दहेज लेना पाप है अपराध है यह जुमले अक्सर सुनने को मिल जाते है। सामाजिक कार्यक्रम में तो मुख्य अतिथि बनने वाले राजनेता और मंत्री दहेज को पाप बताते हुए उस पर करीब आधे घंटे तक भाषण दे देते है और लोगों से दहेज के लिए लडकियों की बली नहीं चढाने का संकल्प करवाते है। काश भाषण देने वाले राजनेता और संकल्प लेने वाले लोग दहेज से नफरत करे तो इस भारत की तकदीर ही बदल सकती है लेकिन वस्तुत: ऐसा नहीं हो रहा है। राजनेताओं की कथनी और करनी में फर्क का एक उदाहरण झारखण्ड में देखने को मिलता है जहां झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री भानुप्रताप शाही पर एक करोड़ रुपये दहेज मांगने का आरोप लगा है। यह आरोप उनकी पहली मंगेतर ने लगाई है। मंत्री ने दो साल में शादी के लिए मन बदल लिया। सगाई किसी और से की और शादी किसी और से।जिस लड़की से सगाई हुई उसका आरोप है कि मंत्री ने दहेज में मोटी रकम मांगी और मांग पूरी नहीं होने पर सगाई तोड़कर दूसरी जगह शादी कर ली। दरअसल बीते साल 2 फरवरी को रीवा के राजपरिवार की शिप्रा सिंह के साथ मंत्री जी की सगाई हुई, लेकिन इसी शुक्रवार को रांची में उन्होंने किसी और से ब्याह रचा लिया। आशीर्वाद देने वालों में मुख्यमंत्री शिबू सोरेन सहित रांची की कई जानी-मानी हस्तियां शामिल हैं।शिप्रा और उनके परिवार वालों का आरोप है कि मंत्री जी ने एक करोड़ का दहेज मांगा, नहीं मिला तो कहीं और 'सौदा' कर लिया। शिप्रा के पिता अब अदालत जाने की तैयारी कर रहे हैं।मंत्री की सफाई कुछ और है। मंत्री का कहना है, आप इसे लव मैरिज समझें या अरेंज, मुझे शादी की जल्दी थी, इसलिए शादी कर ली।