Wednesday, December 3, 2008

कांग्रेस ने फिर साबित कर दिया लोकतंत्र पर हावी है नोट तंत्र

राजस्थान राज्य के राजसमन्द विधानसभा क्षेत्र के खाखलिया खेड़ा गांव में प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस ने मतदान दिवस की पूर्व संध्या पर ग्रामीणों को वोट के लिए नोट बांट कर यह साबित कर दिया कि वर्तमान में लोकतंत्र पर हावी है नोट तंत्र।
खाखलिया खेड़ा भील बस्ती में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा वोट के लिये नोट बांटने की जानकारी मिलने पर कुवारियां पुलिस ने र्स्कोपियो गाड़ी व उसमें काफी मात्रा में नोट जब्त किये है।कुंवारिया थानान्तर्गत खाखलिया खेड़ा भील बस्ती में भाजपा कार्यकर्ता प्रचार कर रहे थे। इस दौरान राजनगर की तरफ से एक र्स्कोपियो गाड़ी आई जिसमें 4-5 कांगेस कार्यकर्ता सवार थे। भाजपा कार्यकर्ता कुंवारिया निवासी मुकेश शर्मा को गाड़ी में सवार लोगों के पास रूपये देख संदेह हुआ। इस पर वे गाड़ी के पास गये । दूसरी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी इसकी भनक लग गई थी जिस पर वे भी सावचेत हो गये। कुछ देर बाद दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं में वोट के लिये नोट बांटने की बात को लेकर जोरदार गहमा-गहमी हो गई। इसकी सूचना पर कुवारियां थानाधिकारी गोपाल चन्देल भी घटनास्थल पहुंच गये। पुलिस ने गाड़ी की तलाशी ली जिसमें काफी मात्रा में रूपये पाये गये। पुलिस ने गाड़ी व नोट जब्त कर अग्रिम जांच शुरू कर दी।इस मामले में भाजपा कार्यकर्ता मुकेश शर्मा ने कांग्रेस के सलीम खान, शफी मोहम्मद सहित 4-5 जनों के खिलाफ बस्ती में वोट के लिये नोट बांटने का आरोप लगाते हुये मुकदमा दर्ज कराया।राजसमंद डिप्टी मनीष त्रिपाठी ने बताया कि गाड़ी को जब्त कर लिया गया है। इस मामले की जांच की जा रही है तथा नोट कितने है उनकी गिनती जारी है।


कई वरिष्ठ नेताओं के लबोलुआब पर यह बात निकलती है कि राजनीति गंदी है इसमें जाने वाला दल-दल में फंसता जाता है और इससे पल्ला झाड़ना ही ठीक रहता है लेकिन यह कितना सही है? राजनीति गंदी नहीं है बल्कि इसे गंदा बनाया गया है। राजनीति को लक्ष्य बनाया गया मात्र सत्ता प्राप्त करने को। कुर्सी के लिए नेता किसी का भी अहित कर सकते है या भुजबल और बाहुबल से युक्त लोगों की मक्खन पॉलीस करते नजर आएंगे। ऐसे में सबसे यादा अहित होता है उस मतदाता का जिसने कितनी उम्मीद से उस व्यक्ति को चुना जो उसे एक विकासशील अर्थव्यवस्था, शांतिपूर्ण माहौल दे सके। यहां चाणक्य की राजनीति की बात करना भी जरूरी समझता हूं जिसने चंद्रगुप्त को नंद वंश के उन्नमूलन के लिए इसलिए तैयार किया था ताकि जनता को एक अत्याचारी और दुष्ट शासक से छुटकारा मिल सके और जनता को सुरक्षा व स्वाभिमानपूर्ण जिंदगी बसर करने में कोई परेशानी नहीं हो। जनता वह घटना अब तक नहीं भूली जब संसद में उदयपुर संभाग के सांसद महावीर भगोरा सहित तीन सांसदों ने संसद में नोटों से भरे बैग रखे। बकौल महावीर भगोरा और अन्य सांसद कांग्रेस ने संसद में विश्वास मत हासिल करने के लिए उन्हें नोट दिए। यदि राजनीतिज्ञों ने अपना यही दागनुमा चेहरा बार-बार मतदाताओं के सामने किया तो क्या मतदाता उन्हें माफ करेंगे। मुम्बई में हुई आतंकवादी घटना के बाद से जनता यह समझ चुकी है कि नेता सिर्फ सत्ता के लिए लड रहे है आतंकवाद और देश के अन्य गंभीर मुद्दों से उन्हें कोई लेना देना नहीं है।