नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित म्यांमार में विपक्षी नेता आंग सान सू की को गुरुवार को यहां की कुख्यात इनसेन जेल भेज दिया गया। उन पर एक अमेरिकी नागरिक को अपने घर में आने की इजाजत देने का आरोप है जहां वह पिछले 6 साल से नजरबंद हैं। 63 वर्षीय सू की, उनकी नौकरानी, उनके चिकित्सक और जॉन विलियम येथॉ नाम के अमेरिकी पर इस जेल में मुकदमा चलाया जाएगा। जॉन पिछले सप्ताह इन्या झील के किनारे बने सू की के घर में तैरकर पहुंच गये थे और वहां तीन दिन बिताने के बाद झील के रास्ते ही लौट गए थे। सूत्रों ने बताया कि अपने घर में किसी को अनाधिकृत प्रवेश की इजाजत देने की वजह से सू की को जेल की सजा काटनी पड़ सकती है। कैम्पेन फॉर बर्मा संगठन के कार्यकारी निदेशक अंग डिन का कहना है, 'सू की को 6 साल की अवधि के बाद भी बंदी बनाए रखने की यह सरकार की कुटिल चाल है। सरकार उन्हें कैद में रखने के अपने फैसले को सही ठहराने के लिए यह कदम उठाया है।' 53 वर्षीय जॉन को 6 मई को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह सू की घर से झील के रास्ते से वापस लौट रहे थे। बताया जाता है कि सू की ने अधिकारियों से कहा है कि वह जॉन के दौरे को अवैध और अस्वीकार्य मानती हैं और उन्होंने पूरा समय जॉन को अपने घर के निचले हिस्से में ही रुकने दिया। सू की ने पिछले 19 में से 13 साल नजरबंद रहकर बिताए हैं। म्यांमार की जेलों में 2,500 से ज्यादा राजनीतिक बंदी हैं। म्यांमार सरकार सू की सहित सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करने के संयुक्त राष्ट्र तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अनुरोध को ठुकराती आई है। NBT