Tuesday, May 19, 2009

पानी बिगाड़ रहा है घर का बजट

भीषण गर्मी में कई इलाकों में पीने के पानी की किल्लत लोगों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। इसका फायदा उठाने के लिए कई प्राइवट कंपनियों में आपाधापी मची है। स्थिति यह है कि दिन निकलते ही ऑटो और मिनी ट्रकों से पानी की सप्लाई शुरू हो जाती है। रोजाना पानी खरीदने के कारण घरेलू बजट बिगड़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर कई ऐसी कंपनियां पानी सप्लाई कर रहीं हैं जिनके प्रॉडक्ट की क्वॉलिटी की खबर नगर निगम के हेल्थ विभाग के पास तक नहीं है। नगर निगम के सीनियर हेल्थ अफसर एसडी शर्मा की मानें तो सिटी में करीब सौ कंपनियां ग्राउंड वॉटर ही बोतल में सील बंद करके बेच रही हैं। नगर निगम अब तक वॉटर सप्लाई करने वाली केवल दस कंपनियों के पानी के नमूने ले पाया है। इससे साफ हो गया कि कुछ पानी सेल करने वाली लोकल कंपनियांे के पानी की क्वॉलिटी क्या है निगम के पास इसका कोई रेकॉर्ड नहीं है। रोजाना करीब 14 घंटे कटौती के चलते नगर निगम पानी की पर्याप्त सप्लाई नहीं कर पा रहा है। ऐसे में टीएचए में तो इंदिरापुरम, वैशाली, वसुंधरा, कौशांबी, चंदनगर, सूर्यनगर, रामप्रस्था, रामपुरी, राजेंदनगर, शालीमार गार्डन, श्यामपार्क, डीएलएफ ऐसी कई कॉलोनियां हैं, जहां लगभग 80 प्रतिशत घरों में लोग पानी खरीदकर पी रहे हैं। ऐसे में वॉटर सप्लाई करने वाली कंपनियों की तो बल्ले बल्ले है। लेकिन खरीदकर पानी पीने से घरों का बजट भी बिगड़ रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह लोगों को गला तर रखने की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।