महात्मा गांधी जी का वह चश्मा अब नीलाम होने जा रहा है, जिससे गांधी जी को भारत को आजाद कराने की की दृष्टि मिली थी। दुनिया को अंिहंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गांधीजी ने हमेशा सादा जीवन उच्च विचार के मंत्र पर जीवन जिया है। किंतु न्यूयार्क में उनके चश्मे, सैंडल, घड़ी आदि की नीलामी बड़ी कीमत पर होने की उम्मीद है। पाकेट घड़ी है वर्ष 1910 कीनीलामी का आयोजन करने वालों ने इनकी कीमत 2 लाख 81 हजार रुपए से ज्यादा आंकी हैं। यह जेनिथ कंपनी की घड़ी 1910 में बनी थी। इसके साथ कप और प्लेट भी नीलाम होंगे। गांधी जी ने इस चश्में को ब्रितानी सेना के एक अफसर कर्नल एचए सीरी दीवान नवाविन को 1930 में उस वक्त दिया था, जब कर्नल ने उनसे प्रेरणा मांगी थी। सीरी उस वक्त स्वशासन पर बात करने भारत आए थे। गांधीजी ने ये वस्तुएं उन्हें यह कहते हुए दी थी कि इन चीजों ने मुझे भारत को आजाद करने की दृष्टि दी है। बाद में इनको एक दुकानदार ने एकत्रित किया और अब वह इन्हें बेचने की तैयारी में है।एन्टीक्कोरम आक्सशीनिर्स के मिशेल हेरपर्न न्यूयार्क में 4 और 5 मार्च को इन्हें नीलाम करने जा रहे हैं। मिशेल ने कहा कि यह सच में गांधी जी की वस्तुओं की ऐतिहासिक बिक्री है। मुझे उम्मीद है कि मेरी अपेक्षा से अधिक धन मुझे मिलेगा। विश्व के महानायक हैं गांधीलंदन के टेलीग्राफ अखबार को दिए साक्षात्कार में मिशेल हेरपर्न कहा गांधी जी पास बहुत कुछ नहीं था इसलिए नीलामी के लिए बहुत ही कम चीजें सामने आती हैं वे बड़ी कीमत पर बिक जाती हैं। भारत के गांधीवादियों ने उम्मीद जताई है कि जो भी इन वस्तुओं को खरीदेगा वह उन्हें किसी संग्रहालय को सौंप देगा।गांधीजी से जुड़ी हुई सभी वस्तुओं को किसी संग्रहालय में रखी जानी चाहिए ताकि आम लोग इन्हें देख सकें। ये आने वाली पीढ़ियों के लिए उपलब्ध होनी चाहिए ताकि वे इनसे प्रेरणा ले सकें।