तिहाड़ जेल में बंद एक महिला कैदी के प्रेगनंट होने का मामला सामने आने के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। पहले तो किसी तरह इस मामले पर जेल प्रशासन द्वारा पर्दा डालने की कोशिश की गई। लेकिन जब मंगलवार को इस कैदी को अबॉर्शन के लिए दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल लाया गया तब जेल व्यवस्था की पोल खुल गई। दिन भर जेल के डीजी और लॉ ऑफिसर मीडिया से बात करने से बचते रहे। उधर डीडीयू में दोपहर बाद मोना का अबॉर्शन करा दिया गया। इधर दिन भर जेल हेडक्वॉर्टर में आला अफसरों की मीटिंग चलती रही। उसके बाद देर शम लॉ ऑफिसर सुनील गुप्ता ने पुष्टि करते हुए बताया कि सुल्तानपुरी की यह कैदी अपने पति की हत्या के मामले में सितंबर 2004 से जेल में बंद थी। उस पर आरोप है कि उसने अपने प्रेमी से मिलकर यह हत्या कराई थी। बीच में अप्रैल 08 में बेल पर बाहर गई थी। लेकिन एक महीने बाद ही मई 08 को फिर तिहाड़ वापस आना पड़ा। तब से वह जेल में बंद है। अधिकारियों का कहना है कि चूंकि यह महिला अंडर ट्रायल कैदी है, इसलिए बीच-बीच में पेशी के लिए जाती रहती है। लेकिन पेशी के दौरान भी थर्ड बटालियन के पुलिसकर्मी साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि वह गर्भवती कैसे हुई, इस मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है। जिस जेल में मोना बंद है, वह महिला जेल नं. 6 है। इसमें जेल सुपरिटेंडंट से लेकर वार्डन तक महिला स्टाफ है। लेकिन सूत्रों के अनुसार इस महिला जेल में पुरुष स्टाफ भी ड्यूटी पर रहता है। जेल अफसरों का कहना है कि जल्द ही पता चल जाएगा कि मामला क्या है। डीडीयू के मेडिकल सुपरिटेंडंट ने बताया था कि मोना ढाई महीने की गर्भवती थी।