Sunday, November 30, 2008

लालन ने द्वारकाधीश के साथ अरोगा छप्पन भोग

राजस्थान के कांकरोली शहर में तृतीय पीठ के ठाकुरजी द्वारकाधीशजी के सन्मुख छप्पन भोग अरोगने के लिये शनिवार को नवनीत प्रियाजी (लालन) एवं द्वितीय पीठ के युगल स्वरूप विट्ठलनाथजी लाव लश्कर के साथ कांकरोली पधारे।शनिवार को प्रात: करीब सवा ग्यारह बजे नवनीत प्रियाजी व विट्ठलनाथजी के स्वरूप को सुखपाल में विराजित कर पुष्पों से सुसज्जित वाहन में पधराया गया। इस दौरान तिलकायत राकेशजी महाराज, सुपुत्र विशाल बावा, द्वितीय पीठाधीश्वर कल्याण रायजी, देवकीनन्दनजी, पंचम पीठाधीश्वर विक्की बावा (कामवन), मतमत रायजी (मुम्बई) समैत अन्य गुसाई बालक परम्परागत वेशभूषा धारण कर ठाकुरजी की शोभायात्रा में चल रहे थे।श्रीनाथ बैण्ड की मधुर धुन व गोविन्द पल्टन के सशत्र जवानों के बीच चल रही शोभायात्रा में ब्रजवासी सेवाकर्मी, वैष्णव श्रृद्धालु गिरिराजधरण की जयघोष करते हुए हर्षोल्लास के साथ चल रहे थे।शोभायात्रा में श्रीनाथजी मंदिर के मुखिया नरहरि ठाकर, लालन के मुखिया नारायण बापू सांचिहर, कृष्णभण्डार के अधिकारी सुधाकर शात्री, सत्यनारायण गुर्जर, राधे गुर्जर, फतेहलाल गुर्जर, एस.एल. नागदा, प्रबन्धक दिनेश जोशी, जगदीश मडा, राधा रमण गुर्जर, ब्रजवासी सेवक संघ के अध्यक्ष दादू पहलवान, कीर्तनीया गली के पोलिया निरन्जन गुर्जर, मांगीलाल गुर्जर, मधुकान्त सनाढ्य, ललित वैरागी सहित सैंकड़ों वैष्णव शामिल रहे।ठाकुरजी का लवाजमा लाव लश्कर के साथ कांकरोली स्थित जलचक्की चौराहा पहुंचा जहां से शोभायात्रा के रूप में विट्ठल विलास बाग पहुंचा जहां नवनीत प्रियाजी व विट्ठलनाथजी ने द्वारकाधीश प्रभु के संग छप्पन भोग आरोगा। इस बीच कृष्णभण्डार के अधिकारी सुधाकर शात्री ने बताया कि दोनों स्वरूपों को छप्पन भोग अरोगाने के पश्चात पुन: नाथद्वारा लाया गया।