लौहनगरी जमशेदपुर के एक मशहूर कॉलिज ने अपनी छात्राओं के लिए खुद दूल्हे ढूंढ़ने की ठानी है लेकिन जीवनसाथी उन्हीं लड़कियों के लिए ढूंढ़े जाएंगे जो ग्रैजुएशन कर चुकी होंगी। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) से पिछले साल स्वायत्त संस्थान का दर्जा पाने वाला जमशेदपुर विमिंज कॉलिज जीवनसाथी ढूंढ़ने में छात्राओं की मदद के लिए स्वयंवर नाम से एक केंद्र खोलने की प्रक्रिया में है। स्वयंवर की योजना कॉलिज प्रिंसिपल शुक्ला मोहंती के दिमाग की उपज है और इसे अंजाम देने में समाजशास्त्र विभाग के उनके सहकर्मी भी जी जान से लगे हैं। मोहंती ने कहा कि यह केंद्र कोई मैरिज बयूरो नहीं होगा, बल्कि यह बिना दहेज के शादी करने में लड़कियों की मदद करेगा। उन्होंने कहा हम छात्राओं को शिक्षा देने की जिम्मेदारी ले रहे हैं तो हमें उनके लिए योग्य वर ढूंढ़ने से क्यों पीछे हटना चाहिए? मोहंती ने कहा कि ग्रैजुएशन पूरा करने की शर्त माता-पिता को अपनी बेटियों को शिक्षित करने की प्रेरणा देने का काम करेगी।
यह पूछे जाने पर कि यह विचार उनके मन में कैसे आया मोहंती ने एक उदाहरण बताया जो दो साल पहले घटित हुआ था। उन्होंने कहा कि उस घटना में ब्राहमण परिवार से संबंध रखने वाले एक पुलिस कांस्टेबल ने उनसे अपने लिए एक योग्य वधू ढूंढ़ने में मदद करने के लिए संपर्क किया। मोहंती ने कहा कि उन्होंने इस दिशा में कोशिश शुरू की तो उन्हें कॉलिज हॉस्टल में रहने वाली एक लड़की के बारे में पता चला। उन्होंने अपने सहकर्मियों के साथ लड़की का डिटेल्स इकट्ठा करना शुरू किया और उसके माता-पिता से संपर्क किया। जाति, कुंडली और अन्य विवरणों के मिलान के बाद अंतत: दोनों की शादी हो गई। इससे पेरित होकर उनके मन में शुरू करने का विचार आया। मोहंती ने दावा किया कि उनका कॉलेज इस मामले में देशभर में अपनी तरह का पहला होगा। उन्होंने कहा कि इस केंद्र को चलाने के लिए लिए समाजशास्त्र विभाग के प्रमुख के नेतृत्व में एक सात सदस्यीय कमिटि बनाई गई है। मोहंती ने कहा, 'इसकी शुरुआत जून-जुलाई से करने की योजना है, क्योंकि मान्यता मिलने का इंतजार कर रहे हैं, जो मार्च के अंत तक मिलने की संभावना है।
यह पूछे जाने पर कि यह विचार उनके मन में कैसे आया मोहंती ने एक उदाहरण बताया जो दो साल पहले घटित हुआ था। उन्होंने कहा कि उस घटना में ब्राहमण परिवार से संबंध रखने वाले एक पुलिस कांस्टेबल ने उनसे अपने लिए एक योग्य वधू ढूंढ़ने में मदद करने के लिए संपर्क किया। मोहंती ने कहा कि उन्होंने इस दिशा में कोशिश शुरू की तो उन्हें कॉलिज हॉस्टल में रहने वाली एक लड़की के बारे में पता चला। उन्होंने अपने सहकर्मियों के साथ लड़की का डिटेल्स इकट्ठा करना शुरू किया और उसके माता-पिता से संपर्क किया। जाति, कुंडली और अन्य विवरणों के मिलान के बाद अंतत: दोनों की शादी हो गई। इससे पेरित होकर उनके मन में शुरू करने का विचार आया। मोहंती ने दावा किया कि उनका कॉलेज इस मामले में देशभर में अपनी तरह का पहला होगा। उन्होंने कहा कि इस केंद्र को चलाने के लिए लिए समाजशास्त्र विभाग के प्रमुख के नेतृत्व में एक सात सदस्यीय कमिटि बनाई गई है। मोहंती ने कहा, 'इसकी शुरुआत जून-जुलाई से करने की योजना है, क्योंकि मान्यता मिलने का इंतजार कर रहे हैं, जो मार्च के अंत तक मिलने की संभावना है।