लिट्टे के छापामारों को खत्म करने के लिए श्रीलंका सेना के अंतिम अभियान में 20 हजार से अधिक आम नागरिक मारे गए। इनमें से अधिकतर की जान श्रीलंकाई सेना की गोलाबारी में गई। टाइम्स अखबार द्वारा की गई जांच में खुलासा हुआ है कि अंतिम चरण के युद्ध में 20 हजार से अधिक नागरिक मारे गए। मौतों का यह आंकड़ा सरकारी आंकड़ों से तीन गुना अधिक है। नागरिकों की मौतों का दोष लिट्टे विद्रोहियों पर मढ़ते हुए श्रीलंका के सरकारी अधिकारियों ने 27 अप्रैल को कहा था कि उन्होंने भारी हथियारों का प्रयोग रोक दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हवाई तस्वीरों और आधिकारिक दस्तावेजों से साबित होता है कि सीब्रेनिका और दारफुर जैसे कई जगहों पर आम नागरिकों का कत्लेआम किया गया।