Monday, June 22, 2009

विवाह पतन का कारण

चंबल से लेकर बुंदेलखंड तक के बीहड़ों पर बागियों का कब्जा रहा है। दूसरों का घर उजाड़ने से लेकर जान लेने तक में हिचक न दिखाने वाले कई बागी आशिक मिजाज रहे हैं। इनकी एक नहीं बल्कि कई कई महबूबाएं रही हैं। कुछ ने तो प्रेमिकाओं से विवाह रचाया तो कुछ उनके पतन का कारण बन गईं। बीहड़ में उतरे डकैतों की पहचान खून-खराबा करने की रही है। वे लूटपाट और खून-खराबा तो करते ही थे, दिल के मामले में भी पीछे नहीं रहे। किसी ने गिरोह में आई लड़की से दिल लगा लिया तो किसी ने प्रेमिका को ही अपने गिरोह का सदस्य बना डाला। फूलन देवी को लोग खूंखार डकैत के रूप में जानते हैं मगर वह भी विक्रम मल्लाह से मोहब्बत करती थी। यह प्रेम कहानी सिर्फ गिरोह तक ही सीमित नहीं रही बल्कि बीहड़ की चर्चा बन गई।
चम्बल के बीहड़ में आतंक का पर्याय बने निर्भय गुर्जर ने एक नहीं बल्कि तीन-तीन महिलाओं से प्यार किया। सीमा परिहार और मुन्नी पांडे ज्यादा दिन उसके साथ नहीं रही मगर नीलम ने उसके बेटे श्याम से ही मोहब्बत कर ली और निर्भय की मौत का बड़ा कारण भी बनी। इसी तरह रामआसरे उर्फ फक्कड़ ने कुसमा नाइन से मोहब्बत की। अरबिन्द गुर्जर ने लवली को अपनाया तो रज्जन गुर्जर की प्रेमिका लवली पांडे बनी। चंदन यादव और रेणु यादव की प्रेम कहानी खूब चर्चाओं में रही। सलीम गुर्जर की तो एक नहीं सात प्रेमिकाएं थीं। उसे तो बीहड़ का अय्याश भी कहा जाता था। अभी हाल में चित्रकूट में मारे गए डकैत घनश्याम केवट भी आशिकी के मामले में पीछे नहीं था। उसका रिश्ता एक नहीं कई महिलाओं से था। जमोली गांव में हालांकि उसका ससुराल भी था लेकिन बताया जाता है कि यहां वह अपनी प्रेमिका से मिलने आया था और मारा गया।