कल तक इनकी पहचान खाकी और हाथ में लट्ठ से होती थी पर, सूचना प्रोद्योगिकी का दौर पुलिस का स्वरूप भी बदल रहा है। प्रदेश के समस्त पुलिस थानों को हाइटेक बनाने का अभियान गति पकडता जा रहा है। इसी के तहत इन दिनों जिले के सभी थानों में भी पुलिसकर्मियों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। फिलहाल चुनावी कार्यक्रमों में व्यस्तता के चलते प्रशिक्षण स्थगित कर दिया गया है, जो चुनाव समाप्ति के बाद पुन: गति पकडेगा। अब तक 184 पुलिसकर्मियों ने प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है। शेष को भी चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण दिया जाएगा। सीपा सॉफ्टवेयर के तहत होगा कार्यकेन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से गठित पुलिस अघिकारियों के दल व नेशनल इन्फोरमेटिक्स सेन्टर ने कॉमन इन्टीग्रेटेड पुलिस एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर "सीपा" बनाया है। इसके तहत थाना स्तर पर हस्तलिखित रजिस्टरों के कार्य में कमी आएगी। साथ ही नकल एवं असंगत रिकार्ड से भी छुटकारा मिलेगा। इससे शेष अनुसंधान व न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों का लेखाजोखा व ताजा स्थिति की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। अपराध एवं अपराघियों की गतिविघियों से सम्बंघित विवरण भी संधारित किया जाएगा।