राजस्थान राय के राजसमन्द जिले की आमेट तहसील के गांव लावासरदारगढ निवासी मांगीलाल खटीक एवं श्रीमती बसन्ती के परिवार में शनिवार का दिन नई रोशनी लेकर आया जब उनके तेरह वर्षीय एकलोते पुत्र श्रीलाल खटीक का ऑपरेशन राजसमन्द जिला कलक्टर नवीन जैन और भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी के मानद सचिव राजकुमार दक के प्रयासों से हो गया।
आठवीं कक्षा मे अध्ययनरत श्रीलाल लम्बे समय से फेफड़े की बीमारी हाइडेटिड सिस्ट से ग्रसित था। मजदूरी से पेट भरने वाला परिवार आर्थिक बोझ तले जैसे तैसे स्थानीय चिकित्सको से इलाज करवा रहा था लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। पिछले दिनाें परिजनाें ने राजकुमार दक से सम्पर्क करने पर उन्होने कमला नेहरू चिकित्सालय के डॉ भूपेश परतानी एवं आरके चिकित्सालय के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ललित पुरोहित से चिकित्सा परामर्श लिया। सोनोग्राफी करने पर मालूम चला कि बालक के दाएं फेफडे में पानी भरा पड़ा है एवं सिकुड़ गया है जिसका इलाज ऑपरेशन से ही सम्भव है एवं वह उदयपुर(राजस्थान) हो सकता था।
ऐसी स्थिति में दक ने उन्हें महाराणा भूपाल चिकित्सालय के ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ विनय नैथानी के पास भिजवाया जिन्होनें एक घंटे के अथक परिश्रम से उसके फेफडे के पास बनी पानी की थेली को शल्य चिकित्सा कर बाहर निकाली एवं फेफडे को सामान्य तरह से कार्य करने योग्य फुलाया। दक ने बताया कि इस ऑपरेशन में डॉ नैथानी ने पूर्ण मानवीयता का परिचय दिया एवं तुरन्त ऑपरेशन कर हर सम्भव सहयोग प्रदान किया।
डॉ नैथानी के अनुसार बालक को समय पर इलाज मिल जाने से उसकी जान बच गई अन्यथा ऐसे प्रकरण में थेली फटने पर टोक्सीन शरीर में फैल जाता है जिससे रोगी की मृत्यु तक हो जाती है।
आठवीं कक्षा मे अध्ययनरत श्रीलाल लम्बे समय से फेफड़े की बीमारी हाइडेटिड सिस्ट से ग्रसित था। मजदूरी से पेट भरने वाला परिवार आर्थिक बोझ तले जैसे तैसे स्थानीय चिकित्सको से इलाज करवा रहा था लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। पिछले दिनाें परिजनाें ने राजकुमार दक से सम्पर्क करने पर उन्होने कमला नेहरू चिकित्सालय के डॉ भूपेश परतानी एवं आरके चिकित्सालय के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ललित पुरोहित से चिकित्सा परामर्श लिया। सोनोग्राफी करने पर मालूम चला कि बालक के दाएं फेफडे में पानी भरा पड़ा है एवं सिकुड़ गया है जिसका इलाज ऑपरेशन से ही सम्भव है एवं वह उदयपुर(राजस्थान) हो सकता था।
ऐसी स्थिति में दक ने उन्हें महाराणा भूपाल चिकित्सालय के ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ विनय नैथानी के पास भिजवाया जिन्होनें एक घंटे के अथक परिश्रम से उसके फेफडे के पास बनी पानी की थेली को शल्य चिकित्सा कर बाहर निकाली एवं फेफडे को सामान्य तरह से कार्य करने योग्य फुलाया। दक ने बताया कि इस ऑपरेशन में डॉ नैथानी ने पूर्ण मानवीयता का परिचय दिया एवं तुरन्त ऑपरेशन कर हर सम्भव सहयोग प्रदान किया।
डॉ नैथानी के अनुसार बालक को समय पर इलाज मिल जाने से उसकी जान बच गई अन्यथा ऐसे प्रकरण में थेली फटने पर टोक्सीन शरीर में फैल जाता है जिससे रोगी की मृत्यु तक हो जाती है।