महानगर की एक अदालत ने बहू की जलाकर हत्या करने वाली तीन महिलाओं को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अभियोजन के मुताबिक पिछले साल शमीम शेख (22) को उसकी सास कुलसुमबी शेख (45) और उसकी बेटियों यास्मीन शेख (25) और आस्मा शेख (18) ने जला कर मार डाला था। शिवडी सेशन कोर्ट ने इन लोगों को हत्या का दोषी माना। शमीम का निकाह फिरोज से हुआ था जो पेशे से मजदूर था। शमीम के भाई ने अदालत को बताया कि दोषियों की घरेलू मामलों को लेकर पीड़िता के साथ लगातार लड़ाई होती थी। 30 जून, 2008 को शमीम की मां को फोन आया जिसमें शमीम को जलगांव से ले जाने की बात कही गई। शमीम की मां को मुम्बई पहुंचने पर पड़ोसियों से पता चला कि उनकी बेटी को जला दिया गया है और वह अस्पताल में भर्ती है। मजिस्ट्रेट के सामने शमीम ने अपने अंतिम बयान में बताया कि कुलसुमबी, यास्मीन और अस्मा ने उसे केरोसिन छिड़क कर जला दिया। उसके पति ने उसे बचाने की कोशिश की। अदालत ने तीनों महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।