Sunday, November 23, 2008

जन्मजात नेत्रहीन अनिता को मिला नया जीवन

राजस्थान राज्य के राजसमन्द जिलान्तर्गत रेलमगरा तहसील के बनेडिया गांव निवासी लालू जोगी ने कभी सपने में नहीं सोचा कि उसकी दस वर्षीय नेत्रहीन पुत्री अनिता कभी इस दुनियां को देख पाएगी लेकिन उसकी खुशी का ठिकाना तब नहीं रहा जब उसकी जन्मजात नेत्रहीन इस बालिका का सफल ऑपरेशन सर्व शिक्षा अभियान राजसमन्द और भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी जिला शाखा के मानद सचिव राजकुमार दक के प्रयासा से हो गया और अब अनिता अपनी दोनो आंखो से देख पा रही है। अनिता के नाना मांगीलाल बतातें हैं कि वह जन्म से ही नहीं देख पाती थी। हमने कुछ जगह इसको बताई लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण और इलाज के लिए नहीं जा पाए न ही हमे कोई जानकारी मिली कि इस तरह का इलाज हो सकेगा। पिछले दिना जब सर्व शिक्षा अभियान राजसमन्द और रेडक्रॉस सोसायटी के मानद सचिव राजकुमार दक के सम्पर्क में आए तो इन्होने पूरी मदद के लिए भरोसा दिलाया।
सितम्बर माह में जिला कलक्टर नवीन जैन ने सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत ऐसे बालका को चिन्हित करने के निर्देश दिए जिन्हें विशिष्ट आवश्यकता है। ऐसे में सर्व शिक्षा के जिला परियोजना समन्वयक शंकर लाल सनाढय व सन्दर्भ शिक्षक प्रमेन्द्र जावडिया के मार्फत बालिका अनिता की जानकारी मिली तो उन्होने तुरन्त ही बालिका को परामर्श के लिए अलख नयन नेत्र मंदिर उदयपुर (राजस्थान) के चिकित्सक डॉ एचएस चुण्डावत के पास एम्बूलेंस से भिजवाया जहां डॉ चुण्डावत एवं डॉ एल एस झाला ने उपचार शुरू किया। फेको पध्दति से 23 अक्टूबर को एक आंख का ऑपरेशन किया गया तो परिजनो की खुशी का पारावार नहीं रहा जब पट्टी खुलने पर पहली बार उसने इस दुनियां को देखा। उसकी दूसरी आंख का ऑपरेशन 17 नवम्बर को किया गया और यह भी पूर्णत: सफल रहा। अनिता से पहले अंगुलिया की गिनती करवाई गई अब अनिता दोनो आंखो से सकुशल देख रही है। अनिता के परिजनों की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए अलख नयन मंदिर के डॉ एचएस चुण्डावत ने ऑपरेशन खर्च लगभग पच्चीस हजार रुपया पूर्णत: माफ कर दिया। डॉ चुण्डावत का कहना है कि ऐसे रोगी अज्ञानतावश एवं आर्थिक तंगी से अपना समुचित इलाज नहीं करवा पाते है। यदि इसका ऑपरेशन कुछ वर्ष पूर्व हो जाता तो उसकी नजर की गुणवत्ता और अच्छी होती। अनिता को रोशनी मिलने पर पूरे परिवार व स्कूल में खुशी का माहौल है।राजकुमार दक ने बताया कि जिला कलक्टर नवीन जैन की प्रेरणा पर ऐसे और बच्चों की पहचान कर उनके समुचित इलाज की व्यवस्था की जा रही है।