अब सरकारी ड्यूटी पर रहते हुए "घर की ड्यूटी" बजाना मुश्किल होगा। सरकारी वाहन में सवार पुलिसकर्मी अपनी तय स्थान पर मौजूदगी के बारे में झूठ बोलने पर तत्काल पकडे जाएंगे। यह सम्भव हुआ है ग्लोबल पॉजिशनिंग रेडियो सिस्टम (जीपीआरएस) के जरिए। पुलिस वाहनों को 17 मई से इस सिस्टम को कन्ट्रोल रूम से जोड दिया गया है। इससे कन्ट्रोल रूम में लगे एलसीडी स्क्रीन पर पुलिस वाहन की मौजूदगी के बारे में पल-पल की जानकारी मिल सकेगी। कन्ट्रोल रूम से सीधा आदेशपुलिस वाहनों में लगे जीपीआरएस यंत्र में एक सिम लगाई गई है, जो बीएसएनएल इंटरनेट के जरिए पुलिस कन्ट्रोल रूम में लगे एलसीडी स्क्रीन से जुडी है। सम्बन्घित पुलिस वाहन को अलग-अलग रंग व नम्बर से पहचान दी गई है। सम्बन्घित वाहन के चित्र पर क्लिक करते ही गाडी नम्बर व उसकी स्थिति के बारे में स्क्रीन पर सूचना आ जाएगी। स्क्रीन पर पुलिस वाहन की लोकेशन देखकर उसे नजदीकी क्षेत्र में आपातस्थिति होने पर नियंत्रित करने के लिए पहुंचने के आदेश भी दिए जा सकेंगे। 100 वाहन जुडे सिस्टम के तहत कन्ट्रोल रूम के पास सभी वाहनों की लोकेशन की पल-पल की जानकारी है। शुरूआत में ग्रामीण के पांच व शहर के सभी थानों के वाहनों सहित इसे 100 पुलिस गाडियों में लगाया गया है।जीपीआरएस से वाहनों की तत्काल लोकेशन मिलेगी। यदि कहीं आपातस्थिति होगी तो एलसीडी स्क्रीन पर उसके नजदीक के वाहन को तत्काल वहां भेजा जा सकेगा। यह कार्य प्रणाली 17 मई से चालू हो गई है।Rpt