राजस्थान राज्य के नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी मंदिर में गोपाष्टमी पर्व परम्परानुसार मनाया गया। वैष्णवज नगरी में स्थित मंदिरों में बाल स्वरूपों का भव्य श्रृंगार किया गया। श्रीनाथजी के नाथूवास स्थित गौशाला में पूरे दिन भर नानाविध अनुष्ठान आयोजित किए गए। नाथूवास स्थित गौशाला के बडे ग्वाल नारायण गुर्जर के सािन्नध्य में ग्वाल-बालों की मण्डली ने गोमाताओं को मोरपंख से बने टिपारेके साज मेहंदी रंग बिरंगे विविध रंगों फोंदो आदि से सजाया गया। पाडो व बिजारों को सिंदूर व तेल की मालिश कर उनके शरीर को चमकाया। गौशाला के बाहर हनुमान व शिव मंदिर में भी पूजा की गई। पूरे परिसर में गौमाताएं व ग्वाल-बाल के चित्र दीवारों पर उकेरे गए। नगर की महिलाओं ने परम्परानुसार गौशाला में मेहंदी कुंकुम अक्षत आदि से गौपूजन किया। शाम को यहां पाडों व बिजारों की भिडंत देखने के लिए भीड उमड पडी।