Saturday, May 23, 2009

फिरौती के लिए छात्र को अगवा कर उसके तीन टुकड़े कर डाले

प्राइवट ट्यूशन पढ़ाने वाले युवक ने 50 लाख की फिरौती के लिए 12वीं क्लास के छात्र को अगवा कर उसके तीन टुकड़े कर डाले। वह फिरौती तो नहीं ले सका, लेकिन उसने छात्र का सिर नाले में और बाकी दो हिस्से जंगल में फेंक दिए। 22 मई को छात्र का सिर जब नाले से बरामद हुआ तो इस सनसनीखेज वारदात से पर्दा उठ गया। 'एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया' से बी. टेक फाइनल ईयर कर रहे इस मुलजिम को साथी समेत गिरफ्तार किया गया है। यह सनसनीखेज वारदात नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली में केशवपुरम इलाके में नौ महीने पहले हुई थी। कन्हैया नगर में रहने वाले बिजनसमैन सुरेश खंडेलवाल का इकलौता बेटा चिराग (17) शालीमार बाग के डीएवी पब्लिक स्कूल में 12वीं क्लास में पढ़ता था। पिछले साल 17 अगस्त को 2 बजे वह त्रिनगर में कोचिंग सेंटर में पढ़ने गया था। चिराग वापस नहीं लौटा तो उसकी मां ने उसके मोबाइल पर कॉल किया। चिराग ने रोते हुए 'ममी-ममी' कहते हुए बताया कि उसे अगवा कर लिया गया है। फोन कट गया। मां ने बुरी तरह घबरा कर फिर फोन किया तो चिराग इस बार भी चिल्लाया। दो मिनट बाद चिराग के नंबर से उसकी मां को कॉल आई। एक युवक ने उन्हें बताया कि चिराग को बचाना है तो पुलिस और मीडिया को खबर न देकर 50 लाख रुपये तैयार रखें। चिराग के पिता ने केशवपुरम थाने में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस को जानकारी मिली कि 18 अगस्त की रात अपहर्ताओं ने चिराग के पिता को तीस हजारी, अगले दिन मुजफ्फरनगर, उससे अगले दिन हरिद्वार और मुजफ्फरनगर से कॉल कर मुखर्जी नगर में बत्रा सिनेमा के पास रकम लेकर आने के लिए कहा। खंडेलवाल पहुंचे, लेकिन पुलिस के डर से अपहर्ता नहीं आए। अगली रात अपहर्ताओं ने सम्राट सिनेमा पहुंचने के लिए कहा, लेकिन फिर खुद नहीं आए। इसके बाद कोई कॉल नहीं आई। इस बीच 19 अगस्त को पंजाबी बाग पुलिस को शकूरपुर रेलवे क्रॉसिंग के नजदीक जंगल से सिरकटी लाश दो पॉलिथिन बैग में अलग-अलग मिली। लाश किसी किशोर की थी, लेकिन सिर नहीं था। पुलिस कमिश्नर ने यह केस स्पेशल सेल के हवाले कर 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया। एसीपी रविशंकर की टीम जांच में जुट गई। इंस्पेक्टर ब्रह्मजीत सिंह और संदीप मल्होत्रा को मालूम हुआ कि चिराग के मोबाइल फोन का एक पार्ट कोई इस्तेमाल कर रहा है। पुलिस उसे पकड़कर दुकानदार तक पहुंची, लेकिन वह दुकानदार उस पार्ट को बेचने वाले की पहचान नहीं बता सका। डीसीपी आलोक कुमार ने बताया कि सुराग मिलने पर 22 मई को शकूरपुर में रहने वाले गौरव उर्फ राजा (27) को पकड़कर चिराग के सेलफोन का एक अन्य पार्ट, उसका नजर का चश्मा और उसकी घड़ी बरामद कर ली गई। गौरव से पूछताछ में इस संगीन वारदात से राज उठा। गौरव सौतेली मां से दुखी होकर दरियागंज में एक अनाथालय में अभावों के बीच पला था। वहीं पलने वाले महेंद्र गिरी (27) से उसकी दोस्ती हुई। गौरव पढ़-लिखकर अब प्राइवट ट्यूशन पढ़ाते हुए आईटीओ स्थित 'एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया' से बीटेक फाइनल ईयर कर रहा है। एक दिन चिराग अपने दोस्त अजय के घर गया था। अजय को गौरव ट्यूशन पढ़ा रहा था। अजय से गौरव को मालूम हुआ कि चिराग अमीर घर का इकलौता बेटा है। गरीबी में रहे गौरव का दिमाग घूम गया। उसने महेंद्र गिरी से बात कर उसे उसके कोचिंग सेंटर में फर्जी नाम से पढ़ने भेजा, जहां चिराग पढ़ता था। महेंद्र ने वहां चिराग से दोस्ती की। दोस्ती होते ही महेंद्र ने कोचिंग सेंटर में अपनी दाखिले की ऐप्लीकेशन फाड़कर वहां जाना बंद कर दिया। उसने चिराग को बताया कि वह बोर्ड परीक्षा के पेपर उसे फ्री में दिलवा देगा। 17 अगस्त को महेंद्र ने चिराग को केशवपुरम में पड़ेवाला मंदिर के पास बुलाया। वह पेपर दिलवाने के बहाने से शकूरपुर में गौरव के घर ले गया। वहां दोनों ने चिराग के मुंह पर डॉक्टर टेप चिपका कर उसके हाथ पैर बांधकर फिरौती के लिए फोन किए। पहचान खुलने के डर से उन्होंने 18 तारीख को ईंटों से वारकर चिराग की हत्या अपने घर में की। इसके बाद चाकू से उसकी लाश के तीन टुकड़े कर पॉलिथिन बैगों में भरे। दो टुकड़े शकूरपुर के जंगल में और सिर पंजाबी बाग के नाले में फेंक दिया। पुलिस ने गौरव की निशानदेही पर 22 मई को नाले से चिराग का सिर बरामद कर लिया है। महेंद्र गिरी को द्वारका से गिरफ्तार कर लिया गया है।