एसीपी राजेंद्र सिंह पुलिस महकमे को अलविदा कहने जा रहे हैं। कोर्ट के सख्त ऑर्डर से झल्लाए पुलिस डिपार्टमंट ने उनके खिलाफ हाई लेवल जांच बिठा दी है। लेकिन जांच रिपोर्ट आने से पहले ही उन्होंने वीआरएस के लिए अप्लाई कर दिया है। एसीपी राजेंद्र सिंह ने अपने रिटायरमंट से महज आठ महीने पहले वीआरएस के लिए अप्लाई किया है। उनकी अप्लिकेशन डीसीपी (साउथ वेस्ट) के. जगदीशन के माध्यम से दिल्ली सरकार को भेजी जा रही है। एनबीटी ने कारण जानने के लिए एसीपी से संपर्क किया तो उन्होंने कपल किसिंग केस को वीआरएस की वजह मानने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने यह माना कि इस केस में उनके खिलाफ जांच की जा रही है। जांच में पता चला है कि कस्टडी के दौरान युवक ने अपने एटीएम से 20 हजार रुपये निकाले थे। स्पेशल पुलिस कमिश्नर (विजिलंस) सतीश चंद्रा कपल किसिंग केस में पुलिस की भूमिका की जांच कर रहे हैं। एसीपी राजेंद्र सिंह, एसएचओ (द्वारका) तिलक राज मोंगिया, एक एसआई, लेडी कॉन्सटेबल और एक कॉन्स्टेबल उनके दफ्तर में कई बार बावर्दी पेश हो चुके हैं। सतीश चंद्रा ने इस केस में साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के इंस्पेक्टर (विजलंस) वीर सिंह को भी रेकॉर्ड के साथ बुलाया है। गौरतलब है कि पिछले साल द्वारका मेट्रो स्टेशन के सामने सर्द शाम को युवक-युवती सरेआम किस कर रहे थे। एसीपी राजेंद्र सिंह आदि पुलिसकर्मियों ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए आईपीसी के सेक्शन 294 के तहत उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। जमानती अपराध होने के कारण दोनों को थाने से जमानत मिल गई थी। युवक-युवती ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए केस दायर किया, तो पुलिस को लेने के देने पड़ गए। हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी को गैर कानूनी ठहराते हुए केस की एफआईआर कैंसल कर पुलिस कमिश्नर को जांच के आदेश दिए। इसके बाद पुलिस कमिश्नर वाई. एस. डडवाल ने द्वारका पुलिस के इन अधिकारियों के खिलाफ जांच सतीश चंद्रा को सौंप दी। पिछले हफ्ते हाई कोर्ट ने मामले में कमिश्नर डडवाल को हलफनामा दायर करने के लिए ऑर्डर किया। एसीपी राजेंद्र सिंह प्रीत विहार, तिलक नगर और पंजाबी बाग के एसएचओ रहने के अलावा क्राइम ब्रांच और अशोक विहार में एसीपी रह चुके हैं।
