Friday, August 7, 2009

अजमल कसाब जेल में नौटंकी कर रहा है

जेल अधिकारियों ने गुरुवार को विशेष अदालत में शिकायत दर्ज कराई है कि कसाब ने जेल का खाना खाने से इनकार कर दिया है। उसने यह कहते हुए प्लेट फेंक दी कि ' मैं मटन बिरयानी खाना चाहता हूं। ' जज एम . एल . तहलियानी ने कसाब के खराब रवैये के लिए उसे फटकार लगाई और चेतावनी दी कि सही तरह से व्यवहार करे , नहीं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कसाब ने बुधवार को खाना खाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद कोर्ट के सामने यह बात लाई गई है। जेल के अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि कसाब को वही भोजन दिया गया था , जो अन्य कैदियों को दिया गया। जब तहलियानी ने कसाब से पूछा कि क्या उसने जेल स्टाफ के साथ खराब व्यवहार किया , तो उसने कहा , ' जी हुजूर ' ।
सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कसाब की आलोचना करते हुए कहा कि वह जब - तब खराब रवैया अपना रहा है। हमने कुछ जगह ये खबर पढ़ी कि रक्षा बंधन के दिन कसाब ने अदालत की कार्यवाही के बाद अपने वकील से कहा कि क्या मुझे कोई राखी नहीं बांधेगा। निकम ने कहा कि यह बात जानबूझकर मीडिया में पहुंचाई गई है , ताकि कसाब को जनता की सहानुभूति मिले। अजमल कसाब जेल में जिस तरह की नौटंकी कर रहा है , उससे यह साफ है कि उसको भी मालूम है कि भारत का तंत्र कितना लचर है। एक आतंकवादी ने पूरे सिस्टम का मजाक बना के रखा हुआ है। तीन महीने बाद मुंबई हमले का एक साल पूरा हो जाएगा। लेकिन कसाब का मुकदमा कब तक खिंचता रहेगा , कोई नहीं जानता। मुंबई हमले के बाद आम जनता और कई बु्द्धिजीवियों ने ऐसी घटनाओं के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट और मुकदमा पूरा करने की समयसीमा तय करने की मांग की थी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। होना तो यह चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट के एक या दो जजों की एक स्पेशल कोर्ट बनाकर ऐसे मामलों को जल्द से जल्द खत्म करना चाहिए और इस कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील का अधिकार भी नहीं होना चाहिए। दर्जनों लोगों और कैमरों के सामने कत्ल - ए - आम करने वाले को कानूनी दांवपेच का बहाना बनाकर जनता की भावना का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। क्या आप भी हमारी बात से सहमत हैं।