Wednesday, December 10, 2008

कुम्भलगढ़ शास्त्रीय नृत्य महोत्सव 21 से

राजस्थान राज्य के राजसमन्द में स्थित कुम्भलगढ दुर्ग परिसर में जिला प्रशासन एवं राजस्थान पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किए जा रहे कुम्भलगढ शास्त्रीय नृत्य महोत्सव को आकर्षक एवं भव्य बनाने के साथ ही पर्यटको की सुविधाओं में बढ़ौतरी कर महोत्सव का सफल एवं सुव्यवस्थित संचालन किया जाएगा।जिला कलक्टर जैन ने बताया कि इस बार कुम्भलगढ शास्त्रीय नृत्य महोत्सव में जिला मुख्यालय राजसमन्द से 35 सीटर 2 बसों की व्यवस्था की जाए जो मुख्यालय से सांय 5 बजे रवाना होगी जिसमें प्रति पर्यटक 2 सौ रूपये में कुम्भलगढ समारोह के भ्रमण के साथ ही सांय के खाने की व्यवस्था होगी तथा रात्रि को 11 बजे वापस राजसमन्द लाकर पर्यटको को छोडेगी। इसके लिए पहले आओ-पहले पाओं के आधार पर बसों में सीटों का आरक्षण किया जाएगा। इस व्यवस्था को कुम्भलगढ हरिटेज सोसायटी के माध्यम से सम्पादित करने के निर्देश दिए।महोत्सव के तहत सांय 5 से 7 बजे तक पार्किग में आने वाले वाहनों से पार्किग शुल्क एवं 15 दिसम्बर से कुम्भलगढ हरिटेज सोसायटी द्वारा दुर्ग की रोशनी देखने वाले पर्यटको से पार्किग शुल्क लिए जाने के पूर्व के निर्णय की पालना न होने पर नाराजगी जताई।जिला कलक्टर ने बताया कि नृत्य महोत्सव का शुभारंभ 21 दिसम्बर को प्रातः 10 बजे कुम्भलगढ दुर्ग परिसर में किया जाएगा। जिसके तहत दुर्ग परिसर में विभिन्न स्थलों पर राजस्थान के ख्यातनाम लोक कलाकारों द्वारा आकर्षक नृत्यों एवं गीतों की प्रस्तुती दी जाएगी एवं पर्यटको की विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित होगी, जिसमें मेहन्दी मांडना, साफा बांधना आदि प्रतियोगिताएंं होगी तथा सांयकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम में देश की प्रसिद्ध प्रीती पटेल द्वारा मणीपुरी नृत्य की प्रस्तुती दी जाएगी।जैन ने बताया कि 22 दिसम्बर को सांय पदमभूषण विजेता राजा राधा रेड्डी द्वारा कुचिपूड़ी तथा 23 दिसम्बर की सांय मोहनन् श्रीदेवी द्वारा मोहिनी अट्टम नृत्य की भव्य प्रस्तुती दी जाएगी।इस अवसर पर सहायक निदेशक पर्यटन उदयपुर सुमिता सरोच एवं पर्यटन अधिकारी विकास पण्डया ने महोत्सव के तहत की जा रही तैयारियों से जिला कलक्टर को अवगत कराया।पेम्पलेट का विमोचन ः जिला कलक्टर नवीन जैन ने 21 से 23 दिसम्बर तक आयोजित किए जा रहे कुम्भलगढ शास्त्रीय नृत्य से संबंधित प्रकाशित किए गए पम्पलेट एवं पोस्टर का विमोचन बुधवार को उनके कक्ष में आयोजित कुम्भलगढ शास्त्रीय नृत्य महोत्सव की बैठक के दौरान किया।