न शाहनवाज हुसैन चलेंगे, न मुख्तार अब्बास नकवी। वीएचपी को बीजेपी में मुसलमान मंजूर नहीं है। वीएचपी नेता गिरिराज किशोर ने साफ तौर पर कहा, हम इन लोगों का बिल्कुल समर्थन नहीं करेंगे।वैसे शाहनवाज हुसैन पहले भी यह विरोध झेल चुके हैं। 2005 में भागलपुर उपचुनाव में मंदिर की सीढ़ियां चढ़ गए, तो पुजारी ने मंदिर धुलवाया। वीएचपी ने उनके खिलाफ उम्मीदवार भी खड़ा किया। हालांकि बीजेपी कहती है कि वीएचपी उसके साथ ही रहेगी।बीजेपी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह कहते हैं, हमारे सारे उम्मीदवार हमारी विचारधारा को मानते हैं, जो संघ की विचारधारा है। शायद बीजेपी का यह हौसला गुजरात चुनाव से मिला हो, जहां वीएचपी के विरोध के बावजूद नरेंद्र मोदी जीते, लेकिन मुख्तार, मोदी नहीं हैं और उनका मुकाबला रामपुर में जयाप्रदा से हैं। ऐसे में यह ऐलान उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है।