Thursday, April 23, 2009

महात्मा ब्रह्मदास उदासीन को महंगी पड़ी चुनाव के बहिष्कार की अपील

हिंदू धार्मिक स्थलों के सरकारी अधिग्रहण को रद न करने से क्षुब्ध होकर अखिल भारतीय हिंदू रक्षा आंदोलनकारी संगठन के प्रदेशाध्यक्ष महात्मा ब्रह्मदास उदासीन को जनता से लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की अपील महंगी पड़ी। मंगलवार देर सायं अम्ब क्षेत्र में चुनाव का बहिष्कार करने संबंधी पोस्टर बांटने पर अम्ब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हालांकि पुलिस ने उनके खिलाफ मामला 'आवारागर्दी' का दर्ज किया है।
महात्मा ब्रह्मदास पूर्व कांग्रेस सरकार के समय किए गए हिंदू मंदिरों के अधिग्रहण को प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा भी सत्ता में आने के बाद रद न करने से क्षुब्ध थे। उन्होंने इसके लिए बाकायदा पर्चे छपवाकर मुख्यमंत्री धूमल को इसके लिए आरोपी ठहराते हुए प्रदेश की जनता से लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की अपील की थी। इस अपील में कांग्रेस पर भी निशाना साधा गया था, जबकि हिंदू धार्मिक स्थलों के सरकारी अधिग्रहण को रद न किए जाने पर उन्होंने जनता से लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की अपील की थी। मंगलवार देर सायं जब महात्मा अम्ब क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के बहिष्कार संबंधी पर्चे बांट रहे थे तो किसी ने इसकी सूचना अम्ब पुलिस को दी। पुलिस ने महात्मा ब्रह्मदास उदासीन को मौके पर चुनाव के बहिष्कार संबंधी अपील के पर्चो सहित पकड़ लिया। पुलिस ने उनके खिलाफ आवारागर्दी का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। लोकसभा चुनाव बहिष्कार के लिए जिस प्रिंटिंग प्रेस में ये पर्चे छपवाए गए हैं उसका नाम भी इन पर अंकित नहीं है। पुलिस ने इस संबंध में एसडीएम नरेंद्र शर्मा को भी सूचित कर दिया है। वहीं, डीएसपी मदन लाल कौशल ने बताया कि महात्मा ब्रह्मदास उदासीन को चुनाव बहिष्कार संबंधी पर्चे वितरित करते हुए पकड़ा गया है।