ज्योतिषियों का मानना है कि केंद्र में 16 मई के बाद बननेवाली नई सरकार डेढ़ साल से ज्यादा नहीं चल पाएगी और 2010 के अंत तक देश को फिर से आम चुनावों के दौर से गुजरना होगा। ज्योतिषियों की मानें तो बृहस्पति की स्थिति में दुर्लभ बदलाव के योग दिख रहे हैं और यह मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश कर रहा है। बृहस्पति की ऐसी स्थिति 30 सालों के बाद देखने को मिल रही है। ज्योतिषियों का कहना है कि बृहस्पति की यह दशा देश की आर्थिक स्थिति के लिए तो बेहतर है, पर पॉलिटिकल सिस्टम के लिए नहीं। इसी आधार पर ज्योतिषी कह रहे हैं कि 16 मई के बाद केंद्र में बनने वाली सरकार डेढ़ साल से ज्यादा नहीं चल पाएगी और देश को 2010 के अंत या 2011 की शुरुआत तक फिर से आम चुनावों के दौर से गुजरना होगा। ज्योतिषियों का मानना है कि चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना नहीं है। वे मानते हैं कि 16 मई के बाद एक नया फ्रंट बनेगा और प्रधानमंत्री के तौर पर एक ऐसा उम्मीदवार उभरकर सामने आएगा, जो अभी पर्दे से बाहर है। इस बाबत ज्योतिषाचार्य अशोक वासुदेव कहते हैं, 'किसी भी पार्टी को बहुत नहीं मिलेगा। मैं देख रहा हूं कि बीजेपी या कांग्रेस के सहयोग से थर्ड फ्रंट की सरकार बनेगी और देश के पूर्वी भाग से नाता रखनेवाला कोई राजनेता अगला प्रधानमंत्री बनेगा।' ज्योतिषियों ने साफ कहा है कि मनमोहन सिंह और आडवाणी के प्रधानमंत्री बनने का राज योग नहीं दिख रहा है। वासुदेव कहते हैं, '10 सितंबर तक मनमोहन सिंह शनि के साढ़े साती के प्रभाव में रहेंगे। जैसे ही इस साढ़े साती का प्रभाव खत्म होगा, उसके बाद वह तीन और साढ़े साती के आगोश में चले जाएंगे। इसलिए उनके पीएम बनने के योग कम हैं। आडवाणी की ग्रह दशाएं इतनी बेहतर नहीं है कि वह पीएम बन सकें। ' NBT