ठग ठगी करने से पहले इस तरह के इंतजाम करते हैं कि उनकी ऑरिजिनल शिनाख्त न हो सके। इस वास्ते वे अपना नाम भी फर्जी रखते हैं और कई बार कोई फर्जी कंपनी ही कागजों पर स्थापित कर देते हैं। बिपिन ठाकुर नामक एक सीए ने अपने दो साथियों रामचंद्र पावसकर और अनिल कुमार शेट्टी के साथ मिलकर ऐसा ही किया और कई बैंकों को करीब डेढ़ करोड़ रुपए की चपत लगा दी। तीनों आरोपियों को इंस्पेक्टर प्रदीप सूर्यवंशी ने अंधेरी से गिरफ्तार किया। इस मामले में अनिल की पत्नी शिल्पा का भी नाम सामने आया है। खास बात यह है कि गिरफ्तार आरोपियों में से कुछ फूलन देवी का किरदार निभाने वाली सीमा विश्वास के घर में किराए पर रह रहे थे। सीमा को खुद पता नहीं था कि उनके घर ठग रहते हैं। पुलिस के अनुसार ठाकुर ने एचएसीएल व एक और नाम की दो कंपनियां बनाईं और दोनों कंपनी का पता पवई व मुम्बई में एक और जगह का दिया। इन फर्जी कंपनियों का पार्टनर उसने रामचंद्र व अनिल को बनाया, पर कंपनी के कागजातों में इनके नाम उसने क्रमश: ऐलिक्स फर्नांडिस व संदीप देसाई बताए। ठाकुर ने खुद को इन कंपनियों का चेअरमन बताते हुए एक बैंक में क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया। क्रेडिट कार्ड की अप्लीकेशन देने से पहले उसने जेम्स फर्नांडिस नाम से बैंक एकाउंट खोला और बाद में इसी नाम से क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया। कुछ दिनों बाद उसे जेम्स फर्नांडिस के नाम से क्रेडिट कार्ड मिल भी गया। उसके साथियों ने भी इसी तरह से फर्जी नाम से अकाउंट खोले और फिर क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई कर दिया। उन सभी को भी क्रेडिट कार्ड मिल गए। इन आरोपियों ने फर्जी नाम व दस्तावेजों पर सिर्फ क्रेडिट कार्ड ही नहीं लिए, कई कारें भी लोन पर ले लीं। इन कारों से आरोपियों ने जमकर सैर की, जबकि क्रेडिट कार्डों से उन्होंने खूब खरीदारी की, पर जब बैंक को पेमंट करने का वक्त आया, तो आरोपियों ने बैंक को एक भी पैसा नहीं दिया। इस पर बैंक ने उनकी पवई व अन्य जगहों के उन पतों पर तलाश की, जहां ठाकुर ने अपनी कंपनियां बताई थीं, पर वहां जाकर पुलिस को पता चला कि यहां ऐसी कोई कंपनी है ही नहीं। इसके बाद पुलिस ने उन मॉल्स और दुकानों में संपर्क किया, जहां से ठाकुर व उनके साथियों ने खरीददारी की थी और वहीं से पुलिस को ठाकुर व उसके साथियों का सुराग मिल गया। इसी के बाद ये आरोपी पकड़े गए। इस मामले में कई आरोपी अभी भी फरार हैं। इनमें कविता शेट्टी उर्फ शिल्पा देसाई का नाम प्रमुख है। खास बात यह है कि ज्यादातर आरोपियों ने क्रेडिट कार्ड व लोन के लिए अप्लाई करते वक्त भले ही अपना नाम व पता फर्जी लिखा हो, पर सभी आरोपियों ने फार्म में फोटो अपना ही चिपकाया था। यह झूठ वे चाहकर भी छिपा नहीं सके।