Friday, August 28, 2009

न्यूक टेस्ट करने की तैयारी में है भारत?

अमेरिका के न्यूकलिअर एक्सपर्ट्स को लगता है कि भारत और न्यूकलिअर टे
स्ट करने की तैयारी में है। इसकी वजह राजनीतिक भी हो सकती है और तकनीकी भी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत अपने हथियारों के भंडार को और मजबूत बनाने के लिए ऐसा कर सकता है। भारत चाहेगा कि ओबामा प्रशासन द्वारा न्यूक टेस्ट पर कठोर कदम उठाए जाने से पहले ही टेस्ट कर लिए जाएं। वॉशिंगटन डीसी स्थित नॉनप्रॉलिफ्रेशन पॉलिसी एजुकेशन सेंटर के एग्जेक्यूटिव डाइरेक्टर हेनरी स्कोलस्की दावा करते हैं कि भारत दोबारा टेस्ट करना चाहता है। उनका यह रिऐक्शन एक भारतीय वैज्ञानिक के इस खुलासे के बाद आया है कि पोखरण के परमाणु टेस्ट पूरी तरह सफल नहीं थे। हेनरी इस बात को टेक्निकल तरीके से समझाते हैं। वह कहते हैं कि कल्पना कीजिए, आप एक न्यूकलिअर वेपन डिजाइनर हैं और आपने अपनी कमियों को दूर कर लिया है, गलतियां सुधार ली हैं, फिर तो आप पागल ही कहलाओगे अगर दोबारा टेस्ट नहीं करोगे। हेनरी कहते हैं कि कोई भी न्यूकलिअर डिजाइनर ऐसा ही करता है। वह हमेशा अपने वेपन को और छोटा, हल्का और ज्यादा ताकतवर बनाने की जुगत में लगा रहता है। अगर आप उसकी आंखों पर पट्टी बांध दो, उसके हाथ-पांव बांध दो और उसे जंगल में छोड़ आओ, तो भी वह टेस्ट की जगह पर ही पहुंचेगा। वैसे, हेनरी के मुताबिक भारत की इस कोशिश की वजह टेक्निकल है ताकि अपनी तकनीक को सटीक बनाया जा सके, लेकिन अमेरिकी प्रशासन मानता है कि इसके पीछे भारत की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं काम कर रही हैं। इस बात को भारतीय वैज्ञानिक के. संतानम के खुलासे के बाद और बल मिला है। इस खुलासे पर अमेरिकी वैज्ञानिकों का सीधा सा रिऐक्शन था, हमने तो पहले ही कहा था। जब भारत ने न्यूक टेस्ट किए थे, तभी दुनियाभर के एक्सपर्ट्स ने इनकी सफलता पर सवाल उठाए थे। लेकिन एक भारतीय वैज्ञानिक द्वारा इस तरह से संवेदनशील मुद्दे पर इतना बड़ा खुलासा करना बहुत बड़ी बात है। वह ऐसा क्यों करेंगे? अमेरिकी न्यूक एक्सपर्ट्स के बीच यह मुद्दा ब्लॉग्स पर खूब उछल रहा है। उनके मुताबिक ऐसा भारत पर एनपीटी पर दस्तखत करने के लिए बढ़ते अमेरिकी दबाव को कम करने के लिए किया गया है ताकि भारत सीरीज के आखिरी टेस्ट कर अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को मजबूत कर सके।