संबोधन त्रैमासिक के सौजन्स से 10 वां आचार्य निरंजननाथ सम्मान अणुव्रत विश्व भारती के सभागार में आयोजित भव्य समारोह में दामोदर दत्त दीक्षित को उनकी औपन्यासिक कृति धुआं और चीखें पर प्रदान किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार मधुसूदन पंड्या ने शाल एवं श्रीफल, मुख्य अतिथि वेद व्यास ने प्रशस्ति पत्र, राजेन्द्र मोहन भटनागर ने स्मृति चिन्ह, कर्नल देशबन्धु आचार्य ने सम्मान राशि 15 हजार रूपए दीक्षित को भेंट की। एमडी कनेरिया ने श्रीनाथ जी का मित्र एवं बीडा भेंट किया। इस अवसर पर आचार्य की ओर से प्रोत्साहन पुरस्कार से प्रकाशित शेख अब्दुल हमीद के गजल संग्रह लम्हा लम्हा जिंदगी का लोकार्पण सुप्रसिद्ध लेखक एवं विचारक वेद व्यास ने किया।समारोह के आरंभ में स्वागत समिति के अध्यक्ष मधुसूदन पंडय़ा एवं सम्मान समारोह के संयोजक कमर मेवाडी व राजस्थान साहित्यकार परिषद के सदस्यों ने माल्यार्पण एवं उपरणा ओढाकर स्वागत किया। सरस्वती वंदना गोपाल कृष्ण खण्डेलवाल एवं गजल पाठ शेख हमीद ने किया। संयोजक नरेन्द्र निर्मल ने किया। पुरस्कृत कृति धुआं और चीखें पर समालोचना करते हुए कथाकार माधव नागदा एवं कवि नरेन्द्र निर्मल ने पत्र वाचन किया। इस अवसर पर सम्मानित साहित्यकार दामोदर दत्त दीक्षित ने उपन्यास अंश का पाठ किया एवं अपनी रचना प्रक्रिया पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर कवि साहित्यकार वेद व्यास, समारोह अध्यक्ष राजेन्द्र माहन भटनागर, भगवतीलाल व्यास ने सम्बोधित करते हुए आज के साहित्य की दशा एवं दिशा पर प्रकाश डाला। सम्मान समारोह समिति के अध्यक्ष कर्नल देशबंधु आचार्य ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए भावी योजनाआंð पर प्रकाश डाला।