बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (बीएमसी)ने एडवाइजरी जारी की है कि कोई भी बाहरी आदमी
24 जुलाई को मुंबई का रुख न करे। बीएमसी का कहना है कि 24 जुलाई को पिछले सौ सालों का सबसे तेज ज्वार-भाटा (Tide)आने की आशंका है। इसके चलते शहर में बाढ़ जैसे हालात और तेज आंधी-तूफान आ सकते हैं। गौरतलब है कि बीएमसी ने अभी तक मॉनसून के मद्देनजर काम ख़त्म नहीं किया है। 26 जुलाई, 2005 मुंबई में आई जबर्दस्त बाढ़ के करीब चार साल बीत जाने के बाद भी मुंबई में फ्लड मॉडलिंग सिस्टम का वादा पूरा नहीं किया जा सका है। नालों की सफाई का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है, ऐसे में बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने अपनी कमियों को छुपाने का आसान रास्ता खोज लिया है। बीएमसी ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि 24 जुलाई के आसपास बाहरी लोग मुंबई न आएं। मौसम विभाग के लिए 24 जुलाई के आसपास के पांच दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं जब जबर्दस्त ज्वार-भाटा के साथ जोरदार बारिश की आशंका है, ऐसे में मुंबई शहर एक बार फिर से बाढ़ से घिर सकता है। 24 जुलाई को खासतौर पर समुद्र में करीब 5.05 मीटर ऊंची लहरें उठेंगी जो पिछले सौ सालों में सबसे ऊंची होंगी। नालियों और नालों की सफाई का प्रॉजेक्ट ब्रिम्स्टोवैड (BRIMSTOWAD)जिसे अभी पूरा होने में करीब दो साल का वक्त लगेगा, ऐसे में बीएमसी को लगा कि आने वाली बला से बचने का यही आसान उपाय होगा कि लोगों को मुंबई आने से रोका जाए। ऐसे में जब पारंपरिक तौर पर क्राइसिस मैनिजमंट सिस्टम के जरिए कोशिश होगी कि लोग अपनी ज़िंदगी जिएं शहर अपने तरीके से चलता रहे, वहीं बीएमसी की कोशिश है कि लोग रुकें और शहर चलता रहे।
24 जुलाई को मुंबई का रुख न करे। बीएमसी का कहना है कि 24 जुलाई को पिछले सौ सालों का सबसे तेज ज्वार-भाटा (Tide)आने की आशंका है। इसके चलते शहर में बाढ़ जैसे हालात और तेज आंधी-तूफान आ सकते हैं। गौरतलब है कि बीएमसी ने अभी तक मॉनसून के मद्देनजर काम ख़त्म नहीं किया है। 26 जुलाई, 2005 मुंबई में आई जबर्दस्त बाढ़ के करीब चार साल बीत जाने के बाद भी मुंबई में फ्लड मॉडलिंग सिस्टम का वादा पूरा नहीं किया जा सका है। नालों की सफाई का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है, ऐसे में बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने अपनी कमियों को छुपाने का आसान रास्ता खोज लिया है। बीएमसी ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि 24 जुलाई के आसपास बाहरी लोग मुंबई न आएं। मौसम विभाग के लिए 24 जुलाई के आसपास के पांच दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं जब जबर्दस्त ज्वार-भाटा के साथ जोरदार बारिश की आशंका है, ऐसे में मुंबई शहर एक बार फिर से बाढ़ से घिर सकता है। 24 जुलाई को खासतौर पर समुद्र में करीब 5.05 मीटर ऊंची लहरें उठेंगी जो पिछले सौ सालों में सबसे ऊंची होंगी। नालियों और नालों की सफाई का प्रॉजेक्ट ब्रिम्स्टोवैड (BRIMSTOWAD)जिसे अभी पूरा होने में करीब दो साल का वक्त लगेगा, ऐसे में बीएमसी को लगा कि आने वाली बला से बचने का यही आसान उपाय होगा कि लोगों को मुंबई आने से रोका जाए। ऐसे में जब पारंपरिक तौर पर क्राइसिस मैनिजमंट सिस्टम के जरिए कोशिश होगी कि लोग अपनी ज़िंदगी जिएं शहर अपने तरीके से चलता रहे, वहीं बीएमसी की कोशिश है कि लोग रुकें और शहर चलता रहे।