अगर किसी भी पशु मालिक के पास शहरी इलाकों में बिना लाइसंस के एक भी जानवर पाया गया तो उसका बिजली और पानी का कनेक्शन काट दिया जाएगा। अपने घर में जानवरों को रखने के लिए अब पशु मालिक को लाइसंस लेना जरूरी होगा। एमसीडी जल्द ही इस प्रस्ताव पर मुहर लगाने वाली है। दिल्ली के उपराज्यपाल की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में इस मामले पर चर्चा हो चुकी है। इस प्रस्ताव को एमसीडी की स्थायी समिति की बैठक में लाया जाएगा। एमसीडी द्वारा हाल ही में एम. एस. इंटरनैशनल से कराए गए एक सर्वे के मुताबिक राजधानी की सड़कों पर अब भी 17,205 आवारा जानवर घूम रहे हैं। इन्हीं आवारा जानवरों के कारण आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। एमसीडी कमिश्नर के. एस. मेहरा के मुताबिक, राजधानी में आवारा पशुओं पर लगाम लगाने के लिए एमसीडी पहले से ही उनमें माइक्रो चिप लगाने का अभियान चला रही है। चिप से पता चल जाएगा कि पशु किसका है। अगर यह पशु सड़क पर घूमता पकड़ा जाता है तो पहली बार उसे 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। दूसरी बार पकड़े जाने पर 10 ,000 रुपये और तीसरी बार पकड़े जाने पर 15,000 रुपये जुर्माना भरना होगा। ग्रामीण इलाकों को छोड़कर सभी लोगों को को पशु रखने का लाइसंस लेना होगा। फिलहाल पशु मालिक गायों का दूध निकालकर उन्हें सड़क पर छोड़ देते हैं। यही कारण है कि एक्सिडंट की घटनाएं बढ़ रही हैं। पांच साल पहले किए गए सर्वे के मुताबिक राजधानी में 35,000 आवारा पशु थे। एमसीडी इन 5 सालों में एक लाख आवारा पशुओं का दावा कर रही है। एमसीडी जितने पशु पकड़ती है, वे या तो अपने मालिकों के पास पहुंच जाते हैं या फिर लोग अन्य राज्यों से पशुओं को दिल्ली में ले आते हैं। जहां तक घोघा डेरी में राजधानी की डेरियों को शिफ्ट करने का मामला है तो अभी तक एक भी डेरी घोघा में शिफ्ट नहीं हुई है। एमसीडी के अधिकारियों के मुताबिक पशु पकड़ने की राह में नेता और लोगों का विरोध भी उन्हें झेलना पड़ता है। यही कारण है कि अब तक इस मामले में 17 मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं, जिनमें 4 मामले खुद निगम पार्षदों के खिलाफ हैं। NBT