करीब पांच महीने पहले गढ़ी चौखंडी में एमबीए स्टूडंट से हुए सनसनीखेज गैंग रेप के मामले में नया मोड़ आया है। इस मामले में गोलू जाटव को पुलिस ने मुख्य आरोपी बताया था। लेकिन डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में उसे नाबालिग करार दिया गया। अब उसे मेरठ के बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। वहीं, नोएडा पुलिस अब आरोपी के नाबालिग होने का विरोध कर रही है। कोर्ट में पेश की जाने वाली रिपोर्ट में पुलिस ने यह उल्लेख किया है कि घटना का साजिश कर्ता गोलू ही है। अगर उसने फोन कर अपने दोस्तों को सूचना नहीं दी होती तो गैंग रेप की घटना ही नहीं होती। गौरतलब है कि 5 जनवरी की रात में गढ़ी चौखंडी गांव के सुनसान इलाके में कार सवार एमबीए स्टूडंट के साथ गैंग रेप की घटना हुई थी। गांव के ही 11 लड़कों ने मिलकर युवती के दोस्त को पहले बंधक बना लिया फिर उससे गैंग रेप किया। इस सनसनीखेज घटना की सूचना देर रात पीडि़त स्टूडंट, उसके दोस्त और परिजनों ने सेक्टर-39 थाने में दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल रिपोर्ट दर्ज की और देर रात ही गांव को छावनी में तब्दील कर दिया। इसके बाद आरोपियों की धरपकड़ शुरू की थी। इस मामले में पुलिस ने एक सप्ताह के भीतर ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में गोलू जाटव को मुख्य साजिशकर्ता बताया था। पुलिस रेकॉर्ड में इस आरोपी की उम्र 18 साल बताई गई थी। इस आधार पर कोर्ट में पेश कर इन्हें जेल भेज दिया गया था। बाद में पुलिस ने इन आरोपियों पर गैंगेस्टर एक्ट की भी कार्रवाई की थी।11 मई को इस मामले में नया मोड़ आया। गोलू जाटव के वकील ने हाई स्कूल का सर्टिफिकेट को आधार बनाकर उसके नाबालिग होने का दावा किया। कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया। सर्टिफिकेट के आधार पर गोलू की उम्र गिरफ्तार के समय 17 साल 10 महीने बताया गया। इस तरह उसे जेल के बजाय मेरठ के बाल सुधार गृह भेज दिया गया। अब यह मामला नोएडा पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। इससे पहले आरोपियों के फ्रिंगरप्रिंट लेने में हुई लापरवाही भी नोएडा पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गया था। हालांकि बाद में लखनऊ से आई फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट टीम ने दोबारा फिंगरप्रिंट लिए थे। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक गैंगरेप का मुख्य सूत्रधार गोलू जाटव है। घटना वाले दिन वह अपने दोस्तों के साथ बुलंदशहर के पचौता गांव से क्रिकेट मैच खेलकर गढ़ी चौखंडी लौट रहा था। इसने ही सबसे पहले कार सवार एमबीए स्टूडंट और उसके दोस्त को देखा था। उस दौरान उसके अन्य साथी काफी आगे निकल चुके थे। पुलिस रिपोर्ट में यह जिक्र है कि गोलू ने युवती और उसके दोस्त को कुछ आपत्तिजनक हालत में देखकर अपने साथी पुष्पेंद्र यादव को फोन किया। इसके बाद उसे कार के पास बुला लिया। कुछ देर बाद ही सभी 11 लड़कों ने कार को घेर लिया और जबरन कार में घुस गए। इसके बाद युवती के दोस्त को बंधक बनाकर कार की पिछली सीट पर डाल दिया और उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। आरोपी गोलू जाटव के नाबालिग होने का पुलिस विरोध कर रही है। इस संबंध में मंगलवार को मेरठ के कोर्ट में सुनवाई होनी थी। एक पुलिस अधिकारी मेरठ भी गए थे। लेकिन किसी कारण वश को कोर्ट नहीं लाया जा सका। इस वजह से मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। पुलिस अब दोबारा कोर्ट में इस संबंध में अपील करेगी। NBT