प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर शनिवार को बैठक की। इसमें विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी, गृह मंत्री पी चिदंबरम, रक्षा मंत्री एके एंटनी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन भी शामिल हुए। बैठक में सुरक्षा के हालात का जायजा लिया गया। साथ ही सेना की तैयारी पर भी चर्चा हुई। बैठक में इस बात पर भी विचार किया गया कि अगर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के मुद्दे पर पाकिस्तान टालमटोल का रवैया अपनाता रहा तो फिर भारत के पास किस तरह का विकल्प हो सकता है। पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के बीच आयोजित इस मैराथन बैठक में हालात से निपटने और देश के सामने मौजूद विकल्पों पर चर्चा की गई। इससे पहले रक्षा मंत्री ने शनिवार को तटरक्षक बल और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें भारतीय तटरेखा की सुरक्षा का जायजा लिया गया। बैठक में उन्होंने समुद्र की सुरक्षा करने वाली एजेंसी के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
मुंबई हमलों के बाद रक्षा मंत्री की अगुवाई में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा से जुड़े आला अधिकारियों की बैठक में फैसला लिया गया कि तटीय इलाकों में और युद्धपोत और लड़ाकू विमान तैनात किए जाएंगे।इसके अलावा पूरे तटीय इलाके में रडार लगाने का फैसला लिया गया, ताकि दुश्मन के किसी भी हरकत पर नजर रखी जा सके। रक्षा मंत्री ने कोस्टगार्ड से कहा है कि वह जल्द से जल्द इंटसैप्टर बोट खरीदे।साथ ही मीटिंग में फैसला लिया गया कि नौ और कोस्टगार्ड स्टेशन बनाए जाएंगे, ताकि मुंबई जैसे हादसे को किसी भी कीमत पर आतंकवादी दोहरा न सके। मंत्री ने कोस्टगार्ड को यह भी निर्देश दिया कि वह अपनी खुफिया सूचना नेवी और खुफिया विभाग के साथ बांटे।इस मीटिंग में रक्षा मंत्री के अलावा रक्षा सचिव विजय सिंह, कोस्टगार्ड के डीजी वाइस एडमिरल अनिल चोपड़ा समेत कई आला अधिकारी मौजूद थे। इससे पहले शुक्रवार को रक्षा मंत्री ने सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ बैठक की थी।
मुंबई हमलों के बाद रक्षा मंत्री की अगुवाई में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा से जुड़े आला अधिकारियों की बैठक में फैसला लिया गया कि तटीय इलाकों में और युद्धपोत और लड़ाकू विमान तैनात किए जाएंगे।इसके अलावा पूरे तटीय इलाके में रडार लगाने का फैसला लिया गया, ताकि दुश्मन के किसी भी हरकत पर नजर रखी जा सके। रक्षा मंत्री ने कोस्टगार्ड से कहा है कि वह जल्द से जल्द इंटसैप्टर बोट खरीदे।साथ ही मीटिंग में फैसला लिया गया कि नौ और कोस्टगार्ड स्टेशन बनाए जाएंगे, ताकि मुंबई जैसे हादसे को किसी भी कीमत पर आतंकवादी दोहरा न सके। मंत्री ने कोस्टगार्ड को यह भी निर्देश दिया कि वह अपनी खुफिया सूचना नेवी और खुफिया विभाग के साथ बांटे।इस मीटिंग में रक्षा मंत्री के अलावा रक्षा सचिव विजय सिंह, कोस्टगार्ड के डीजी वाइस एडमिरल अनिल चोपड़ा समेत कई आला अधिकारी मौजूद थे। इससे पहले शुक्रवार को रक्षा मंत्री ने सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ बैठक की थी।