राजनीतिक नफा नुकसान का भूत दिग्गज राजनेताओं के दिमाग से भागता नहीं दिख रहा है। इसका नतीजा आज लोकसभा में उस समय देखने को मिला जब आरजेडी नेता लालू प्रसाद और जेडीयू नेता शरद यादव में तू-तू मैं-मैं हो गई। इन दोनों नेताओं के वाद विवाद का नतीजा यह हुआ कि सदन के अध्यक्ष का पद संभालने के दिन ही नई अध्यक्ष मीरा कुमार को आपत्तिजनक बातों को सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं करने का पहला निर्देश देना पड़ा। लालू जब अपनी पार्टी की ओर से लोकसभा अध्यक्ष के पद पर आसीन होनेवालीं पहली महिला मीरा कुमार को चुने जाने पर बधाई देने के लिए उठे तो उन्होंने कुछ राजनीतिक मामले भी उठा दिए। इनमें खंडित जनादेश से बचाने के लिए मुसलमानों को धन्यवाद ज्ञापित करना, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना, एनडीए शासनकाल के समय बिहार के लिए मांगे गए पैकिज को नहीं दिया जाना और उनके जैसे छोटे दलों को अपनी बात उठाने के लिए समय नहीं दिए जाने पर ''झंझट'' होने की बातें शामिल थीं। शरद को लालू की बातों में राजनीति दिखी और बीच में उठकर वह कुछ कहने लगे। इस पर लालू ने भी कुछ कहा और दोनों के बीच तू-तू मैं-मैं हुई। लेकिन अध्यक्ष ने इस घटनाक्रम के बारे में लोकसभा रिपोर्टरों को निर्देश दिया कि वे आपत्तिजनक अंशों को कार्यवाही से निकाल दें।