सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि रेप के मामले में किसी महिला पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता क्योंकि किसी दूसरी महिला से रेप की उसकी मंशा नहीं हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने रेप के मामले में एक महिला को बरी किये जाने को राजस्थान सरकार की ओर से चुनौती दिये जाने पर यह बात कही। अदालत ने कहा कि किसी महिला की ऐसी कोई मंशा नहीं होती, इसलिए इस अपराध के लिए उस पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। आईपीसी की धारा 376 की व्याख्या करते हुए जस्टिस अरिजीत पसायत और अशोक कुमार गांगुली की बेंच ने कहा कि कानून चूंकि रेप और किसी पुरुष के दंड को परिभाषित करता है, इसिलए यह महिला के खिलाफ लागू नहीं हो सकता। धारा 376 बलात्कारियों को दंडित करने का प्रावधान करती है। कोर्ट ने कहा कि गैंग रेप आईपीसी की धारा 376 (2)जैसे मामलों में लागू धारा 34 (मंशा) किसी महिला पर नहीं लगाई जा सकती क्योंकि किसी दूसरी महिला का बलात्कार करने की स्वाभाविक तौर पर उसकी कोई मंशा नहीं होगी।