Wednesday, December 17, 2008

सेक्स एज्यूकेशन लागू करे या नहीं...... नहीं तो हो जाएगी ब्रिटेन जैसी हालत

भारतीय विद्यालयों में सेक्स एज्यूकेशन के लिए राजनेता और कई विद्वान लोग पैरवी करते है वहीं कई लोग इसका विरोध करते है लेकिन इसके परिणाम से उन्हें कोई लेना देना नहीं है। हाल ही में ब्रिटेन में किए गए एक सर्वे में कम उम्र की बालिकाओं के गर्भवती होने का खुलासा होने के बाद हालांकि ब्रिटेन की नींद तो उड गई साथ ही यूनिसेफ भी चिंतित है। ब्रिटेन में किशोरियां गर्भवती हो रही हैं। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ऑफिस फॉर नेशनल स्टेटिस्टिक्स और ओएनएस की मानें तो पिछले साल इंग्लैंड और वेल्स इलाके में 18 साल से भी कम उम्र की 53 हजार किशोरियां गर्भवती हुईं। डिपार्टमेंट ऑफ चिल्ड्रेन, फैमिली एंड स्कूल्स के मुताबिक 2007 के शुरुआती नौ माह की समीक्षा करने पर साफ है कि 2006 की तुलना में इसकी संख्या में आश्चर्यजनक इजाफा हुआ है। साल 2006 में जहां 1 हजार लड़कियों में 40.9 लड़कियों के गर्भवती होने का आंकड़ा था वहीं यह बढ़कर 42 हो गई है। 2006 में इंग्लैंड और वेल्स को मिलाकर 41,800 लड़कियां गर्भवती हुई थीं। साल 2007 में अब तक का सबसे बड़ा इजाफा माना जा रहा है। वहीं ब्रिटेन के स्कूल मंत्री जिम नाइट ने सेक्स एजुकेशन को अनिवार्य बना दिया है। ब्रिटेन का स्वास्थ्य विभाग भी इन आंकड़ों के बाद पूरी तरह चेता नजर आ रहा है। इस हफ्ते विभाग ने ट्रायल के तौर पर एक नई स्कीम लागू की है। इसके तहत बिना किसी डॉक्टरी सलाह वाले कागज के भी लड़कियां गर्भ निरोधक ले सकेंगी। सरकार इसके साथ सेक्स एजुकेशन को भी बढ़ावा दे रही है और सेफ सेक्स का भी जोरदार तरीके से प्रचार कर रही है। यूनीसेफ ने भी ब्रिटेन में गर्भवती किशोरियों की संख्या में लगातार इजाफे पर चिंता प्रकट की है। यूनीसेफ ने कहा है कि पूरे यूरोप में सबसे गंभीर हालात यहीं के हैं।