अपने कब बेगाने हो जाते है इसका एक वायका दिल्ली के लोदी कॉलोनी में देखने को मिला जहां एक बालिका अपने खून के सगे से बचने के लिए स्कूल की मेडम से गुंहार लगा रही है। बाप, चाचा और भाइयों की गिरफ्तारी से तीन मासूम लड़कियां और उनके दो अबोध भाई राहत की सांस ले रहे हैं। दरअसल, इन तीनों ने इन रिश्तों को नासूर बना दिया था। मुलजिमों को उनके अंजाम तक पहुंचाया इन बच्चों की टीचर ने। एनबीटी से बातचीत में टीचर ने इसका श्रेय एसएचओ (लोदी कॉलोनी) राजेंद्र सिंह को दिया। लोदी कॉलोनी के 'नगर पालिका प्राइमरी गर्ल्स स्कूल' में पढ़ाने वाली टीचर ने बताया कि उनकी क्लास में 12 साल की स्टूडंट मनीषा (बदला हुआ नाम) बहुत परेशान रहती थी। पूछने पर भी मनीषा वजह नहीं बताती थी। एक दिन मनीषा अपनी सहेली के साथ टीचर के घर पहुंची। उसने रोते हुए बताया कि उसका पिता उससे और दो छोटी बहनों से रेप करता है। मना करने पर वह उन्हें बुरी तरह पीटता है और भूत-प्रेत बुलाने की बात कहकर डराता है। मनीषा के मुताबिक, उसने ऐसा नहीं करने की प्रार्थना कागज पर लिखकर अपने पिता को दी थी। उसके पिता ने उस कागज को जला दिया था। मनीषा की छोटी बहनों की उम्र 10 और 8 साल है। मनीषा ने आग्रह किया कि उसके पिता को गिरफ्तार कराने के बजाय समझाया जाए। उसकी मां का देहांत पांच साल पहले हो चुका है। उसने बताया कि पिछले एक साल से उसका चाचा रामबाबू, बुआ का लड़का प्रेम और ममेरा भाई विनोद कई बार उससे गलत काम कर चुके हैं। टीचर ने मनीषा के पिता को अपने घर बुलाया। रेडीमेड कपड़ों की रेहड़ी लगाने वाले उनके पिता ने टीचर के पैर पकड़कर और लिखित माफीनामा देकर आइंदा ऐसा न करने का वादा किया। एक हफ्ते बाद 26 जनवरी को मनीषा का पिता उसे गुड़गांव ले गया। उसने वहां मनीषा को बंधक बनाकर अपने छोटे भाई के पास रखा। फिर उसे गुड़गांव छोड़कर 30 जनवरी को वापस लोदी कॉलोनी आया। 31 जनवरी को मनीषा की छोटी बहन रचना (बदला हुआ नाम) ने रोते हुए अपनी सहेली को रात में हुई वारदात के बारे में बताया। दोनों लड़कियां टीचर के पास गईं। वहां रचना ने बताया कि रात में उसके बाप ने उससे रेप किया। यह वारदात उसके तीन छोटे भाई-बहनों ने भी देखी थी। इसके बाद रचना से उसकी बुआ के लड़के ने भी गलत काम किया। NBT