याख्याता, (केआरपी)
सीखेंगे शब्दों का उच्चरण
परस्पर संवाद कार्यक्रम के तहत पहली से चौथी कक्षा के बच्चों को अंग्रेजी के शब्दों का उच्चरण और अंग्रेजी के वाक्यों को समझना सिखाया जाएगा। इसके लिए ऐसे वरिष्ठ अध्यापकों का चयन किया गया है, जिनकी अंग्रेजी में अच्छी पकड़ है। केआरपी इन शिक्षकों को दो दिन की ट्रेनिंग देंगे। उसके बाद यह शिक्षक अपने-अपने क्षेत्रों में पहुंचकर अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे।
प्रशिक्षण का यह कार्यक्रम 31 अगस्त तक चलेगा। उसके बाद एक सितंबर से रेडियो पर बच्चों को अंग्रेजी सिखाने का काम शुरू हो जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा परिषद ने इसके लिए 120 लेसन तैयार किए हैं। यह लेसन सभी स्कूलों में भेजे जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी का स्तर काफी खराब है। हालात यह है कि बच्चे शुद्ध हिन्दी तक नहीं लिख पाते। उन्हें अंग्रेजी के अक्षरों तक का ज्ञान नहीं है। इस प्रकार के कार्यक्रम से बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के प्रयास किए जा रहे हैं।