Monday, May 18, 2009

संसद में प्रतिनिधित्व करते नजर आएंगे आपराधिक छवि के 17 फीसदी लोग

क्रिमिनल आरोपों वाले उम्मीदवारों को संसद पहुंचने से नहीं रोक सकी। इस बार पिछली बार के मुकाबले आपराधिक छवि के करीब 17 फीसदी अधिक लोग संसद में हमारा प्रतिनिधित्व करते नजर आएंगे। हालांकि यूपी से लेकर बिहार तक के कई बड़े बाहुबलियों को वोटरों ने राजनीति के अखाड़े में पटखनी दी है। बाहुबली मुख्तार अंसारी, अफजल अंसारी, डी। पी। यादव, मुन्ना शुक्ला, अतीक अहमद, आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद, शहाबुद्दीन की पत्नी हिना और पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन व मां की हार ने जहां यह संदेश दिया कि अब वोटर राजनीति के अपराधीकरण से त्रस्त आ चुके हैं, वहीं संसद की पूरी तस्वीर इतनी सुखद नहीं है। 150 ऐसे उम्मीदवार चुनाव जीते हैं जिन पर क्रिमिनल केस पेंडिंग हैं। इनमें से 73 पर संगीन मामले चल रहे हैं। इन पर कुल 412 मामले हैं जिनमें से 213 सीरियस नेचर के हैं। 2004 में ऐसे 128 एमपी थे जिनका क्रिमिनल बैकग्राउंड था। निराशाजनक यह है कि ऐसे सांसदों की संख्या में 30।9 फीसदी का इजाफा हुआ है जिन पर संगीन केस दर्ज हैं। राजनीति को अपराध मुक्त कराने की मुहिम चला रहे संगठन असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के नैशनल कोऑर्डिनेटर अनिल बेरवाल कहते हैं कि इससे हमें भारी हताशा हुई है। लेकिन सीरियस नेचर के मामलों में आई कमी से उम्मीद की किरण दिख रही है। 2004 में सांसदों पर 302 संगीन मामले थे जो इस बार 213 हैं। बेरवाल ने कहा कि वोटरों में जागरूकता तो आई है लेकिन जब तक राजनीतिक दल ऐसे लोगों को टिकट देना बंद नहीं कर देते और कानून बना कर ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने से नहीं रोकते तब तक इसका समाधान मुश्किल है, क्योंकि अभी भी बहुत से वोटर उम्मीदवार के नाम पर नहीं बल्कि पार्टी के नाम पर वोट करते हैं। योग गुरु बाबा रामदेव के मुताबिक बड़े बाहुबलियों का हारना यह साबित करता है कि लोग साफ छवि के नेता चाहते हैं। बड़े-बड़े क्रिमिनल्स राजनीतिक रूप से खत्म होंगे तो छोटे तो अपने आप ही खत्म हो जाएंगे। सीबीआई के पूर्व डाइरेक्टर जोगिंदर सिंह कहते हैं कि जब तक सारी पॉलिटिकल पार्टियां यह फैसला नहीं कर लेंगी कि वे किसी का बैकग्राउंड देखकर ही उसे उम्मीदवार बनाएंगी, तब तक ऐसे ही चलते रहेगा। नेताओं से ऐसा कोई कानून बनाने की उम्मीद करना बेकार है। यह लड़ाई वोटरों को ही लड़नी होगी। सबसे ज्यादा क्रिमिनल केस कांग्रेस के गुजरात से सांसद विट्ठलभाई हंसराजभाई पर हैं। इन पर 16 मामले हैं जिनमें से 5 मामले सीरियस नेचर के हैं। सबसे ज्यादा गंभीर आपराधिक आरोप बिहार के जहानाबाद से जेडी(यू) सांसद जगदीश शर्मा पर हैं।