सेंट्रल रेलवे के जीएम बी. बी. मोदगिल ने सेंट्रल रेलवे के कुख्यात स्टेशनों पर सुधार के लिए जो कदम उठाए हैं, उससे उनकी मेहनत रंग लाने लगी है। ठाणे स्टेशन से लगातार यात्रियों की शिकायतें आ रही थीं कि इस स्टेशन पर महानगरी एवं अन्य ट्रेनों में जनरल डिब्बे में सरक्षिरत सीट पाने के लिए 100 रुपये प्रति यात्री आरपीएफ वसूल कर सीट उपलब्ध कराती है, पैसा नहीं देने की शक्ल में यात्री को मारपीट-गाली गलौज दे कर पीछे धकेल दिया जाता है। मोदगिल द्वारा गठित तीन बैचों में से विजिलंस विभाग के अधिकारियों को ठाणे की हकीकत जानने के लिए काम पर लगाया गया। एक विजिलंस अधिकारी ने बताया कि जैसे ही रविवार की रात 12.40 के आसपास महानगरी स्टेशन पर पहुंची तो आरपीएफ के जवान तथाकथित व्यवस्था में जुट गए और पीछे खड़े लोगों से पैसे ले कर गाड़ी में बैठाने लगे। विजिलंस अधिकारियों ने जाल बिछाया और आरपीएफ के एक जवान को 1200 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। जैसे ही पुलिस वाले को पकड़ा उसने हजार का एक नोट तथा सौ-सौ के दो नोट मुंह में डाले और निगल गया। उसके बाद उसने भागने की कोशिश की लेकिन विजिलंस के लोगों ने धर लिया। अब उसका मेडिकल कराया जा रहा है। आरपीएफ के बड़े अधिकारी बदनामी से बचने के लिए मामले को रफा-दफा करने की कोशिश में लगे हैं।